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रूस ने जापान को जोड़ने वाली समुद्री यात्री सेवा फिर से की शुरू

Russia resumes sea passenger service connecting Japan
Russia resumes sea passenger service connecting Japan

रूस ने लंबे अंतराल के बाद जापान को जोड़ने वाला समुद्री यात्री परिवहन फिर से शुरू कर दिया है।
स्थानीय मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी। रूसी शिपिंग कंपनी वोस्तोक टूर को इस सप्ताह व्लादिवोस्तोक और इशिकावा प्रान्त में नानाओ के जापानी बंदरगाह के बीच लाइनर जहाज लॉन्च करने की मंजूरी दी गई। पहली नाव प्लियोना, केवल कुछ यात्रियों को लेकर सोमवार को जापान के लिए रवाना हुई।


कंपनी ने कहा कि लाइनर जहाजों का संचालन सप्ताह में एक बार किया जाएगा। जहाज में अधिकतम 43 यात्री बैठ सकते हैं। वोस्तोक टूर ने कहा कि उन्होंने व्लादिवोस्तोक से जापान तक कभी भी समुद्री यात्री लाइनर जहाजों का संचालन नहीं किया था। एक दक्षिण कोरियाई कंपनी 2020 तक व्लादिवोस्तोक से जापानी शहर सैकाइमिनाटो तक यात्रा करती थी।

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रूस के साइबेरिया में विमान की आपात लैंडिंग

Emergency landing of plane in Siberia, Russia
Emergency landing of plane in Siberia, Russia

रूस के रिसॉर्ट शहर सोची से साइबेरियाई शहर ओम्स्क जा रहे एक यात्री विमान को हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी के कारण नोवोसिबिर्स्क क्षेत्र में आपातस्थिति में एक खेत में उतारना पड़ा। विमान में सवार सभी यात्रियों की सांसें थम गयी थीं।


यूराल एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सर्गेई स्कर्तोव ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
रूसी एयर कैरियर यूराल एयरलाइंस द्वारा संचालित एयरबस ए320 विमान को एक खेत में आपात लैंडिंग करनी पड़ी। विमान में चालक दल के छह सदस्यों और 23 बच्चों सहित 167 लोग सवार थे।
क्षेत्रीय स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि घटना में कम से कम पांच लोग घायल हो गए है। विमान में सवार किसी भी बच्चे को चोट नहीं आई है।


श्री स्कर्तोव संवाददाताओं से कहा. ”ओम्स्क के पास पहुंचने पर, लैंडिंग के दौरान, विमान पर ‘हरा’ हाइड्रोलिक सिस्टम विफल हो गया। सामान्य तौर पर, विमान में तीन हाइड्रोलिक सिस्टम होते हैं: हरा, पीला और नीला। ”
उन्होंने कहा कि विमान कमांडर ने नोवोसिबिर्स्क में एक वैकल्पिक हवाई क्षेत्र में उतरने का निर्णय लिया लेकिन बाद में महसूस किया कि ईंधन पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने बताया कि विमान के यात्रियों को 100,000 रूबल (1,058 डॉलर) का भुगतान किया जाएगा।


ऐसी ही एक घटना रूस में चार साल पहले हुई थी। तब रूसी विमान ए-321 के पक्षियों के टकराने के बाद विमान को आपातस्थिति में मक्के के खेत में उतारना पड़ा था। अधिकारियों ने कहा कि विमान में 233 लोग सवार थे। हादसे में 23 लोग घायल हो गए थे। यूराल एयरलाइंस ए321 मॉस्को के जुकोव्स्की एयरपोर्ट से 226 यात्रियों और सात क्रू मेंबर्स को लेकर रूसी अधिकार वाले क्रीमिया के सिम्फरोपोल ले जा रही थी

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सोवियत यूनियन से 6 सितंबर को मिली थी तीन राष्ट्रों को आजादी

Three nations got independence from Soviet Union on 6 September
Three nations got independence from Soviet Union on 6 September

सोवियत यूनियन 1991 में तीन बाल्कन राष्ट्र एस्टोनिया,लाटविया और लिथुआनिया को पचास साल के कम्रूूनिस्ट शासन से आजादी दी थी। इस आजादी की एतिहासिक तारीख 6 सितंबर है।


6 सितंबर को देश् दुनिय में हुईं अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं इस तरह हैं:-

1552: समंदर के रास्ते पृथ्वी का पूरा चक्कर लगाने वाला पहला जहाज विक्­टोरिया आज ही के दिन स्पेन लौटा था।
1716ः पहला लाइट हाउस उत्तरी अमेरिका के बोस्टन में बनाया गया।


1870: अमेरिका में पहली बार किसी महिला ने स्थानीय चुनावों में वोट डाला। हालांकि, राष्ट्रीय चुनावों में वोटिंग का अधिकार महिलाओं को 1920 में मिला था।


1901: अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति विलियम मैककिनले को गोली मार दी गई थी। आठ दिन बाद उनकी मौत हो गई थी।

1915ः पहला युद्धक टैंक बनाया गया। इंग्लैंड में बने टैंक के पहले प्रोटोटाइप को ह्ललिटिल विलिह्ण के नाम से पुकारा गया।

1916: पहला सुपर मार्केट अमेरिका के टेनेसी में खुला।


1929: फ़ल्मि निर्माता यश जौहर का जन्म हुआ ।


1937: इल मजूको युद्ध के साथ स्पेन में गृह युद्ध शुरू हुआ।1958: अमेरिका ने अटलांटिक सागर में परमाणु परीक्षण किया।


1965: भारतीय सेना ने तीन जगहों से सीमा पार कर पश्चिमी पाकिस्तान पर हमला किया था।


1969: अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड को ब्रिटेन से आजादी मिली। आज के दिन को इस देश का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया।

1972: हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज उस्ताद अलाउद्दीन खान का निधन हुआ।


1986: इस्तांबुल में यहूदी उपासना गृह में हमले में 23 लोग मारे गए।


1988: 11 साल की उम्र में थॅामस ग्रेगोरी इंग्लिश चैनल पार करने वाले सबसे कम उम्र के तैराक बने।


1991: रूस के दूसरे सबसे बड़े शहर को कभी सेंट पीटर्सबर्ग, कभी पेत्रोग्राद तो कभी लेनिनग्राद नाम से जाना जाता रहा।

इस शहर को अपना पुराना नाम सेंट पीटर्सबर्ग वापस मिला था।


1991: सोवियत संघ ने तीन बाल्कन राष्ट्रों एस्टोनिया, लाट्विया और लिथुआनिया को 50 साल के कम्युनिस्ट शासन से आजाद किया था।


1997: बिट्रेन ने एक हफ्ते तक शोक मनाने के बाद प्रिंसेस डायना को ब्रिटेन ने अंतिम विदाई दी थी।


2007: इजरायल ने ऑपरेशन ऑर्चर्ड चलाते हुए सीरिया के न्यूक्लियर रिएक्टर को उड़ाया था।


2008: अमेरिका और भारत के बीच न्यूक्लियर डील को न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप ने मंजूरी दी थी। इससे अमेरिका को यह अनुमति मिल गई थी कि वह भारत को एनर्जी प्रोग्राम को तेजी देने के लिए न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी बेच सके।


2012: बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बने।

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मास्को के हवाई अड्डों पर 40 उड़ानों में देरी

40 flights delayed at Moscow airports
40 flights delayed at Moscow airports

यूक्रेनी ड्रोन हमलों के प्रयास की जानकारी के बाद, रूस में मंगलवार को मास्को के वनुकोवो, डोमोडेडोवो और शेरेमेतयेवो हवाई अड्डों पर लगभग 40 उड़ानों में देरी हुई। रूसी आईटी दिग्गज यांडेक्स की शेड्यूल सेवा ने यह जानकारी दी।
इससे पहले, मास्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने कहा था कि रूसी वायु रक्षा बलों ने कलुगा और मास्को क्षेत्रों में यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट कर दिया है। उन्होंने बताया कि टवर क्षेत्र में एक और ड्रोन रूसी राजधानी की ओर उड़ान भरते समय नष्ट हो गया, जिसमें किसी के हताहत होने या क्षति की सूचना नहीं है।


गौरतलब है कि हमलों की सूचना मिलते ही, स्थानीय समयानुसार सोमवार देर रात करीब 02:25 बजे मास्को हवाई अड्डे वनुकोवो पर 24 उड़ानें विलंबित हुईं और दो अन्य रद्द कर दी गईं। डोमोडेडोवो हवाई अड्डे पर दो उड़ानों में देरी हुई, शेरेमेतयेवो में 14 और उड़ानों में देरी हुई।

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रूसी वायु सेना ने मॉस्को क्षेत्र में यूक्रेनी ड्रोन को किया नष्ट

Russian Air Force destroys Ukrainian drone near Moscow
Russian Air Force destroys Ukrainian drone near Moscow

रूसी वायु रक्षा बलों ने राजधानी मॉस्को और उसके आसपास क्षेत्र में निशाना बनाने वाले एक यूक्रेनी ड्रोन को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया।


रूसी रक्षा मंत्री ने शनिवार को संवाददताओं को यह जानकारी दी और कहा कि यूक्रेन के इस मानवरहित ड्रोन को इस्त्रा जिले में मार गिराया।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मॉस्को के समयानुसार आज (26 अगस्त) तड़के करीब तीन बजे मॉस्को और उसके क्षेत्र में मानवरहित यूक्रेनी ड्रोन के आतंकवादी हमले के प्रयास को रूसी वायु रक्षा बलों ने विफल कर दिया। वायु रक्षा बल के तैनात जवानों ने इस्त्रा जिले के ऊपर मंडरा रहे ड्रोन को नष्ट कर दिया।”


मॉस्को मेयर सर्गेई सोबयानिन ने कहा कि रूसी राजधानी की दिशा में उड़ रहे यूक्रेनी मानवरहित ड्रोन को वायु सेना के जवानों ने आज तड़के हवा में ही मार गिराया।


मेयर साबयानिन ने टेलिग्राम पर लिखा, “वायु रक्षा बलों ने शनिवार तड़के इस्तरा जिले में एक ड्रोन को नष्ट कर दिया, जब वह मॉस्को की ओर आ रहा था। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार किसी के हताहत होने या क्षति की सूचना नहीं है।”

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ब्रिक्स संसदीय फोरम मंच के आयोजन की संभावना अक्टूबर दक्षिण अफ्रीका में

BRICS Parliamentary Forum likely to be held in South Africa in October
BRICS Parliamentary Forum likely to be held in South Africa in October

दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री नलेदी पंडोर ने शुक्रवार को कहा है कि ब्रिक्स संसदीय मंच का आयोजन संभवत: अक्टूबर में जोहान्सबर्ग में किया जाएगा।
पंडोर ने रेडियो उबंटू को बताया, ”इस साल के अंत के आसपास, हमारे पास ब्रिक्स संसदीय फोरम होगा, जो अक्टूबर में जोहान्सबर्ग में होगा।”
उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स – दुनिया की सबसे बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं, (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) को एकजुट करने वाला समूह है। जिसने मंगलवार से गुरुवार तक जोहान्सबर्ग में अपना वार्षिक शीर्ष स्तरीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया।
गुरुवार को समूह में अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को आधिकारिक तौर पर समूह में शामिल किया गया था।

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भारत और एससीओ: हालिया शिखर सम्मेलन में भारत के लिए क्या ?

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने की थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में एससीओ में शामिल हुए।

एससीओ का 2023 शिखर सम्मेलन 13-14 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। जहां एससीओ सदस्य देशों के नेताओं ने सुरक्षा, व्यापार और आर्थिक सहयोग सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।

भारत ने शी जिनपिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का समर्थन करने वाले पैराग्राफ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। भारत ने लंबे समय से बीआरआई का विरोध किया है।

एससीओ शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों में सहयोग पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। शिखर सम्मेलन को सभी प्रतिभागियों ने एक सफलता के रूप में देखा, और उम्मीद है कि एससीओ आने वाले वर्षों में क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

भारत ने बीआरआई पैराग्राफ पर हस्ताक्षर करने से किया इंकार

भारत का बीआरआई पैराग्राफ पर हस्ताक्षर करने से इंकार करना इस पहल के विरोध का स्पष्ट संकेत था। भारत ने तर्क दिया है कि बीआरआई उसकी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करता है, क्योंकि इसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) शामिल है, जो कश्मीर में विवादित क्षेत्र से होकर गुजरता है।


संयुक्त राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए एससीओ की प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऐसे समय में आई है जब चीन दक्षिण चीन सागर में अपना प्रभुत्व बढ़ा रहा है। एससीओ के बयान को दक्षिण चीन सागर में चीन की हरकतों पर फटकार के रूप में देखा जा सकता है, जिसकी कई देशों ने निंदा की है।


एससीओ शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों में सहयोग पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों को क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग संगठन के रूप में एससीओ के बढ़ते महत्व के संकेत के रूप में देखा जाता है।

भारत का रूस के साथ S-400 रक्षा सौदे पर हो सकता है समझौता,बढ़ी अमेरिका की चिंता

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को दो दिन की यात्रा पर भारत आ रहे हैं। पुतिन अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। दोनों नेता ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के मद्देनजर कच्चे तेल की स्थिति समेत विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं। इस दौरान रूस के साथ एस-400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर समझौता हो सकता है। 19वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेता रूसी रक्षा कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंध की पृष्टभूमि में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की भी समीक्षा कर सकते हैं। पुतिन की भारत यात्रा के दौरान मुख्य जोर एस-400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर समझौते पर केंद्रित रहेगा।

5 अरब डॉलर से ज्यादा का है एस-400 सौदा

व्लादिमीर पुतिन की इस यात्रा की मुख्य विशेषता एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए समझौते पर दस्तखत करना होगा और यह करार पांच अरब डॉलर की राशि से ज्यादा का होगा। पुतिन के शीर्ष विदेश नीति सलाहकार युरी उशाकोव ने कहा कि राष्ट्रपति 4 अक्टूबर को भारत रवाना हो रहे हैं और इस दौरान एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए समझौते पर जोर होगा। इस खरीद से अमेरिका के काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) का उल्लंघन होगा। हालांकि इससे छूट मिलने की संभावना है।

अमेरिका की भारत को चेतावनी,रूस से हथियारों का सौदा करने पर लग सकते हैं प्रतिबंध

पुतिन के दौरे का असर अमेरिका और भारत के संबंधों पर भी देखने को मिल सकता है। अमेरिका ने पुतिन के दौरे से पहले भारत को चेतावनी दी है। उसने कहा है कि मॉस्को के साथ किसी भी तरह का रक्षा सौदा करने पर भारत को अप्रत्यक्ष प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

अमेरिकी प्रतिबंध कॉउंटरिंग अमेरिकास एडवर्सरीज़ थ्रू सैंक्शन एक्ट (CAATSA) कानून का हिस्सा हैं। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा कि साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप, सीरियाई विद्रोह में रूस की भूमिका और क्रीमिया पर कब्जा करने के लिए रूस को सजा देने के लिए इस कानून को लाया गया है। हम अपने सभी साथियों और साझेदारों से आग्रह करते हैं कि वह रूस के साथ ऐसा कोई लेन-देन नहीं करे, जिससे उसके खिलाफ CAATSA लगाना पड़े। अमेरिकी राष्ट्रपति इसमें छूट दे सकते हैं यदि यह अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए कोई खतरा नहीं हो।

इजरायल की सुरक्षा के लिए एक साथ काम करेंगे अमेरिका और रूस

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 16 जुलाई को फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात की। दोनों नेताओं ने इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर बात की और इसके लिए अमेरिका और रूस एक साथ मिलकर काम करेंगे। श्री पुतिन के साथ मुलाकात के बाद श्री ट्रम्प ने कहा, “हम दोनों ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की। वे इजरायल की सुरक्षा से संबंधित सीरिया में कुछ करना चाहते हैं। इस संबंध में रूस और अमेरिका मिलकर काम करेंगे।”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि सीरिया को लेकर दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक चर्चा हुयी। श्री ट्रम्प ने कहा, “कई वर्षाें से हमारी सेनाओं ने हमारे नेताओं से बेहतर काम किया है। और हम सीरिया में भी एक साथ काम कर रहे हैं।” दोनों नेताओं ने ईरान को लेकर भी चर्चा की। उल्लेखनीय है कि सीरिया में करीब आठ वर्षों से जारी गृह युद्ध में अमेरिका और रूस अलग-अलग गुटों का समर्थन करते हैं। श्री ट्रम्प ने कहा कि दोनों देश सीरियाई लोगों की मानवीय सहायता करना चाहते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “रूस और अमेरिका साथ मिलकर नहीं चल रहे थे लेकिन अब मुझे लगता है कि दुनिया इन दोनों देशों को साथ देखना चाहती है।” वहीं, श्री पुतिन ने कहा कि श्री ट्रम्प ने हमेशा फोन के जरिए तथा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के दौरान मुलाकात करके संपर्क बनाए रखा। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समस्याओं एवं संवेदनशील मुद्दों पर बात करें।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति और रूसी राष्ट्रपति के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता की शुरुआत ही इस बात से हुयी कि दोनों देशों के बीच बेहतरीन संबंध कायम होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वह श्री पुतिन के साथ व्यापार, सेना तथा चीन समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। श्री ट्रम्प ने जहां ‘असाधारण संबंधों’ का वादा किया, वहीं श्री पुतिन ने कहा कि दुनियाभर में विवादों का हल समय की आवश्यकता है। श्री ट्रम्प ने फुटबॉल विश्वकप के सफल आयोजन के लिए श्री पुतिन को बधाई भी दी।

श्री ट्रम्प ने अमेरिका और रूस के बीच तनाव के लिए अपने पूर्ववर्तियों को जिम्मेदार ठहराया। वर्ष 2014 में जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप के दावों के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तनाव पैदा हो गया था। कुछ अमेरिकी राजनेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के अभियान की कथित रूप से हैकिंग में शामिल 12 रूसी सैन्य खुफिया एजेंटों पर शुक्रवार को आराेप तय किये जाने के बाद इस मामले को लेकर श्री ट्रम्प और श्री पुतिन के बीच शिखर वार्ता को रद्द करने की मांग की गयी थी। इसके अलावा सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद को समर्थन जारी रखने के लिए भी अमेरिका में रूस की आलोचना की जाती है।

स्पेन के खिलाड़ी इनिएस्टा ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से लिया संन्यास

फीफा वर्ल्ड कप 2018 के प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मेज़बान रूस से मिली हार के बाद स्पेन वर्ल्ड कप से बाहर हो गया है। इसी के साथ स्पेन के महान फुटबॉलर आंद्रेस इनिएस्टा ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लिया है। स्पेन रूस के खिलाफ पेनल्टी शूट आउट में 4 -3 से हारकर विश्व कप से बाहर हो गयी है।

अपने सटीक पास और कुशल मूव से इनिएस्टा स्पेन की उस टीम का अहम हिस्सा बने जिसने कुछ समय पहले तक अंतरराष्ट्रीय फुटबाल में दबदबा बनाया हुआ था लेकिन 01 जुलाई को टीम लगातार तीसरे बड़े टूर्नामेंट से निराशाजनक तरीके से बाहर हो गई। विश्व कप 2010 फाइनल में विजयी गोल दागने वाले इनिएस्टा पहले ही संकेत दे चुके थे कि यह राष्ट्रीय टीम के साथ उनका अंतिम टूर्नामेंट होगा और मास्को में अंतिम 16 के मैच के बाद उन्होंने संन्यास लेने की पुष्टि की। स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में 3-4 से हार का सामना करना पड़ा। स्पेन की ओर से 131 मैच खेलने वाले इनिएस्टा ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर यह मेरे करियर का सबसे दुखद दिन है।”