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राज्य प्रशासनिक सेवा के 36 अधिकारियों के हुए तबादले

मध्यप्रदेश सरकार ने आईएएस अफसरों के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। 22 मई को 36 अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है। इसके तहत होशंगाबाद के डिप्टी कलेक्टर मनोज उपाध्याय और विदिशा के मनोज वर्मा का तबादला समान पद पर भोपाल किया गया है। रायसेन में पदस्थ अनिल कुमार जैन डिप्टी कलेक्टर दमोह होंगे। भोपाल में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर रवि कुमार सिंह का तबादला इंदौर किया गया है। रायसेन के संयुक्त कलेक्टर केआर चौकीकर मंत्रालय में अवर सचिव होंगे। विदिशा के संयुक्त कलेक्टर रामाधार सिंह अग्निवंशी राजगढ़ पदस्थ किए गए हैं।

किसे कहां से कहां किया पदस्थ

रानी बाटड़–उप सचिव मप्र शासन–अपर कलेक्टर सिवनी

दिलीप कापसे–संयुक्त संचालक श्रम इंदौर–अपर कलेक्टर धार

सरोधन सिंह–अपर कलेक्टर शहडोल–सीईओ जिपं डिंडौरी

डीके नागेंद्र–अपर कलेक्टर धार–सीईओ जिपं खंडवा

बिंद्रा प्रसाद द्विवेदी–अपर कलेक्टर सिवनी–अपर कलेक्टर जबलपुर

भगवानदास सिंह–संयुक्त कलेक्टर अनूपपुर–अपर कलेक्टर डिंडौरी

अंजली जोसेफ–अपर कलेक्टर देवास–सीईओ जिपं आगर मालवा

सारिका भूरिया–अपर कलेक्टर देवास–अपर कलेक्टर खरगोन

वर्षा भूरिया–संयुक्त कलेक्टर आगर मालवा–संयुक्त कलेक्टर उज्जैन

मीना मसराम–संयुक्त कलेक्टर बालाघाट–संयुक्त कलेक्टर डिंडौरी

राधेश्याम मंडलोई–संयुक्त कलेक्टर झाबुआ–संयुक्त कलेक्टर बुरहानपुर

रामाधार सिंह–संयुक्त कलेक्टर विदिशा–संयुक्त कलेक्टर राजगढ़

केआर चौकीकर–संयुक्त कलेक्टर रायसेन– अपर सचिव मंत्रालय

श्यामेंद्र जायसवाल–संयुक्त कलेक्टर बुरहानपुर–संयुक्त कलेक्टर भिंड

केएल यादव–डिप्टी कलेक्टर आगर मालवा–डिप्टी कलेक्टर गुना

शैलेंद्र सिंह–संयुक्त कलेक्टर सीधी–संयुक्त कलेक्टर मंदसौर

रवि कुमार सिंह–डिप्टी कलेक्टर भोपाल–डिप्टी कलेक्टर इंदौर

अंजली शाह–संयुक्त कलेक्टर राजगढ़–संयुक्त कलेक्टर सीहोर

अरविंद कुमार चौहान–संयुक्त कलेक्टर खंडवा–संयुक्त कलेक्टर उज्जैन

आरएस बांकना–डिप्टी कलेक्टर मुरैना–डिप्टी कलेक्टर दतिया

अरुण कुमार सिंह–डिप्टी कलेक्टर सागर–क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी

दिनेश चंद्र शुक्ला–डिप्टी कलेक्टर गुना–डिप्टी कलेक्टर ग्वालियर

चंद्रभूषण प्रसाद–डिप्टी कलेक्टर शिवपुरी–डिप्टी कलेक्टर ग्वालियर

संतोष चंदेल–डिप्टी कलेक्टर बालाघाट–डिप्टी कलेक्टर रायसेन

अनिल कुमार जैन–डिप्टी कलेक्टर रायसेन–डिप्टी कलेक्टर दमोह

आदित्य शर्मा–डिप्टी कलेक्टर नीमच–डिप्टी कलेक्टर रायसेन

महेश कुमार बडोले–डिप्टी कलेक्टर खंडवा–डिप्टी कलेक्टर धार

वीरेंद्र कुमार कटारे–डिप्टी कलेक्टर दतिया–डिप्टी कलेक्टर धार

अनिल बनवारिया–डिप्टी कलेक्टर भिंड–डिप्टी कलेक्टर उज्जैन

नीरज शर्मा–डिप्टी कलेक्टर गुना–डिप्टी कलेक्टर मुरैना

जवाहरलाल तिवारी–डिप्टी कलेक्टर शहडोल–डिप्टी कलेक्टर टीकमगढ़

रवीश श्रीवास्तव–डिप्टी कलेक्टर अशोकनगर–डिप्टी कलेक्टर इंदौर

दिग्विजय के जिम्मे मध्यप्रदेश का समन्वय ,कांग्रेस ने बनाई कमेटियां

मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में असंतुष्ट राजनीति से बचने के लिए मध्यप्रदेश के सभी दिग्गज बड़े नेताओं को कमेटियाँ बनाकर एडजस्ट किया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भूमिका सबसे ताकतवर के रूप में उभरकर सामने आई है। उन्हें प्रदेश कांग्रेस की समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया। प्रतिपक्ष के नेता अजय सिंह को किसी भी कमेटी में जगह नहीं मिली है। दिग्विजय सिंह के महत्वपूर्ण भूमिका में आ जाने के बाद सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की हैसियत में भी फर्क पड़ा है।


कांग्रेस महासचिव एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार समिति और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को इलेक्शन प्लानिंग एंड स्ट्रेटेजी कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही मध्यप्रदेश के 20 जिलों में नए अध्यक्ष बनाए गए हैं।
प्रदेश कांग्रेस से यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने आज समन्वय समिति, चुनाव प्रचार समिति, इलेक्शन प्लानिंग एंड स्ट्रेटेजी कमेटी, अनुशासन कार्य समिति, घोषणापत्र समिति, मीडिया एंड कम्युनिकेशन कमेटी और 20 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा की है।

समन्वय समिति में श्री सिंह के साथ सर्वश्री महेश जोशी, रामेश्वर नीखरा, सत्यव्रत चतुर्वेदी, मुजीब कुरैशी, बिसाहूलाल सिंह सहित 12 सदस्य शामिल हैं।
चुनाव प्रचार समिति में श्री सिंधिया के साथ सांसद सर्वश्री कांतिलाल भूरिया, विवेक तन्खा एवं राजमणि पटेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, इंद्रजीत पटेल, आरिफ अकील, मुकेश नायक सहित 14 सदस्य शामिल किए गए हैं।

इलेक्शन प्लानिंग एंड स्ट्रेटेजी कमेटी में श्री पचौरी के साथ श्री के पी सिंह, सुश्री विजयलक्ष्मी साधो, श्रीमती शोभा ओझा सहित आठ सदस्य बनाए गए हैं।
घोषणापत्र समिति में श्री राजेंद्र सिंह अध्यक्ष, श्री विवेक तन्खा एवं सुश्री मीनाक्षी नटराजन उपाध्यक्ष और नरेंद्र नाहटा संयोजक बनाए गए हैं।
अनुशासन कार्य समिति में चेयरमैन हजारीलाल रघुवंशी और को-चेयरमैन चंद्रप्रभाष शेखर के साथ तीन सदस्य शामिल किए गए हैं। मीडिया एंड कम्युनिकेशन कमेटी में अध्यक्ष मानक अग्रवाल के साथ पंकज चतुर्वेदी और पंकज शर्मा को शामिल किया गया है।

विभिन्न समितियों का निर्माण
विभिन्न समितियों के साथ ही 20 जिलों में भी नए अध्यक्ष बनाए गए हैं। भोपाल शहर में श्री कैलाश मिश्रा और भोपाल ग्रामीण में श्री अरुण श्रीवास्तव घोषित किए गए हैं। ग्वालियर में श्री देवेंद्र शर्मा को अध्यक्ष बनाया गया है।

गुना में श्री विट्ठलदास मीणा, शिवपुरी में श्री बैजनाथ यादव, अशोकनगर में श्री कन्हैया राम लोधी, दमोह में श्री अजय टंडन, रीवा शहर में श्री गुरमीत सिंह मंगू, शहडोल में श्री सुभाष गुप्ता, कटनी शहर में श्री मिथिलेश जैन, कटनी ग्रामीण में श्री गुमान सिंह ठाकुर, सिवनी में श्री राजकुमार खुराना, डिंडोरी में श्री वीरेंद्र बिहारी शुक्ला, बालाघाट में श्री विश्वेश्वर भगत, सीहोर में श्री रतन सिंह ठाकुर, राजगढ़ में नारायण सिंह अमलावे, बैतूल में श्री सुनील शर्मा, होशंगाबाद में श्री कपिल फौजदार, देवास शहर में श्री मनोज राजानी और बड़वानी में श्री वीरेंद्र सिंह राठौर को जिला कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव की तैयारी में जिलों में बनाये नए कलेक्टर

मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने 21 मई को देर रात 24 आईएएस अफसरों के ट्रांसफर कर दिए। राज्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद होशंगाबाद कलेक्टर अविनाश लवानिया को नगर निगम भोपाल का कमिश्नर बनाया गया है। जबकि भोपाल नगर निगम कमिश्नर प्रियंका दास की नई पोस्टिंग होशंगाबाद कलेक्टर के पद पर की गई है। प्रमोटी आईएएस और खरगोन कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा को प्रमोट करते हुए ग्वालियर कलेक्टर बनाया गया है। वहीं कमिश्नर रैंक में आ चुके शहडोल कलेक्टर नरेश पाल को गृह विभाग में सचिव के पद पर तैनात किया गया है।
कुछ अफसरों को मिला अतिरिक्त प्रभार
आईएएस अफसरों के ट्रांसफर में पीएस सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग वीएल कांताराव को खेल एवं युवा कल्या‌ण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। ग्वालियर कलेक्टर राहुल जैन की पोस्टिंग टाउन कंट्री प्लानिंग में डायरेक्टर के पद पर की गई है। जैन के कार्यभार ग्रहण करने पर कमिश्नर नगरीय प्रशासन संचालनालय गुलशन बामरा टीएंडसीपी डायरेक्टर के प्रभार से मुक्त होंगे।

अधिकारी का नाम          वर्तमान पोस्टिंग             नई पोस्टिंग

  • एमके अग्रवाल-    सदस्य राजस्व मंडल ग्वालियर-कमिश्नर चंबल संभाग मुरैना
  • अविनाश लवानिया- कलेक्टर, होशंगाबाद-  कमिश्नर, ननि, भोपाल
  • अशोक कुमार वर्मा-  कलेक्टर, खरगोन-    कलेक्टर, ग्वालियर
  • प्रियंका दास-       कमिश्नर नगर निगम, भोपाल- कलेक्टर, होशंगाबाद
  • शशि भूषण सिंह-जीएम,-  नागरिक आपूर्ति निगम- कलेक्टर, खरगोन
  • अनुभा श्रीवास्तव-  अपर मिशन संचालक, -आरएसके कलेक्टर, शहडोल
  • दीपक खांडेकर-  एसीएस, योजना आर्थिक सांख्यिकी- चेयरमैन, पीईबी
  • अनिरुद्ध मुखर्जी-  पीएस, खेल एवं युवा कल्याण- पीएस, योजना आर्थिकी
  • राहुल जैन-    कलेक्टर, ग्वालियर-  डायरेक्टर टीएंडसीपी, भोपाल
  • रवींद्र कुमार मिश्रा-  एडि. कमि., भोपाल-संभाग सदस्य,- राजस्व मंडल ग्वालियर
  • शेखर वर्मा-  एडिशनल सेक्रेटरी ,- गृह डायरेक्टर , भोपाल गैस राहत
  • अजय कुमार शर्मा-  एडिशनल सेक्रेटरी, जीएडी- एडि. सेक्रेटरी, स्कूल शिक्षा
  • आशकृत तिवारी-  डिप्टी सेक्रेटरी, अजा कल्याण- एडि.कमिश्नर, नर्मदापुरम
  • बीएस जामोद-  डिप्टी सेक्रेटरी, जीएडी- डिप्टी सेक्रेटरी, स्कूल शिक्षा
  • नागरगोजे मदन विभीषण- डिप्टी सेक्रेटरी, जीएडी- डिप्टी सेक्रेटरी, गृह
  • रामराव भोंसले-  डिप्टी सेक्रेटरी, गृह-  एडिशनल कमिश्नर, सागर संभाग
  • बेला देवर्षि शुक्ला-  सेक्रेटरी, माशिमं, इंदौर संभाग- डिप्टी सेक्रेटरी, उच्च शिक्षा
  • अभिषेक सिंह – डिप्टी सेक्रेटरी, जीएडी-  सीईओ, भोपाल सहकारी दुग्ध संघ
  • तरुण राठी – डिप्टी सेक्रेटरी, जीएडी – डिप्टी सेक्रेटरी, लोक निर्माण विभाग
  • भास्कर लक्षकार-  डिप्टी सेक्रेटरी, जीएडी- डिप्टी सेक्रेटरी, श्रम
  • छोटे सिंह – अपर कलेक्टर, जबलपुर – डिप्टी सेक्रेटरी, महिला एवं बाल विकास
  • बसंत कुर्रे – अपर कलेक्टर, उज्जैन-  एडिशनल, कमिश्नर, वाणिज्यिक कर, इंदौर
  • सरिता बाला – प्रजापति अपर संचालक पीईबी –  डिप्टी सेक्रेटरी पीएचई

अब इस उम्र में कहां जाएं : गौर

interview with former mp cm

‘75 प्लस’ के बहाने गृहमंत्री बाबूलाल गौर को शिवराज कैबिनेट से हटा दिया गया। उनकी विदाई अप्रत्याशित रही। वे लगातार 10 बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। वे प्रदेश के एक अलग पहचान वाले नेता रहे हैं। वे इन दिनों काफी खफा हैं। उनके इस्तीफ को लेकर लंबा ऐपिसोड भी चला। गौर से उनके बंगले पर इस्तीफा लेने गए प्रदेश संगठन प्रभारी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को उन्होंने खाली हाथ लौटा दिया।

बताते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जब पिछले साल स्टेट हेंगर पर पहुंचे थे और सामने खडे उम्रदराज नेता बाबूलाल गौर से उन्होंने उम्र पूछ ली थी। उस समय गौर ने शाह को अपनी सही उम्र बताते हुए कहा था कि वे अब भी पूरी तरह फिट हैं। उसी दिन गौर की विदाई की स्क्रिप्ट लिखी जानी शुरू हो गई थी। केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही वे प्रदेश नेतृत्व से भी खफा हैं। अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं दिल्ली के नेताओं ने मेरे सम्मान का कत्ल किया है। अब तो वे विधायकी छोड़ने तक का मन बना चुके हैं, लेकिन भाजपा नहीं छोड़ेंगे। पेश है उनसे चर्चा के अंश-

सवाल- क्या केन्द्रीय दबाव के चलते आपको मंत्रिमंडल से हटाया गया है?

जवाब- दिल्ली के नेताओं ने मेरे सम्मान का कत्ल किया है। अधिकार छीन लेते, बिना विभाग का मंत्री कर देते, लेकिन इस तरह सम्मान पर चोट नहीं करना चाहिए। राजनीति अब व्यवसाय हो गई है। क्या भाजपा की यही संस्कृति है कि बूढेÞ होने पर बेटा अपने बाप को घर से निकाल दें। अब भाजपा में त्याग, तपस्या और बलिदान का नारा बेमानी लगता है।

सवाल- क्या अब भाजपा की संस्कृति बदल
गई है?

जवाब- इस्तीफा लेने का तरीका ठीक नहीं था। मुझे विश्वास में नहीं लिया गया। नवम्बर 2005 में मुझे मुख्यमंत्री पद से यह कहकर हटाया गया था कि पार्टी नेतृत्व किसी और को सीएम बनाना चाहता है। उस समय मुझे कोई बुरा नहीं लगा, किन्तु आज मैं बुजुर्ग कहकर हटाए जाने से अपमानित महसूस कर रहा हूं। क्या मां-बाप बुजुर्ग हो जाए तो बेटा उसे धक्के मारकर निकाल देता है? वर्ष 2014 के बाद भाजपा की संस्कृति बदल गई है।

सवाल- आपने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया और प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे को लौटा दिया। क्या इससे राष्ट्रीय नेतृत्व को गलत संदेश नहीं गया?

जवाब- मंत्रिमंडल के विस्तार वाले दिन दोपहर डेढ़ बजे प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार चौहान बंगले आए और मुझसे कहा कि आप (गौर जी) गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दें। इस पर मैंने उनसे पूछ लिया कि आप कौन? जवाब में सहस्त्रबुद्धे बोले कि मैं तो पोस्टमैन बनकर आया हूं। मैंने फिर सवाल किया क्या लिखित में कोई संदेश लेकर आए हो? इस पर सहस्त्रबुद्धे ने कहा नहीं। इस पर मैंने उनसे कहा कि इस्तीफा तो नहीं दूंगा। आप पहले राष्ट्रीय नेताओं से बात कराएं। इसके बाद गौर से एक के बाद एक केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और फिर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने बातचीत की।

सवाल- क्या राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने आपको बर्खास्त करने की धमकी दी थी?

जवाब- रामलाल ने मुझसे फोन पर कहा कि जब आप सीएम पद से हटे थे, तब आपने प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाया था, अब क्यों? उनके इस सवाल का जवाब भी मैंने उनको उसी अंदाज में दिया कि जिस तरीके से त्यागपत्र मांगा जा रहा है, वह अनुचित है। मैंने रामलाल से सवाल किया कि भाजपा में विधानसभा में सदस्य बनाने की उम्र 18 साल तय है किन्तु सेवानिवृत्ति की कोई उम्र निर्धारित नहीं है। उम्र के आधार पर उन्हें हटाने का कोई तुक नहीं बनता है। इस पर रामलाल ने मुझे बर्खास्त करने की धमकी भी दी। अब हम इस उम्र में जाएं तो जाएं कहां? इसलिए भाजपा में ही रहूंगा।

सवाल- आपने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। फिर क्या हुआ?

जवाब- अगले दिन शाम को मुख्यमंत्री के बुलावे पर उनसे मिलने सीएम हाउस पहुंचा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुझसे कहा कि मैं स्वयं भी दुखी हूं। मैं सीएम हाउस कुछ ही मिनट रुका। चाय की दो घूंट पी और वापल लौट आया। मैंने उनके समक्ष कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। यह फैसला तो पार्टी नेतृत्व का था, इसमें सीएम क्या कर सकते थे?

सवाल- मंत्रिमंडल से हटने के बाद अब आपका अगला कदम क्या होगा?

जवाब- पूरा जीवन पार्टी की सेवा में खपा दिया है। अब इस उम्र में जाएं तो जाएं कहां? मैं घर नहीं बैठूंगा। यह जरूर है कि सबसे वरिष्ठ होने के बाद मंत्री पद नहीं रहा तो विधानसभा में सिर्फ दर्शक की भूमिका बन गई है। क्या करूंगा? सोच रहा हूं कि विधायक रहूं कि नहीं। विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने पर विचार कर रहा हूं। लेकिन भाजपा नहीं छोड़ूंगा। किसी और भूमिका में जनता की सेवा करता रहूंगा।

सवाल- सदन में आपकी क्या भूमिका होगी?

जवाब- मैं सदन में मंत्रियों से कामकाज पर सवाल पूछूंगा।

सवाल- प्रदेश सरकार के कामकाज से कितने संतुष्ट हैं?

जवाब- विकास तो जमीन पर दिखना चाहिए, यहां विज्ञापन में दिख रहा है। मंत्री फील्ड में नहीं जाते। इसलिए विकास जमीन पर नहीं दिख रहा है।

सिंहस्थ में भाजपा के सभी नेता ठेकेदार बन गए: कांतिलाल भूरिया

interview with kantilal bhuriya

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वर्तमान में झाबुआ सांसद कांतिलाल भूरिया का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संघ प्रमुख मोहन भागवत के सपने को पूरा करने के लिए जुटे हुए हैं। भागवत दलितों और आदिवासियों को मिल रहे आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं। इसी गुप्त एजेंडे पर प्रदेश सरकार काम कर रही है।

उनका कहना है कि शिवराज और भाजपा सरकार ने सिंहस्थ को राजनीतिक अखाडे में तब्दील कर दिया। निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है और भाजपा के सभी नेता ठेकेदार हो गए हैं। भूरिया चेताते हुए कहते हैं कि शिवराजजी, भोलेनाथ सब देख रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा पर जमकर निशाना साधते हैं, लेकिन जब बात कांग्रेस संगठन की होती है तो जवाब देने से बचते हैं। भोपाल प्रवास के दौरान पावर गैलरी के विशेष संवाददाता एस चौधरी की भूरिया से विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रस्तुत है चर्चा के मुख्य अंश।

सवाल- क्या आप शिवराज सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं?

जवाब- शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मप्र में जंगल राज चल रहा है। जो उम्मीद भाजपा से लोगों को थी, वह पूरी नहीं हुई है। यहां सब उलटा हो रहा है। मप्र में किसान और स्टूडेंट आत्महत्याएं कर रहे हैं। महिलाओं के शोषण और बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। मप्र से करीब 25 से 30 हजार लड़कियां गायब हैं। आज तक उनका पता नहीं है। शिवराज सरकार हर मोर्चे पर विफल है। उसकी योजनाएं केवल कागजों पर है। पूरा खेल कागजों पर चल रहा है।

सवाल- मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल को आप कैसा मानते हैं। मौजूदा सरकार यूपीए सरकार की योजनाओं को अपनी योजना बता रही है?

जवाब- दो साल में मोदी सरकार की एक भी उपलब्धि बता दो। सब कुछ पूर्ववर्ती कांग्रेस योजनाओं के परिणाम है। वह यूपीए सरकार की योजनाओं को अपना नाम दे रही है। मोदी ने कहा था अच्छे दिन लाएंगे। काला धन वापस लेकर हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए जमा कराएंगे। हर साल ढाई करोड़ लोगों को रोजगार देंगे। भ्रष्टाचार खत्म करेंगे। आज सब कुछ उल्टा हो गया है। मोदी ने पूरे देश की स्थिति बहुत खराब कर दी है। मोदी जिन उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं वह यूपीए सरकार की योजनाओं का परिणाम है। मोदी ने कहा था अच्छे दिन लाएंगे। अच्छे दिन तो आए नहीं और ये दिन और ज्यादा बुरे हो गए हैं। अब लोग कह रहे हैं कि अच्छे दिन का और इंतजार नहीं करेंगे। हमें तो हमारे पुराने दिन ही लौटा दो। मोदी ने अच्छे दिन के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाया है। मोदी ने लोगों को झूठे सपने दिखाए थे। आज दोबारा चुनाव हो जाए तो मोदी और शिवराज सरकार बाहर हो जाएगी।

सवाल- प्रदेश में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को लेकर आप क्या सोचते हैं?

जवाब- कांग्रेस की पकड़ अब फिर से बन रही है। झाबुआ- रतलाम उपचुनाव हमने जीता है। इस उपचुनाव में पूरी भाजपा सरकार जुट गई थी, लेकिन सफलता नहीं दिला पाई। अब जनता भाजपा की कथनी और करनी को समझ रही है। मध्यप्रदेश में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आएगी और मध्यप्रदेश के लोगों के फिर से अच्छे दिन आएंगे।

सवाल- प्रदेश में कांग्रेस संगठन की मजबूती के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?

जवाब- अब सब मिलकर संगठन को मजबूत बनाने का काम करेंगे। विवेक तन्खा को इसलिए राज्यसभा भेजा जा रहा है। हम लोग भाजपा को सबक सिखाने का काम करेंगे। हम सभी बडेÞ नेता एकजुट हैं और संगठन को मजबूत करने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।

सवाल- क्या आप प्रदेश संगठन में फेरबदल की जरूरत महसूस करते हैं?

जवाब- यह तय करना हाईकमान का काम है। इसका फैसला हम और आप नहीं कर सकते हैं।

सवाल- आपके और अरुण यादव के कार्यकाल में कितना अंतर है?

जवाब- यह तुलना तो आप लोग (मीडिया) को तय करना है। हम लोग तो मिलजुलकर काम कर ही रहे हैं।

सवाल- भाजपा ने अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस की तैयारी कब शुरू होगी?

जवाब- हमारी अपने-अपने स्तर पर तैयारी जारी है। आगे की रणनीति मिल बैठकर तय करेंगे। भाजपा का क्या उसके पास सरकार है। वह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। वह अपने फायदे की बात सोचती है।

सवाल- कांग्रेस विवेक तन्खा को राज्यसभा भेज रही है, जबकि उन्हें पहले लोकसभा का टिकट दिया गया था। कांग्रेस ने तन्खा का नाम फायनल क्यों किया?

जवाब- पार्टी की ओर से राज्यसभा में वकीलों के प्रतिनिधि के रूप में विवेक तन्खा को भेजा जा रहा है। यह हाईकमान का निर्णय है। तन्खा सदन में मजबूती के साथ कांग्रेस की बात रख सकेंगे।

सवाल- झाबुआ में पिछली हार से आपने क्या सबक लिया?

जवाब- हमारे मैनेजमेंट और रणनीति में कमी रह गई थी। हमसे कुछ गलतियां हुई थी उसे हमने बाद के उपचुनाव में सुधार लिया। ऐसा नहीं है कि हमने काम नहीं कराया। मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में करोड़ों के विकास के काम कराने के साथ ही हर तबके का ध्यान रखा। असल में भाजपा ने उलटा माहौल बना दिया। मतदाता मोदी और भाजपा की मीठी बातों में आ गए थे। छह महीने में लोग पछताने लगे। उन्हें अहसास हुआ कि हमने भूरिया को हराकर गलती की। एक साल बाद हुए उपचुनाव में फिर मुझे जिता दिया। लोगों को हमारे काम याद आए। करीब सौ करोड़ रुपए पानी की तरह बहाया गया। चुनाव के दौरान साढेÞ पांच हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य कराए गए। इसके बाद भी मतदाता नहीं बिके। अब जनता समझ गई है कि भाजपा बेईमानी से चुनाव जीतती है।

सवाल- सिंहस्थ पर राजनीति हावी हो गई। भाजपा दलित महाकुंभ आयोजित कर दलित और आदिवासी वोट बैंक में सेंध लगा रही है। आप क्या सोचते हैं?

जवाब- कांग्रेस धार्मिक मामलों में कभी भी राजनीति नहीं करती है। इस बार के सिंहस्थ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा ने सिंहस्थ को राजनीति का अखाड़ा बना दिया। उज्जैन में करोड़ों श्रद्धालु आते हैं और उन्हें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं होता है। सही मायने में सिंहस्थ श्रद्धालुओं का आयोजन है न कि सरकार का। सरकार का काम केवल वहां व्यवस्थाएं करना है। लॉ एंड आर्डर बनाना है, लेकिन सरकार ने श्रद्धालुओं के आयोजन को राजनीतिक अखाडेÞ में तब्दील कर दिया। आरएसएस ने वहां अपना कैंप लगाया। वैचारिक महाकुंभ किया। इसमें मोदी शामिल हुए। इधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिप्रा में डुबकी लगाकर साधु-संतों में खाई बना दी। देखना अब भाजपा का सफाया हो जाएगा। जो हश्र वीरेंद्र सिंह सखलेचा, सुंदरलाल पटवा और उमा भारती का हुआ था, वही हश्र शिवराज सिंह चौहान का भी होगा। इस सिंहस्थ में भाजपा के सभी नेता ठेकेदार हो गए हैं। एक रुपए में पच्चीस पैसे का काम जमीन पर नहीं हुआ है। निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। शिवराज जी, भोलेनाथ सब देख रहे हैं। उनकी नगरी को राजनीतिक अखाडेÞ में तब्दील करने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।

सवाल- सोशल मीडिया पर नेहरू की टिप्पणी करने वाले आईएएस अफसर अजय गंगवार को सरकार ने हटा दिया। इस बारे में आपका क्या कहना है?

जवाब- लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सभी को मिला हुआ है। कोई अच्छी बात कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या आम आदमी, लेकिन भाजपा सरकार में हिटलरशाही चल रही है। आईएएस गंगवार ने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया, उन्होंने तो केवल नेहरू की तारीफ की थी। नेहरू जी का देश की आजादी और देश निर्माण में विशेष योगदान है। असल में शिवराज सरकार ओछी और घटिया मानसिकता पर उतर आई है।

सवाल- भाजपा सरकार दलितों के लिए आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है?

जवाब- प्रदेश की भाजपा मोहन भागवत के गुप्त एजेंडे पर काम कर रही है। वे दलितों को आरक्षण की सुविधा खत्म करना चाहते हैं। प्रदेश सरकार मोहन भागवत के सपने को पूरा करना चाहती है। यही वजह है कि प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करने के लिए सरकार ने पिछले दरवाजे का सहारा लिया। यह भाजपा और संघ के लोग बंद कमरे में आरक्षण खत्म करने की बात करते हैं और जनता के सामने कुछ और बोलते हैं। इनकी कथनी और करनी में अंतर है। हम आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगे।