प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरोहर स्थलों पर फोटोग्राफी की मनाही को अप्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि बदलते वक्त के साथ यह नियम भी बदलना चाहिये। श्री मोदी ने नई दिल्ली में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के नये मुख्यालय ‘धरोहर भवन’ के उद्घाटन के मौके पर कहा कि हर धरोहर स्थल पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा होता है “यहाँ फोटो खींचना मना है।”उन्होंने कहा “अब वक्त बदल चुका है जी।तकनीक बदल चुकी है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश में किसी भी जगह खड़े स्कूटर का नंबर भी देखा जा सकता है।” मोदी ने कहा कि अब इस नियम को बदल देना चाहिये।
प्रधानमंत्री ने अपने इतिहास तथा अपने पुरातात्विक विरासत पर गर्व करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को स्थानीय इतिहास तथा अपने शहरों और क्षेत्रों के पुरातत्व के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुरातत्व के पाठों को स्कूली सिलेबस का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने सुप्रशिक्षित स्थानीय पर्यटक गाइडों के महत्व की चर्चा की, जो इतिहास तथा क्षेत्र की विरासत के जानकार होते हैं।
साझा किया अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल का अनुभव
गुजरात के मुख्यमंत्री के अपने कार्यकाल का अनुभव साझा करते हुये मोदी ने कहा कि सरदार सरोवर बाँध के एक दौरे के समय उन्होंने लोगों से कहा कि वे इसके फोटो लें और सबसे अच्छी फोटो लेने वाले को पुरस्कृत किया जायेगा। साथ ही यह भी कहा गया कि लोग फोटो को अपनी वेबसाइटों और सोशल मीडिया पर साझा करे। इससे वहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी। इसके बाद राज्य सरकार ने वहाँ टिकट लगा दिया। इससे पर्यटन स्थल के रूप में बाँध का प्रचार भी हुआ और राज्य को राजस्व की प्राप्ति भी हुई।