केरल में आए भयंकर बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य में पिछले 10 दिनों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 370 हो गई है। बाढ़ के प्रभाव में पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक भी बुरी तरह से आ गए हैं। केरल की मदद के लिए कई राज्य आगे आ रहे हैं और मुख्यमंत्री राहत कोष में खुल कर डोनेट कर रहे हैं। लाखों लोग रिलीफ कैंप में रहने को मजबूर हैं। हर तरफ से मदद के हाथ बढ़ रहे हैं। इसमें इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन का काम भी काफी अहम रहा है।
इसरो के पांच सैटेलाइट बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और पल-पल की जानकारी दे रहे हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को राहत और बचाव कार्य में मदद मिल रही है। इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि, ओशनसेट-2, रिसोर्ससेट-2, कार्टोसेट-2 और 2A के अलावा इनसेट 3DR सैटेलाइट बाढ़ से जुड़ी रियल टाइम तस्वीरें ग्राउंड स्टेशन पर लगातार भेज रहे हैं। जिससे बाढ़ की स्थिति समझने और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में काफी मदद मिल रही है। सैटेलाइट से मिले इन आंकड़ों की मदद से बाढ़ को लेकर अलर्ट, कहां बारिश के बाद पानी भर रहा है, आगे मौसम कैसा रहेगा। इसकी जानकारी मिल रही है।
इन आंकड़ों को हैदराबाद के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर( NRSC) के डिसीजन सपोर्ट सेंटर( DSC) के पास भेजा जाता है, जहां पर इसका परीक्षण करके राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को जानकारी भेजी जा रही है। इसमें इनसैट-3DR सबसे अहम रोल निभा रहा है। ये मौसम की जानकारी देने वाला उन्नत सैटेलाइट है, जिसमें इमेजिंग सिस्टम के अलावा तापमान, आर्द्रता की सटीक जानकारी देने की क्षमता है।
वहीं दूसरे रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट कार्टोसेट और रिसोर्ससेट बाढ़ग्रस्त इलाकों की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें भेजते हैं, जिससे पहले ही बाढ़ की सटीक जानकारी संबंधित विभागों को भेजने में मदद मिल रही है। शनिवार को केंद्र की तरफ से 500 करोड़ रुपए की तत्काल वित्तीय सहायता की घोषणा की गई। इससे पहले केंद्र द्वारा 100 करोड़ रुपये की घोषणा की गई थी।