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मान की खुली बहस में शामिल नहीं हुए अकाली, कांग्रेस व भाजपा

Akali, Congress and BJP did not participate in the open debate on Mann
Akali, Congress and BJP did not participate in the open debate on Mann

 पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से सतलुज यमुना लिक नहर (एसवाईएल) सहित पंजाब के अन्य ज्वलंत मद्दों पर आहूत खुली बहस ‘मैं पंजाब बोलदा हां’ में शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के नेता शामिल नहीं हुए।

एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में दिए शपथ पत्र के पश्चात गर्माये इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के मुद्दों को लेकर विपक्षी पार्टियों को महा बहस की चुनौती दी थी। लुधियाना के पंजाब कृषि विश्वविद्यालय स्थित डॉ मनमोहन सिंह ऑडीटोरियम हाल में आयोजित इस खुली बहस में पंजाब की तीनों बड़ी पार्टियां शामिल नहीं हुई।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बुधवार को एक्स पर कहा,“आज एक नवंबर है, एक अप्रैल नहीं मान साहब। आपने आम जनता को खुला निमंत्रण देकर और फिर अपनी पुलिस से कहकर उन्हें बहस स्थल में प्रवेश न करने देने का यह अपमानजनक मज़ाक क्यों किया।

यह निश्चित रूप से हास्यास्पद नहीं है। अगर आपको मुफ्ती में पुलिसकर्मियों को संबोधित करना ही था तो आप फिल्लौर पुलिस अकादमी में कर सकते थे और लुधियाना को इस उत्पीड़न से बचा सकते थे। भगवंत मान जी, आपकी पुलिस आम लोगों को डिबेट में नहीं आने दे रही है। अगर आपको ऐसा करना ही था तो पुलिस अकादमी, फिल्लौर में बिना वर्दी वाली पुलिस को दर्शकों के स्थान पर बिठाकर कार्यक्रम कर लेना चाहिए था। लुधियाना शहर को सील करने की कोई जरूरत नहीं थी और पंजाबियों को परेशानी नहीं उठानी पड़ी।”

श्री जाखड़ के एक्स के जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा,“जाखड़ साब, आपको सम्मान के आमंत्रित किया गया था, आप नहीं आए और अब बेकार बहाने बना रहे हैं। यह झूठ मत फैलाएं क्योंकि सभागार जनता से खचाखच भरा हुआ है। आइए और पंजाब के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा करें।”

शिरोमणी अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी आज की बहस पर सवाल उठाते हुए कहा कि लुधियाना में कर्फ्यू लगा दिया गया है, सार्वजनिक प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, दंगा विरोधी टीमों को तैनात किया गया है और संगठनों के प्रतिनिधियों को हिरासत में लिया गया है। साथ ही निष्पक्ष मीडिया का मुंह बंद कर दिया गया है।”

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेलगिल ने एक्स पर कहा, “श्री मान ने पंजाब के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में एक ‘खुली बहस’ का आयोजन किया है, इसमें इतना ‘खुलापन’ है कि केवल चयनित मीडिया को कार्यक्रम स्थल के अंदर जाने की अनुमति है, लोगों को अनुमति नहीं है, विश्वविद्यालय के छात्रों को अनुमति नहीं है, किसी भी कार्यकर्ता को अनुमति नहीं है। बहस के नाम पर मान सरकार एक कठपुतली शो आयोजित कर रही है और आप ब्रिगेड चीयरलीडर है! मान बहस का प्रारूप ‘मैं, मैं और मैं!’ मान साब इतने डरे हुए क्यों।”

उन्होंने कहा कि श्री भगवंत मान द्वारा आज पंजाब में आयोजित ‘खुली बहस’ का प्रारूप: ‘मैं न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद हूं’ जनता को अनुमति नहीं है क्योंकि केजरीवाल-मान सवालों का जवाब नहीं देना चाहते हैं जिनमें एसवाईएल नहर, शराब घोटाला, पंगु कानून व्यवस्था, क्षतिग्रस्त ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचा व राज्य पर बढ़ता कर्ज शामिल हैं।

गौरतलब है कि बहस के कारण पीएयु की सुरक्षा में दो हजार से ज्यादा पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा सादा वर्दी में भी पुलिस कर्मचारी आम लोगों में रह कर शरारती तत्वों पर नजर रखेंगे।

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आधी रात को जारी हुई कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची, प्रदेश में बस एक सीट शेष

List of Congress candidates released at midnight, only one seat left in the state
List of Congress candidates released at midnight, only one seat left in the state

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने देर रात 88 प्रत्याशियों के नामों की दूसरी सूची जारी कर दी। इसके साथ ही अब पार्टी के कुल 230 में से 229 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम सामने आ गए हैं।

कल देर रात लगभग पौने 12 बजे जारी हुई इस सूची में तीन सीटों पर पूर्व में घोषित प्रत्याशी बदल दिए गए हैं। पार्टी को अब एकमात्र बैतूल जिले की आमला सीट पर प्रत्याशी घोषित करना शेष रह गया है।

पार्टी ने इसके पहले 15 अक्टूबर को अपने 144 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। कल जारी सूची में पुरानी सूची के तीन प्रत्याशियों को बदला गया है। दतिया से पार्टी ने अब राजेंद्र भारती को प्रत्याशी घोषित किया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने यहां से प्रदेश के कद्दावर मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने पहले यहां से भाजपा के बागी अवधेश नायक काे प्रत्याशी बनाया था, लेकिन क्षेत्र में कथित विरोध के चलते प्रत्याशी बदला गया है।

वहीं शिवपुरी जिले के पिछोर से शैलेंद्र सिंह के स्थान पर अरविंद सिंह लोधी को और नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव (अजा) से शेखर चौधरी के स्थान पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति को प्रत्याशी घोषित किया गया है। श्री प्रजापति को पहली सूची में स्थान नहीं मिला था, जिसके बाद उनके पार्टी छोड़ने तक की अटकलें सामने आ गईं थीं।

सूची के अनुसार सुमावली से कुलदीप सिकरवार, मुरैना से दिनेश गुर्जर, दिमनी से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ रविंद्र सिंह तोमर, अंबाह (अजा) से देवेंद्र रामनारायण सखवार और भिंड से पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को प्रत्याशी बनाया गया है।

कल जारी सूची के अनुसार गोहद (अजा) से केशव देसाई, ग्वालियर से सुनील शर्मा, गुना (अजा) से पंकज कनेरिया, बीना (अजा) से श्रीमती निर्मला सप्रे, खुरई से सुश्री रक्षा राजपूत, रहली से श्रीमती ज्योति पटेल, सागर से श्रीमती निधि जैन, निवाड़ी से अमित राय, दमोह से अजय टंडन, पन्ना से भरत मिलन पांडे, मैहर से धर्मेश घई, रामपुर बघेलान से रमाशंकर पयासी और सिरमौर से रामगरीब कौल को उम्मीदवार बनाया गया है।

सेमरिया से अभय मिश्रा, देवतालाब से पद्मेश गौतम, रीवा से राजेंद्र शर्मा, सीधी से ज्ञान सिंह, देवसर (अजा) से बंशमणि प्रसाद वर्मा, धौहनी (अजजा) से श्रीमती कमलेश सिंह, ब्यौहारी (अजजा) से रामलखन सिंह, जयसिंहनगर (अजजा) से नरेंद्र मरावी, कोतमा से सुनील सराफ, बांधवगढ़ (अजजा) से सुश्री सावित्री सिंह, मानपुर (अजजा) से तिलक राज सिंह, विजयराघवगढ़ से नीरज बघेल और मुडवारा से मिथिलेश जैन को पार्टी ने टिकट दिया है।

बहोरीबंद से सौरभ सिंह, जबलपुर कैंट से अभिषेक चौकसे, पनागर से राजेश पटेल, निवास (अजजा) से चैन सिंह वरकड़े, मंडला (अजजा) से डॉ अशोक मर्सकोले, वारासिवनी से विकी पटेल, गाडरवारा से श्रीमती सुनीता पटेल, जुन्नारदेव (अजजा) से सुनील उइके, अमरवाड़ा (अजजा) से कमलेश शाह, चुरई से सुरजीत मेड़ सिंह, सौंसर से विजय चौरे, परासिया (अजा) सोहन वाल्मीकि, पांढुर्णा (अजजा) से नीलेश उइके, सिवनीमालवा से अजय बलराम पटेल और होशंगाबाद से गिरिजाशंकर शर्मा को चुनावी रण में उतारने का निर्णय लिया गया है।

सोहागपुर से पुष्पराज सिंह, पिपरिया (अजा) से गुरुचरण खरे, भोजपुर से राजकुमार पटेल, सांची (अजा) से डॉ जी सी गौतम, कुरवाई (अजा) से श्रीमती रानी अहिरवार, सिरोंज से गगनेंद्र रघुवंशी, भोपाल उत्तर से आतिफ अकील, भोपाल दक्षिण पश्चिम से पी सी शर्मा, गोविंदपुरा से रवींद्र साहू, हुजूर से नरेश ज्ञानचंदानी, इछावर से शैलेंद्र पटेल और नरसिंहगढ़ से गिरीश भंडारी को टिकट दिया गया है।

ब्यावरा से पुरुषोत्तम दांगी, सारंगपुर (अजा) से श्रीमती कला महेश मालवीय, शुजालपुर से रामवीर सिंह सिकरवार, देवा से प्रदीप चौधरी, खांतेगांव से दीपक जोशी, बागली (अजजा) से गोपाल भोंसले, हरसूद (अजजा) से सुखराम साल्वे, खंडवा (अजा) से कुंदन मालवीय, नेपानगर (अजजा) से श्रीमती गेंदूबाई चौहान, बुरहानपुर से सुरेंद्र सिंह शेरा, सेंधवा (अजजा) मोंटू सोलंकी, पानसेमल (अजजा) से चंद्रभाग किराड़े, मनावर (अजजा) डॉ हीरालाल अलावा, धार से श्रीमती प्रभा गौतम और बदनावर से भंवर सिंह शेखावत प्रत्याशी होंगे।

इंदौर तीन से दीपक पिंटू जोशी, इंदौर पांच से सत्यनारायण पटेल, डॉ अंबेडकरनगर (महू) से रामकिशोर शुक्ला, उज्जैन दक्षिण से चेतन प्रेमनारायण यादव, बदनावर से राजेंद्र सिंह सोलंकी, रतलाम ग्रामीण (अजजा) लक्ष्मण डिंडोरे, रतलाम (शहर) से पारस सखलेचा, जावरा से हिम्मत श्रीमल, मल्हारगढ़ (अजा) से परशुराम सिसोदिया, नीमच से उमराव सिंह गुर्जर और जावद से समंदर पटेल पर पार्टी ने दाव खेला है।

रीवा जिले की देवतालाब विधानसभा सीट से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम वर्तमान में विधायक हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर उनके भतीजे पद्मेश गौतम को मैदान में उतारा है। भाजपा ने इस बार फिर से यहां से गिरीश गौतम को ही चुनाव में उतारा है। पद्मेश 2022 में हुए जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में गिरीश गौतम के बेटे राहुल गौतम को हरा चुके हैं।

बैतूल जिले की आमला सीट को लेकर अटकलें हैं कि पार्टी वहां से छतरपुर में पदस्थ रहीं डिप्टी कलेक्टर निशा बागरे को प्रत्याशी बनाना चाहती है। सुश्री बागरे ने सरकारी सेवा से त्यागपत्र राज्य सरकार को सौंप दिया है, लेकिन वह मंजूर नहीं किया गया है। सुश्री बागरे की ओर से यह मामला अदालत में ले जाया गया है। माना जा रहा है कि यदि शीघ्र ही सुश्री बागरे का त्यागपत्र स्वीकृत हो गया, तो पार्टी उन्हेें प्रत्याशी बना सकती है।

राज्य में सभी 230 सीटों पर चुनाव के लिए अधिसूचना शनिवार 21 अक्टूबर को जारी होने के साथ ही नामांकनपत्र दाखिले का कार्य प्रारंभ हो जाएगा, जो 30 अक्टूबर तक चलेगा। अगले दिन 31 अक्टूबर को इनकी जांच होगी और दो नवंबर तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। एक ही चरण में 17 नवंबर को सभी सीटों पर मतदान होगा और तीन दिसंबर को मतगणना के साथ नयी सरकार को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि पार्टी प्रत्याशी प्रदेश का भविष्य संवारने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं।

श्री कमलनाथ ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस ने चुनाव के लिए अपने 88 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। पार्टी के प्रत्याशी सिर्फ विधायक बनने के लिए खड़े नहीं हो रहे हैं, बल्कि मध्यप्रदेश का भविष्य संवारने के लिए चुनाव के मैदान में उतरे हैं।

उन्होंने प्रत्याशियों का आह्वान किया कि सभी प्राणपण से अपने कर्तव्य में जुट जाएं और प्रदेश से 18 साल के ‘कुशासन’ का अंत करने के लिए कमर कस लें। प्रदेश में प्रचंड बहुमत से कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाएं।

दिग्विजय से बोले कमलनाथ, गलती हो या ना हो गाली खानी पड़ेगी

Kamal Nath said to Digvijay, whether it is a mistake or not, you will have to face abuses.
Kamal Nath said to Digvijay, whether it is a mistake or not, you will have to face abuses.

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच कथित गुटबाजी की खबरों के दौरान आज उस समय रोचक स्थिति पैदा हो गई, जब श्री कमलनाथ ने एक मंच से कहा कि उन्होंने श्री सिंह को बहुत पहले उनके लिए (श्री कमलनाथ के लिए) ‘गाली खाने’ की ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ दी थी और ये आज तक ‘वैलिड’ है।
दोनों नेता विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का वचन पत्र जारी किए जाने के समारोह के दौरान मंच साझा कर रहे थे। इस दौरान श्री कमलनाथ ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि अभी उनके पास श्री सिंह के ‘कपड़े फाड़ने’ से जुड़ी बात सामने आई है। इसी क्रम में उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए हल्के फुल्के लहजे में कहा कि अगर श्री सिंह आपकी बात ना मानें तो आप भी इनके कपड़े फाड़ें।
इसी बीच मंच पर उपस्थित श्री सिंह श्री कमलनाथ को बीच में टोक कर बोले कि फॉर्म ए और फॉर्म बी पर पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) के दस्तखत होते हैं, तो कपड़े किनके फटने चाहिए। उनकी बात पर वहां मौजूद कांग्रेस के सभी नेताओं ने ठहाके लगाए।
इसके फौरन बाद श्री कमलनाथ ने कहा कि उनका और दिग्विजय सिंह का संबंध बहुत पुराना है और हंसी मजाक के साथ प्यार का भी है। इसी दौरान श्री सिंह मंच पर किसी अन्य से बात करने लगे, जिस पर श्री कमलनाथ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ‘दिग्विजय सुनते रहो’।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए श्री कमलनाथ ने मजाकिया लहजे में कहा कि बहुत पहले मैंने इन्हें (श्री दिग्विजय सिंह को) ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ दी थी कि कमलनाथ के लिए पूरी गाली खाइए और ये ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ आज के दिन भी वैलिड है।
इस पर श्री सिंह ने हंसते हुए उन्हें एक बार फिर टोका और पूछा कि गलती कौन कर रहा है, ये तो पता होना चाहिए। उनकी बात पूरी होते ही श्री कमलनाथ ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि गलती हो या ना हो, गाली तो खानी है। इन्होंने (श्री सिंह ने) मेरे लिए (श्री कमलनाथ स्वयं के लिए) बहुत कड़वे घूंट पिए हैं, आगे भी पीने पड़ेंगे।
दरअसल कल देर शाम सोशल मीडिया पर श्री कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें वे कथित तौर पर असंतुष्टों के बीच कहते हुए सुनाई दे रहे थे कि वे जाकर श्री दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र जयवर्धन सिंह के ‘कपड़े फाड़ें।’
बताया जा रहा है कि इस वीडियाे में श्री कमलनाथ भाजपा से कांग्रेस में आए शिवपुरी के नेता वीरेंद्र रघुवंशी और उनके समर्थकों से ये बात कर रहे हैं। श्री रघुवंशी भाजपा छोड़ कर आने के बाद शिवपुरी से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनके स्थान पर पिछोर से विधायक रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता के पी सिंह को टिकट दे दिया गया। बताया जा रहा है कि श्री कमलनाथ इसके लिए श्री सिंह को जिम्मेदार मानते हुए श्री रघुवंशी को ये परामर्श दे रहे हैं।
इसके बाद आज सुबह श्री सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बिना किसी का नाम लिए पोस्ट किया, ‘जब परिवार बड़ा होता है तो सामूहिक सुख और सामूहिक द्वंद्व दोनों होते हैं। समझदारी यही कहती है कि बड़े लोग धैर्यपूर्वक समाधान निकालें। ईश्वर भी उन्हीं का साथ देते हैं जो मन और मेहनत का मेल रखते हैं।’
दोनों नेताओं के बीच के इस घटनाक्रम के बाद से भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने दाेनों के बीच गुटबाजी की अटकलों को और हवा देनी शुरु कर दी थी

कांग्रेस की महिला विधायक टिकट मांग रहे पार्टी के एक नेता की अभद्रता से परेशान

Women MLAs of Congress upset with the indecency of a party leader who was seeking ticket
Women MLAs of Congress upset with the indecency of a party leader who was seeking ticket

मध्यप्रदेश कांग्रेस की एक महिला विधायक अपनी ही पार्टी से इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट मांग रहे एक नेता की कथित अभद्रता से परेशान होकर थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराने पहुंचीं।


विधायक कल्पना वर्मा का एक वीडियो आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे अपनी ही पार्टी के नेता मनोज बागरी की अभद्रता और विरोध से परेशान होकर थाने में एफआईआर कराने पहुंची दिखाई दे रही हैं। वे ये कहते हुए भी सुनाई दे रही हैं कि मनोज बागरी पहले भी उनके साथ अभद्र व्यवहार कर चुका है, लेकिन अब उसका व्यवहार असहनीय होने के कारण वे थाने की शरण में आई हैं।


इसके साथ ही वे ये कहते हुए भी सुनाई दे रही हैं कि मनोज बागरी उनकी ही पार्टी का नेता है और इस बार पार्टी आलाकमान से टिकट भी मांग रहा है। श्रीमती वर्मा के अनुसार वे गुरुवार को अपने क्षेत्र के एक उप सरपंच की मां के निधन पर उनके घर शोक व्यक्त करने गईं थीं। समूचा घटनाक्रम उसी दौरान का है। उनका दावा है कि कांग्रेस नेता ने उनकी सहायक के साथ भी अभद्रता की।


इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने एक्स पर पोस्ट किया, धिक्कार है ऐसे कांग्रेसी नेताओं पर जो महिलाओं का अपमान करते हैं, अभद्रता करते हैं और शर्म के मारे चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए उन कांग्रेसी नेताओं को जो महिला हितैषी बनने का पाखंड करते हैं।


उन्होंने इस घटना को लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से सवाल किया कि इस मामले में मौन साधकर कन्नी काटने से कुछ नहीं होगा। श्री कमलनाथ बताएं कि महिला के साथ अभद्रता, गुंडागर्दी करने वाले इस कांग्रेसी नेता के खिलाफ़ कांग्रेस पार्टी क्या एक्शन लेगी?


श्रीमती वर्मा सतना जिले के रैगांव से पहली बार की विधायक हैं। मनोज बागरी भी इसी क्षेत्र का पार्टी नेता है जो इस बार टिकट की मांग कर रहा है।

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सनातन के अपमान पर मौनी बाबा बन जाते हैं कमलनाथ : शिवराज

Mouni Baba becomes Kamalnath on insulting Sanatan: Shivraj
Mouni Baba becomes Kamalnath on insulting Sanatan: Shivraj

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस की जनाक्रोश यात्रा के खिलाफ ताबड़तोड़ हमले बोलते हुए कहा कि सनातन धर्म के अपमान पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मौनी बाबा बन जाते हैं और प्रदेश में सब जानते हैं कि कांग्रेस के ही खिलाफ जनाक्रोश है।


श्री चौहान ने भारतीय जनता पार्टी की जन आशीर्वाद यात्राओं और आगामी 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होने वाले कार्यकर्ता महाकुंभ के बारे में संवाददाताओं से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने श्री कमलनाथ को जम कर आड़े हाथों लिया।


उन्होंने कहा कि भाजपा ने जन आशीर्वाद यात्रा और स्नेह यात्रा जैसी यात्राएं निकालीं, जबकि कांग्रेस भाजपा की यात्राओं का जब जवाब देने की कोशिश में है, तो अपनी यात्रा का नाम जनाक्रोश यात्रा रख रही है। इन यात्राओं में भी उनके नेता और कार्यकर्ता आपस में ही आक्रोश प्रकट कर रहे है।


मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि श्री कमलनाथ जानते थे कि आक्रोश किसके खिलाफ है, इसलिए इन यात्राओं के पोस्टर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की तस्वीर ही गायब कर दी और स्वयं यात्राओं से गायब हो गए।
उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टी जिसका नेता पहिए वाला सूटकेस सिर पर लेकर चलता है, उसका क्या होगा।


श्री चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश है। 2003 के पहले के घटनाक्रम से कांग्रेस उबर नहीं पाई है। साल 2019 में कमलनाथ आए और उन्होंने जनकल्याण की सब योजनाएं बंद कर दीं, उसके खिलाफ आक्रोश है। वचन नहीं निभाए, इसलिए आक्रोश है।


विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडी’ के संदर्भ में श्री चौहान ने कहा कि गठबंधन के लोग सनातन की आलोचना करते हैं, जिस पर श्री कमलनाथ मौनी बाबा बन जाते हैं, वोट लेने की बारी आने पर ढोंगी बाबा बन जाते हैं। सनातन धर्म की आलोचना होने पर श्री कमलनाथ एक शब्द भी नहीं बोले। ये मध्यप्रदेश की जनता सहन नहीं करेगी, इसके खिलाफ आक्रोश का प्रकटीकरण होगा।


श्री चौहान ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य था जहां लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाएं समेत महिलाओं के लिए कई अन्य कदम उठाए गए।
एक सवाल के जवाब में श्री चौहान ने कहा कि पहली सूची में जिन प्रत्याशियों के नाम घोषित हुए हैं, उनका फीडबैक अच्छा है। इस बार जनता का जो स्नेह और प्रेम है वो अलग से दिख रहा है। पार्टी अब तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल करेगी।


पार्टी में नए नेतृत्व के मुद्दे पर श्री चौहान ने कहा कि पार्टी नया नेतृत्व भी तैयार करती है, ताकि आने वाली पीढ़ी भी तैयार हो सके। एक अन्य सवाल के जवाब में श्री चौहान ने स्पष्ट कहा कि सरकारी योजनाओं को बजट नहीं मिलने के आरोप एकदम झूठ हैं।


पार्टी के दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश विधूड़ी द्वारा दो दिन पहले संसद में दिए अमर्यादित बयान को लेकर श्री चौहान ने कहा कि पार्टी किसी भी प्रकार के अमर्यादित आचरण के खिलाफ है। उन्हें नोटिस दे दिया गया है।
श्री चौहान ने ये भी कहा कि आगामी चुनाव के पूर्व उनकी कोशिश रहेगी कि वे सभी 230 सीटों पर जाएं।

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कमलनाथ ने की किसानों के मुआवजे की मांग

Kamal Nath's demand for compensation to farmers
Kamal Nath's demand for compensation to farmers

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पहले अल्पवृष्टि और बाद में अतिवृष्टि के कारण फसल बर्बाद हो गई है और सरकार इन किसानों को फौरन मुआवजा दे।

श्री कमलनाथ ने एक्स पर पोस्ट किया, मालवा निमाड़ सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पहले अल्पवृष्टि और फिर अतिवृष्टि से सोयाबीन की फसल पूर्णतः बर्बाद हो चुकी है। आपदा की मार से किसान की आर्थिक स्थिति पर भारी चोट पड़ी है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब विपक्ष में थे तो किसान को नुकसानी का 40 हजार रु प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग करते थे। अब सरकार को किसानों को ये मुआवज़ा देने से कौन रोक रहा है?

श्री कमलनाथ ने आरोप लगाया कि किसान कर्ज माफ़ी की योजना बंद करके सरकार ने अन्नदाताओं के पेट पर लात मारी है।

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पांच सौ करोड़ के पोषण आहार घोटाले का आरोप

iqbal singh and vivek tankha
iqbal singh and vivek tankha

कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता प्रदेश में लगभग पांच सौ करोड़ के कथित पोषण आहार घोटाले का आरोप लगाते हुए आज मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की शिकायत दर्ज कराने लोकायुक्त कार्यालय पहुंचे।

कांग्रेस के इस वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री तरुण भनोत शामिल रहे।
इसके बाद श्री तन्खा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि आज प्रदेश के इतिहास का ये दुःखद प्रसंग हैं। श्री तन्खा ने मुख्य सचिव के संरक्षण में पोषण आहार घोटाला होने के आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के 8 जिलों में 2018 से 2021 के बीच 500 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस संबध में लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन के गुप्ता के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है और उम्मीद है कि इस मामले में लोकायुक्त संगठन विधिवत जांच करेगा।

उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में गलत निर्यात, उत्पादन और फर्जी कागज बनाने का जिक्र है, जिसके संबंध में कांग्रेस ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है। आजीविका मिशन के तहत 8 सरकारी कम्पनियों ने घोटाला किया।

श्री तन्खा ने 2017 में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सीईओ ललित मोहन बेलवाल पर भी घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के संरक्षण में ललित मोहन बेलवाल ने पोषण आहार में घोटाला किया।

उन्होंने कहा कि ये दोनों अधिकारी वर्तमान में सेवावृद्धि पर चल रहे हैं। क्या दोनों को इन्हीं कार्यों के लिए सेवावृद्धि दी गई है।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने इस कथित घोटाले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है।

आखिर जनगणना कराने से क्यों बच रही है सरकार

Why is the government avoiding conducting the census?
Why is the government avoiding conducting the census?

पिछले दिनों मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेता और पूर्व राज्यपाल अजीज कुरेशी  का एक वीडियो सामने आया था,जिसमें वे कांग्रेस के नेताओं की हिंदुत्व से जुड़ी गतिविधियों पर नाराजगी प्रकट कर रहे थे। कुरैशी को हर हर नर्मदे जैसे शब्द भी चुभ रहे थे। अजीज कुरैशी अपने इसी अंदाज से कांग्रेस पर दबाव बनाते आए हैं। कांग्रेस को उनके इस रवैये से कितना फायदा हुआ यह छुपा नहीं है। लेकिन,नुकसान बहुत हुआ है। अजीज कुरैशी भले ही अपने आपको मुसलमानों का नेता मानते हो लेकिन, वास्तविक रूप में ऐसा नहीं है।

कांग्रेस में रहकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं की संख्या अनगिनत है। कुछ कांग्रेस छोड़कर चले गए हैं। कुछ अभी भी अपने लिए बेहतर अवसर का वातावरण बनाने में लगे हुए हैं। आचार्य प्रमोद कृष्ण को भी इसी श्रेणी में रखा जाए तो गलत नहीं होगा। आचार्य प्रमोद कृष्ण जब भी कोई बयान देते हैं तो कांग्रेस के अथवा उसके नेताओं के खिलाफ होता है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने कभी इस तरह के बयानों को गंभीरता से लेकर अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की,यह उनका अपराध हो सकता है। कांग्रेस कभी संगठन आधारित दल नहीं हो सकता। खासकर भारतीय जनता पार्टी और वामपंथियों जैसा राजनीतिक दल।

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आचार्य प्रमोद कृष्ण यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि कांग्रेस वामपंथ को कैसे अपना रही है। क्या केवल कन्हैया कुमार के पार्टी में आ जाने से रीति-नीति बदल गई? कांग्रेस ने हमेशा से ही अपना राजनीतिक रवैया काफी उदार रखा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर पाबंदी लगाने के बाद भी कांगे्रस ने उसकी गुपचुप चलने वाली गतिविधियों को रोकने की कोशिश कभी नहीं की। कांग्रेस को लगता था कि संघ और भाजपा धर्मनिरपेक्ष राजनीति को  स्वीकार कर लेंगे?

दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेता जो संघ पर लगातार हमलावर रहते हैं,उन्होंने भी मध्यप्रदेश में संघ के अनुषांगिक संगठनों को जमीन आवंटित कर आर्थिक रूप से संपन्न बनाया। वही संघ आज दिग्विजय सिंह के लिए भी चुनौती बना हुआ है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेताओं में वैचारिक भिन्नता के अलावा भी बहुत सारी भिन्नताएं हैं। कांग्रेस जब सत्ता में होती है तब उसके नेता विपक्षी दलों के नेताओं के साथ भी तालमेल बनाकर उनके हितों का ख्याल रखते हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता ऐसा नहीं करते।  उनके लिए विचारधारा सबसे ऊपर है। मौजूदा दौर में सत्ता में बने रहने की राजनीति ने कई नैतिक मुद्दों से भाजपा को दूर कर दिया है।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में थी,उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विपक्षी नेताओं से तालमेल बनाने के चक्कर में गंभीर घोटालों पर कोई कार्यवाही नहीं की थी। भाजपा यह गलती नहीं करती। छत्तीसगढ़ में जिस तरह से प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई भूपेश बघेल को घेरेने में लगे हैं,उस तरह से पिछले चार साल में खुद बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर कार्यवाही नहीं की थी। भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी राजनीति में रमन सिंह के अलावा वसुंधरा राजे सिंधिया को अलग-थलग करने की कोशिशें चल रही हैं।

शिवराज सिंह चौहान के चेहरे को भी चुनाव में आगे नहीं रखा जा रहा । गृह मंत्री अमित शाह मुख्य भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेताओं के काम करने के तरीके में एक बड़ा अंतर आरोप- प्रत्यारोप को लेकर भी है। भारतीय जनता पार्टी अतीत की घटनाओं के जरिए कांग्रेस को लगातार घेरती रहती है। कांग्रेस ने कभी उतनी ही आक्रामकता से उसके आरोप का कभी जवाब नहीं दिया। लेकिन,अब कांग्रेस को यह बात समझ में आ गई है कि आरोपों का जवाब न देने से यह जनधारणा विकसित हो गई है कि कांग्रेस सरकारों में सिर्फ भ्रष्टाचार ही हुआ है।

पिछले दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जब सागर में जन आक्रोश रैली में हिस्सा लेने आए तो उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के आरोपों पर चुप्पी नहीं साधी। उन्होंने अमित शाह की चुनौती को स्वीकार किया और बताया कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में क्या-क्या काम किए।

खरगे ने कांग्रेस की भविष्य की राजनीति को भी रेखांकित करने की कोशिश की है। कांग्रेस धर्म की राजनीति का मुकाबला जाति के कार्ड से करने का रास्ता ढूंढ रही है। जातिगत जनगणना को इसके लिए आधार बनाया जा रहा है। बिहार में जातिगत जनगणना के मामले में नीतीश कुमार के निर्णय पर भाजपा कोई काट नहीं ढूंढ पाई है। जनगणना कराने का काम केन्द्र सरकार का है लेकिन,दशक के जो आंकड़े 2021 में आना थे  वो अब तक नहीं पाए हैं। केन्द्र सरकार जनगणना क्यों नहीं करा रही है,यह समझ से परे है। पहले तो कोरोना के कारण जनगणना न कराने का फैसला लिया गया था। लेकिन,अब जनगणना शायद 2024 के बाद ही होगी। सरकार को डर है कि जनगणना का काम शुरू किया गया तो विपक्ष जाति आधारित जनगणना की बात करेगा। जाति आधारित जनगणना हुई तो राजनीति बदलते देर नहीं लगेगी। फिर धर्म से ज्यादा महत्वपूर्ण जाति  हो जाएगी।

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समाजसेवा के लिए मप्र के चीफ जस्टिस सहित 33 जजों ने की सराहनीय पहल

33 judges including Chief Justice of MP took a commendable initiative for social service
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मप्र के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ सहित 33 जजों ने फैसला लिया है कि हर माह अपने वेतन से पांच-पांच हजार रुपए देंगे। बता दे की यह राशि जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई और इलाज पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा यह पैसे कमजोर वर्ग के लोगों के इलाज और अन्य तरह की जरूरतों में खर्च किया जाएगा। हर महीने 33 जज के वेतन से एक लाख 65 हजार रुपए जमा होंगे यानि साल भर में 19 लाख 80 हजार रुपए का योगदान जरूरतमंद बच्चों के हित में जाएगा। इस पहल के लिए एक संस्था का गठित भी किया गया है।

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प्रधानमंत्री के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचेंगे सागर

Congress President Mallikarjun Kharge will reach Sagar after the Prime Minister
Congress President Mallikarjun Kharge will reach Sagar after the Prime Minister

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कल अपने एकदिवसीय मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान सागर में जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी उनके साथ रहेंगे।

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी राजीव सिंह की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार खड़गे कल सुबह राजधानी भोपाल पहुंचेंगे। जिसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे और कमलनाथ भोपाल से हेलीकाप्टर द्वारा सागर जाएंगे। कार्यक्रम के बाद दोनो दोपहर को सागर से रवाना होंगे और बापस भोपाल पहुंचेगे।

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