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आरिफ अलवी बने पाकिस्तान के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के डेंटिस्ट के बेटे हैं अलवी

पाकिस्तान के राष्ट्रपति चुनाव में डॉ आरिफ अलवी को पाकिस्तान का नया राष्ट्रपति चुना गया है। डॉ आरिफ प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी माने जाते है। 69 साल के पूर्व डेंटिस्ट अलवी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार ऐतजाज अहसन और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के उम्मीदवार मौलाना फजल उर रहमान को त्रिकोणीय मुकाबले में मात दी और देश के 13वें राष्ट्रपति चुने गए है।जीत के बाद अपने पहले भाषण में अलवी ने प्रधानमंत्री इमरान खान को उन्हें इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए नामांकित करने पर धन्यवाद दिया। अलवी ने कहा, ‘आज से मैं सिर्फ पीटीआई की ओर से नामित राष्ट्रपति नहीं हूं, बल्कि मैं पूरे देश और सभी दलों का राष्ट्रपति हूं। सभी दल मेरे समक्ष समान हैं। ‘ बता दें कि आरिफ अल्वी का भारत से पुराना कनेक्शन है।

दरअसल, पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति बने आरिफ अल्वी के पिता डॉ. हबीब उर रहमान इलाही अल्वी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के डेंटिस्ट रहे थे। निवर्तमान राष्ट्रपति ममनून हुसैन का पांच साल का कार्यकाल आठ सितंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में अलवी नौ सितंबर को पद की शपथ लेंगे। अलवी ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में वो विपक्ष सहित सभी को आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि , ‘मेरा राजनीतिक संघर्ष अय्यूब खान के शासन काल 1967 से चल रहा है।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन.

हालांकि मेरा मानना है कि तब से अब तक राष्ट्र में बहुत जागरूकता आई है। राष्ट्रपति ने संविधान में किए गए वादों को दोहराया। अलवी पीटीआई के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वो 2006 से 2013 तक पार्टी के महासचिव रहे हैं। 25 जुलाई को हुए चुनाव में अलवी एनए-247 (कराची) सीट से जीतकर नेशनल एसेम्बली पहुंचे थे।

बता दें कि नेशनल असेंबली और सीनेट में पड़े कुल 430 मतों में से अलवी को 212 मत मिले, रहमान को 131 और अहसन को 81 मत मिले। छह मत खारिज़ कर दिए गए। बलूचिस्तान के नव निर्वाचित सांसदों के डाले गए 60 मतों में से अलवी को 45 मत मिले। पीपीपी के प्रभाव वाली सिंध विधानसभा में अहसन को 100 मत मिले, जबकि अलवी को 56 मतों से संतोष करना पड़ा। रहमान के पक्ष में केवल एक मत पड़ा। खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में अलवी को कुल 109 में से 78 मत मिले। वहीं दूसरी और रहमान और अहसन को क्रमश: 26 और पांच मत मिले। पंजाब विधानसभा में अलवी को 186 मत मिले जबकि रहमान और अहसन को क्रमश: 141 और 6 मत मिले।18 मत खारिज़ कर दिए गए।

पाकिस्तान के बलूचिस्तान उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनी सैयदा ताहिरा सफ्दार

पाकिस्तान की सैयदा ताहिरा सफ्दार ने इतिहास रच दिया है। न्यायमूर्ति ताहिरा सफदर ने शनिवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान उच्च न्यायालय में पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। सैयदा ताहिरा सफ्दार बलूचिस्तान सूबे के हाई कोर्ट में मोहम्मद नूर मेसकांजाई की जगह ली है। चीफ जस्टिस मुहम्मद नूर मेशकनजई 31 अगस्त 2018 को रिटायर हो गए हैं।

ताहिरा देश की पहली महिला हैं जिन्होंने पाकिस्तान के किसी भी उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। उन्होंने बलूचिस्तान के राज्यपाल भवन में आयोजित एक समारोह में शपथ ली। समारोह के दौरान वरिष्ठ न्यायाधीश और वकील मौजूद थे। सफदर ने 1982 में उस वक्त इतिहास रचा था, जब वह बलूचिस्तान में पहली महिला सिविल न्यायाधीश बनी थीं। वह फिलहाल तीन सदस्यीय विशेष अदालत की सदस्य हैं, जो पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के मामले की सुनवाई कर रही है। मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को आपातकाल लगाने के मामले में देशद्रोह का आरोप है।

सिद्धू पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज,अमरिंदर भी है नाराज़,संकट में पड़ी कुर्सी

इमरान खान के निमंत्रण पर पंजाब के मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेना भारी पड़ सकता है। सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर इतना विवाद नहीं है जितना विवाद उनका पाकिस्तान के सेना प्रमुख से गले मिलने को लेकर है। सिद्धू जिस तरह पाकिस्तान के सेना प्रमुख के साथ गले मिले उससे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी नाराज हो गए।

अमरिंदर सिंह का कहना है कि पाकिस्तान की सेना हमारे जवानों को मार रही है और सिद्धू सेना प्रमुख से गले मिल रहे हैं। इसे उचित नहीं माना जा सकता। इधर सिद्धू के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर खाने में राष्ट्रद्रोह का एक मामला भी दर्ज हुआ है। अमरिंदर सिंह के तेवर और गले मिलने को लेकर हो रही राजनीति के बाद सिद्धू का राजनीतिक भविष्य संकट में दिखाई देता है। सिद्धू पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उसमें मंत्री भी हैं।

पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने ली शपथ

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के नए वज़ीर-ए-आज़म यानी प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इमरान खान पकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थानीय समय अनुसार 10 बजकर 15 मिनट पर हुआ। इमरान खान को पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने प्रधानमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण समारोह से पहले पाकिस्तान के राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। शपथ लेने के बाद इमरान ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये। इमरान खान ने साल 1996 में अपना कदम राजनीति में रखा था। 22 वर्षों के अपने राजनीतिक संघर्षों के बाद उन्होंने शनिवार को देश की ‘कप्तानी’ संभाली।

इमरान के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने के लिए भारत के पंजाब राज्य के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान पहुंचे हैं। बता दें कि इमरान ने चुनाव जीतने के बाद अपने साथी पूर्व क्रिकेटरों सुनील गावस्कर, कपिल देव और नवजोत सिद्धू को निमंत्रण भेजा था। जिनमे से सिर्फ पंजाब राज्य के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान पहुंचे।

पाकिस्तान में 25 जुलाई 2018 को हुए आम चुनावों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को देश का नया प्रधानमंत्री चुना गया था। जिसके बाद आज यानि शनिवार को इमरान ने नए प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। फिलहाल देश में चुनाव कराने के लिए गठित कामचलाऊ सरकार काम कर रही है।

भारत से अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं फिर भी मोदी को न्यौता देने में झिझक रहे हैं इमरान

पाकिस्तान के नए बजीर-ए-आजम बनने जा रहे क्रिकेटर इमरान खान भारत से अच्छे रिश्ते रखने की बात तो कर रहे हैं लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को न्यौता भेजने में झिझक रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इमरान खान को टेलीफोन कर पहले ही बधाई दे दी है। इमरान खान 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
इमरान खान ने शपथ ग्रहण समारोह में भारत की कई नामी-गिरामी हस्तियों को आमंत्रण भेजा है। इनमें क्रिकेटर कपिल देव भी शामिल हैं। कपिल देव और इमरान अपने-अपने देश की टीम से कई मैच एक-दूसरे के खिलाफ खेल चुके हैं। दोनों में गहरा दोस्ताना है। फिल्मी हस्ति आमिर खान को भी न्यौता मिला है। आमिर खान ने कैंसर फंड जुटाने में इमरान खान की मदद की थी। इमरान की पार्टी के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा चीन तथा तुर्की के प्रधानमंत्रियों के अलावा दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ देश के प्रमुख को भी बुलाना चाहते हैं।
बताया जाता है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय शपथ ग्रहण समारोह में विदेशी मेहमानों की संख्या सीमित रखने के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुलाए जाने को लेकर विदेश मंत्रालय और सेना के अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श चल रहा है। ज्ञातव्य है कि नरेन्द्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री सहित सभी पड़ोसी देशों के प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया था।
इमरान खान ने पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर को भी न्यौता भेजा है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ(पीटीआई) के प्रवक्ता फवाद चौधरी के अनुसार विदेश मंत्रालय की सहमति मिलने के बाद सार्क देशों के प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया जाएगा। प्रवक्ता के अनुसार इमरान खान ने सार्क देशों के प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित करने की अपनी इच्छा विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के सामने रखी है।
सेना के दबाव में विदेश मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रण भेजने के पक्ष में नहीं दिख रहा है। पंजाब सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिद्धृ शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने जा रहे हैं। उन्होंने इमरान खान के आमंत्रण पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह एक बड़ा सम्मान है।

पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान चाहते है भारत से हो अच्छे संबंध

पाकिस्तान में 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में तहरीक ए इंसाफ पार्टी को जीत मिली। पार्टी के प्रमुख इमरान खान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारना चाहता है। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच आरोप – प्रत्यारोप उपमहाद्वीप के लिए नुकसानदेह है जिसे रोका जाना चाहिए। खान ने कहा कि,अगर भारत हमारी तरफ एक कदम बढ़ाता हैं तो हम दो कदम बढ़ाएंगे लेकिन कम से कम शुरुआत होने की जरूरत है। खान ने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर ‘‘ मुख्य ’’ मुद्दा है और वार्ता के माध्यम से इसका समाधान होना चाहिए।

इमरान खान ने कहा कि ‘‘ मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो क्रिकेट के कारण भारत के बहुत से लोगों को यकीनन जानता हूं। हम दक्षिण पूर्व एशिया में गरीबी संकट का समाधान कर सकते हैं। ’’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को इसका समाधान करने के लिए वार्ता की मेज पर आना चाहिए। हम भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारना चाहते हैं अगर उनका नेतृत्व भी चाहता हो। ऐसा आरोप – प्रत्यारोप कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में कुछ भी भारत के कारण गलत हो रहा है और ऐसा ही आरोप वहां भारत में पाकिस्तान पर लगाया जाना हमें उसी चौराहे पर ला खड़ा करता है। खान ने कहा कि , हम इस तरह आगे नहीं बढ़ेंगे और यह उपमहाद्वीप के लिए नुकसानदायक है।

पाकिस्तान के नए कप्तान बने इमरान, प्रधानमंत्री बनने से 19 सीटें दूर

पाकिस्तान में बुधवार को 272 सीटों के लिए हुए आम चुनाव की मतगणना जारी है। अब तक के रुझानों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार बनाने के करीब नजर आ रही है। वह 118 सीटों के साथ सबसे आगे है। वे बहुमत से 19 सीटें दूर हैं। बहुमत के लिए 137 सीटें जरूरी हैं। नवाज शरीफ के भाई शहबाज के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) 60 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) तीसरे नंबर पर है। इसके उम्मीदवार 35 सीटों पर आगे चल रहे हैं। आतंकी हाफिज सईद ने अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी) के बैनर तले 265 उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा था, लेकिन उसे एक भी सीट पर बढ़त नहीं मिली।

बता दें कि ,2015 आम चुनाव की तरह ही इस बार भी 50% से 55% वोटिंग हुई है। पाकिस्तान में कुल 10 करोड 59 लाख 55 हजार 409 मतदाता हैं। इनमें से 59224263 पुरुष और 46731146 महिला मतदाता हैं। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। 60 सीटें महिलाएं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। चार प्रांत- पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में भी नई सरकार चुनी जाएगी।

कुल सीटें : 272 बहुमत के लिए जरूरी : 137

पार्टी                2018 में सीटों पर बढ़त/नतीजे   2013 में सीटें   2008 में सीटें  2002 में सीटें
पीएमएल-एन (नवाज शरीफ)         60                 126                69                19
पीपीपी (बिलावल भुट्टो)                35                 31                  91                81
पीटीआई (इमरान खान)                118                28             बहिष्कार किया    01
पीएमएल-क्यू                              3                    02                   38              126

इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए -इंसाफ (पीटीआई) और भ्रष्टाचार मामले में जेल की सजा काट रहे नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की पार्टी मुकाबले में हैं। वैसे कुल 30 राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे। मतदान शांतिपूर्ण संपन्न कराने और हिंसा की घटना को रोकने के लिए मतदान के दौरान तीन लाख 70 हजार जवानों के अलावा चार लाख 49 हजार 465 पुलिस जवानों को तैनात किया गया था।

दिल्ली को दहलाने की थी साजिश, पकड़ा गया ISIS का आतंकी

आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकी को गिरफ्तार किया गया है। पूछ-ताछ के बाद एक ऐसी साजिश का खुलासा हुआ है जो होश उड़ाने जैसा है। आतंकी दिल्ली में अपने मकसद को अंजाम देने के इरादे से आया था। आंतकियों ने ऑपरेशन का नाम इंडियन ‘प्लांट’ दिया था। नापाक इरादे को अंजाम देने के लिए उस आतंकी ने एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया था। वो कॉलेज के हॉस्टल के साथ साथ लाजपत नगर में किराए के मकान में रहता था। अपने मकसद को कामयाब बनाने के लिए अपने समूह के 12 आतंकियों से वो लगातार संपर्क में था। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की लगातार निगहबानी और सतर्कता से अपने मंसूबों को जमीन पर उतारने में नाकाम रहा। उस आतंकी पर नजर रखने के लिए 80 लोगों की टीम बनाई गई थी जो लगातर उस आतंकी पर नजर रख रही थी। उससे पूछताछ के बाद जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक 22 मई 2017 को मैनचेस्टर हमले को उसी ग्रुप के लोगों ने अंजाम दिया था जिसमें 23 लोगों की मौत हो गई थी।

आईएसआईएस से जुड़े इस आतंकी ने दिल्ली एयरपोर्ट, मॉल्स, बाजार की रेकी कर संभावित आतंकी हमलों के लिए चुना था। आतंकी अलग अलग देशों में 12 जगहों पर धमाके करने वाले थे। जिसमें दिल्ली को दहलाने की जिम्मेदारी उसे सौंपी गई थी। सुरक्षा एजेंसियों ने लगातार फोन कॉल्स को इंटरसेप्ट किया और ये पता चला कि आईएस के 12 आतंकियों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी। ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद उन्हें आतंकी वारदात को अंजाम देने की जिम्मेदारी दी गई थी। आईएस के 12 आतंकियों में से वो शख्स जिसे दिल्ली को दहलाने का काम सौंपा गया था वो एक बड़े अफगानी व्यापारी का बेटा है।

बताया जाता है कि जिस तरह के विस्फोटकों के जरिए नई दिल्ली को दहलाने की साजिश रची गई थी उसका इस्तेमाल मैनचेस्टर में किया गया था। इस तरह की भी जानकारी है कि दुबई से अफगानिस्तान में इन आतंकियों द्वारा 5000 डॉलर की संदिग्ध लेनदेन हुई थी जिसके बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने नई दिल्ली से इस बारे में जानकारी साझा की। जिसमें ये पता चला कि आतंकियों का ये समूह दिल्ली और दूसरे बड़े शहरों को दहलाने की फिराक में था।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 10 और उनकी बेटी को 7 साल की सजा

पाकिस्तान की अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। एवनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में अदालत ने उनकी बेटी मरियम शरीफ को भी 7 साल की सजा सुनाई है। ये मामला लंदन के रिहायशी एवनफील्ड हाउस में 4 मकानों के मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है।

नवाज शरीफ और उनकी बेटी इस समय लंदन में ही हैं। इससे पहले शुक्रवार को ही 7 दिन फैसला टालने की नवाज़, मरियम और सफ़दर की अर्ज़ी एकाउंटिबिलीटी कोर्ट ने खारिज कर दी थी। लंदन में ‘अवैध ढंग से’ हासिल की गई संपत्ति केस में यह फैसला आया है। इस फैसले के बाद अब मरियम का राजनीतिक भविष्य दांव पर लग गया है। शरीफ़ परिवार की तरफ़ से कुलसुम नवाज़ की ख़राब तबियत का हवाला दिया गया था, कहा गया कि अगले 48 घंटे परिवार का उनके साथ रहना ज़रूरी है।

बता दें कि शरीफ और उनके तीन बच्चों के खिलाफ जवाबदेही अदालत में भ्रष्टाचार के चार मामले चल रहे हैं। पनामा पेपर मामले में पिछले साल उच्चतम न्यायालय के फैसला सुनाने के बाद नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो ने जवाबदेही अदालत में मामला दायर किया था। पनामा पेपर्स मामले में न्यायालय के फैसले के बाद शरीफ प्रधानमंत्री पद के लिये अयोग्य हो गए थे। लंदन की एवेनफील्ड संपत्तियों पर सुनवाई कर रही जवाबदेही अदालत ने तीन जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि छह जून को फैसला सुनाया जाएगा।

ऐसे किया था आतंकी ठिकानों को तबाह,दो साल बाद सामने आया सर्जिकल स्ट्राइक वीडियो

भारत ने दो साल पहले सर्जिकल स्ट्राइक कर पीओके में आतंकी ठिकानों को खत्म कर दिया था। यह सर्जिकल स्ट्राइक 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के आतंकी हमलों पर सख्त कार्रवाई के लिए की गयी थी। इस घटना के करीब 2 साल बाद यानी 27 जून 2018 को इससे जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। बताया जा रहा है कि ये वीडियो उसी सर्जिकल स्ट्राइक का है जिसको अंजाम देकर भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था।

क्या बजह थी सर्जिकल स्ट्राइक की
18 सितंबर 2016 को उड़ी के सेन्य कैंप में पाकिस्तान की तरफ से आतंकी हमला कर दिया गया था जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसी आतंकी हमले का जवाब देने के लिए इसके 11 दिन बाद सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया।

कैसे बनाया गया वीडियो

सेना ने आतंकियों के कई ठिकानों को खत्म कर दिया और कई आतंकी इसमें ढेर भी हो गए थे। आपको बता दें कि यह वीडियो मानवरहित ड्रोन से बनाया गया था। ड्रोन में थर्मल इमेजिंग का इस्तेमाल किया गया था।

वीडियो की शुरुआत में ही नक्शे पर सर्जिकल स्ट्राइक का निशाना नंबर-1 सामने आता है, फिर ड्रोन से रिकॉर्ड की गई तस्वीर में इस पर निशाने की जानकारी देने वाले अहम डेटा दिखे। अगले पल हेलमेट पर लगे कैमरे से ली गई, उसी निशाने की तस्वीर आई। वहां घुसपैठ की तैयारी कर रहे कुछ आतंकी भी दिखे। इसके बाद इस निशाने पर हमले के वक्त और उससे पहले की तस्वीर एक साथ दिखी। फिर सामने आता है एक झोपड़ी नुमा कैंप की तबाही, जिसे धमाके से उड़ा दिया गया। इसके बाद कई एक के बाद एक धमाके हुए, जिसमें आतंकियों का लॉन्चिंग पैड पूरी तरह से तबाह हो गया। ये तबाही ड्रोन से रिकॉर्ड हुए वीडियो में भी दिखी।

सर्जिकल स्ट्राइक के एक दिन बाद तत्कालीन डायरेक्टर जनरल ऑफ ऑपरेशनंस रणबीर सिंह ने उस घटना की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि पीओके के आसपास आतंकी पैड को खत्म करने के लिए सेना ने सर्जिकल स्ट्राइको को अंजाम दिया है। इसके बाद देश में स्ट्राइक की सफलता को लेकर जश्न मनाया गया था। इस पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई थी जिसमें सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का जिक्र किया गया था।