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बलात्कारी बाबा  राम रहीम को 20 साल की सजा:बाबा बोला माफ़ कर दो

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने अपनी दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म करने के अपराध में 20 साल की सजा सुनाई है। गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म के दोनों अपराधों के लिए 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
राम रहीम को यह दोनों सजाएं एक के बाद एक भुगतनी होंगी। अदालत ने राम रहीम पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की इस राशि में से प्रत्येक पीड़िता को 14 लाख रुपये दिए जाएंगे।

सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने आज रोहतक की सुनारिया जेल में बने विशेष कोर्ट में  सजा सुनाई गई है। बहस के दौरान सीबीआई के वकील ने बाबा राम रहीम को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की थी। वहीं बाबा राम रहीम के वकीलों ने कम से कम सजा देने की मांग की थी। खास बात ये है कि सीबीआई न्यायाधीश को हवाई मार्ग यानी हेलिकॉप्टर से रोहतक की जेल लाया गया था। राम रहीम को शुक्रवार को यौन शोषण का दोषी करार दिया गया था।जैसे ही अदालत ने बाबा को दोषी करार दिया था उस के फौरन बाद बाबा के समर्थकों ने हिंसा और आगजनी की थी जिस में 35 लोगो की जान चली गई थी। बाबा पर आईपीसी की 376 ,506 ,509 धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था। हरियाणा और पंजाब में आज सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

 

क्या है पूरा मामला

ये वाकया है साल 2002 का। उस समय डेरा की साध्वी ने एक अनाम खत तत्कालनी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखते हुए कहा था कि उनका डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख ने यौन शोषण किया। प्रधानमंत्री के नाम लिखे इस पत्र में साध्वी ने ये भी लिखा था कि गुरमीत राम रहीम ने सिरसा में बने डेरा के अंदर कई अन्य महिला साध्वियों का भी यौन शोषण किया।
दरअसल, साल 2002 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने साध्वी की तरफ से तत्कालीन प्रधानमंत्री को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ लिखे यौन शोषण के पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई को डेरा चीफ राम रहीम के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा। उसके बाद पूरे मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया। केन्द्रीय जांच एजेंसी ने उस समय 18 साध्वियों से पूछताछ की जिनमें से दो ने बाबा राम रहीम के खिलाफ रेप का संगीन आरोप लगाया। सीबीआई की विशेष अदालत में 30 जुलाई 2007 को चार्जशीट दाखिल की गई जिसमें साध्वी के बयान को उसका अहम हिस्सा बनाया गया था।

केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने संभाला सृजन घोटाले की जांच का जिम्मा संभाला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार में करोड़ों रुपये के सृजन घोटाले की जांच का काम सम्भाल लिया है और इस सिलसिले में 10 प्राथमिकियां दर्ज की हैं ।  सीबीआई ने बिहार सरकार के अनुरोध और तत्संबंधी  केंद्र सरकार की अनुशंसा के बाद 1000 करोड़ रुपये के चर्चित सृजन घोटाले की जांच का जिम्मा संभाला है।

जांच एजेंसी ने इस घोटाले से जुड़े,  उन मामलों में 10 प्राथमिकियां दर्ज की हैं , जिनकी जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही थी।

सीबीआई ने जिनके खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की हैं, उनमें गैर-सरकारी संगठन सृजन महिला विकास समिति की निदेशक एवं संस्थापक मनोरमा देवी, संगठन के अन्य पदाधिकारी तथा बैठक अधिकारी शामिल हैं ।

मनोरमा देवी का निधन 2017 के शुरू में हो गया था। इसके बाद से एनजीओ का संचालन उनके बेटे अमित कुमार कर रहे थे।

गौरतलब है कि जब सीबीआई किसी मामले की जांच शुरू करती है तो वह उस सिलसिले में पहले से दर्ज प्राथमिकी को ज्यों का त्यों उठा लेती है, लेकिन जांच के बाद वह नये सिरे से भी प्राथमिकी दर्ज कर सकती है, या आरोप-पत्र दायर करते वक्त उसमें अपनी जांच के परिणाम के अनुरूप फेरबदल कर सकती है।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने मनी लांडरिंग के पैसे से खरीदी 200 बीघा जमीन

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने चार मुखौटा कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपये अवैध को वैध किया और राजधानी में 200 बीघा जमीन खरीदी।  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सूत्रों ने आज यहां बताया कि श्री जैन के खिलाफ आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने (डीए) के मामले की गयी जांच के दौरान यह पता चला है कि 2010 से लेकर 2016 के बीच आप नेता ने राजधानी के औचंदी बॉर्डर, बवाना, कराला और मोहम्मद माजवी गांवों में 200 बीघा जमीन खरीदी है। सूत्रों के अनुसार श्री जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन,वैभव जैन, सुनील कुमार जैन और अंकुश  जैन इन चार मुखौटा कंपनियों के निदेशक रहे है। ये कंपनियां है-अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशन, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड तथा मंगलायतन प्रोजेक्ट्स। जैन दम्पती की हिस्सेदारी इन कंपनियों में  एक तिहाई है।

इन मुखौटा कंपनियों ने कोलकाता की 30 कंपनियों के मायम से कालेधन को सफेद किया, जिनका संचालन राजेन्द्र बंसल, जिवेन्द्र मिश्रा और अभिषेक चौखानी के हाथों होता था।

 

सीबीआई ने अप्रैल 2017 में ‘प्रारंभिक जांच‘(पीई) शुरू की थी। जांच के दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि 2015-16 के दौरान इन्होंने चार करोड़ 63 लाख रुपये के काले धन सफेद किये। श्री जैन के खिलाफ आरोप है कि 2010-12 के बीच भी इन्होंने 11 करोड़ 78 लाख रुपये की मनी लांडरिंग की थी।

 

सूत्रों ने दावा किया कि सार्वजनिक जीवन में आने के बाद भी जैन दम्पती ने आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक सम्पत्ति अर्जित की है। मुखौटा कंपनियों में एक तिहाई की हिस्सेदारी के हिसाब से भी यदि जैन दम्पती की कमाई का हिसाब लगाया जाये तो भी श्री जैन या उनकी पत्नी ने एक करोड़ 62 लाख रुपये की कमाई के संबंध में कोई स्पष्टोत नहीं बताया है।

 

आयकर विभाग ने भी इस राशि के बारे में दम्पती जैन से लेखा-जोखा मांगा था, जिसके खिलाफ श्री जैन दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचे थे, जिसने गत मई में यह अपील ठुकरा दी थी।

लालू पर आयकर और चिदंबरम पर सीबीआई का जाल

लालू पर आयकर और चिदंबरम पर सीबीआई का जाल राजनीतिक क्षेत्रों में ऐसा माना जा रहा है कि कांगे्रस नेता पी.चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति पर सीबीआई तथा
लालू पर आयकर और चिदंबरम पर सीबीआई का जाल राजनीतिक क्षेत्रों में ऐसा माना जा रहा है कि कांगे्रस नेता पी.चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति पर सीबीआई तथा

लालू पर आयकर और चिदंबरम पर सीबीआई का जाल

राजनीतिक क्षेत्रों में ऐसा माना जा रहा है कि कांगे्रस नेता पी.चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति पर सीबीआई तथाा राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी दामाद पर आयकर विभाग ने अपना जाल राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर डाला है। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष अपना साझा उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रहा है।

चिदंबरम पर छापा एफआईपीबी केस के कारण

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति के आवास समेत चेन्नई, दिल्ली और गुरूग्राम में सीबीआई सीबीआई के छापे जारी है। पता चला है कि सीबीआई ने यह छापे एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित आपराधिक कदाचार के संबंध में छापे मारे हैं। एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने के मामले में हाल ही में मामला दर्ज कराया है। आरोप हैं कि एफआईपीबी को लाभ तब पहुंचाया गया जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे।

लालू परिवार हजार करोड़ के सौदे का शिकार

इधर, आयकर विभाग ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से जुडे एक भूमि सौदे में शामिल लोगों और कारोबारियों के यहां तलाशी ली गई। लगभग 1,000 करोड रूपये के बेनामी सौदों और उसके बाद कर चोरी के मामले हैं। कर विभाग और पुलिस विभाग के लगभग 100 अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं। आयकर विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों  में कम से कम 22 स्थानों पर छापेमारी की और सर्वे किया। ये कार्रवाई राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव तथा अन्य से संबंधित 1,000 करोड रूपये के कथित बेनामी सौदों के मामले में की गई। सूर्योदय के पहले ही आयकर विभाग ने इन ठिकानों को घेर लिया था। दिल्ली, गुडगांव, रेवाडी में कुछ जानेमाने कारोबारियों तथा रियल एस्टेट एजेंटों तथा अन्य के परिसरों पर छापेमारी शुरू की। राजद के सांसद पीसी गुप्ता और कुछ अन्य कारोबारियों के परिसरों पर भी तलाशी ली गई।छापेमारी एक दर्जन स्थानों पर की गई जबकि परिसरों का सर्वे किया गया। पिछले सप्ताह ही भाजपा नेताओं ने इस एक हजार करोड़ रूपए की बेनामी संपत्ति का मामला उजागर किया था। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया है कि कंपनी का पता लालू के आधिकारिक निवास का लिखा है।

चिदंबरम बोले आवाज दबेगी नहीं

छापों के बारे मंे पूछे जाने पर पी चिदंबरम ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि आपको अपने सीबीआई मित्रों से बात करनी चाहिए थी। उन्होंने झुंझलाते हुए कहा कि क्या मैं सरकार के खिलाफ लिखना बंद कर दूं? चिदंबरम चेन्नई में नहीं हैं। उन्होंने पूरी सीबीआई की कार्यवाही को बकवास बताया है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के धुर विरोधी पी. चिंदबरम पहले कह चुके हैं कि उनके अथवा उनके पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज करा कर केन्द्र के खिलाफ उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता।