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योगी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ा बजट लायेंगे , नई योजनाओं की होगी बौछार

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लखनऊ: लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ इस बार बजट कुछ ख़ास पेस करेंगे .उत्तर प्रदेश  का 2019-20 का बजट पौने पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक और पांच लाख करोड़ रुपये से कुछ कम होगा। यह प्रदेश का सबसे बड़ा बजट होगा। इसमें बड़ी संख्या में नई योजनाओं की बौछार होगी। योगी सरकार ने 2017-18 का बजट 4.28 लाख करोड़ रुपये का पेश किया था। सामान्य परिस्थितियों में लाए गए इस बजट में वित्त वर्ष 2016-17 की तुलना में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। जानकार बताते हैं कि राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए आगामी तीन वित्तीय वर्ष के लिए जो पूर्वानुमान पेश किया था, उस हिसाब से 2019-20 का बजट 4.73 लाख करोड़ रुपये का होना चाहिए।

लेकिन आगमी बजट, लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। इसमें भारी भरकम बजट लेने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कारीडोर जैसी इन्फ्रास्ट्रकचर से जुड़ी परियोजनाओं के साथ ऊर्जा, मेट्रो, आवास, स्वच्छ भारत मिशन और आयुष्मान भारत जैसी चालू प्राथमिकता वाली परियोजनाओं व योजनाओं के लिए बजट व्यवस्था तो करनी ही है, युवाओं, गरीबों, किसानों और महिलाओं के लिए भी नई आकर्षक योजनाएं लाने की तैयारी है।

पांच लाख करोड़ पार कर सकता है बजट का आकार

बजट के जानकार चुनाव से नए बजट के आकार में 14 से 15 फीसदी तक की वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं। ऐसा हुआ तो बजट का आकार 4.73 लाख करोड़ के पूर्वानुमान से कहीं अधिक 4.90 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।

विश्लेषकों की मानें तो 2019-20 का बजट 5 लाख करोड़ की सीमा भले न पकड़ पाए, लेकिन चालू वित्तीय वर्ष में ही यह इस सीमा को पार कर जाएगा। बजट के बाद जब भी अनुपूरक की जरूरत होगी, पुनरीक्षित बजट का आकार पांच लाख करोड़ पार कर सकता है।

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पीडब्ल्यूसी के अनुसार भारत, ब्रिटेन को पछाड़कर 2019 में बन सकता है दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था – Puri Dunia

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लखनऊ. ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म पीडब्ल्यूसी का मत है कि 2019 में भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारत ने 2017 में फ्रांस को पीछे छोड़कर छठा स्थान हासिल किया था। वैश्विक अर्थव्यवस्था की रैंकिंग में अमेरिका पहले नंबर पर है, चीन दूसरे और जापान तीसरे स्थान पर काबिज है। फिलहाल ब्रिटेन पांचवें पायदान पर है, लेकिन ब्रेग्जिट से बाहर निकलने का फैसला उसकी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर डाल रहा है।

 

पीडब्ल्यूसी के वरिष्ठ अर्थशास्त्री माइक जैकमेन ने बताया कि मौजूदा समय में भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। जनसंख्या के साथ अनुकूल जनसांख्यिकी भारत को मजबूती प्रदान करती है। आगे बताया की भारत की नई सरकार की नीतियां और जीएसटी विकास दर को तेज करने में सहायक होंगी। यूरो के मुकाबले पाउंड के कमजोर रहने से ब्रिटेन को काफी नुकसान होगा।

पीडब्ल्यूसी के मुताबिक- फ्रांस और ब्रिटेन की आबादी लगभग बराबर है, वहीं विकास के मामले में भी दोनों एक जैसे हैं। इस वजह से दोनों एक दूसरे को अक्सर पछाड़ते रहते हैं, लेकिन 5वे नंबर पर आने के बाद भारत अपनी रैंकिंग को लंबे समय तक कायम रख सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में कोई बड़ी उथलपुथल न हुई और तेल की आपूर्ति ठीक रही तो 2019-20 में भारत की जीडीपी 7.6% रहने के आसार हैं। इस दौरान ब्रिटेन की जीडीपी ग्रोथ 1.6%, फ्रांस की 1.7% रहने की संभावना है।

पीडब्ल्यूसी के विशेषज्ञो के अनुसार 2019 में वैश्विक स्तर पर मंदी रहने के आसार हैं, क्योंकि जी-7 देशों की विकास दर औसत ही दिखाई दे रही है। एजेंसी का मानना है कि 2016 के आखिर से 2018 की शुरुआत के बीच वैश्विक स्तर पर जो तेजी दिखाई दी थी वो अब थम चुकी है। विश्व की सारी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की जीडीपी 2019 में औसत के आसपास रहने के आसार दिख रहे हैं।

केंद्रीय वाणिज्य, नागरिक उड्‌डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आने वाले समय में वैश्विक स्तर पर उथलपुथल मचने के आसार हैं। इसका फायदा भारत को उठाना चाहिए। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल सम्मिट में उन्होंने कहा कि अभी निर्माण और सेवा क्षेत्र के साथ कृषि को मजबूत बनाने पर फोकस किया जा रहा है। भारत को अपना निर्यात दोगुना करना होगा। अफ्रीका और लैटिन अमेरिका देशों में भारत के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार अपने घरेलू विमानन क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए 4 अरब 63 करोड़ का निवेश करके 100 नए एयरपोर्ट बनाने जा रही है।

प्रभु ने कहा कि अगले 7-8 साल में भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर (356 लाख करोड़ रुपए) की हो सकती है। साथ ही 2035 के पहले हमारी इकोनॉमी के 10 ट्रिलियन डॉलर (712 लाख करोड़ रुपए) होने की संभावना है। मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर को निर्यात को सपोर्ट करना चाहिए। इससे गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। आज हमारे पास एक्सपोर्ट बढ़ाने की बड़ा मौका है।

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