पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वर्तमान में झाबुआ सांसद कांतिलाल भूरिया का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संघ प्रमुख मोहन भागवत के सपने को पूरा करने के लिए जुटे हुए हैं। भागवत दलितों और आदिवासियों को मिल रहे आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं। इसी गुप्त एजेंडे पर प्रदेश सरकार काम कर रही है।
उनका कहना है कि शिवराज और भाजपा सरकार ने सिंहस्थ को राजनीतिक अखाडे में तब्दील कर दिया। निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है और भाजपा के सभी नेता ठेकेदार हो गए हैं। भूरिया चेताते हुए कहते हैं कि शिवराजजी, भोलेनाथ सब देख रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा पर जमकर निशाना साधते हैं, लेकिन जब बात कांग्रेस संगठन की होती है तो जवाब देने से बचते हैं। भोपाल प्रवास के दौरान पावर गैलरी के विशेष संवाददाता एस चौधरी की भूरिया से विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रस्तुत है चर्चा के मुख्य अंश।
सवाल- क्या आप शिवराज सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं?
जवाब- शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मप्र में जंगल राज चल रहा है। जो उम्मीद भाजपा से लोगों को थी, वह पूरी नहीं हुई है। यहां सब उलटा हो रहा है। मप्र में किसान और स्टूडेंट आत्महत्याएं कर रहे हैं। महिलाओं के शोषण और बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। मप्र से करीब 25 से 30 हजार लड़कियां गायब हैं। आज तक उनका पता नहीं है। शिवराज सरकार हर मोर्चे पर विफल है। उसकी योजनाएं केवल कागजों पर है। पूरा खेल कागजों पर चल रहा है।
सवाल- मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल को आप कैसा मानते हैं। मौजूदा सरकार यूपीए सरकार की योजनाओं को अपनी योजना बता रही है?
जवाब- दो साल में मोदी सरकार की एक भी उपलब्धि बता दो। सब कुछ पूर्ववर्ती कांग्रेस योजनाओं के परिणाम है। वह यूपीए सरकार की योजनाओं को अपना नाम दे रही है। मोदी ने कहा था अच्छे दिन लाएंगे। काला धन वापस लेकर हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए जमा कराएंगे। हर साल ढाई करोड़ लोगों को रोजगार देंगे। भ्रष्टाचार खत्म करेंगे। आज सब कुछ उल्टा हो गया है। मोदी ने पूरे देश की स्थिति बहुत खराब कर दी है। मोदी जिन उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं वह यूपीए सरकार की योजनाओं का परिणाम है। मोदी ने कहा था अच्छे दिन लाएंगे। अच्छे दिन तो आए नहीं और ये दिन और ज्यादा बुरे हो गए हैं। अब लोग कह रहे हैं कि अच्छे दिन का और इंतजार नहीं करेंगे। हमें तो हमारे पुराने दिन ही लौटा दो। मोदी ने अच्छे दिन के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाया है। मोदी ने लोगों को झूठे सपने दिखाए थे। आज दोबारा चुनाव हो जाए तो मोदी और शिवराज सरकार बाहर हो जाएगी।
सवाल- प्रदेश में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को लेकर आप क्या सोचते हैं?
जवाब- कांग्रेस की पकड़ अब फिर से बन रही है। झाबुआ- रतलाम उपचुनाव हमने जीता है। इस उपचुनाव में पूरी भाजपा सरकार जुट गई थी, लेकिन सफलता नहीं दिला पाई। अब जनता भाजपा की कथनी और करनी को समझ रही है। मध्यप्रदेश में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आएगी और मध्यप्रदेश के लोगों के फिर से अच्छे दिन आएंगे।
सवाल- प्रदेश में कांग्रेस संगठन की मजबूती के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
जवाब- अब सब मिलकर संगठन को मजबूत बनाने का काम करेंगे। विवेक तन्खा को इसलिए राज्यसभा भेजा जा रहा है। हम लोग भाजपा को सबक सिखाने का काम करेंगे। हम सभी बडेÞ नेता एकजुट हैं और संगठन को मजबूत करने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
सवाल- क्या आप प्रदेश संगठन में फेरबदल की जरूरत महसूस करते हैं?
जवाब- यह तय करना हाईकमान का काम है। इसका फैसला हम और आप नहीं कर सकते हैं।
सवाल- आपके और अरुण यादव के कार्यकाल में कितना अंतर है?
जवाब- यह तुलना तो आप लोग (मीडिया) को तय करना है। हम लोग तो मिलजुलकर काम कर ही रहे हैं।
सवाल- भाजपा ने अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस की तैयारी कब शुरू होगी?
जवाब- हमारी अपने-अपने स्तर पर तैयारी जारी है। आगे की रणनीति मिल बैठकर तय करेंगे। भाजपा का क्या उसके पास सरकार है। वह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। वह अपने फायदे की बात सोचती है।
सवाल- कांग्रेस विवेक तन्खा को राज्यसभा भेज रही है, जबकि उन्हें पहले लोकसभा का टिकट दिया गया था। कांग्रेस ने तन्खा का नाम फायनल क्यों किया?
जवाब- पार्टी की ओर से राज्यसभा में वकीलों के प्रतिनिधि के रूप में विवेक तन्खा को भेजा जा रहा है। यह हाईकमान का निर्णय है। तन्खा सदन में मजबूती के साथ कांग्रेस की बात रख सकेंगे।
सवाल- झाबुआ में पिछली हार से आपने क्या सबक लिया?
जवाब- हमारे मैनेजमेंट और रणनीति में कमी रह गई थी। हमसे कुछ गलतियां हुई थी उसे हमने बाद के उपचुनाव में सुधार लिया। ऐसा नहीं है कि हमने काम नहीं कराया। मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में करोड़ों के विकास के काम कराने के साथ ही हर तबके का ध्यान रखा। असल में भाजपा ने उलटा माहौल बना दिया। मतदाता मोदी और भाजपा की मीठी बातों में आ गए थे। छह महीने में लोग पछताने लगे। उन्हें अहसास हुआ कि हमने भूरिया को हराकर गलती की। एक साल बाद हुए उपचुनाव में फिर मुझे जिता दिया। लोगों को हमारे काम याद आए। करीब सौ करोड़ रुपए पानी की तरह बहाया गया। चुनाव के दौरान साढेÞ पांच हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य कराए गए। इसके बाद भी मतदाता नहीं बिके। अब जनता समझ गई है कि भाजपा बेईमानी से चुनाव जीतती है।
सवाल- सिंहस्थ पर राजनीति हावी हो गई। भाजपा दलित महाकुंभ आयोजित कर दलित और आदिवासी वोट बैंक में सेंध लगा रही है। आप क्या सोचते हैं?
जवाब- कांग्रेस धार्मिक मामलों में कभी भी राजनीति नहीं करती है। इस बार के सिंहस्थ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा ने सिंहस्थ को राजनीति का अखाड़ा बना दिया। उज्जैन में करोड़ों श्रद्धालु आते हैं और उन्हें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं होता है। सही मायने में सिंहस्थ श्रद्धालुओं का आयोजन है न कि सरकार का। सरकार का काम केवल वहां व्यवस्थाएं करना है। लॉ एंड आर्डर बनाना है, लेकिन सरकार ने श्रद्धालुओं के आयोजन को राजनीतिक अखाडेÞ में तब्दील कर दिया। आरएसएस ने वहां अपना कैंप लगाया। वैचारिक महाकुंभ किया। इसमें मोदी शामिल हुए। इधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिप्रा में डुबकी लगाकर साधु-संतों में खाई बना दी। देखना अब भाजपा का सफाया हो जाएगा। जो हश्र वीरेंद्र सिंह सखलेचा, सुंदरलाल पटवा और उमा भारती का हुआ था, वही हश्र शिवराज सिंह चौहान का भी होगा। इस सिंहस्थ में भाजपा के सभी नेता ठेकेदार हो गए हैं। एक रुपए में पच्चीस पैसे का काम जमीन पर नहीं हुआ है। निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। शिवराज जी, भोलेनाथ सब देख रहे हैं। उनकी नगरी को राजनीतिक अखाडेÞ में तब्दील करने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
सवाल- सोशल मीडिया पर नेहरू की टिप्पणी करने वाले आईएएस अफसर अजय गंगवार को सरकार ने हटा दिया। इस बारे में आपका क्या कहना है?
जवाब- लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सभी को मिला हुआ है। कोई अच्छी बात कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या आम आदमी, लेकिन भाजपा सरकार में हिटलरशाही चल रही है। आईएएस गंगवार ने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया, उन्होंने तो केवल नेहरू की तारीफ की थी। नेहरू जी का देश की आजादी और देश निर्माण में विशेष योगदान है। असल में शिवराज सरकार ओछी और घटिया मानसिकता पर उतर आई है।
सवाल- भाजपा सरकार दलितों के लिए आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है?
जवाब- प्रदेश की भाजपा मोहन भागवत के गुप्त एजेंडे पर काम कर रही है। वे दलितों को आरक्षण की सुविधा खत्म करना चाहते हैं। प्रदेश सरकार मोहन भागवत के सपने को पूरा करना चाहती है। यही वजह है कि प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करने के लिए सरकार ने पिछले दरवाजे का सहारा लिया। यह भाजपा और संघ के लोग बंद कमरे में आरक्षण खत्म करने की बात करते हैं और जनता के सामने कुछ और बोलते हैं। इनकी कथनी और करनी में अंतर है। हम आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगे।