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केजरीवाल ने अपना धरना किया खत्म, आईएएस अधिकारियों के साथ की बैठक

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 9 दिनों से चला आ रहा अपना धरना खत्म कर दिया है। श्री केजरीवाल तथा उनके तीन मंत्री आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल और राशन आपूर्ति लोगों के घर पर करने के मुद्दों को लेकर 11 जून से राजनिवास पर धरने पर बैठे हुए थे।उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ अन्य मंत्रियों के साथ कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मंत्रियों द्वारा बुलाई गई बैठकों में शामिल हुए। इनमें कई मुद्दे सुलझा लिये गये हैं और बाकी भी जल्दी सुलझा लिये जायेंगे। उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल और गोपाल रॉय राजनिवास से हट जायेंगे। राशन घर तक पहुंचाने का मुद्दा आम जनता के समक्ष ले जायेंगे।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह धरना नहीं था और हम राजनिवास में उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल से मिलकर आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म करने और घरो तक राशन आपूर्ति योजना को मंजूरी देने की अपन मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा, “उनका अधिकारियों के साथ कोई लड़ाई नहीं है। उन्हें कुछ संकेत दिए कि मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए शीर्ष अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। यह एक अच्छी बात है।”

गौरतलब है कि पिछले 11 जून से श्री केजरीवाल ने अपने तीन मंत्रियों श्री सिसोदिया, श्री सत्येन्द्र जैन और श्री रॉय के साथ धरना शुरू किया था। 18 जून को भूख हड़ताल पर बैठे उप मुख्यमंत्री की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। श्री सिसोदिया के मूत्र में कीटोन के स्तर में तेजी से वृद्धि के बाद उन्हें एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया था। श्री सिसोदिया से पहले स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की हालत भी खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें अब अस्पताल से छु्ट्टी मिल गयी।

शीला दीक्षित ने जताई नाराज़गी, कहा संविधान बदलवाने पीएम मोदी से मिलें

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के तीन मंत्रियों को केंद्र सरकार से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उसके बावजूद उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में धरना शनिवार को भी जारी है। 11 जून की शाम से शुरू हुआ धरना शनिवार को छठे दिन में प्रवेश कर गया। AAP पार्टी ने मांगें पूरी ना होने की स्थिति में रविवार से पीएम आवास के सामने धरना देने की चेतावनी दी है। इस बीच शनिवार को सुबह अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लोगों को ईद की मुबारकबाद दी है। हालांकि, ट्वीट में रोज की तरह धरने को लेकर कोई इशारा नहीं किया गया है।

केजरीवाल ने मोदी को फिर लिखा एक और पत्र
अरविंद केजरीवाल ने नीति आयोग की बैठक के मद्देनजर दिल्ली आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर पत्र लिखा है। श्री केजरीवाल ने लिखे पत्र में कहा है कि 17 जून को नीति आयोग की बैठक बुलायी गयी है और दिल्ली का मुख्यमंत्री हाेने के नाते बैठक के लिए उन्हें भी निमंत्रण मिला है।

उन्होंने लिखा है कि दिल्ली में पिछले तीन महीनों से नौकरशाह हड़ताल पर है जिसकी वजह से कई काम रुक गये हैं। उन्होंने कहा, “आईएएस अधिकारियों की हड़ताल को खत्म कराने के लिए पिछले पांच दिनों से मैं और मेरे तीन मंत्री उपराज्यपाल निवास पर हड़ताल को खत्म करवाने के लिए बैठे हैं,लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।”

श्री केजरीवाल ने आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के लिए श्री मोदी पर ही आरोप लगाया और कहा है कि आप इनकी हड़ताल को खत्म क्यों नहीं करवाते। इस तरह नौकरशाहों की हड़ताल करवाकर दिल्ली के लोगों को परेशान करना तो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ” नीति आयोग की बैठक में जो मुद्दे हैं , उन पर अधिकारियों को ही अमल करना हैं। बैठक में स्वास्थ्य बीमा पर चर्चा होनी है। हमने दिल्ली में इसको लागू करने का पूरा प्लान पहले से ही बनाया हुआ है किंतु अधिकारियों की हड़ताल के कारण पूरा काम रुका हुआ है।”

पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जताई नाराज़गी
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने LG हाउस पर धरना दे रहे मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की कार्य प्रणाली पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली की व्यवस्था को समझना चाहिए और काम नहीं करने का बहाना नहीं बनाना चाहिए।

शीला दीक्षित तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि दिल्ली देश की राजधानी है और केन्द्र शासित क्षेत्र है जिसे पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है। कांग्रेस ने भी तीन विधानसभा चुनाव में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने को मुद्दा बनाया था लेकिन बाद में पार्टी को समझ में आ गया कि यह संभव नहीं है।

श्रीमती दीक्षित ने कहा कि दिल्ली में जमीन और पुलिस केन्द्र सरकार के अधीन है और वह यह अधिकार दिल्ली को नहीं देना चाहती है । यदि दिल्ली को जमीन और पुलिस का अधिकार देना है तो इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा और इस मुद्दे को लेकर श्री केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास जाना चाहिए। श्रीमती दीक्षित ने कहा कि वास्तव में श्री केजरीवाल काम नहीं करना चाहते हैं।

कांग्रेस के शासन के दौरान अनेक उल्लेखनीय काम किये गये लेकिन मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं किया गया। जबकि आम आदमी पार्टी सरकार समन्वय से काम करने के बजाय मुद्दों का राजनीतिकरण कर रही हैं।

धरने को हुए चार दिन ,केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी,बताया दिल्ली का हाल

राष्ट्रीय राजधानी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री गोपाल राय और सत्येंद्र जैन के धरने का आज चौथा दिन है। वो LG दफ़्तर में डटे हुए हैं। सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया आमरण अनशन पर हैं। LG दफ़्तर से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है और दिल्‍ली की समस्‍याओं से अवगत कराया है। उन्‍होंने कहा है कि वह इस मामले में हस्‍ताक्षेप करें और इसे सुलझाए। इस धरने को एलजी अनिल बैजल ने बेतुका बताया है और उन्होंने गृह मंत्री से मुलाकात की। वहीं आम आदमी पार्टी ने 13 जून शाम में मार्च निकालकर नाराज़गी जताई।

केजरीवाल ने ट्वीट करके आरोप लगाया है कि मेरा भाई पुणे से मुझसे मिलने आया। उसको मुझसे मिलने नहीं दिया गया। ये तो ग़लत है। इससे पहले बुधवार सुबह केजरीवाल ने एक ट्वीट कर दिल्‍लीवालों को गुड मॉर्निंग कहा। उन्‍होंने कहा कि आख़िर दिल्ली वाले क्या मांग रहे हैं। IAS अफ़सरों की हड़ताल ख़त्म करा, राशन की डोरस्टेप डिलिवरी लागू करो, नहीं होना चाहिए ये? दुनिया में कोई कह सकता है कि ये नहीं होना चाहिए?, फिर ये लोग क्यों नहीं कर रहे? आज चौथा दिन है। इनकी मंशा ठीक नहीं लग रही।

चिट्ठी में बयां किया दिल्ली का हाल
अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि 3 महीने से दिल्ली के IAS अफ़सर हड़ताल पर है और मंत्रियों की बैठकों में IAS अफ़सर आते नहीं हैं। इससे दिल्‍ली की जनता के कई काम प्रभावित हो रहे। भारत के इतिहास में पहली बार IAS हड़ताल पर है और दिल्ली सरकार के अधीन होते तो 24 घंटे में हड़ताल ख़त्म हो जाती, लेकिन इन पर केंद्र और एलजी का नियंत्रण है। उनसे बार-बार गुहार के बाद भी एलजी हड़ताल ख़त्म नहीं करा रहे।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्‍ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्‍या है। पहले हर 15 दिनों में प्रदूषण की समीक्षा और प्‍लानिंग बैठक होती थी, लेकिन आईएएस अधिकारियों की हड़ताल की वजह से पिछले 3 महीनों से मीटिंग नहीं हो पाई है। पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि अब लोग कहने लगे हैं कि हड़ताल केंद्र, एलजी की साज़िश है। आप तुरंत हड़ताल ख़त्म कराएं ताकि काम शुरू हो सके।