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बीजेपी महाकुंभ:पीएम मोदी ने कहा कांग्रेस 440 से 44 हो गई,आत्ममंथन के लिए तैयार नहीं,पार्टी एक बोझ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भोपाल में अटल महाकुंभ सभा को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे। इस साल के आखिर में जिन तीन राज्यों में चुनाव हैं, उनमें मध्य प्रदेश भी शामिल है।

इस लिहाज से इस रैली को बेहद अहम माना जा रहा है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर भोपाल के जंबूरी मैदान में इस रैली का आयोजन किया जा रहा है। याद दिला दें कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी ने जंबूरी मैदान में कार्यकर्ता महाकुंभ किया था।

बीजेपी जंबूरी मैदान को अपने लिए ‘लकी’ मानती है। इस रैली के लिए बीजेपी ने बड़े स्तर पर तैयारियां की हैं। बीजेपी का दावा है कि पांच से दस लाख कार्यकर्ता इस रैली में पहुंचेगे। जूंबूरी मैदान में 11 विशाल पंडाल बनाए गए हैं जिनमें केंद्र से प्रदेश तक के तमाम बड़े नेताओं की तस्वीर सजी है और बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है। सभा स्थल को देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में ‘अटल महाकुंभ परिसर’ नाम दिया गया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे भोपाल,बीजेपी के महाकुम्भ में होंगे शामिल

अमित शाह ,राज्यपाल आनंदीबेन,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की मोदी की अगवानी

 स्टेट हेंगर से जंबूरी मैदान के लिए रवाना हुए पीएम मोदी

केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी बीजेपी के कार्यकर्ता महाकुम्भ में शामिल हुई है। उन्होंने अपने बयान में कहा – कल तक मैं असमंजस में थी कि आऊं या नहीं। मैंने शिवराज सिंह चौहान जी से पूछा कि मेरे आने से लाभ होगा या नहीं तब शिवराज जी ने कहा कि आपके आने से लाभ होगा। मैं शिवराज सिंह जी के निमंत्रण पर आयी हूँ।

– मंत्री जयभान सिंह पवैया और माया सिंह भी मौजूद

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कार्यक्रम में शामिल

– पीएम सिंचाई योजना ने बदली किसानों की किस्मत : शिवराज सिंह चौहान

– प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से दूर हुई बेरोज़गारी : शिवराज सिंह चौहान

– राजनीति को तमाशा मानते है राहुल गाँधी:शिवराज सिंह चौहान

– राहुल गाँधी मानसरोवर की तस्वीरें वायरल करते है विदेश दौरे की क्यों नहीं करते:शिवराज सिंह चौहान

– विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी भारतीय जनता पार्टी: अमित शाह

–  10 साल के यूपीए के शासन में करोड़ो के घपले हुए :अमित शाह

– मध्यप्रदेश में 10 साल श्रीमान बंटाधार का शासन रहा :अमित शाह

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्बोधन,उत्साह से भरे लाखो लोग मुझे नज़र आ रहे है

– पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार हमारे लिए प्रेरणा : मोदी

– पंडित दीनदयाल उपाध्याय अमर रहे :मोदी

– महापुरुषों का हम पर कर्ज,देश गाँधी ,लोहिया और दीनदयाल को कभी नहीं भूलेगा :नरेंद्र मोदी

-सबका साथ- सबका विकास सिर्फ चुनावी नारा नहीं है बल्कि देश के विकास और सभी को साथ लेकर चलने के लिए एक सोचा समझा मार्ग है.- पीएम मोदी

– हम सबका दायित्व बनता है कि समाज के सभी वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं. हम पिछड़ा जिला, ब्लॉक, गांव और पिछड़े परिवार को आगे लाने के लिए काम कर रहे हैं.- पीएम मोदी

– जो पार्टी 125 साल से भी बड़ी हो, जिस पार्टी के पास सैकड़ों रिटायर्ड कैबिनेट मंत्री हो, अनेकों पूर्व सांसद, विधायक, गवर्नर हो. उस पार्टी को ऐसा क्या हुआ कि उस पार्टी को खोजना पड़ रहा है- पीएम मोदी

– शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने मध्य प्रदेश में विकास की गति प्रदान की है। आज हर रैकिंग में मध्य प्रदेश का नंबर वन है – पीएम मोदी

– कांग्रेस को यह बर्दाश्त नहीं कि कोई चायवाला प्रधानमंत्री बने. उन्हें यह पद खुद का लगता है. वो गरीब के बेटे को इस पद पर स्वीकार नहीं कर सकते.- पीएम मोदी

– हम धनबल से चुनाव नहीं लड़ते, हम जनबल से चुनाव लड़ते हैं। हमारा मंत्र है- मेरा बूथ- सबसे मजबूतः पीएम मोदी

-यह पहला चुनाव है जब इस भूमि पर पैदा हुए अटल बिहारी वाजपेयी नहीं है- पीएम मोदी

रोजा इफ्तार के बहाने विपक्षी दलों को न्योता, मोदी के खिलाफ महागठबंधन का ट्रायल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालने के बाद अब 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को मात देने के लिए सभी विपक्षी दलों को आपस में एकजुट करने के लिए साम दाम दंड भेद सभी तरह से जुटे हुए है। रोजा इफ्तार के बहाने राहुल की ओर से पहली बार विपक्ष के सभी प्रमुख नेताओं को न्योता दिया गया है। जबकि इससे पहले यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से निमंत्रण दिया जाता रहा है। अब गौर करने वाली बात ये है कि राहुल के बुलाने पर विपक्ष के कौन-कौन नेता एकजुट होते हैं? इस पर सभी की नजर है।

कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने पहली बार रोजा इफ्तार के बहाने विपक्षी दलों को न्योता दिया है। राहुल के लिए विपक्ष को एकजुट करना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। वो भी ऐसे समय में जब विपक्ष के कई नेता हैं जो 2019 में विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश में है। यूपी में सपा, बसपा और आरएलडी एकजुट हो रहे हैं। जबकि टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए वन-टू-वन का फॉर्मूला दिया दिया है। वहीं कांग्रेस सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कवायद में जुटी है।

सभी विपक्षी दलों को न्योता
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रोजा इफ्तार पार्टी के लिए सपा, बसपा, एनसीपी, आरजेडी, वामदल, जेडीएस सहित सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है। हालांकि रामविलास पासवान जैसे एनडीए के उन नेताओं को न्योता नहीं दिया गया है, जो पहले यूपीए सरकार का हिस्सा रह चुके हैं। जबकि पहले माना जा रहा था, कि कांग्रेस उन नेताओं को भी न्योता दे सकती है जो पहले उसके साथी रह चुके हैं।

कांग्रेस के इतिहास में पहले भी मिला था न्योता
इससे पहले, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मार्च में विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा भोज रखा था, जिसमें तकरीबन 17 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। सोनिया गांधी की ‘डिनर डिप्लोमेसी’ हर तरफ चर्चा का विषय बन गई थी। इस डिनर के जरिए सभी विपक्षी दलों का विश्वास बटोरना और उन्हें एकजुट करने का मकसद था। कांग्रेस ने कहीं न कहीं यह संकेत देने की कोशिश थी,कि आने वाले चुनावों मे अगर मोदी का विकल्प चुना गया तो, वह गठबंधन कांग्रेस के नेतृत्व में ही होगा।

कई सहयोगी दलों के नेता नहीं पहुंचेंगे
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कांग्रेस अध्यक्ष की इफ्तार में शामिल नहीं हो सकेंगे क्योंकि आज ही पटना में आरजेडी की तरफ से इफ्तार का आयोजन किया गया है। आरजेडी प्रतिनिधि के तौर पर पार्टी प्रवक्ता मनोज झा शामिल होंगे। जेडीएस की ओर से कुंवर दानिश अली अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके अलावा एनसीपी की ओर से तारिक अनवर के शामिल होने की संभावना है। बाकी विपक्ष के नेताओं के शामिल होने को लेकर तस्वीर अभी साफ नहीं है।

वेंकैया  नायडू उपराष्ट्रपति निर्वाचित:11 वोट अवैध

 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  (राजग) के उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू आज देश के नये उपराष्ट्रपति चुने गये।  श्री नायडू ने 18 विपक्षी दलों  के उम्मीदवार श्री गोपालकृष्ण गांधी को भारी मतों  के अंतर से हराया। इस चुनाव में सांसदों द्वारा ड़ाले गए 11 वोट अवैध हुए हैं। आशंका है कि यह वोट यूपीए के समर्र्थक दलों के हो सकते हैं।
 उन्हें  कुल वैध मतों  में  से 516 मत मिले जबकि श्री गांधी के पक्ष में 244 मत पड़े।  राज्यसभा के महासचिव शमशेर के शरीफ ने मतगणना के बाद संवाददताओं को बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में  785 मतदाताओं में से 771 ने अपने मताधिकार  का इस्तेमाल किया जिनमें से 760 मत वैध पाये गये और 11 मत अवैध करार दिये गये।