ऑल इंडिया प्री एंड पैरा क्लीनिकल मेडिकोज एसोसिएशन (एआईपीसीएमए) ने शनिवार को कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आयुर्विज्ञान तथा शल्य-चिकित्सा स्नातक (एमबीबीएस) और डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) उत्तीर्ण चिकित्सकों को ही इससे संबंधित छात्रों को पढ़ाना चाहिए।
एसोसिएशन ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। इस अवसर पर एआईपीसीएमए के अध्यक्ष डॉ अभिनव पुरोहित ने कहा कि अन्य प्रोफेशनल संस्थानों की डिग्री जैसे एलएलबी, बीटेक, पशुचिकित्सा, आयुर्वेद, होम्योपैथी, नर्सिंग और फार्मेसी संस्थानों की भांति मेडिकल कॉलेज में शिक्षक बनने के लिए भी मान्यता प्राप्त एवं पंजीकृत डिग्री (एमबीबीएस) अनिवार्य होने के नियम को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
एआईपीसीएमए के उपाध्यक्ष डॉ सी एम कमाल ने कहा कि उनका उद्देश्य चिकित्सक शिक्षकों की योग्यता निर्धारण नियमों के बारे में बताना है। उन्होंने कहा कि हम गैर चिकित्सीय शिक्षकों की भर्ती को पूर्णत: बंद किये जाने की मांग करते है। उन्होंने कहा कि उपलब्धता में कमी को गुणवत्ता से समझौता करके पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हम नॉन मेडिकल शिक्षकों की भर्ती में छूट के प्रतिशत को घटाने के लिए एनएमसी का आभार व्यक्त करते हैं।
एसोसिएशन के सदस्य डॉ विनोद छीपा ने कहा कि रविवार को जंतर-मंतर पर आभार प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन छूट प्रावधान को पूर्ण रूप से हटाये जाने की मांग की जायेगी।
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