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प्रधानमंत्री की चुप्पी पर प्रियंका का वार, कहा मणिपुर बयान में राजनीति घोल दी

प्रधानमंत्री की चुप्पी पर प्रियंका ने किया वार। कहा मणिपुर पिछले दो महिनो से जल रहा है, घरो में आग लगाई जा रही है, महिलाओं के साथ भयावय अत्याचार हो रहा हैं, बच्चों के सर पर छत नहीं है और हमारे प्रधानमंत्री जी ने 77 दिन से कोई बयान नहीं दिया। कल भयावय वीडियो वायरल होने के बाद मजबूरी में उन्हेंने बयान दिया और उसमें भी राजनीति घोल दी।

मध्यप्रदेश विस चुनाव : नतीजों की शुरुआत, चितरंगी से भाजपा प्रत्याशी की जीत, वहीं कांग्रेस 111 सीटों पर आगे

मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर चुनावी रुझान बने हुए हैं, जहां कांग्रेस 111 सीटों के साथ बहुमत के पास नजर आ रही है, वहीं भाजपा 104 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। साथ ही 11 सीटों पर अन्य के उम्मीद्वार आगे हैं। कई सीटों पर ढाई बजे तक प्रत्याशियों के जीतने के भी परिणाम आने शुरु हो गए हैं। जिसमें सिंंगरौली जिले की चितरंगी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अमर सिंह जीत गए हैं। वही सिहोर विधानसभा से सुदेश राय 22 हजार वोटों से जीत हासिल किए हैं।  

मध्यप्रदेश दौरे में आए पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा, 10 दिनों में करेंगें किसानों का कर्जा माफ

मंगलवार को मध्य्प्रदेश के दौरे में आए पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल प्रदेश कांग्रेस कमेटी(पीसीसी) में प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी और शिवराज सरकार की नाकामियां गिनाते नजर आए।  पंजाब में कांग्रेस की सरकार में वित्तमंत्री बादल ने मोदी सरकार की नोटबंदी, जीएसटी, राफेल सौदे, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर जमकर हमला बोला। साथ ही केंद्र पर आरोप लगाया है कि नोटबंदी से सिर्फ अमीरों को फायदा पहुंचाया गया है।

वहीं बादल कहा कि शिवराज ने प्रदेश के किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए इन 15 सालों में कोई काम नहीं किया है। इसी वजह से मध्यप्रदेश देश में किसानो की आत्महत्या, महिलाओं पर अत्याचारों पर अव्वल है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मनप्रीत सिंह बादल के साथ कांंग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी, मध्यप्रदेश की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा समेत राष्ट्रीय संयोजक संजीव सिंह भी मौजूद रहे।

देश का पैसा लेकर विदेश भागने वालों को भाजपा का समर्थन

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने मोदी और शिवराज सरकार दोनों पर देश के लोगों को लूटने का आरोप लगाया। जिसमें केंद्र सरकार ने माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे लोगों को हजारों करोड़ रुपये लेकर विदेश भागने में भाजपा सरकार का समर्थन मिला है। साथ ही शिवराज सरकार पर प्रदेश के लोगों के लोगों को पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, खरीद फरोख्त पर टैक्स बढ़ाकर लूटने का आरोप लगाया।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही,10 दिनों में करेंगें किसानों का कर्जा माफ

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में सरकार बनते ही किसानों का कर्जा माफ करने की बात कर रहें हैं, इसी सवाल पर बादल ने कहा कि उनकी सरकार ने पंजाब के दो लाख से भी ज्यादा किसानों के कर्ज माफ कर चुकी है और मध्यप्रदेश में सरकार बनते ही राहुल गांधी के मुताबिक हम 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ करेंगें।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस को याद आए सरदार पटेल, विवेकानंद और देवी अहिल्या बाई

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने वचन पत्र में भी अपने मित्र संजय गांधी को याद रखा है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल की उपेक्षा को लेकर लगातार कांग्रेस पर किए जा रहे हमलों के बाद कांग्रेस अभी पूरी तरह से गांधी-नेहरू से बाहर तो नहीं निकल पाई है लेकिन, उसने पटेल के अलावा देवी अहिल्या बाई, स्वामी विवेकानंद, और टंटया भील जैसे नामों को भी अपनाना शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए जारी किए गए घोषणा पत्र में किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता पर खास तौर पर जोर दिया गया है।

कांग्रेस  ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को वचन पत्र का नाम दिया है। इस वचन पत्र में प्रदेश
कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने मित्र संजय गांधी को भी जगह दी है। संजय गांधी की विधवा मेनका गांधी के साथ इंदिरा गांधी का घर छोड़ दिए जाने के बाद कांग्रेस ने भी संजय गांधी का नाम लेना बंद कर दिया था। वचन पत्र में विधानसभा की कार्यवाही को हंगामे से बचाने के लिए कार्यबाधित होने पर सदस्यों को उस दिन का भत्ता न देने प्रावधान लागू करने की घोषणा की गई है। जनता भी विधानसभा में मंत्रियों से सीधे सवाल पूछ सके,इसके लिए जनता प्रहर शुरू करने का एलान किया गया है।

किसानों के सिर्फ दो लाख रूपए तक के कर्ज ही माफ होंगे

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के शिवाजी नगर स्थित कार्यालय में चुनाव का वचन पत्र जारी करने के लिए प्रदेश कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता मौजूद थे। चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस वचन पत्र पर कहा कि इसमें दर्ज एक-एक अक्षर घोषणा नहीं है, कांग्रेस का वचन है। हर वचन को सरकार बनने के बाद समय-सीमा में पूरा किया जाएगा। वचन पत्र में कांग्रेस ने किसानों के सिर्फ दो लाख रूपए तक के कर्ज माफ करने का वादा किया है। यहां उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश भर में घूम-घूमकर अपनी सभाओं में किसानों का पूरा कर्जा दस दिन में माफ करने की बात कह रहे हैं। राहुल गांधी की इस मंशा के अनुरूप ही छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफी की कोई सीमा निर्धारित नहीं की है। दस दिन का वादा भी किया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के वचन पत्र में दस दिन की समय-सीमा का उल्लेख भी नहीं किया गया है। यद्यपि उस कर्ज को भी माफ करने का वचन कांग्रेस ने दिया है, जो कालातीत हो चुका है। किसानों का बिजली का बिल आधा किए जाने के लिए दस हॉर्सपावर की सीमा निर्धारित की गई है। लगभग डेढ़ दर्जन फसलों के अलावा दूध पर भी पांच रूपए प्रति लीटर का बोनस दिए जाने का वचन दिया गया है। किसानों को फसल बीमा का लाभ ग्रामसभा की अनुशंसा पर दिलाए जाने का वचन भी दिया गया है। राज्य कृषि विकास आयोग का गठन किए जाने का उल्लेख भी किया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि किसानोंे को उनकी उपज को मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे नहीं बिकने दिया जाएगा।

सरकारी नौकरयों में नहीं घुस सकेंगे दूसरे राज्यों के बेरोजगार

कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में युवाओं को नौकरी न दिला पाने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता देने का कोई सीधा वादा नहीं किया है। युवाओं को उद्योगों में रोजगार मिल सके इसके लिए उद्योगपतियों को वेतन अनुदान दिए जाने की योजना का एलान किया गया है। इस योजना का लाभ उन उद्योगपतियों को दिया जाएगा, जो पचास करोड़ के निवेश से नया उद्योग लगाएगें अथवा उद्योग का विस्तार कर प्रदेश के युवाओं को रोजगार देंगे। सरकार रोजगार के एवज में वेतन का पच्चीस प्रतिशत अथवा दस हजार रूपए प्रतिमाह, जो भी कम उद्योगपति को देगी। सरकारी नौकरियों में राज्य के बाहर के उम्मीदवारों का चयन रोकने के लिए कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा है कि वे ही लोग शासकीय अथवा सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी के लिए पात्र होंगे, जिन्होंने दसवीं अथवा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा मध्यप्रदेश से उत्तीण की हो। कांग्रेस ने व्यापमं को बंद कर इसके स्थान पर राज्य कर्मचारी चयन आयोग के गठन का एलान किया है। परिवार की छह लाख से कम बार्षिक आय होने पर चयन परीक्षा शुल्क से छूट देने का वादा किया गया है। अधिकतम आयु सीमा में दो साल की वृद्धि देने का भी उल्लेख वचन पत्र में है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभागी रहे खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी न दे पाने की स्थिति में हर माह पंद्रह हजार रूपए सम्मान निधि देने का उल्लेख भी वचन पत्र में है।

लड़कियों की पीएचड़ी तक की शिक्षा मुफ्त

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों के लिए चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं के जवाब में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में एक लाइन में लिखा है कि कन्याओं को स्कूल से पीएचड़ी तक नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। कॉलेज जाने वाली छात्राओं को दो पहिया वाहन के लिए रियायती ब्याज दर पर ऋण दिलाए जाने का भी वचन दिया गया है। महिला अपराधों को रोकने के लिए सिर्फ ठोस कानून बनाने की बात कही गई है। ज्ञातव्य है कि महिला अपराधों के मामले में देश में मध्यप्रदेश का पहला नंबर होने पर कांग्रेस लगातार शिवराज सिंह चौहान पर हमले कर रही है। महिला अपराधों को कांग्रेस ने चुनाव का मुद्दा भी बनाया है। कांग्रेस का वचन पत्र 75 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित है। इसमें रामपथ गमन का निर्माण और पंचायत स्तर पर गौशालाएं खोलना भी शामिल है। सपाक्स की चुनौती से निपटने के लिए कांग्रेस ने सरकार में आने पर सामान्य वर्ग आयोग के गठन का भी एलान किया है। राज्य के असंतुष्ट कांग्रेस ी नेताओं को साधने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर विधान परिषद के गठन का कार्ड खेला है। डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस सस्ता करने का वचन भी दिया गया है।

वचन पत्र में नेहरू नहीं संजय गांधी का उल्लेख है

कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस भवन में टंगी तस्वीरों में भी बदलाव देखा गया था। इंदिरा-राजीव के साथ-साथ कमलनाथ ने संजय गांधी की तस्वीर को भी कांग्रेस के दफ्तर में जगह दी है। कांग्रेस के वचन पत्र में पंडित जवाहर लाल नेहरू के उल्लेख कहीं नहीं है। लेकिन, इंदिरा-राजीव के साथ संजय गांधी का उल्लेख किया गया है। संजय गांधी के नाम पर पर्यावरण मिशन शुरू करने की बात वचन पत्र में कही गई है। समग्र सामाजिक सुरक्षा परिवार कार्यक्रम को वैधानिक मान्यता हेतु राजीव गांधी स्व निराकरण सेवा नाम से अधिनियम बनाया जाएगा। राजीव गांधी स्मार्टकार्ड देने की योजना भी प्रस्तावित है। इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सौ यूनिट तक बिजली सौ रूपए प्रतिमाह की दर पर दिए जाने की घोषणा की गई है। वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान की सरकार दो सौ रूपए प्रतिमाह की निश्चित दर पर एक हजार वॉट पर बिजली दे रही है। घोषणा पत्र में सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर किसान पुत्र स्वावलंबन योजना की घोषणा की गई है। विवेकानंद के नाम पर युवा शक्ति निर्माण मिशन शुरू करने की घोषणा है। देवी अहिल्या बाई होल्कर के नाम पर लड़कियों की नि:शुल्क शिक्षा योजना शुरू की जाएगी। रानी दुर्गावती के नाम से महिला पुलिस बटालियन बनाने की घोषणा की गई है।

विधायकों ने रोकी सदन की कार्यवाही तो नहीं मिलेगा भत्ता

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सबसे महत्वपूर्ण पहल सदन को जवाबदेह बनाने की दिशा में की है। सदन की कार्यवाही बिना बाधा के चले इसके लिए कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा है कि विधायकों द्वारा सदन की कार्यवाही बाधित किए जाने की स्थिति में उस दिन का भत्ता सदस्यों को नहीं दिया जाएगा। देश में कहीं भी अब तक इस तरह की व्यवस्था लागू नहीं है। राज्यसभा और लोकसभा में भी कार्यवाही बाधित होने पर भी भत्ता नहीं रोका जाता। विधायकों एवं मंत्रियों को प्रतिवर्ष अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण पटल पर रखना होगा। विधानसभा में जनता सीधे मंत्रियों से सवाल पूछ सके इसके लिए जनता पहर की व्यवस्था शुरू करने की घोषणा की गई है। इस तरह की व्यवस्था भी देश में कहीं भी प्रचलन में नहीं है।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने जारी की चौथी सूची।

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विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 29 प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी कर दी है। कुछ दिनों पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मेसानी को पार्टी ने वारासिवनी पार्टी से टिकट दिया है।

वहीं दो विधानसभा सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार बदले भी है। सिरोंज से अशोक त्यागी की जगह मशरत शहीद को टिकट दिया गया है। वहीं बुरहानपुर से हामिद काज़ी की जगह रविन्द्र महाजन को विधानसभा टिकट दिया है।

बता दें कि इससे पहले कांग्रेस प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 3 सूची जारी कर चुकी है। पहली सूची में 155 नाम, दूसरी सूची में 16 नाम और तीसरी सूची में 13 नाम घोषित किये थे।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव: भाजपा ने घोषित की प्रत्याशियों की दूसरी सूची

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने आज उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 17 उम्मीदवारों के नाम है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने जारी की 155 प्रत्याशियों की पहली सूची।

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काफी इंतजार के बाद आखिर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। उम्मीदवारों की पहली सूची में 155 नामों को को शामिल किया गया है।

सूची को देखकर पता चलता है कि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को बराबरी से टिकट दिया गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने सूची जारी की है।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव: कांग्रेस की पहली सूची के प्रमुख नाम

  1. जोरा- बनवारी लाल शर्मा
  2. सुमावली- एदल कंसाना
  3. मुरैना- रघुराज सिंह कसाना
  4. दिमनी- गिरिराज दंडोतिया
  5. अंबा सुरक्षित- कमलेश जाटव
  6. अटैक- हेमंत कटारे
  7. लहार- डॉक्टर गोविंद सिं
  8. मेहगांव- ओ पी एस भदौरिया
  9. ग्वालियर ग्रामीण- मदन कुशवाहा
  10. ग्वालियर- प्रद्युमन सिंह तोमर
  11. ग्वालियर ईस्ट- मुन्नालाल गोयल
  12. भितरवार- लखन सिंह यादव
  13. डबरा सुरक्षित- श्रीमती इमरती देवी
  14. शिमला- घनश्याम सिंह
  15. भांडेर सुरक्षित- राकेश संतराम
  16. करेरा सुरक्षित- जसवंत जाटव
  17. पोहरी- सुरेश
  18. रथखेड़ा पिछोर- केपी सिंह
  19. चाचौड़ा- लक्ष्मण सिंह
  20. राघोगढ़- जयवर्धन सिंह
  21. बीना सुरक्षित- शशि कुमार कथूरिया
  22. खुरई- अरुणोदय चौबे
  23. सुर्खी- गोविंद सिंह राजपूत
  24. देवरी- हर्ष यादव
  25. नरयावली सुरक्षित- सुरेंद्र चौधरी
  26. सागर- नेवी जैन
  27. बंडा- तरवार सिंह लोधी
  28. टीकमगढ़- यादवेंद्र सिंह
  29. पृथ्वीपुर- बृजेंद्र सिंह राठौर
  30. निवाड़ी- कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव
  31. खरगापुर- श्रीमती चंदा सिंह गौर
  32. महाराजपुर- नीरज दीक्षित
  33. चांदला- हरिप्रसाद अनुरागी
  34. छतरपुर- आलोक चतुर्वेदी
  35. बिजावर- शंकर प्रताप सिंह बुंदेला
  36. जबेरा- प्रताप सिंह लोधी
  37. पवई- मुकेश नायक
  38. गुनौर सुरक्षित- शिवदयाल बागरी
  39. चित्रकूट- नीलांशु चतुर्वेदी
  40. रैगांव सुरक्षित- कल्पना वर्मा
  41. सतना- सिद्धार्थ कुशवाहा
  42. नागौद- यादवेंद्र सिंह
  43. अमरपाटन- राजेंद्र कुमार सिंह
  44. सिरमौर- श्रीमती अरुणा तिवारी
  45. सिमरिया- त्रियुगी नारायण शुक्ला
  46. त्योंथर- रमाशंकर पटेल
  47. मऊगंज- सुखेंद्र सिंह बन्ना
  48. देवतालाब- श्रीमती विद्यावती पटेल
  49. रीवा- अभय मिश्रा
  50. गूढ़- सुंदर लाल तिवारी
  51. चुरहट- अजय सिंह राहुल
  52. सिहावल- कमलेश्वर पटेल
  53. चितरंगी सुरक्षित- श्रीमती सरस्वती सिंह
  54. सिंगरौली- श्रीमती रेनू भवानी
  55. सुरक्षित- श्रीमती कमलेश सिंह
  56. व्यवहारी सुरक्षित- रामपाल सिंह
  57. जयसिंह नगर- ध्यान सिंह
  58. जेतपुर सुरक्षित- श्रीमती उमा धुर्वे
  59. कोतमा- सुनील शराब
  60. अनूपपुर सुरक्षित- बसु लाल सिंह
  61. पुष्पराजगढ़ सुरक्षित- फुन्दूलाल सिंह मार्को
  62. बरवाड़ा- विजय राघवेंद्र सिंह
  63. विजयराघवगढ़- पदमा शुक्ला
  64. बहोरीबंद- सौरभ सिंह सिसोदिया
  65. पाटन- नीलेश अवस्थी
  66. बरगी- संजय यादव
  67. जबलपुर कैंट- आलोक मिश्रा
  68. जबलपुर पश्चिम- तरुण भनोट
  69. सिहोरा एसटी- खिलाड़ी सिंह
  70. शाहपुरा सुरक्षित- भूपेंद्र मरावी
  71. डिंडोरी सुरक्षित- ओंकार सिंह मरकाम
  72. बिछिया सुरक्षित- नारायण सिंह पट्टा
  73. मंडला सुरक्षित- संजीव छोटे लाल उइके
  74. बैहर सुरक्षित- संजय उइके
  75. लांजी- श्रीमती हिना लिखी राम कावरे
  76. परसवाड़ा- श्रीमती मधु भगत
  77. बरघाट सुरक्षित- अर्जुन सिंह काकोडिया
  78. काकोडिया सिवनी- मोहन सिंह चंदेल
  79. केवलारी- रजनीश हरवंश सिंह
  80. लखनादोन- योगेन्द्र सिंह बाबा
  81. गोटेगांव – नर्मदा प्रसाद प्रजापति
  82. नरसिंहपुर – लाखन सिंह पटेल
  83. तैंदूखेड़ा – संजय शर्मा
  84. गाडरवाड़ा – सुनीता पटेल
  85. अमरवाड़ा- कमलेश शाह
  86. सौंसर – विजय चौरे
  87. परासिया -सोहनलाल वाल्मीकि
  88. मुलताई – सुखदेव पांसे
  89. बैतूल – निलय कुमार डागा
  90. घोड़ाडोंगरी ब्रह्माभालवी
  91. भैंसादेही – दामू सिंह सिरसाम
  92. टिमरनी – अभिजीत शाह(अंकित बाबा)
  93. हरदा – आर.के. दोगने
  94. सिवनी-मालवा -ओमप्रकाश रघुवंशी
  95. सोहागपुर- सत्यपाल पालया
  96. उदयपुरा – देवेन्द्र पटेल गदरवास
  97. भोजपुर – सुरेश पचौरी
  98. सांची – डॉ.प्रभुराम चौधरी
  99. सिलवानी- देवेन्द्र पटेल
  100. विदिशा – शशांक भार्गव
  101. बासौदा – निशंक जैन
  102. कुरवाई – सुभाष गोहट
  103. सिरोंज – अशोक त्यागी
  104. शमशाबाद- ज्योत्सना यादव
  105. बैरसिया – जय श्री हरिकरण
  106. भोपाल-उत्तर- आरिफ अकिल
  107. भोपाल-दक्षिण पीसी शर्मा
  108. आष्टा – इंजी. गोपाल सिंह
  109. इच्छावर- शैलेन्द्र पटेल
  110. सीहोर – सुरेन्द्र सिंह ठाकुर
  111. नरसिंहगढ़- गिरीश सिंह भंडारी
  112. राजगढ़ – बापू सिंह तोमर
  113. खिलचीपुर- प्रियव्रत सिंह
  114. सारंगपुर- कला मालवीय
  115. सुसनेर – महेन्द्र सिंह परिहार
  116. आगर – विपिन वानखेड़े
  117. शाजापुर – हुकुम सिंह कराडा
  118. कालापिपल- कुनाल चौधरी
  119. सोनकच्छ- सज्जन सिंह वर्मा
  120. देवास – जय सिंह ठाकुर
  121. बगाली – कमल सिंह वसकले
  122. मांधाता- नारायण सिंह पटेल
  123. हरसूद (एसटी) – सुखराम साल्वे
  124. नेपानगर (एसटी) श्रीमती सुमित्रा देवी कस्दकार
  125. बुरहानपुर – हमीदकांजी
  126. बिकनगांव (एसटी) श्रीमती झूमा सोलंकी
  127. बादवाह – सचिन बिरला
  128. महेश्वर – (एससी) से विजय लक्ष्मी साधो
  129. कसरावद – सचिन यादव
  130. भगवानपुरा (एसटी) – विजय कुमार सोलंकी
  131. सेंधवा (एसटी) – ग्यारसीलाल रावत
  132. राजपुर (एसटी) – बाला बच्चन
  133. बदवानी (एसटी) – रमेश पटेल
  134. जोबत (एसटी) – श्रीमती कलावती भूरिया
  135. झाबुआ (एसटी)- डा- विक्रांत भूरिया
  136. तान्दला (एसटी) – वीर सिंह भूरिया
  137. सरदारपुर (एसटी) -प्रताप ग्रेवाल
  138. गंधवानी (एसटी) -उमंग सेंगर
  139. कुक्षी (एसटी) -सुरेंद्र सिंह बघेल
  140. मनावर (एसटी)- हीरा अलावत
  141. धरमपुरी (एसटी)- प्राची लाल मेदा
  142. धार – श्रीमती प्रभा सिंह गौतम
  143. बदनावर – राजवर्धन सिंह
  144. इंदौर 3 -अश्वनी जोशी
  145. डा.अम्बेदकर नगर -अंतर सिंह डाबर
  146. रउ – जीतू पटवरी
  147. सांबेर (एससी) -तुलसी सिलावत
  148. नागद खाचरोद -दिलीप सिंह गुर्जर
  149. तराना (एससी) – महेश परमार
  150. घटिया (एससी)- राम लाल मालवीय
  151. बढनगर – मुरली मोरवाल
  152. रतलाम गांव (एसटी) -लक्ष्मण सिंह डिंडौर
  153. सेलाना (एसटी) -हर्ष विजय गेहलोत
  154. जौरा – केके सिंह कालूखेडा
  155. सुवसरा -हरदीप सिंह डांगलोत

मध्यप्रदेश कांग्रेस की पहली सूची

भोपाल: प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने से पहले भाजपा-कांग्रेस कार्यालय में बढ़ी सुरक्षा

भोपाल स्थित भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के बाहर पुलिस ने भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। बता दें कि आज भाजपा विधानसभा चुनावों के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है। वहीं कांग्रेस भी कल चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करेगी।

पुलिस को आशंका है कि टिकट न मिलने से नाराज कार्यकर्ता और समर्थक कार्यालय के बाहर तोड़फोड़ कर सकते है। जिसके चलते पुलिस ने दोनों ही कार्यालय के बाहर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है।

https://youtu.be/iCvo4k6LY4c

दिगंबर अखाड़े ने कम्प्यूटर बाबा को किया निष्कासित

कम्प्यूटर बाबा

गुरुवार को 1008 महामंडलेश्वर नामदेव त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा को दिगंबर अखाड़े ने निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही प्रयागराज कुंभ में अखाड़ा की गतिविधियों में बाबा शामिल नहीं हो पाएंगे। इस बात की पुष्ठी दिगंबर अखाड़े के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने की है। कम्प्यूटर बाबा अपने नाम और काम दोनों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं, फिलहाल बाबा राज्यमंत्री पद से  इस्तीफा देकर शिवराज के खिलाफ करने को लेकर चर्चाओं में बनें हुए हैं।

दिगंबर अखाड़े ने जारी किया पत्र।

बाबा का लगातार शिवराज पर वार :

शिवराज सरकार में राज्यमंत्री रहते हुए लगातार नर्मदा में हो रहे अवैध उत्खनन, गौरक्षा और मंदिर निर्माण के मुद्दे को उठाते रहते थे। जिसे लेकर सरकार की तरफ से किसी प्रकार का कदम ना उठाने पर बाबा ने इस्तीफा देकर शिवराज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकाल कर जगह-जगह आंदोलन करते नजर आ रहें थे।

बाबाओं को मंत्री बनाने पर हुआ था विवाद :

सरकार ने नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी, कंप्यूटर बाबाजी, भय्यूजी महाराज और योगेंद्र महंतजी को राज्य सरकार में राज्यमंत्री स्तर का दर्जा प्रदान किया था। जिसे लेकर  विपक्ष लगातार सरकार पर महाकुंभ और नर्मदा घोटाले का  आरोप लगा रही थी, तभी कम्प्यूटर बाबा ने  भी बगावत कर शिवराज की मुश्किले बढ़ा दी थी। 

बाबा पर समागम के दौरान पैसे बांटे का आरोप :

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बाबा ने अपनी मन की बात के ज़रिए सरकार के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। जिसे लेकर 23 अक्टूबर को इंदौर, 30 अक्टूबर को ग्वालियर में उन्होंने मन की बात के ज़रिए संत समागम किया और अब 4 नवंबर को खंडवा, 11 नवंबर को रीवा, 23 नवंबर को जबलपुर में संतों के समागम में मन की बात करने की तैयारी में हैं। बाबा के ग्वालियर में हुए समागम मे पैसे बांटते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसके  बाद बाबा पर आरोप लगाए जा रहे थे कि समागम में साधुओं को पैसा देकर बुलाया जाता है।

ग्वालियर समागम की तस्वीर

संघ मैदान में आया है तो चुनाव का मुद्दा राम और पाकिस्तान ही होगा

हिन्दी भाषी तीन राज्यों की चुनाव प्रक्रिया के बीच आए दशहरे के त्यौहार ने इस बात के स्पष्ट संकेत दिए हैं कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की भाजपा सरकार को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्त्ता राम और पाकिस्तान का अस्त्र लेकर चुनाव मैदान में प्रचार करते नजर आएंगे।

अब तक तीनों राज्यों में सरकार की नाकामी चुनाव का मुद्दा बने हुए हैं। कांग्रेस भाजपा के तीनों मुख्यमंत्रियों पर लगातार हमलावर है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश पर विशेष तौर पर फोकस कर रहे हैं। भाजपा के नेताओं द्वारा राहुल गांधी का बाबा कह कर उठाया जा रहा उपहास पर भी वोटर ताली नहीं बजा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यह महसूस कर रहा है कि इन तीनों राज्यों में भाजपा को अपनी सत्ता बचाने के लिए चुनावी रणनीति में व्यापक बदलाव करना होंगे। 

मोहन भागवत के राम मंत्र को ब्रह्मास्त्र के तौर पर उपयोग करेगी भाजपा 

हिन्दू ग्रंथों और शास्त्रों में ब्रह्मास्त्र का उल्लेख कई स्थानों पर देखने को मिलता है। अर्जुन के पास भी ब्रह्मास्त्र था। उन्होंने इसका उपयोग महाभारत में किया था। भारतीय जनता पार्टी देश की चुनावी राजनीति में राम का उपयोग ब्रह्मास्त्र के तौर पर करती है। राम के नाम का उपयोग वोटों का बंटवारा हिन्दू-मुस्लिम के तौर पर किए जाने के लिए किया जाता है। राम का यह मुद्दा केवल हिन्दीभाषी राज्यों में असर करता दिखाई देता है। दक्षिण भारत में राम का असर राजनीति पर नहीं पड़ता है। उत्तरप्रदेश से लेकर हरियाणा तक के चुनाव में भाजपा के नेताओं ने अपने-अपने तरीके से राम नाम का जप किया था। पाकिस्तान और घुसपैठिया जैसे मुद्दे, वोटों के धुर्वीकरण के लिए उभरे गए।

मध्यप्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव के लिए वोट डाले जाने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे मुद्दे भी बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरे के मौके पर अपने वार्षिक संबोधन में राम का जिक्र कर भावी चुनावी रणनीति के संकेत दिए हैं। भागवत ने कहा कि अब राम मंदिर निर्माण के लिए केन्द्र सरकार को कानून बनाना चाहिए। अयोध्या की विवादास्पद बाबरी मस्जिद जिस स्थान पर है उसी स्थान पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था, यह दावा विश्व हिन्दू परिषद द्वारा कई शोध के आधार पर लगातार किया जाता रहा है। जमीन के स्वामित्व को लेकर मामला अभी ऊपरी अदालत में चल रहा है। इस पर सुनवाई भी जल्द शुरू होने वाली है। संघ चाहता है कि केन्द्र सरकार कानून बनाकर जमीन के स्वामित्व का मसला हल कर दे। संघ को यह उम्मीद है कि कानून बनने के बाद हिन्दू समुदाय स्वत: इसके पक्ष में खड़ा हो जाएगा। कांग्रेस अथवा अन्य दलों का विरोध भाजपा को लाभ देने वाला होगा।

माना यह जा रहा है कि संघ प्रमुख ने यह बयान देने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से विमर्श किया होगा। मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने जिस तरह से अदालत के आदेश को दरकिनार कर एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव किया है,उससे उच्च वर्ग में भाजपा की स्थिति कमजोर हुई है। भाजपा उच्च वर्ग को वापस अपनी और लाने के लिए मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का कार्ड खेल रही है। इससे पहले मंदिर निर्माण के मामले में भाजपा अदालत के आदेश का पालन करने की बात करती रही है। राहुल के मंदिर-मंदिर जाने से कमजोर पड़ रहा है.

गुजरात चुनाव के बाद से कांग्रेस की रणनीति में बदलाव ने भी भाजपा और संघ को राम मंदिर को लेकर बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी पिछले एक साल से लगातार कांग्रेस की छवि में बदलाव लाने के लिए देश के सभी प्रमुख हिन्दू धर्म स्थानों पर जाकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। पिछले दो दशक में कांग्रेस की छवि अल्पसंख्यकों का पक्ष लेने वाली पार्टी के तौर गहरी हो गई है। भाजपा, कांग्रेस को बहुसंख्यक विरोधी पार्टी के रूप में प्रचारित करती रही है। राहुल गांधी के मंदिर-मंदिर जाने से भाजपा को कांग्रेस के खिलाफ अपनी मुहिम चलाने में भी मुश्किल आ रही है।

गुजरात चुनाव में राहुल की रणनीति का असर देखने को मिला। भाजपा बमुश्किल अपनी सरकार बचा पाई थी। मध्यप्रदेश में भी राहुल गांधी की कोशिश है कि वोटों का धुर्वीकरण धर्म के आधार पर न हो। राहुल गांधी,भाजपा से नाराज उच्च वर्ग को अपने साथ लाने के लिए अल्पसंख्यकों के समर्थन की बात से लगातार बच रहे हैं। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राफेल को लेकर लगातार हमले कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में पचास से अधिक ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां वोटों का धुर्वीकरण होने पर कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। राम का नाम न होने के कारण भाजपा को ऐसी सीटें बचाना मुश्किल दिखाई दे रहा है।

संघ के जरिए असंतुष्टों को साधना चाहते हैं शिवराज

मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव से अब तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपने आपको दूर रखा था। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भोपाल स्थित संघ कार्यालय समिधा में जाकर वहां पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। शाह को मध्यप्रदेश के बारे में जो फीडबैक मिला हैं, उसमें जमीनी हालात सरकार बनने लायक नहीं दिखी कार्यकर्त्ता नाराज हैं। उच्च वर्ग सपाक्स की ओर जाता दिखाई दे रहा है। कुछ स्थानों पर तो शाह को भी एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन देखना पड़ा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चेहरे को लेकर भी जनता में नाराजगी देखने को मिली है। शाह के आग्रह पर संघ राज्य में भाजपा की मदद के लिए तैयार हो गया है। संघ ने जो फीडबैक भाजपा को दिया है, उसमें अस्सी मौजूदा विधायकों को बदलने के लिए कहा गया है। पार्टी उम्मीदवारों के चयन में भी संघ की राय ले रही है। संघ के पदाधिकारी लगातार भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद संघ के कार्यकर्त्ताओं को राम मंदिर पर काननू की चर्चा के लिए लोगों के बीच भेजा जा रहा है।