तेजस्वी यादव के मामले में पिछले एक माह से चल रहे लुका-छुपी के खेल में राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपना आखिरी दांव चलते हुए कहा है कि नीतिश कुमार ने कभी इस्तीफा मांगा ही नहीं। लालू यादव ने साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देगें। विधान मंडल यह फैसला ले चुका है। राजद विधानमंडल दल की पटना में हुई बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में लालू प्रसाद यादव ने महागठबंधन में किसी प्रकार की टूट से इनकार करते हुए कहा, महागठबंधन में कोई टूट वाली बात नहीं है। मैं रोज नीतीश कुमार से बात करता हूं। कल ही रात को हमारी बात हुई।
मैने गठबंधन बनाया, क्या में तोड़ दूगां
लालू प्रसाद यादव ने साफ शब्दों में इंकार किया कि उनके और नीतिश कुमार के संबंधों में कोई खटास है। राजद अध्यक्ष ने कहा-हमने ही महागठबंधन बनाया है और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है और हम ही इसे ढाह देंगे। ऐसा कहीं होता है क्या? यह महागठबंधन पांच साल के लिए बना है। उन्होंने कहा कि नीतीश का अनादर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह सब मीडिया के लोगों के दिमाग की उपज है। इससे पहले राजद विधानमंडल दल की बैठक हुई, जिसमें पार्टी के सभी विधायकों और विधान पार्षदों ने हिस्सा लिया।
नीतिश कुमार अब सार्वजनिक तौर पर इस्तीफा मांगेगे?
लालू प्रसाद यादव के बयान के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार अब तेजस्वी यादव को इस्तीफा देने का सार्वजनिक तौर पर संदेश दे सकते हैं। यदि नीतिश कुमार इस्तीफे की मांग करते हैं तो राष्ट्रीय जनता दल समर्थन वापसी की घोषणा कर सकता है। तेजस्वी यादव के मामले में फैसला आज ही जेडीयू की बैठक में लिया जा सकता है।अगले कुछ घंटे बिहार की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। लालू यादव यदि समर्थन वापस लेते हैं तो कांगे्रस को भी यह तय करना होगा कि वे ताजा हालातों में नीतिश कुमार का दामन थामे या लालू प्रसाद यादव के साथ जाएं। हाल ही में कांगे्रस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से मुलाकात भी की थी। नीतिश-राहुल की मुलाकात के बाद आए लालू यादव के बयान को काफी अहम माना जा रहा है। लालू प्रसाद यादव लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि सीबीआई की कार्यवाही राजनीतिक दबाव में हो रही है।