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भारी वाहनों के लिए 27 नवम्बर से बंद हो जाएगा क्वारी नदी पर बना पुल

The bridge over Kwari River will be closed for heavy vehicles from November 27.
The bridge over Kwari River will be closed for heavy vehicles from November 27.

मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-719 के भिण्ड-इटावा वाले हिस्से पर स्थित क्वारी नदी पर बने पुल को भारी वाहनों के आवागमन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इसके पहले यहीं स्थित चंबल नदी पर बने पुल को भी मरम्मत के लिए बंद किया जा चुका है।

क्वारी नदी पर बने पुल को बंद करने के संबंध में भिण्ड कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश के तहत 27 नवम्बर की सुबह सात बजे से 10 दिसंबर की शाम 6 बजे तक इस पुल पर भारी वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। भिण्ड जिला प्रशासन ने यह निर्णय क्वारी पुल की मरम्मत के लिए लिया है। एनएच-719 डिडी के पास स्थित क्वारी नदी का पुल करीब 65 वर्ष पुराना है।

सूत्रों के अनुसार चंबल पुल की तरह क्वारी नदी पर बने पुल पर लगातार ओवरलोड भारी वाहनों के आवागमन के चलते पुल क्षतिग्रस्त होने लगा है। ऐसे में चंबल पुल की क्षमता का तकनीकी परीक्षण करने आई एमबीआईयू (मोबाइल ब्रिज इंस्पेक्शन यूनिट) मशीन से इसका भी परीक्षण कराया गया था, जिसमें पुल में कुछ तकनीकी खराबी मिली हैं।

पुल के बंद होने से भिण्ड से फूप की जो दूरी अभी 15 किलोमीटर है, वह बढ़कर 30 से 40 किलोमीटर हो जाएगी।

इस हाईवे पर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा को जोड़ने वाले चंबल नदी के पुल पर भी भारी वाहनों का आवागमन 8 जून से बंद है।

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रायसेन : चार विधानसभा सीटें, सभी पर कड़ा मुकाबला

Raisen: Four assembly seats, tough competition on all
Raisen: Four assembly seats, tough competition on all

राजधानी भोपाल से सटे मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की चार विधानसभा सीटों में से तीन हाईप्रोफाइल सीटों सांची, सिलवानी और भोजपुर पर इस बार जहां मौजूदा और पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है, वहीं एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने बिल्कुल नए चेहरे को उतार कर इस मुकाबले को और रोचक बना दिया है।

जिले की सबसे हाईप्रोफाइल सीट अनुसूचित जति सुरक्षित सांची है, जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा प्रभुराम चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर है। हालांकि राजनैतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यहां इस बार ‘नाराज भाजपा’ और ‘महाराज भाजपा’ का फैक्टर दिखाई दे रहा है। अक्सर डॉक्टरों के मुकाबले की प्रत्यक्षदर्शी रही इस सीट पर भाजपा ने एक बार फिर मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी पर भरोसा जताया है। वहीं पार्टी के इस निर्णय से पूर्व मंत्री और यहां से कई बार विधायक रहे डा गौरीशंकर शेजवार की नाराजगी भी साफ दिख रही है।

भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली और सांची स्तूपों के लिए दुनिया भर में मशहूर इस सीट पर 2020 में राज्य में हुए भारी दलबदल के बाद उपचुनाव कराया गया, जिसमें उस समय भाजपा में शामिल हुए डॉ प्रभुराम चौधरी को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के मदनलाल को 63 हजार 809 मतों के अंतर से हरा दिया। इस सीट पर यह सबसे अधिक मतों से जीत का रिकार्ड भी है। कांग्रेस ने इस बार प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सीजी गौतम को टिकट दिया है।

सांची विधानसभा सीट पर कुल वोटर्स दो लाख 53 हजार 369 हैं जिनमें 1,33,510 पुरुष तो 1,19,852 महिला मतदाताओं के अलावा सात अन्य (थर्ड जेंडर) मतदाता भी शामिल हैं।

डॉक्टर चौधरी के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस से बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने भी भाजपा का दामन थाम लिया, लेकिन यहां पार्टी अब दो खेमों में बंट गई है, जिसका असर इस चुनाव में साफ देखा जा रहा है। डॉ चौधरी के सामने भाजपा के पूर्व मंत्री डा गौरीशंकर शेजवार के असंतुष्ट खेमे के कई दिग्गज नेता और कार्यकर्ता भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

यहां अहिरवार समाज के 30 हजार से ज्यादा मतदाता हैं। भाजपा के डॉक्टर प्रभुराम चौधरी और कांग्रेस के डा गौतम इसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जिले की भोजपुर विधानसभा सीट पर भाजपा का लगातार कब्जा बना हुआ है। हालांकि इस बार भजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री और विधायक सुरेंद्र पटवा के खिलाफ उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता नाराज माने जा रहे हैं। श्री पटवा पर चेक बाउंस के प्रकरण भी बड़ी संख्या में न्यायालय में विचाराधीन हैं, जिसके चलते आपराधिक मामले छुपाने को लेकर उनके नामांकन में आपत्ति भी लगाई गई थी। मामले में सुनवाई के बाद उन्हें चुनाव लड़ने की पात्रता दी गई।

इस सीट पर इस बार एंटी इनकंबेंसी एक बड़ा कारक माना जा रहा है। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा चुनाव लड़कर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। 1990 के बाद से अब तक हुए 8 चुनावों में बस एक बार ही कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि 7 बार भाजपा विजयी हुई है।

कांग्रेस ने इस बार यहां से राजकुमार पटेल को टिकट दिया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में श्री पटवा ने एकतरफा मुकाबले में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को 29,486 मतों के अंतर से हरा दिया था। इस सीट पर कुल 2,45,313 वोटर्स हैं जिनमें 1,28,967 पुरुष तो 1,16,332 महिला के अलावा 14 अन्य मतदाता हैं।

भोजपुर क्षेत्र का मंडीदीप राजधानी भोपाल से सटा हुआ है और जिले का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। यहां धागा बनाने वाली कई बड़ी फैक्ट्रियों समेत एक हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां है। भोजपुर क्षेत्र में ही जिले का सबसे बड़ा बांध बारना डेम है।

जिले की उदयपुरा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की जंग है। किरार और राजपूत बाहुल्य इस सीट से भाजपा ने प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र पटेल किरार के रूप में नए चेहरे को अवसर दिया है। हालांकि टिकिट वितरण के तुरंत बाद ही पार्टी के भीतर ही उनका खुलकर विरोध सामने आया था। वहीं कांग्रेस ने विधायक नरेंद्र पटेल गड़रवास पर ही दुबारा भरोसा जताया है।

ये क्षेत्र पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा की कर्मभूमि और आचार्य रजनीश ओशो की जन्मभूमि के रूप में भी जानी जाती है। यह सीट होशंगाबाद (नर्मदापुरम) लोकसभा क्षेत्र में आती है। 2008 के परिसीमन के बाद यह उदयपुरा विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। इस सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। इस सीट पर कांग्रेस के देवेंद्र पटेल गडरवास 2018 में विधायक चुने गए। 20 साल यानी 2003 से इस सीट पर एक बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा चुनाव जीतती आई है।

साल 1985 के विधानसभा चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती विमला शर्मा भी यहां से चुनाव लड़ीं और उन्होंने भाजपा के कमलसिंह लोधी को करीब 16 हजार मतों से शिकस्त दी थी। चुनाव में कुल वोटर्स की संख्या 2,62,082 है, जिसमें पुरुष 1,36,690 तो महिला मतदाताओं की संख्या 1,25,387 है।

उदयपुरा विधानसभा सीट बरेली और उदयपुरा तहसील मिला कर बनाई गई है। यह क्षेत्र धान और अरहर की फसल की पैदावार के लिए जानी जाती है। बारना डेम से यहां की अधिकाश जमीनों को पानी मिलता है। यहां सबसे ज्यादा नर्मदा नदी का किनारा है। बरेली में छींद धाम मंदिर है। हनुमानजी के इस मंदिर में देशभर से लोग दर्शन करने आते हैं। यह क्षेत्र पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा की कर्मभूमि के रूप में अपनी पहचान रखता है। वह यहां 3 बार 1957, 1962 और 1967 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

इसके अलावा मध्य प्रदेश के विलीनीकरण आंदोलन में उदयपुरा में नर्मदा नदी के तट पर बोरास घाट पर सबसे बड़ा आंदोलन हुआ जिसमें भोपाल रियासत को भारत गणराज्य में शामिल करने को लेकर 14 जनवरी 1948 को हुए आंदोलन में 4 लोग शहीद हो गए थे. इनकी स्मृति में आज भी 14 जनवरी को शहीद दिवस मनाई जाती है।

रायसेन जिले की सिलवानी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक देवेंद्र पटेल और भाजपा के पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के बीच कांटे की टक्कर है। भाजपा के दबदबे बाली इस सीट पर पार्टी पिछले 2 बार से काबिज है। यह सीट भले ही सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हो लेकिन इस सीट पर एससीएसटी वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इस बार यहां मुकाबला कड़ा माना जा रहा है। सिलवानी की बेगमगंज तहसील में बीना नदी पर बनाए जा रहे बांध के कारण आबादी क्षेत्र प्रभावित हो रहा है, जिसका नागरिक विरोध कर रहे हैं। इसका खामियाजा भी भाजपा को उठाना पड़ सकता है। परिसीमन के बाद यहां हुए 2008 के चुनाव में रामपाल सिंह को उमा भारती की जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार देवेंद्र पटेल ने आसानी से हरा दिया था। उस समय चुनाव में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी जसवंत सिह रघुवंशी का तो नामांकन ही निरस्त हो गया था।

वर्तमान में यहां पर 2,13,998 मतदाता हैं, जिनमें 1,13,544 पुरुष तो 1,00,451 महिला शामिल हैं। यह क्षेत्र कीमती सागौन के घने जंगल होने के कारण लकड़ी तस्करी के लिए दुनियाभर में कुख्यात है।

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म.प्र. के स्लालम के सभी खिलाड़ियों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जीते 4 स्वर्ण पदक

M.P. Best performance among all players in slalom, won 4 gold medals
M.P. Best performance among all players in slalom, won 4 gold medals

37वें राष्ट्रीय खेल गोवा में केनोइंग और स्लालम खेल प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश के स्लालम के सभी चारों खिलाड़ियों शुभम केवट ने के-1 पुरूष स्पर्धा में 1.12.73 का समय, कु. भूमि बघेल के-1 महिला स्पर्धा में 1.27.95 का समय, कु. रीना सेन सी-1 महिला स्पर्धा में 1.39.05 का समय और विशाल वर्मा सी-1 पुरूष स्पर्धा में 1.19.80 का समय तय कर अपनी शारीरिक दक्षता और खेल प्रदर्शन का सर्वश्रेष्ठ परिचय देकर कल 01-01 स्वर्ण पदक अर्जित कर प्रदेश का नाम गौरवान्वित किया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसी रिवर पर आयोजित क्याकिंग-केनोइंग खेल प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश की खिलाड़ी कु. मानस्वनी ने के-1 महिला 200 मी. स्पर्धा में 01 रजत पदक अर्जित किया।
गोवा स्थित कम्पेल ओपन ग्राउण्ड पणजी में मध्यप्रदेश की जूडो खिलाड़ी कुमारी हिमांशी टोकस ने 63 किग्रा. भारवर्ग महिला इवेन्ट में तकनीकी खेल कौशल का बेहतर प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं प्रतियोगिता के 52 किग्रा. महिला स्पर्धा जूडो खिलाड़ी कु. संध्या तिवारी ने 01 कांस्य पदक अर्जित किया।
गोवा स्थित ब्ंतंद्रंसमउ. डपतंउंत त्वंक पणजी में आयोजित ट्रायथ्लाॅन खेल प्रतियोगिता में कल मध्यप्रदेश के ट्राॅयथ्लाॅन खिलाड़ियों अंकुर चेहर, कु. दुर्विशा पवार, रोषन गौंड और आध्या सिंह ने मिक्स रिले स्पर्धा में खेल कौशल को शानदार प्रदर्शन कर म.प्र. को 01 कांस्य पदक दिलाया।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय खेल 2023 का आयोजन 26 अक्टूबर से 09 नवम्बर तक गोवा में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश 37 खेलों में 424 खिलाड़ियों के साथ प्रतिभागिता कर रहा है।

शराब कारोबारी समूह पर आयकर विभाग की कार्रवाई

Income Tax Department's action against liquor business group
Income Tax Department's action against liquor business group

आयकर विभाग ने आज शराब कारोबार से जुड़े मध्यप्रदेश के बड़े समूह के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई प्रारंभ की।

सूत्रों के अनुसार छापे की कार्रवाई भोपाल और रायसेन जिलों में स्थित समूह के महत्वपूर्ण ठिकानों पर की गयी है। कथित तौर पर कर अपवंचन से जुड़े मामले के चलते यह कार्रवाई की गयी है। बताया गया है कि छापे की कार्रवाई मध्यप्रदेश के भोपाल और रायसेन के अलावा कुछ अन्य शहरों में भी की गयी है।

संबंधित समूह का प्रमुख कार्यालय भोपाल में है। इसके अलावा रायसेन जिले में समूह की एक डिस्टलरी स्थित है। समूह के सभी ठिकानों को कार्रवाई की जद में लिया गया है। इस संबंध में विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है।

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भाजपा केवल ‘पुलिस, पैसे और प्रशासन’ के सहारे : कमलनाथ

Will bring right to health law if government is formed: Kamal Nath
Will bring right to health law if government is formed: Kamal Nath

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर पुलिस, पैसे और प्रशासन के दम पर सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब जनता इस ‘कुशासन’ से मुक्ति चाहती है।


श्री कमलनाथ ने नरसिंहपुर के करेली में आयोजित कांग्रेस की चुनावी सभा में कहा कि स्कूली बच्चों को विश्व की सबसे बड़ी स्कॉलरशिप देने का काम कांग्रेस की सरकार करने वाली है। उन्होंने लोगों से अपील की कि ज़ब वोट देने जायें तो कांग्रेस के वचनपत्र को पढ़कर जायें।


उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में स्वास्थ्य, पंचायत व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था सब चौपट हैं और रोजगार भी नहीं है। प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति भ्रष्टाचार से पीड़ित है।


श्री कमलनाथ ने आरोप लगाया कि सरकार ने मध्यप्रदेश के भविष्य पर ताला लगा रखा है और यह ताला केवल 50 प्रतिशत कमीशन देने पर ही खुलता है। उन्होंने कहा कि ये युवाओं, महिलाओं , किसानों के भविष्य का चुनाव है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार आने पर कांग्रेस फिर से किसानों का कर्ज माफ करने वाली है। साथ ही धान का समर्थन मूल्य ढाई हजार रुपए देने का काम होगा।

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मध्यप्रदेश के 29 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले, सबसे ज्यादा 16 कांग्रेस के

Criminal cases against 29 MLAs of Madhya Pradesh, maximum 16 from Congress
Criminal cases against 29 MLAs of Madhya Pradesh, maximum 16 from Congress

मध्यप्रदेश के 230 में से 29 विधायक ऐसे हैं, जिनके खिलाफ न्यायालय द्वारा विभिन्न अपराधों के लिए आरोप तय किए हुए हैं, इनमें से सर्वाधिक 16 विधायक कांग्रेस के हैं।


ऐसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच ने आज संयुक्त तौर पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ये जानकारी दी गई है। ये जानकारी विधायकों द्वारा दिए गए शपथ पत्रों के आधार पर जारी की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार राज्य के कुल 29 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने स्वयं पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें कांग्रेस के 16, भारतीय जनता पार्टी के 12 और एक विधायक बहुजन समाज पार्टी से है। भाजपा के इन 12 विधायकों में से पांच मौजूदा सरकार में मंत्री हैं। 10 विधायकों के खिलाफ 10 साल या उससे अधिक समय से कुल 12 आपराधिक मामले लंबित हैं।


जिन विधायकों ने स्वयं के खिलाफ मामलों की जानकारी दी है, उनमें कांग्रेस के दिलीप गुर्जर, महेश परमार, नर्मदा प्रसाद प्रजापति, राकेश मावई, रामचंद्र दांगी, सुखदेव पांसे, सुनीता पटेल, विक्रम सिंह नातीराजा, सोहनलाल वाल्मीक, घनश्याम सिंह, प्रताप ग्रेवाल, जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी, सचिन बिरला, विपिन वानखेड़े और अजब सिंह कुशवाह का नाम शामिल है।


रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार के मंत्रियों प्रद्युम्न सिंह तोमर, रामखिलावन पटेल, कमल पटेल, प्रहलाद लोधी और राजेंद्र शुक्ला के खिलाफ भी विभिन्न मामले दर्ज हैं। इनके अलावा भाजपा विधायकों जालम सिंह पटेल, केपी प्रजापति, प्रणय प्रभात पांडे, पारस जैन, राम दांगोरे, अनिरुद्ध मारू, राजेंद्र शुक्ला और विक्रम सिंह के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। बसपा की राम बाई ने भी अपने खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी सार्वजनिक की है।


रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सभी विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले इनकी अयोग्यता का कारण बन सकते हैं।

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BJP government will be formed again on 3rd, after that we will celebrate the state's foundation day: Shivraj
BJP government will be formed again on 3rd, after that we will celebrate the state's foundation day: Shivraj

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य के स्थापना दिवस पर कहा कि अभी आदर्श आचार संहिता के कारण स्थापना दिवस समारोह आयोजित नहीं किया जा सकता, लेकिन आगामी तीन दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद धूमधाम से राज्य का स्थापना दिवस समारोह मनाया जाएगा।

श्री चौहान ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि हर साल आनंद और उत्साह से राज्य का स्थापना दिवस समारोह मनाने की परंपरा भाजपा सरकार ने शुरु की, लेकिन इस बार आचार संहिता के कारण स्थापना दिवस का शासकीय तौर पर आयोजन नहीं कर पा रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि तीन दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा की सरकार बनेगी और फिर तिथि निश्चित कर धूमधाम से स्थापना दिवस समारोह मनाएंगे।

उन्होंने कहा कि समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश का आगे का रोडमैप तैयार कर उस पर चलने का संकल्प लेंगे।

उन्होंने कहा कि 68 वर्ष में प्रदेश ने प्रगति की लंबी मंजिल तय की है। 2003 में भाजपा ने शासन संभाला था, तब की स्थितियों के बाद से राज्य में आमूलचूल परिवर्तन आया है। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम हो रहा है। पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। शहरों में प्रगति और विकास के साथ स्वच्छता में भी प्रदेश नंबर एक पर है। सांस्कृतिक पुनरुत्थान भी प्रदेश में लगातार हो रहा है। महाकाल लोक, एकात्म धाम, हनुमान लोग, देवी लोक जैसे बहुत से स्मारक बनाए हैं। प्रदेश तेजी से प्रगति की ओर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि राज्य के 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जानते हैं कि एक समय में मध्यप्रदेश को बीमारू कहा जाता था, पर आज हम समृद्ध और विकसित राज्यों की पांत में खड़े हैं। राज्य को अभी आगे की ओर ले जाना है।

उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि प्रदेश को ऐसे हाथों में ना सौंपें, जो यहां की तबाही और बर्बादी के जिम्मेदार थे। जिन्होंने राज्य को अंधेरों और गड्ढों, भ्रष्टाचार और घोटालों का प्रदेश बना दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से प्रदेश को बचाना है।

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मध्यप्रदेश कांग्रेस : स्टार प्रचारकों की सूची, सोनिया-राहुल-प्रियंका के साथ कन्हैया कुमार भी करेंगे प्रचार

Madhya Pradesh Congress: List of star campaigners, Kanhaiya Kumar will also campaign along with Sonia-Rahul-Priyanka.
Madhya Pradesh Congress: List of star campaigners, Kanhaiya Kumar will also campaign along with Sonia-Rahul-Priyanka.

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने आज अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी, जिसमें गांधी परिवार के तीन सदस्यों सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के अलावा पार्टी के युवा नेता कन्हैया कुमार का नाम भी शामिल है।

सूची में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पार्टी के प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, सुरेश पचोरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव के भी नाम शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ के सांसद पुत्र नकुलनाथ ने भी कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची में जगह बनाई है।

मध्यप्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस शासित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों का नाम भी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी राज्य में कांग्रेस का प्रचार करने आएंगे।

राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट और उत्तरप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर भी मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए वोट मांगेेंगे।

मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्रियों जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, ओंकार सिंह मरकाम, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और सांसद विवेक तन्खा एवं राजमणि पटेल को भी पार्टी ने प्रदेश में अपना स्टार प्रचारक घोषित किया है। प्रदेश में कांग्रेस का जाना-माना चेहरा मीनाक्षी नटराजन ने भी इस सूची में जगह बनाई है।

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बच्चियों को बचाने के बारे में सोचें शिवराज : दिग्विजय

Shivraj should think about saving girls: Digvijay
Shivraj should think about saving girls: Digvijay

 मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राज्य में बच्चियों की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर आज एक बार फिर सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि बच्चियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की है और वे इस बारे में सोचें।

श्री सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया, ‘शिवराज जी कन्या पूजन के नाम पर अपहरण कहाँ हो रहा है? आप देख रहे हैं कि नहीं ? इसी भोपाल में आपकी नाक के नीचे। मुझे टार्गेट करने से समय बचा हो तो ज़रा बच्चियों को भी बचा लीजिए। बेटियों की सुरक्षा भी फ़िलहाल आपकी ही ज़िम्मेदारी है।’

इसके पहले श्री सिंह ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान के नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन को लेकर भी बयान दिया था। इसके बाद श्री चौहान ने कल विभिन्न स्थानों पर अपने बयान में कहा कि बेटियों की पूजा सनातन संस्कार है, लेकिन इसको लेकर भी ‘नाटक नौटंकी’ की बात की जा रही है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि सनातन और शिवराज का विरोध करते हुए कोई नेता इतने निचले स्तर पर पहुंच जाएगा कि उन्हें बेटियों के सम्मान से भी तकलीफ होने लगी है। इसके बाद आज सुबह श्री सिंह ने इस मामले को लेकर फिर श्री चाैहान से सवाल किया है।

दरअसल राजधानी भोपाल में दो दिन पहले कन्या पूजन के बहाने एक गिरोह ने दो मासूम बच्चियों को अगवा कर लिया था। इस बीच पुलिस ने कोलार क्षेत्र में एक किराए के मकान दबिश दी, जिसमें अपह्त बच्चियां मिली, जिन्हें पुलिस ने आरोपियों के चंगुल से मुक्त करा लिया और मौके से एक नाबालिग लड़की सहित पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया। पकड़े गए परिवार के पास से दो और बच्चियां मिली हैं, इनमें एक तीन माह की है तथा एक ढाई वर्ष की है। पूछताछ में आरोपियों ने इन बच्चियों को अपनी बच्चियां बताया, लेकिन पुलिस को मामला संदेहास्पद लग रहा था। पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुयी है।

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प्रधानमंत्री ने लिखा प्रदेश की जनता के नाम पत्र

Visit the homes of mentally handicapped players and encourage them: Modi
Visit the homes of mentally handicapped players and encourage them: Modi

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश की जनता के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जिस तरह प्रदेश ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें असीम स्नेह देते हुए भारतीय जनता पार्टी को अभूतपूर्व विजय दिलाई, उन्हें विश्वास है कि उसी प्रकार जनता आगामी विधानसभा चुनाव में भी उन्हें (श्री मोदी को) समर्थन देते हुए पार्टी की सरकार बनवाएगी।

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने आज इस पत्र के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ‘मोदी के मन में मध्यप्रदेश’ है, इसलिए उन्होंने राज्य की जनता के नाम ये पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी नौ साल के अपने कार्यकाल में 35 बार मध्यप्रदेश आए हैं। उन्होंने राज्य के कल्याण के लिए एक लाख 17 हजार करोड़ रुपए से ऊपर की सौगातें दी हैं।

पत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मां नर्मदा की इस धरती को प्रणाम करते हुए लिखा है कि वे जब भी राज्य के दौरे पर आते हैं, यहां की जनता का उनके प्रति असीम स्नेह उन्हें ऊर्जा देता है। पिछले 20 साल में मध्यप्रदेश बीमारू की छवि से निकल कर सशक्त और स्वावलंबी बना है। इस अवधि में जनता ने पार्टी पर जो भरोसा दिखाया है, उसके बलबूते प्रदेश देश की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का विकास मॉडल पूरे देश के लिए गरीब कल्याण, महिला उत्थान एवं समग्र प्रोत्साहन का मॉडल बन गया है। भाजपा सरकार ने अपने गरीब कल्याण के संकल्प की सिद्धि के लिए प्रदेश के हर वंचित के लिए अनगिनत योजनाएं चलाई हैं, जिनके चलते आज प्रदेश में 1.36 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। 2014 से पहले, कांग्रेस सरकार के सौतेले व्यवहार के कारण, प्रदेश की भाजपा सरकार को जनकल्याण एवं प्रदेश के विकास में कठिनाइयां आती थी। आज पूरा देश साक्षी है कि 2014 के बाद केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश

के भीतर एक नयी क्षमता का विस्तार हुआ है।

प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘मेरा सदा से मध्यप्रदेश के साथ एक विशेष जुड़ाव रहा है, जिसके चलते आपने 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में मुझे असीम स्नेह देते हुए भाजपा को अभूतपूर्व विजय दिलाई थी, मुझे पूरा विश्वास है कि उसी तरह आने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी आप मुझ तक अपना सीधा समर्थन पहुंचाएंगे एवं भाजपा पर अपने अटूट विश्वास के चलते फिर इस बार डबल इंजन की सरकार बनाएँगे।’

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