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अयोध्या को शनिवार को मिलीं रेलवे की अनेक सौगातें

Ayodhya received many gifts from Railways on Saturday
Ayodhya received many gifts from Railways on Saturday

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या को शनिवार को पुनर्विकसित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन, यहां से देश की राजधानी से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस और श्री राम की ससुराल मिथिला से जोड़ने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों सहित रेलवे की कई महत्वपूर्ण सौगातें दीं।

इससे पहले अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आगमन पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर श्री मोदी का स्वागत किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीके सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह समेत प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी मौजूद थे।

हवाई अड्डे से बाहर आने के बाद श्री मोदी ने धर्म पथ से राम पथ तक एक रोड शो भी किया। साधु संतों ने शंखनाद, डमरू वादन, स्वस्ति वाचन एवं मंत्रोच्चार से श्री मोदी का स्वागत अभिनंदन किया। रोड शो के दौरान हजारों अयोध्या वासियों ने प्रधानमंत्री का पुष्पवर्षा करके स्वागत किया।

अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन पर एक कार्यक्रम में सबसे पहले पुनर्विकसित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन लोकार्पण किया और फिर अयोध्या से दिल्ली के आनंद विहार के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और सुपरफास्ट यात्री ट्रेनों की एक नई श्रेणी में आनंद विहार-अयोध्या – दरभंगा अमृत भारत एक्सप्रेस का हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक, रेल मंंत्री अश्विनी वैष्णव उपस्थित थे। इससे पूर्व श्री मोदी ने अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सवार स्कूल के बच्चों से वार्तालाप भी किया।

दरभंगा जाने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन गोरखपुर और नेपाल की सीमा पर रक्सौल तथा सीतामढ़ी होते हुए दरभंगा पहुंचेगी। अयोध्या से दिल्ली के आनंद विहार जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अयोध्या के लिए दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है। गोरखपुर और लखनऊ के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अयोध्या हो कर गुजरती है।

अयोध्या धाम स्टेशन का पहला चरण 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। तीन मंजिला आधुनिक रेलवे स्टेशन की इमारत लिफ्ट, एस्केलेटर, फूड प्लाजा, पूजा की जरूरतों के लिए दुकानें, क्लॉक रूम, चाइल्ड केयर रूम, वेटिंग हॉल जैसी सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।

प्रधानमंत्री ने इन दोनों ट्रेनों के साथ वीडियो लिंक के माध्यम से मालदा टाउन-सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनस (बेंगलुरु) अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन तथा पांच अन्य नई वंदे भारत एक्‍सप्रेस ट्रेनों – श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस, अमृतसर -दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस, कोयंबटूर -बेंगलुरु छावनी वंदे भारत एक्सप्रेस, मैंगलोर-मडगांव वंदे भारत एक्सप्रेस, जालना-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस और अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा कर शुभारंभ किया।

अमृत ​​भारत एक्सप्रेस ट्रेन 22 गैर वातानुकूलित डिब्बों (10 सामान्य अनारक्षित तथा 12 स्लीपर श्रेणी कोचों वाला एक एलएचबी पुश पुल ट्रेन सेट है। बेहतर त्वरण के लिए इस ट्रेन के दोनों छोर पर 6000 अश्वशक्ति वाले दो लोको हैं। यह रेल यात्रियों के लिए सुंदर और आकर्षक डिजाइन वाली सीटें, बेहतर सामान रैक, उपयुक्त मोबाइल होल्डर के साथ मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, एलईडी लाइट, सीसीटीवी, सार्वजनिक सूचना प्रणाली जैसी बेहतर सुविधाएं प्रदान करता है। इसमें सेमी परमानेंट कपलर लगाए गए हैं जिससे गाड़ी के चलते या रुकते हुए झटके लगने की समस्या खत्म हो गई है। शौचालय आधुनिक डिजाइन पर आधारित है और इसमें वाशबेसिन के नल का बटन पैर से दबाने वाला है।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 2300 करोड़ रुपये की तीन रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में रूमा चकेरी -चंदेरी तीसरी लाइन परियोजना, जौनपुर -अयोध्या-बाराबंकी दोहरीकरण परियोजना के जौनपुर -तुलसी नगर, अकबरपुर-अयोध्या, सोहावल -पटरंगा और सफदरगंज-रसौली खंड और मल्हौर-डालीगंज रेलवे खंड का दोहरीकरण और विद्युतीकरण परियोजना शामिल हैं।

इस तरह श्री मोदी के हाथों अयोध्या को रेलवे की अनेक महत्वपूर्ण सौगातें मिलीं।

अयोध्या पहुंचे मोदी,फूल बरसा कर धर्मनगरी ने किया स्वागत

Modi reached Ayodhya, Dharmanagari welcomed him by showering flowers
Modi reached Ayodhya, Dharmanagari welcomed him by showering flowers

धर्मनगरी में विकास के नये युग का सूत्रपात करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार सुबह अयोध्या पहुंचे जहां उनका स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनामी पट्टिका पहना कर किया।

श्री मोदी वायुसेना के विशेष विमान से निर्धारित समयानुसार 10 बज कर 50 मिनट पर अयोध्या के नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे जहां उनका स्वागत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। बाद में प्रधानमंत्री रोड शो के जरिये लोगों को अभिवादन स्वीकार करने के लिये रवाना हो गये।

इस दौरान भीषण ठंड की परवाह किये बगैर अयोध्या वासियों ने सड़क के दोनो ओर कतारबद्ध होकर अपने प्रधानमंत्री का स्वागत गर्मजोशी से किया। प्रधानमंत्री के रोड शो के रास्ते को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। जगह जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कलाकार अपनी प्रस्तुति से हर किसी को आकर्षित कर रहे हैं। लोगों ने फूल बरसा कर श्री मोदी का स्वागत किया। रोड शो के दौरान लोगों ने जय श्रीराम के गगन भेदी नारे लगाये।

श्री मोदी सबसे श्री मोदी अयोध्या में करीब चार घंटे के संक्षिप्त प्रवास के दौरान 15 हजार 700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। श्रीराम की नगरी से देश के विभिन्न शहरों के लिए भी सौगातों का पिटारा खुलेगा। प्रधानमंत्री देश के अलग अलग स्टेशनों से संचालित होने वाली छह वंदे भारत और दो अमृत भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इससे पहले श्री मोदी पुनर्विकसित अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। साथ ही श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा-नई दिल्ली, अमृतसर-नई दिल्ली, कोयम्बटूर-बेंगलुरु, मंगलूरु-मडगांव, जालना-मुंबई एवं अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल के बीच छह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के साथ ही अयोध्या-दरभंगा एवं मालदा टाउन-बेंगलुरु के बीच दो अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।

श्री मोदी 1462.97 करोड़ रुपए की लागत से बने महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण करेंगे और 15 हजार 700 करोड़ रुपये की 46 विकास परियोजनाओ का लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही वह यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

श्री मोदी के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये है। अयोध्या की ओर आने वाले भारी वाहनो को बदले रुट से चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री का स्वागत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट से 11 जनवरी 2024 से अहमदाबाद और अयोध्या के बीच प्रतिदिन तीन उड़ानों का संचालन होगा। वहीं, छह जनवरी को पहली फ्लाइट दिल्ली से अयोध्या के बीच उड़ान भरेगी। शुरुआती संचालन के बाद इस एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट्स को ऑपरेशनल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके बाद अयोध्या ग्लोबल सर्किट से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा और यह अयोध्या के लिए खोए गौरव को प्राप्त करने वाला क्षण होगा।

अयोध्या:सुप्रीम कोर्ट ने कहा मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है,पढ़ी जा सकती है कहीं भी नमाज़

मस्जिद पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राम-मंदिर विवाद में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के एक मामले में मस्जिद के अंदर नमाज पढ़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। जस्टिस अशोक भूषण और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस मामले को संविधान पीठ में भेजने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 1994 के एक फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है। दरअसल, कोर्ट ने 1994 के अपने फैसले में कहा था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मुस्लिम पक्षकारों की ओर से याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने 20 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था।

क्या था मामला

अयोध्या में कार सेवकों ने 6 दिसंबर, 1992 में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 7 जनवरी, 1993 को अध्यादेश लाकर अयोध्या में 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। इसके तहत विवादित जमीन का 120×80 फिट हिस्सा भी अधिग्रहित कर लिया गया था जिसे बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि परिसर कहा जाता है। केंद्र सरकार के इसी फैसले को इस्माइल फारूकी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा था कि धार्मिक स्थल का सरकार कैसे अधिग्रहण कर सकती है। इस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर मुस्लिम समुदाय सहमत नहीं है। वे चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर दोबारा विचार करे। मुस्लिम समुदाय यह भी चाहता है कि अयोध्या में विवादित जमीन के मालिकाना हक से जुड़े केस में फैसले से पहले 1994 के इस्माइल फारूकी मामले पर आए फैसले पर नए सिरे से विचार हो। बता दें कि इस साल 7 जुलाई को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच अयोध्या में विवादित जमीन के मालिकाना हक से जुड़े मामले की जब सुनवाई कर रही थी तो मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है या नहीं है, इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजने की मांग की थी। उनकी दलील थी मुस्लिम समुदाय की दलीलों को ध्यान से सुना और परखा जाए।

सुनवाई के दौरान राजीव धवन ने कहा था कि इस्लाम सामूहिकता का मजहब है। वैसे तो नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है, लेकिन जब शुक्रवार को सामूहिक नमाज होती है तो मस्जिद में उसे पढ़ा जाता है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस्लाम की शुरुआत से ही यह परंपरा है। मुस्लिम पक्षकार मोहम्मद खालिद कहते हैं कि इस संबंध में हमने कुरान की 24 आयतें सुप्रीम कोर्ट को सौंपी हैं, जिनसे यह साबित होता है कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का मुख्य अंग है। वहीं, हिंदू पक्षकारों का कहना है कि यदि इस मामले की सुनवाई दोबारा शुरू होती है तो इसका असर टाइटिल सूट से जुड़े मुख्य मामले की सुनवाई पर पड़ सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट यदि इस मामले को संविधान की बड़ी बेंच के पास भेज देता है तो मुख्य मामले की सुनवाई लंबे समय तक अटक सकती है।

रामायण सर्किट ट्रेन कराएगी श्रीराम के जीवन से जुड़े स्थानों की यात्रा

भारतीय रेलवे एक नई पर्यटन दर्शन सेवा आरंभ करने जा रही है, जो भगवान श्रीराम से जुडी है। जिसका नाम है-रामायण सर्किट। ये सेवा भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े स्थानों की यात्रा कराएगी। जो सैलानियों को अयोध्या से नेपाल के जनकपुर और श्रीलंका के स्थानों की सैर कराएगी।

क्या-क्या है पैकेज में शामिल

दिल्ली से सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर 14 नवंबर को पहली रामायण एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया जाएगा। यह गाड़ी 16 दिनों में रामायण स्थलों की सैर कराएगी ,जबकि श्रीलंका के चार स्थानों के लिए चेन्नई से कोलंबो विमान यात्रा सहित एक अनुपूरक पैकेज भी उपलब्ध रहेगा। भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा संचालित पूर्णत: वातानुकूलित रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में 800 यात्रियों के लिए स्थान होगा। प्रतियात्री पैकेज का किराया 15120 रुपए रहेगा। पैकेज में सभी समय के भोजन नाश्ता आदि, विश्रामस्थल धर्मशाला आदि, स्टेशनों से तीर्थस्थानों तक आने जाने का प्रबंध, आसपास के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण तथा उसके लिए एक समर्पित टूर मैनेजर की तैनाती शामिल होगी।

सुविधा अनुसार ले सकते है यात्री अपना पैकेज

दिल्ली से रवाना हो कर गाड़ी का पहला पड़ाव अयोध्या होगा। इसके बाद हनुमान गढ़ी, रामकोट एवं कनक भवन के भ्रमण के बाद नंदीग्राम, सीतामढ़ी, जनकपुर, वाराणसी, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम पहुंचेगी। यात्रियों को श्रीलंका पैकेज लेने या नहीं लेने का विकल्प होगा। जो लोग श्रीलंका का विकल्प लेंगे उन्हें चेन्नई से कोलंबो तक विमान से यात्रा करनी पड़ेगी। आईआरसीटीसी ने पांच रात छह दिन का पैकेज बनाया है, जिसकी लागत 36,970 रुपए प्रति व्यक्ति है। इसमें कैण्डी, नुवारा इलिया, कोलंबो एवं नेगोम्बो का भ्रमण कराया जाएगा।

रामायण एक्सप्रेस गाड़ी की बुकिंग जल्द ही आईअारसीटीसी की टूरिज़्म वेबसाइट पर खुल जाएगी। इसके अलावा देश के विभिन्न स्थानों पर मौजूद 27 पर्यटन सुविधा केन्द्रों पर भी इसकी बुकिंग करायी जा सकेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,अयोध्या का गौरव वापस मिलना चाहिए

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अयोध्या, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि पिछली सरकारों ने अयोध्या के गौरव के साथ खिलवाड़ किया। लेकिन अब ऐसा नही होगा। उन्होंने साफ कहा कि वर्तमान सरकार अयोध्या को उसका गौरव वापस दिलाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है।

निकाय चुनाव के तहत एक जनसभा को सम्बोधित करने अयोध्या पहुंचे योगी ने यह बातें कही। योगी ने कहा, “पिछली सरकारों ने अयोध्या के साथ भेदभाव किया। इसके गौरव को छुपाने की कोशिश की गई। लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद अयोध्या व मथुरा को नगर निगम का दर्जा दिया गया।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या को नगर निगम का दर्जा देने की वजह से ही आज सभी लोग यहां वोट मांगने आ रहे हैं। हमारा यहां आना सपा और बसपा को अच्छा नहीं लगता। लेकिन यहां के गौरव को वापस दिलाने के लिए सरकार कई योजनाएं लेकर आ रही है।

योगी ने कहा कि सरकार यहां पर बिजली, पानी और सड़क की सुविधाओं को और बेहतर बनाने का प्रयास करेगी। भगवान राम के बिना देश में कोई काम नहीं हो सकता क्योंकि वह हमारी आस्था के प्रतीक हैं। राम भारत की पूरी आस्था का केंद्र बिंदू हैं।

उन्होंने कहा कि राममंदिर मुद्दे पर हर तरह के प्रयास का स्वागत करते हैं।

गौरतलब है कि योगी के प्रचार का कार्यक्रम मंगलवार से शुरू होकर 27 नवम्बर तक चलेगा। इनमें कई सभाओं में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ़ महेन्द्र नाथ पांडे भी साथ रहेंगे। तीन चरणों में होने वाले निकाय चुनावों में मुख्यमंत्री चरणों के मुताबिक होने वाले मतदान की तारीखों के आधार पर चुनावी सभाएं करेंगे।

राम मंदिर निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे है यूपी के मंत्री- वसीम रिजवी

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने उत्तर प्रदेश के वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि रजा अयोध्या के प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

रिजवी ने कहा कि राज्यमंत्री का कथन कि वर्तमान में शिया वक्फ कुल वक्फों की संख्या से 15 प्रतिशत कम है, इसलिए शिया व सुन्नी दोनों बोर्डो को एक कर दिया जाएगा, जानकारी के अभाव में दिया गया बयान है।

रिजवी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड द्वारा अयोध्या स्थित राम मंदिर को लेकर उच्च न्यायालय में मंदिर के पक्ष में जो हलफनामा दाखिल किया गया है, उससे कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम संस्थाएं व धर्मगुरु घबराए हुए हैं। ये सभी बाबरी मस्जिद के पैरोकार हैं। इसी तरह के कुछ धर्मगुरुओं के संपर्क में वक्फ राज्यमंत्री हैं।

उन्होंने कहा कि राज्यमंत्री का ऐसा आपत्तिजनक बयान राम मंदिर के निर्माण में बाधा उत्पन्न करने की साजिश लगती है। राज्यमंत्री रजा पहले भी कम मालूमात होने के कारण अवैधानिक कार्यवाही करके सरकार की किरकिरी करा चुके हैं।

रिजवी ने बताया कि वर्ष 1941 में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड का अलग-अलग गठन हुआ था। जिस वक्त दोनों बोर्ड बनाए गए थे, उस वक्त शिया वक्फ बोर्ड में पंजीकृत वक्फ प्रदेश के कुल वक्फों से 15 प्रतिशत अधिक थे, जिस कारण प्रदेश में शिया वक्फ बोर्ड का अलग गठन हुआ था और आज तक शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड अलग-अलग हैं।

रिजवी ने कहा कि वास्तव में वक्फ अधिनियम के अनुसार सिर्फ वक्फ की संख्या को नहीं, बल्कि वक्फों की कुल आय को भी आधार बनाया गया है। प्रदेश के समस्त मुस्लिम वक्फों की कुल आय में शिया वक्फों की 15 प्रतिशत से अधिक आय है, जिस कारण प्रदेश में शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड एक नहीं किए जा सकते।

उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्फ बोर्डो का गठन वर्ष 2015 में पांच वर्ष की कार्य अवधि के लिए किया जा चुका है, जिसका कार्यकाल वर्ष 2020 तक है। वक्फ अधिनियम के अनुसार वक्फ बोर्डो को भंग करने का कोई प्राविधान नहीं है।

रामजन्म भूमि को लेकर जैसी मान्यता, वैसी मान्यता तीन तलाक पर है

पर्सनल लॉ बोर्ड बोला-तीन तलाक विश्वास का मामला है मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कहा मुसलमान पिछले 1400
पर्सनल लॉ बोर्ड बोला-तीन तलाक विश्वास का मामला है मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कहा मुसलमान पिछले 1400

पर्सनल लॉ बोर्ड बोला-तीन तलाक विश्वास का मामला है

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कहा मुसलमान पिछले 1400 वर्ष से तीन तलाक प्रथा का पालन कर रहे हैं और यह विश्वास का मामला है। एआईएमपीएलबी ने न्यायालय से कहा आस्था के मामले में संवैधानिक नैतिकता एवं समता का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

रामजन्म भूमि को लेकर जैसी मान्यता, वैसी मान्यता तीन तलाक पर है

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के पक्ष में दलील पेश की। बोर्ड ने कहा कि राम जन्म भूमि और तीन तलाक दोनों ही विषय मान्यता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि तीन तलाक आस्था का मामला है जिसका मुस्लिम बीते 1,400 वर्ष से पालन करते आ रहे हैं इसलिए इस मामले में संवैधानिक नैतिकता और समानता का सवाल नहीं उठता है।
मुस्लिम संगठन ने तीन तलाक को हिंदू धर्म की उस मान्यता के समान बताया जिसमें माना जाता है कि भगवान राम अयोध्या में जन्मे थे। एआईएमपीएलबी की ओर से पेश पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, ह्यह्यतीन तलाक सन् 637 से है। इसे गैर-इस्लामी बताने वाले हम कौन होते हैं। मुस्लिम बीते 1,400 वषार्ें से इसका पालन करते आ रहे हैं। यह आस्था का मामला है। इसलिए इसमें संवैधानिक नैतिकता और समानता का कोई सवाल नहीं उठता।

पैगम्बर के समय अस्तित्व में आया

सिब्बल ने एक तथ्य का हवाला देते हुए कहा कि तीन तलाक का स्रोत हदीस पाया जा सकता है और यह पैगम्बर मोहम्मद के समय के बाद अस्तित्व में आया। मुस्लिम संगठन ने ये दलीलें जिस पीठ के समक्ष दी उसका हिस्सा न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर भी हैं।
कल, केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि यदि ह्यतीन तलाकह्ण समेत तलाक के सभी रूपों को खत्म कर दिया जाता है तो मुस्लिम समुदाय में निकाह और तलाक के नियमन के लिए वह नया कानून लेकर आएगा। तीन तलाक, बहुविवाह और निकाह हलाला को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई का आज चौथा दिन है। जिस पीठ के समक्ष यह सुनवाई हो रही है उसमें सिख, ईसाई, पारसी, हिंदू और मुस्लिम समेत विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्य शामिल हैं।