Home Authors Posts by दिनेश गुप्ता

दिनेश गुप्ता

233 POSTS 0 COMMENTS
लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं पावर गैलरी पत्रिका के मुख्य संपादक है. संपर्क- 9425014193

मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार कोरोना के खिलाफ टीकों के डेवलपर्स को दिया गया

Nobel Prize for Medicine awarded to developers of vaccines against Corona
Nobel Prize for Medicine awarded to developers of vaccines against Corona

हंगेरियन-अमेरिकी बायोकेमिस्ट कैटालिन कारिको और अमेरिकी चिकित्सक-वैज्ञानिक ड्रू वीसमैन को कोविड-19 टीकों में इस्तेमाल की जाने वाली संशोधित मैसेंजर आरएनए (एमआरएनए) तकनीक विकसित करने के लिए मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।

नोबेल समिति ने सोमवार को इस पुरस्कार की घोषणा की।

नोबेल समिति ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा,“फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए प्रदान किया गया है, जिन्होंने कोविड ​​​​-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम किया है।”

इस साल कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल दिया गया। इन्हें न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह सम्मान दिया गया। इस खोज की वजह से कोरोनावायरस यानी कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास में मदद मिली। नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन ने कोरोलिंस्का संस्थान में विजेता की घोषणा की।

चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हो गई है। अब मंगलवार को भौतिकी, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा होगी। इसके अलावा नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा नौ अक्तूबर को की जाएगी।

पुरस्कारों में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर यानी दस लाख अमेरिकी डॉलर या दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है। धनराशि अवॉर्ड के संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी हुई वसीयत से आती है। 1896 में उनका निधन हो गया था।

Also Read: केंद्र देशव्यापी जातीय सर्वे कराए: जनता दल (यू)

मुख्यमंत्री की सभा में जा रही दो बसें दुर्घटनाग्रस्त, एक की मृत्यु

Two buses going to Chief Minister's meeting met with an accident, one dead
Two buses going to Chief Minister's meeting met with an accident, one dead

मध्यप्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर आज आयोजित होने वाली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में अलग-अलग थाना क्षेत्रों से आ रहीं दो बसों के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई।
भीकनगांव थाना प्रभारी मीना कर्णावत ने बताया कि यहां से 4 किलोमीटर दूर साइखेड़ी में एक निजी यात्री बस और दुपहिया वाहन की आमने-सामने टक्कर हो गयी। घटना में दुपहिया वाहन सवार मकाना की मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया निजी यात्री बस ग्रामीणों को खरगोन स्थित मुख्यमंत्री की सभा के लिये लेकर जा रही थी। बस चालक मौके से फरार हो गया।


इसी तरह झिरनिया थाना प्रभारी गणपत कनेल के अनुसार क्षेत्र में पलोना से ग्रामीणों को मुख्यमंत्री की सभा में लेकर जा रही एक बस के ब्रेक फेल हो जाने के चलते बस सड़क से नीचे उतर गई। घटना झुनकी घाट पर हुई। बस चालक को चोट आई हैं, शेष किसी के घायल होने की फिलहाल सूचना नहीं मिली है।

Also Read: मोदी शनिवार को पिछड़े प्रखंडों के लिए ‘संकल्प सप्ताह ‘ का शुभारंभ करेंगे

ग्वालियर में गुर्जर भड़के गाड़ियां तोडीं

कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी से अपनी आबादी के अनुसार टिकट की मांग कर रहे हैं गुर्जर समाज के लोग फूल बाग पर आयोजित सभा के बाद अचानक भड़क गए और तोड़फोड़ करने लगे। पुलिस से उनका टकराव हिंसक हो गया हिंसा पर उतारू समाज की युवा कलेक्टर कार्यालय में उसके और वहां भी तोड़फोड़ करने लगे।

फूलबाग मैदान पर गुर्जर महाकुंभ का आयोजन किया गया था। जिसमें करीब 8 से 10 राज्यों से गुर्जर समुदाय के लोग आए हैं। मंच से आमसभा की घोषणा की गई।होगी इसके रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया। लेकिन सोमवार दोपहर 2 बजे अचानक गुर्जर समाज के युवा आक्रोशित हो गए। एक भी अधिकारी के फूलबाग पर बात करने नहीं आने से नाराज होकर चौराहा पर जाम लगा दिया। इसी समय ड्यूटी पर तैनात सिरोल थाना की बोलेरो में सवार पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकना चाहा तो थाना की गाड़ी पर युवाओं ने हमला कर दिया और गाड़ी का कांच तोड़ दिया। इसके बाद सीएसपी नागेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे और आक्रोशित युवाओं को समझाया। इस घटना के बाद वहां फोर्स बढ़ा दिया गया।

ग्वालियर-चंबल अंचल की कई विधानसभा सीट ऐसी हैं जहां गुर्जर वोट बैंक हार जीत में काफी निर्णायक होता है।गुर्जर महाकुंभ के संयोजक दिनेश कंसाना निवासी ओहदपुर ने बताया कि 7 अगस्त को सातऊं गांव स्थित शीतला माता मंदिर से गुर्जर जागरण पदयात्रा निकली थी। यह कई शहरों और राज्यों में होने के बाद 48 दिन बाद फूलबाग मैदान पर सोमवार को पहुंची है। सोमवार को फूलबाग मैदान पर गुर्जर महाकुंभ का आयोजन किया गया है। यहां समाज के वरिष्ठजन ने सभा को संबोधित किया है। गुर्जर समाज के इतिहास और वर्तमान में उनकी मांगों को लेकर जागरुक करेंगे।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की भाजपा ने दूसरी सूची जारी की

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की भाजपा ने दूसरी सूची जारी की है।

भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल कल 39 नाम हैं। सभी दिग्गज नेता विधानसभा चुनाव मैदान में उतार दिए गए हैं।इनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल भी शामिल हैं। कुछ सांसदों को भी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया है। कैलाश विजयवर्गीय इंदौर 1 से भाजपा उम्मीदवार,केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी से चुनाव लड़ेंगे तथा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को नरसिंहपुर से उम्मीदवार बनाया गया है।

भाजपा उम्मीदवार
Bjp candidate

गांधी जयंती पर खादी का कोई न कोई उत्पाद खरीदने का आह्वान

A strong government with full majority is necessary to make laws like women's reservation: Modi
A strong government with full majority is necessary to make laws like women's reservation: Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में जर्मनी की एक लड़की कैसमी का उल्लेख किया, जो भारतीय संगीत गायन में पारंगत है।
श्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और भारतीय संगीत अब वैश्विक हो चुका है। दुनियाभर के लोगों का इनसे लगाव दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने जर्मनी की एक लड़की कैसमी का ऑडियो क्लिप सुनवाया और कहा, ” इसे सुनकर आप भी हैरान हो गए न। कितनी मधुर आवाज है और हर शब्द में जो भाव झलकते हैं, ईश्वर के प्रति इनका लगाव हम अनुभव कर सकते हैं। अगर मैं ये बताऊँ कि ये सुरीली आवाज जर्मनी की एक बेटी की है, तो शायद आप और अधिक हैरान होंगे। इस बिटिया का नाम – कैसमी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि जर्मनी की रहने वाली 21 वर्षीय कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वह भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही प्रेरणादायक है। कैसमी जन्म से ही देख नहीं पाती है, लेकिन ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई।‌ संगीत और रचनात्मकता को लेकर उनकी रुचि कुछ ऐसी थी कि बचपन से ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया।
श्री मोदी ने बताया कि भारतीय संगीत से कैसमी का परिचय 5-6 साल पहले ही हुआ। भारत के संगीत ने उनको इतना मोह लिया-इतना मोह लिया कि वो इसमें पूरी तरह से रम गई। उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है। वह कई सारी भारतीय भाषाओं में गाने में महारत हासिल कर चुकी हैं। संस्कृत, हिंदी, मलयालम, तमिल, कन्नड़ या फिर असमी, बंगाली, मराठी, उर्दू, उन्होंने इन सबमें अपने सुर साधे हैं। प्रधानमंत्री ने कैसमी की कन्नड़ और संस्कृत में गीत भी सुनवाया। उन्होंने कहा, ” भारतीय संस्कृति और संगीत को लेकर जर्मनी की कैसमी के इस जुनून की मैं ह्रदय से सराहना करता हूँ। उनका यह प्रयास हर भारतीय को अभिभूत करने वाला है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जी-20 के सफल आयोजन से भारत के प्रति दुनिया भर में रुचि बढ़ी है और पर्यटन को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।

श्री मोदी कहा कि पर्यटन को कुछ लोग सिर्फ सैर-सपाटे के तौर पर देखते हैं, लेकिन पर्यटन का एक बहुत बड़ा पहलू ‘रोजगार’ से जुड़ा है। सबसे कम निवेश में सबसे ज्यादा रोजगार, अगर कोई क्षेत्र पैदा करता है, तो वह पर्यटन क्षेत्र है। पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने में किसी भी देश के लिए सद्भावना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में भारत के प्रति आकर्षण बहुत बढ़ा है और जी-20 के सफल आयोजन के बाद दुनिया के लोगों की रुचि भारत में और बढ़ गयी है। जी -20 में एक लाख से ज्यादा प्रतिनिधि भारत आए। वे यहाँ की विविधता, अलग-अलग परम्पराएं, भांति-भांति का खानपान और धरोहरों से परिचित हुए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यहाँ आने वाले प्रतिनिधि अपने साथ जो शानदार अनुभव लेकर गए हैं, उससे पर्यटन का और विस्तार होगा। भारत में एक से बढ़कर एक विश्व धरोहर स्थल

भी हैं और इनकी संख्या लगातार बढती जा रही है। कुछ ही दिन पहले शान्तिनिकेतन और कर्नाटक के पवित्र होयसड़ा मंदिरों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। कर्नाटक के जिन होयसड़ा मंदिरों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है, उन्हें,13वीं शताब्दी के बेहतरीन वास्तु कला के लिए जाना जाता है। इन मंदिरों को मान्यता मिलना, मंदिर निर्माण की भारतीय परंपरा का भी सम्मान है। भारत में अब‌ विश्व धरोहर स्थल की कुल संख्या 42 हो गई है। भारत का प्रयास है कि हमारे ज्यादा-से-ज्यादा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगहों को विश्व धरोहर स्थल की मान्यता मिले।

उन्होंने कहा, “जब भी आप कहीं घूमने जाने की योजना बनाएं, तो ये प्रयास करें कि भारत की विविधता के दर्शन करें। आप अलग-अलग राज्यों की संस्कृति को समझें, धरोहर स्थल को देखें। इससे आप अपने देश के गौरवशाली इतिहास से तो परिचित होंगे ही, स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने का भी आप अहम माध्यम बनेंगे।

उन्होंने कहा, ” जहां तक संभव हो, आप भारत में बने सामानों की खरीदारी करें, भारतीय उत्पाद का उपयोग करें और भारत में निर्मित सामान का ही उपहार दें। आपकी छोटी सी कोशिश किसी दूसरे के परिवार की बहुत बड़ी ख़ुशी का कारण बनेगी। आप जो भारतीय सामान खरीदेंगे, उसका सीधा फ़ायदा, हमारे श्रमिकों, कामगारों, शिल्पकारों और अन्य विश्वकर्मा भाई-बहनों को मिलेगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल तो बहुत सारे स्टार्टअप भी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दे रहे हैं। आप स्थानीय चीजें खरीदेंगे तो इन युवाओं को भी फ़ायदा होगा।

निशा डांगरे इस्तीफा मंजूर न‌ होने से नाराज़, कहा हर हाल में चुनाव लडूंगी

आगामी विधानसभा चुनाव में मैं नामांकन भरूंगी भी,और चुनाव लडूंगी भी । इसके बाद भी यदि द्वेष पूर्ण भावना के द्वारा मेरा नामांकन खारिज किया जाता है या मेरा इस्तीफा अस्वीकार करके चुनाव लड़ने से रोका जाता है तो अपने अधिकारों से वंचित रहकर जीवित रहने से बेहतर मैं आमरण अनशन कर अपने प्राण त्यागना पसंद करूंगी।

आज निशा बांगरे (पूर्व डिप्टी कलेक्टर) के एक वीडियो मैसेज ने राजनीतिक गलियारों में सनसनी मचा दिया।
उन्होंने घोषणा किया कि दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती और अगर दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई के द्वारा उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाता है या उन्हें परेशान करने की नीयत से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है तो वह आमरण अनशन करके अपने प्राण त्याग देंगे परंतु अपने अधिकारों से समझौता करके जीना पसंद नहीं करेंगे।

निशा बांगरे का वीडियो

उन्होंने अपनी वीडियो मैसेज में जनता के सामने अपनी बात रखी और बताया कि किस तरीके से उन्हें अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना में जाने से तथा भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने से शासन के पत्र द्वारा उन्हें रोका गया और जब इससे आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दिया तो उन्हें तरह तरह से परेशान किया जा रहा है।
इस्तीफा उन्होंने इसलिए दिया था ताकि वह अपने घर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हो सके। इसीलिए इस्तीफा देने के बाद ही वह कार्यक्रम में सम्मिलित हुई।
इसके बावजूद शासन के द्वारा बैक डेट पर उन्हें नोटिस जारी किए गए।
एक महीने तक उनके इस्तीफा पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। और इसके बाद जब वह न्याय के लिए हाई कोर्ट की शरण में गई तो कोर्ट को भी गुमराह करते हुए शासन ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के विपरीत है । सुश्री बांगरे ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ अपने घर के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के कारण विभागीय जांच शुरू की गई। फिर उसी जांच का हवाला देकर उनके इस्तीफा को अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने आज अपने वीडियो मैसेज से आमला की जनता को यह स्पष्ट संदेश दिया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगीं। अथवा क्या वह निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली हैं।उनके इस वीडियो मैसेज के बाद भाजपा और कांग्रेस के सभी दावेदारों में खलबली मच गई है। उल्लेखनीय है कि निशा बांगरे ने कुछ माह पूर्व सरकार के निर्देशों की परवाह न करते हुए आमला में बड़ा धार्मिक आयोजन किया था।उनके कार्यक्रम में जनसैलाब भी स्वतः उमड़ पड़ा था।

मोदी के लिए सभी मुमकिन है लेकिन,उन्हें समझना नामुमकिन है

Everything is possible for Modi but it is impossible to understand him.
Everything is possible for Modi but it is impossible to understand him.

लगभग तीन दशक से महिला आरक्षण के जिस बिल पर सहमति नहीं बन पा रही थी,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बगैर किसी मेहनत के संसद से पारित करा दिया। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए नामुमकिन कुछ भी नहीं है। उन्हें समझना जरूर नामुमकिन है। संसद का विशेष सत्र बुलाने की जिस दिन घोषणा हुई उस दिन किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि यह किस उद्देश्य से बुलाया जा रहा है।

मीडिया ने कई तरह के अनुमान सामने रखे। इनमें देश का नाम बदलने की बात प्रमुख रूप से सामने आई थी। देश का नाम बदलने का विचार प्रधानमंत्री के जहन में है या नहीं इसे लेकर कोई दावा किया जाना उचित भी नहीं है। लेकिन,यह तय है कि वे भारत से इंडिया को अलग नहीं करना चाहते। शायद यही कारण है कि उन्हें विपक्षी गठबंधन को इंडी नाम से संबोधित करना शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री के इंडी कहने के बाद भारतीय जनता पार्टी के लगभग हर नेता ने विपक्ष पर हमले के लिए इंडी का उपयोग शुरू कर दिया। इंडी के आने से इंडिया अस्तित्व बच गया,यह अनुमान जरूर लगाया जा सकता है। इस बात में भी कोई संशय नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता अंग्रेजी के पत्रों में भी गवर्नमेंट ऑफ भारत ही लिखेंगे। राष्ट्रपति द्रोपदी मुमु्र ने इसकी राह भी दिखा दी है। भारत और इंडिया का जो घटनाक्रम पिछले दिनों देश में चला उसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की गतिविधियों और बयानों से यह सहज ही अंदाजा लग जाता है कि विचार की प्रक्रिया कितनी लंबी रही होगी?

विपक्षी गठबंधन को जब घमंडिया गठबंधन का नाम दिया गया तो उसका असर उल्टा ही सामने आया। इसका आकलन करने के बाद ही इंडी गठबंधन का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन,इस नाम से भी विपक्ष पर हमला लोगों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है। संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का दूसरा अनुमान एक राष्ट्र और एक चुनाव को लेकर भी लगाया गया। इस कयास को हवा भी भारतीय जनता पार्टी की ओर से ही दी गई। केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर यह संदेश देने की कोशिश भी की कि सरकार लोकसभा के साथ कुछ विधानसभा के चुनाव भी करा सकती है।

लेकिन, जल्द ही यह बात भी सामने आ गई कि संसद के विशेष सत्र का उद्देश्य एक-एक राष्ट्र एक चुनाव भी नहीं है। दरअसल संसद का विशेष सत्र बुलाने का उद्देश्य जी-20 की उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीठ थपथपाने का ज्यादा नजर आया। सरकार ने चंद्रयान तीन उपलब्धि पर चर्चा के लिए जिस तरह संसद का उपयोग किया वह सिर्फ सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण ही संभव हो पाया।


लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में महिलाओं के लिए तैंतीस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पारित हो जाने के बाद आगे की राजनीति आरक्षण और जाति के ईद गिर्द बढ़ती दिखाई दे रही है। पिछड़ा वर्ग राजनीति के केंद्र में हैं। जातिगत जनगणना की मांग के पीछे भी अन्य पिछड़ा वर्ग ही महत्वपूर्ण कारक है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल जातिगत जनगणना की मांग भी ओबीसी को केंद्र में ही रखकर कर रहे हैं  ।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान ओबीसी की उपेक्षा का मुद्दा सोची-समझी रणनीति के तहत ही उठाया। भारत सरकार में सचिव स्तर पर ओबीसी की हिस्सेदारी के मुद्दे के बाद भारतीय जनता पार्टी का तिलमिलाना स्वाभाविक था। राज्यसभा में भी इस मुद्दे की धमक देखी गई। भारतीय जनता पार्टी के नेता महिला आरक्षण से होने वाले सामाजिक राजनीतिक बदलाव पर बात करने के बजाए कांगे्रस पर ओबीसी की उपेक्षा का आरोप लगाते दिखे। महिलाओं को संसद एवं विधानसभाओं में तैंतीस प्रतिशत आरक्षण कब मिलेगा कोई नहीं जानता। सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि वो देश की जनगणना लोकसभा चुनाव के बाद शुरू कराएगी।

जनगणना आंकड़े 2021 में आना था। लेकिन,कोविड की महामारी के कारण सरकार ने जनगणना का काम नहीं कराया। जनगणना के आंकड़े आने के बाद परिसीमन आयोग काम शुरू करेगा। उसके बाद ही महिलाओं को संसद में हिस्सेदारी मिल पाएगी। जाहिर है कि तब देश में 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारी चल रही होगी।


भारतीय जनता पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने के लेकर पूरी तरह आश्वस्त दिखाई दे रही है। सनातन के मुद्द ने उसके बिखरते वोट बैंक को एकजुट कर दिया। महिलाओं का वोट भी भाजपा अपने पक्ष में मानकर चल रही है लेकिन,ओबीसी आरक्षण का मुद्दा तूल पकड़ता है तो राजनीति भी बदलेगी। भाजपा कह रही है कि उसने देश में नरेंद्र मोदी के रूप में पहला ओबीसी प्रधानमंत्री दिया है। ओबीसी को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण दिए जाने की मांग भारतीय जनता पार्टी के भीतर भी उठने लगी है। उमा भारती इस आवाज का नेतृत्व करती दिखाई दे रहीं हैं।

Also Read: प्रधानमंत्री पांच अक्टूबर को रखेंगे केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला

मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना तत्काल आरंभ होगी- शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शन देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में हितग्राहियों से फार्म भरवाने के कार्य का शुभारंभ किया।
श्री चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में हुए राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हरदा जिले के ग्राम जिनवानिया की श्रीमती नमिता रनवे और भैंरूदा सीहोर के श्री प्रेमनारायण पंवार के आवेदन भरवाकर योजना में नामांकन की प्रक्रिया आरंभ की। उन्होंने कहा कि योजना में 3 एचपी या अधिक क्षमता के स्थाई पंप कनेक्शन के लिए 200 मीटर तक की दूरी की 11के.वी. लाइन के विस्तार, वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना और निम्न दाब लाइन केबल विस्तार कार्य शामिल हैं। योजना में समस्त सामग्री सहित विस्तार कार्य और इसका संधारण विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाएगा। इस कार्य का 50 प्रतिशत व्यय शासन द्वारा और 50 प्रतिशत कृषक या कृषक समूह द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन तत्काल आरंभ किया जा रहा है।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल तथा ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर उपस्थित थे। प्रदेश के सभी जिले कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े। अतिथिगणों को तुलसी का पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया गया।
श्री चौहान ने कहा है कि किसान हमारे अन्नदाता के साथ-साथ हमारे प्राणदाता भी हैं। वे यदि खेतों में ना खपें तो हमारा जीवन दो-चार दिन भी नहीं चल पायेगा। किसानों की मेहनत, त्याग और तपस्या ने ही मध्य प्रदेश को कृषि क्षेत्र में देश में अव्वल बनाया है। हमारे शरबती गेहूं, चिन्नोर चावल को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है। प्रदेश में 2002-03 में खाद्यान्न उत्पादन 159 लाख मैट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 619 लाख मैट्रिक टन हो गया है।
सरकार ने किसानों के लिए 0 प्रतिशत ब्याज पर ऋण के साथ-साथ पर्याप्त बिजली और सिंचाई की व्यवस्था की है। हर किसान को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है। केन बेतवा लिंक परियोजना को स्वीकृति प्राप्त हो गई है, इससे प्रदेश में सिंचाई का रकबा और बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसान कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। वर्षा से यदि कहीं नुकसान हुआ है तो किसान चिंता ना करें, उन्हें सर्वे करा कर सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे किसानों को नई सौगातों के संबंध में जल्दी मिलेंगे। किसान के सुख-दु:ख की चिंता करना हमारा धर्म है। मैं शीघ्र ही पुन: किसानों से मिलने वाला हूँ, उनके खातों में मुख्यमंत्री किसान निधि से दो-दो हजार रुपये जारी करना हैं, बीमा की राशि जारी करनी है, इसके साथ ही किसानों और भी सौगातें देना है। प्रदेश में पर्याप्त वर्षा हुई है, पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध है, विद्युत आपूर्ति भी आवश्यकतानुसार हो रही है। अत: चिंता की कोई बात नहीं है। अन्नदाता सुखी रहेगा और सरकार किसानों की सेवा करती रहेगी।
श्री चौहान ने कहा कि एक जमाना था जब केवल तीन से चार घंटे बिजली मिलती थी। एक जमाना था जब फसलें खेत में सूखतीं थीं। प्रदेश में बिजली का कुल उत्पादन मात्र 2900 मेगावाट था। आज प्रदेश में 29 हजार मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। सिंचाई क्षमता 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 47 लाख हेक्टेयर हो चुकी है, 65 लाख हेक्टेय़र से अधिक क्षेत्र को संचित करना हमारा लक्ष्य है। हम अपने संकल्प के अनुरूप हर खेत को पानी देंगे।
श्री चौहान ने कहा कि कुछ दिन पहले वर्षा न होने के कारण चिंता की स्थिति बनी थीं, पानी की कमी के काऱण खेत में दरारें पड़ गईं थी, बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही थी। ऐसा लग रहा था मानों हम अकाल की तरफ बढ़ रहे हैं। इस परिस्थिति में मैंने बाबा महाकाल से प्रार्थना की, आप सब भी इस प्रार्थना में शामिल रहे। भगवान की कृपा से हमारे तालाब, बांध आदि सब भरें हैं, अब कोई चिंता नहीं है। यह सत्य है कि “धर्मात्मा सरकार चलाते हैं तो परमात्मा भी प्रसन्न होते हैं”
श्री तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी। किसान भाई योजना का लाभ लें और कृषि उत्पादन बढ़ायें।

फ्रांसवा जोज़फ 20 सितंबर को  औपचारिक रुप से ऑस्ट्रिया हंग्री के सम्राट बने थे 

 भारतीय एवं विश्व इतिहास में 20 सितंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार है।
1697- राइन्सविक की संधि पर फ्रांस और ग्रैंडअलांस के बीच हस्ताक्षर किए गए थे, जो नौ साल के युद्ध को समाप्त कर रहे थे।
1797- बोस्टन में यूएस फ्रिगेट संविधान (ओल्ड इरोनसाइड्स) लॉन्च किया गया।
1803- आयरिश विद्रोही रॉबर्ट एम्मेट को निष्पादित किया गया।
1819- कार्ल्सबैड डिक्रस जर्मन परिसंघ भर में जारी किए गए।
1831- भाप से चलने वाली पहली बस बनाई गयी। 30 लोगों की क्षमता तथा अत्यंत धीमी गति से चलने वाली इस बस के अविष्कारक गोर्डन ब्रान्ज़ थे।
1839- नीदललैंड के पहले रेल मार्ग एम्सटरडम से हार्लेम का उद्घाटन हुआ।
1848- विज्ञान की प्रगति के लिए अमेरिकन एसोसिएशन बनाया गया।
1867- ऑस्ट्रिया में हंग्री के विलय के पश्चात फ्रांसवा जोज़फ औपचारिक रुप से ऑस्ट्रिया हंग्री के सम्राट बने।
1881- चेस्टर ए आर्थर ने 21 वे राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की।
1884- सैन फ्रांसिस्को में ‘इच्ल राइट्स पार्टी’ का गठन किया गया।
1906- उस समय का सबसे बड़ा और सबसे तेज जहाज इंतेहाई दुनिया का महासागर लाइनर आरएमएस मूरतनिया लॉन्च किया गया था।
1925- हेरोल्ड लॉयड कॉमेडी फिल्म द फ्रेशमैन को परदे पर दिखाया गया।
1933-अग्रणी थियोसोफिस्ट, महिला अधिकारों की समर्थक, लेखक, वक्ता एवं भारत-प्रेमी महिला डाक्टर एनी बेसेन्ट का निधन हुआ।
1943- द्वितीय विश्व युद्ध-ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने न्यू गिनी में काईपिट की लड़ाई में शाही जापानी सैनिकों को हराया।
1946- पहला कान फिल्म फेस्टिवल कान्स के रिसॉर्ट शहर में खोला गया। यह एक वार्षिक उत्सव होगा जो फ्रेंच रिवेरा पर होगा।
1954- आईबीएएम द्वारा विकसित फोरट्रान भाषा के पहले प्रोग्राम को कंप्यूटर पर चलाया गया।
1970- रूसी प्रोब ने चांद के सतह से कुछ चट्टानें इकट्ठा की।
1971- हरिकेन इरेन (उपग्रह चित्र।) ने निकारागुआटो को सफलतापूर्वक अटलांटिक महासागर से प्रशांत में पार करने वाला पहला ज्ञात उष्णकटिबंधीय चक्रवात बन गया।
1973- दुनिया के मशहूर बैटल ऑफ सस्केस में बिली जीन किंग ने जीत दर्ज की।
1977- पश्चिमी सोवियत संघ, फिनलैंड और डेनमार्क में अज्ञात प्रकृति के खगोलीय दृश्यों की एक श्रृंखला देखी गई।
1977- पश्चिमी सोवियत संघ, फिनलैंड और डेनमार्क में अज्ञात प्रकृति की खगोलीय घटनाओं की एक श्रृंखला देखी गई।
1990- अमेरिका नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण करता है।
1992- फ्रांसीसी मतदाताओं ने मास्ट्रिच संधि को मंजूरी दी।
1995- संयुक्त राज्य महासभा का 50वां अधिवेशन हुआ।
2001- यूनाइटेडस्टेट्स कांग्रेस के एक संयुक्त सत्र के लिए एक टेलीविज़न पते के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अल-कायदा और अन्य वैश्विक आतंकवादी समूहों के खिलाफ एक ‘युद्ध onterror’ घोषित किया।
2007- कनाडाई डॉलर 1976 के बाद पहली बार अमेरिकी डॉलर के साथ संक्षेप में पहुंच गया।
2007- अमेरिका के लुईसिआना में अपने श्वेत सहपाठी को प्रताड़ित करने के आरोप में सजा पाने वाले छह अश्वेत युवकों के समर्थन में 15000 से 20000 प्रदर्शनकारियों ने मार्च किया।
2008- पाकिस्तान के इस्लामाबाद में मैरियटहोटल के सामने एक विस्फोटक से भरे ट्रक में विस्फोट हो गया, जिसमें 54 लोग मारे गए और 26 अन्य घायल हो गए।
2009- टैडग केनेली केरी के साथ ऑल-आयरलैंड सीनियर फुटबॉल चैम्पियनशिप फाइनल जीतकर ऑस्ट्रेलियाई नियम फुटबॉल और गेलिक फुटबॉल में शीर्ष पुरस्कार जीतने वाले पहले व्यक्ति बन गए।
2010- चंद्रमा के बगल में रात के आकाश में सबसे चमकीली वस्तु बृहस्पति ग्रह है। यह 1963 के बाद से पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचता है, जिसके परिणामस्वरूप यह नग्न आंखों के लिए भी दिखाई देता है।
2011- अमेरिकी आधिकारिक तौर पर “न पूछें, न बताएं” सैन्य नीति को समाप्त करता है, जिससे समलैंगिक और समलैंगिक कर्मियों को सार्वजनिक रूप से अपने यौन अभिविन्यास की घोषणा करने की अनुमति मिलती है।
2011- संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी ‘न पूछें, न बताएं’ नीति को समाप्त किया, जिससे समलैंगिक और समलैंगिकों को सेना में खुलेआम सेवा करने की अनुमति मिली।
2013- अमेरिकी ओबामा प्रशासन और ईपीए का प्रस्ताव है कि नए कोयला संयंत्र पर्यावरण में हानिकारक उत्सर्जन को कम करने के लिए वर्तमान कोयला संयंत्रों की तुलना में कम से कम 40प्रतिशत क्लीनर होंगे।
2014- इराक के मोसुल में जून के अपहरण के बाद तुर्की सरकार द्वारा लागू किए गए एक ऑपरेशन के बाद इस्लामिक स्टेट के 49 बंधकों को मुक्त कर दिया गया।

एशिया कप फाइनल के लिये वाशिंगटन को बुलाया गया

एशिया कप के फाइनल से पहले बंगलादेश के खिलाफ मैच के दौरान चोटिल हुये ऑलराउंडर अक्षर पटेल के कवर के रूप में वॉशिंगटन सुंदर को बुलाया गया है।

वाशिंगटन सुंदर अक्षर पटेल के कवर के रूप में श्रीलंका के खिलाफ रविवार को होने वाले फाइनल से पहले कोलंबो में भारत की एशिया कप टीम के साथ जुड़ने के लिए रवाना हो गए हैं। बंगलादेश के साथ एशिया कप के सुपर फोर के अंतिम मैच में अक्षर चोटिल हो गए थे। अभी तक यह साफ नहीं है कि अक्षर पटेल फाइनल में खेलेंगे या नहीं, हालांकि भारतीय टीम प्रबंधन ने एहतियातन सुंदर को कोलंबो बुलाया है।

उल्लेखनीय है कि बंगलादेश के खिलाफ शुक्रवार को सुपर फोर मुकाबले में थ्रो से चोट लगने के बाद अक्षर की बांह में सूजन आ गई है।

ईएसपीएनक्रिकइन्फो का मानान है कि अक्षर के हाथ में कोई फ्रैक्चर नहीं है और यह कदम सिर्फ एहतियाती है क्योंकि बल्लेबाजी के दौरान क्रीज में फुल-स्ट्रेच डाइव लगाने का प्रयास करते समय अक्षर की कलाई पर भी चोट लग गई थी। अक्षर ने हैमस्ट्रिंग की जकड़न की भी शिकायत की, जिस पर बल्लेबाजी करते समय टेप लगाने की जरूरत पड़ी। फाइनल के लिए उनकी उपलब्धता पर अंतिम फैसला लेने से पहले अगले 24 घंटों तक उनकी निगरानी की जाएगी ।

वॉशिंगटन एशियन गेम्स के लिए चुनी गई भारतीय़ क्रिकेट टीम में भी शामिल हैं और जल्द ही कोलंबो में टीम से जुड़ जाएंगे। वॉशिंगटन का एशिया कप के फाइनल में टीम इंडिया से जुड़ना चौंकाने वाला नहीं है क्योंकि श्रीलंका के बैटिंग ऑर्डर में बाएं हाथ के कई बल्लेबाज हैं। वाशिंगटन की ऑफ ब्रेक गेंदबाजी पावरप्ले में टीम इंडिया के कारगर साबित हो सकती है। अक्षर पटेल वर्ल्ड कप के लिहाज से टीम इंडिया के लिए काफी अहम खिलाड़ी हैं। इसी वजह से भारतीय टीम मैनेजमेंट उनके साथ कोई जोखिम नहीं ले सकती हैं।

सुपर फोर के अंतिम मैच में चोट लगने के बावजूद अक्षर ने बल्लेबाजी जारी रखी और टीम फिजियो ने समय समय पर आकर उनकी कलई में स्प्रे किया। उन्होंने भारत के 266 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 38 गेंदों में 42 रनों की शानदार पारी खेली। भारत आखिरकार छह रन से जीत हासिल करने से चूक गया।

भारत की मौजूदा टीम में एक ऑफस्पिनर की कमी है। टीम प्रबंधन को उम्मीद है कि अक्षर और रवींद्र जड़ेजा के रूप में दो बाएं हाथ के स्पिनिंग ऑलराउंडरों की मौजूदगी से इसकी भरपाई की जा सकती है। इस बीच, कुलदीप यादव भारत की 15 सदस्यीय टीम में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर हैं।