कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी पर 2009 में राजगढ़ किसान आंदोलन के दौरान दंगा करने और सरकारी काम में बाधा डालने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके चलते एमपी-एमएलए कोर्ट ने जीतू पटवारी समेत 4 लोगोें को
एक साल की सजा सुनाई थी। साथ ही कोर्ट ने चारों आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। इस केस में जीतू पटवारी समेत 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। 14 आरोपियों को अनुपस्थित देखते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
वहीं कोर्ट द्वारा सुनाए गए इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता जीतू पटवारी एक बार फिर आंदोलन करने उतर चुके हैं। इस बार इंदौर में कांग्रेस द्वारा आयोजित नगर निगम घेराव में सम्मिलित होकर सरकार पर हमला बोला।
भाजपा पर हमाला बोलते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि “नगर निगम चुनाव में BJP ने घोषणा की थी हम संपत्तिकर नहीं बढ़ाएँगे और बजट के दौरान भी यही दोहराया तो फिर 531 कालोनियों का संपत्तिकर चोरी से बड़ाकर जनता के साथ कुठाराघात क्यों किया जा रहा है। अवैध कालोनियों को एक साथ वैध न कर जनता को गुमराह किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी यह अन्याय और अत्याचार सहन नहीं करेगी।”
फांसी पर लटका दो, लेकिन लड़ाई जारी रहेंगी: जीतू पटवारी
फैसले पर जीतू पटवारी का कहना है कि कोर्ट के निर्णय का सम्मान करता हूं। राज्य सरकार ने किसानों आय दोगुनी करने का वादा किया था, वो आज तक पूरा नहीं हुआ। ये मामला किसानों के हक की लड़ाई का है। जब तक गेहूं की कीमत तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल नहीं होगी, लड़ाई जारी रहेगी। मैं किसानों का साथ नहीं छोडूंगा जेल भेजना चाहो भेज दो, फांसी पर लटका दो, लेकिन किसानों के हक की लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा बीजेपी को आम जनता और किसानों से कोई मतलब नहीं। बीजेपी चुनिंदा उघोगपतियों की पार्टी हैं, कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही किसानों के साथ हैं।
विधायकी पर नहीं पड़ेगा असर, फैसले के खिलाफ अपील करेंगे: अजय गुप्ता, वकील (जीतू पटवारी)
कोर्ट में जीतू पटवारी के वकील के तौर पर आए अजय गुप्ता का कहना हैं कि फैसला अभी अक्षरश: पढ़ा नहीं है। कोर्ट से इस फैसले की आशा नहीं थी, हालाकि अभी जमानत हो गई है। वकील अजय का मानना है कि इस फैसले से जीतू पटवारी की विधायकी पर असर नहीं पड़ेगा।
