मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी जब संसद पहुंचे तो उनका स्वागत फूल देकर किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश है कि इस बार संसद अच्छे तरीके से चले और उम्मीद है कि सभी राजनीतिक पार्टियां और विपक्ष हमारा सहयोग भी करेंगी। उन्होंने कहा कि संसद की छवि अच्छी बनाए जाने की जरूरत है। इस मानसून सत्र में देश के कई मसलों पर चर्चा जरूरी है। जितनी अधिक चर्चा होगी उतना अधिक सदन को फायदा मिलेगा, देश को फायदा मिलेगा। उन्होंने सभी पार्टियों के नेता से गुजारिश की कि उनकी मदद और सहयोग की अपेक्षा करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बात करने को तैयार है।
कांग्रेस ने रखा आविश्वास प्रस्ताव
संसद में मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में कहा कि जिस सरकार के राज में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, जिनके शासन में महिलाओं के साथ हर रोज दुष्कर्म किया जा रहा है… हम आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखते हैं…।’
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ दिए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। लोकसभा अध्यक्ष ने 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन की गिनती की और आगे चर्चा के लिए वक्त तय करने का एलान करने की बात कही। कांग्रेस और टीडीपी सांसदों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। पिछले सत्र में भी विपक्षी दलों ने कई बार मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन सदन में एकबार भी ये प्रस्ताव सदन में रखा नहीं गया।
विपक्षी दल पहले भी कर चुके हैं अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने की वजह से टीडीपी पहले ही बीजेपी से नाराज है। टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने बजट सत्र में कई बार यह प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी। साथ ही कांग्रेस, टीआरएस, एनसीपी समेत कई अन्य दल भी बीते सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश कर चुके हैं।
टीडीपी की बढ़ती नाराजगी
टीडीपी ने बजट सत्र के दौरान कई बार आंध्र प्रदेश का विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। इसी के चलते बजट सत्र के दौरान कई बार संसद की कार्रवाई हंगामे की भेट चढ़ी थी। इसबार फिर टीडीपी अपनी मांगे उठा सकती है। इस बारे में जब टीडीपी के राज्यसभा नेता वाई एस चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारी मांगे अभी पूरी नहीं हुई है ऐसे में शांत बैठने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने साफ कहा कि इस बार भी वो संसद में अपनी मांगे उठाने वाले है।