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पाकिस्तान या भारत…कौन है अमेरिका का करीबी दोस्त?

Pakistan or India...who is America's closest friend?
Pakistan or India...who is America's closest friend?

एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि अमेरिका के अधिकतर लोग पाकिस्तान की तुलना में भारत को अपना करीबी दोस्त मानते हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक गल्लप पाकिस्तान ने अमेरिकी एजेंसियों के सहयोग से यह सर्वेक्षण किया है जिसमें करीब एक हजार अमेरिकियों ने अपना मंतव्य जाहिर किया।
सर्वेक्षण में 56 प्रतिशत अमेरिकियों ने भारत को अपना दोस्त माना, जबकि 28 फीसदी ने पाकिस्तान को अपना दोस्त माना। इसके विपरीत 39 प्रतिशत अमेरिकियों ने पाकिस्तान को अपना दुश्मन माना जबकि महज 11 फीसदी ने भारत को अपना दुश्मन माना।
सर्वेक्षण से यह तथ्य भी सामने आया कि 34 प्रतिशत अमेरिकी लोग पाकिस्तान को नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं, जबकि 32 फीसदी भारत के बारे में कोई राय व्यक्त करने से बचते हैं।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत को अपना मित्र मानने वाले अमेरिकियों की दर श्वेत अमेरिकियों में अधिक है, जो कि 63 प्रतिशत है, जबकि इसी समूह में, 26 फीसदी पाकिस्तान को अपना मित्र मानते हैं। अन्य अमेरिकी समूहों में 43 प्रतिशत भारत को अपना मित्र मानते हैं, जबकि 32 फीसदी पाकिस्तान को अपना मित्र मानते हैं।
उम्र के आधार पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में से 61 प्रतिशत अमेरिकियों ने भारत का समर्थन किया , जबकि इसी आयु वर्ग के 23 फीसदी अमेरिकी लोगों ने पाकिस्तान के लिए समर्थन जताया।

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‘आयन मंडल पर कान लगाने से लग सकती है भूकंप की आहट: वैज्ञानिक कर रहे हैं अध्ययन’

'By listening to the ionosphere, earthquakes can be heard: scientists are studying'
'By listening to the ionosphere, earthquakes can be heard: scientists are studying'

भारत के भूकंप वैज्ञानिकों को लगा है कि भूकंप के केंद्र के आस-पास की सूक्ष्म गतिविधियों की झलक धरती से 80 किलोमीटर से 600 किलोमीटर ऊपर के आयन मंडल में मिल सकती है और इन पर निगाह रखने से भूकंप आने की आहट लगायी जा सकती है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस संबंध में अध्ययनों के हवाले से कहा है कि भूकंप के स्रोत की अपेक्षाकृत छोटी प्रक्रियाओं तक का भी, आयनमंडल में प्रतिबिंब झलकता है।

इस अवधारणा के सत्यापन के लिये वैज्ञानिकों ने तुर्की-सीरिया सीमा के पास दक्षिणी तुर्की में फरवरी में आये 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप पर अध्ययन किया। यह भूकंप खगोलीय पिंड के आवरण में विचलन की धरती पर दर्ज की गयी सबसे बड़ी घटनाओं में

से एक है।

यह झलक भू-चुंबकीय बदलावों तथा और स्थान विशेष की रैखिक ज्यामिति जैसे कारकों के साथ-साथ अतंरिक्ष में व्याप्त आयन मंडल के विक्षोभों (सीआईपी) के आयाम और अवधि को प्रभावित करती हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज अंतरिक्ष से भूकंप स्रोत प्रक्रियाओं का अवलोकन करने तथा अंतरिक्ष-आधारित अवलोकनों का उपयोग करके भूकंप की आहट लगाने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि खगोलीय पिंडों के वाह्य आवरण की ऊर्ध्वाधर हलचलें वायुमंडल में ध्वनिक तरंगें ( एडब्ल्यू ) पैदा करती हैं, जो आयन मंडल तक पहुंचती हैं। इन विक्षोभों से ग्राउंड ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) रिसीवर और उपग्रहों को जोड़ने वाली लाइन-ऑफ-साइट के साथ इलेक्ट्रॉनों की संख्या में गड़बड़ी पैदा होती है। इन विक्षोभों को आकाशीय आयन मंडल के व्यवस्था क्रम में विक्षोप या पर्टर्बेशन (सीआईपी) कहा जाता है।

यह विक्षोभ सामान्यतः पिंड के आवरण स्रोत के 500-600 किमी के भीतर होता है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके स्वायत्त संस्थान, भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान (आईआईजी) के वैज्ञानिकों ने अपेक्षाकृत छोटे भूकंपों (आठ मेगावाट से कम) के संबंध में इस अवधारणा को सत्यापित करने के अपने प्रयास में छह फरवरी 2023 तुर्की भूकंप के निकट-क्षेत्र सीआईपी का विश्लेषण किया।

वैज्ञानिकों ने पहली बार प्रदर्शित किया कि अपेक्षाकृत छोटे भूकंपों से उत्पन्न आयनोस्फेरिक गड़बड़ी में कई स्रोत शामिल हो सकते हैं। छह फरवरी 2023 के तुर्किये के पहले भूकंप के लगभग नौ घंटे बाद 7.7 तीव्रता का एक और भूकंप आया था। इन दोनों से उत्पन्न सीआईपी का विभिन्न उपग्रह केंद्रों के संयोजन से किये अध्ययन से पहली बार पता चला कि इन दोनों घटनाओं के बीच अलग-अलग समय अंतराल के साथ कयी स्रोतों से छोटे-छोटे सीआईपी दर्ज किये गये। इसके आयाम और अवधि अलग-अलग दिखाते हैं।

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दक्षिण पूर्व एशिया के बाजार में भारत के ज्वार-बाजरा उत्पादों का शोर, इंडोनेशिया में 5 दिवसीय ‘मिलेट मेला’

Noise of India's millet products in South East Asia market, 5 day 'Millet Fair' in Indonesia
Noise of India's millet products in South East Asia market, 5 day 'Millet Fair' in Indonesia

मिलेट यानीृ ज्वार-बाजरा श्रेणी के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बना कर भोजन में जलवायु-अनुकूल अनाज को प्रोत्साहित करने करने के लिए दक्षिण पूर्व एशियायी देशों के संघ (आसियान ) के लिए भारतीय मिशन ने कृषि मंत्रालय के साथ मिलकर बुधवार को यहां इंडोनेशिया की राजधानी में आसियान-भारत मिलेट्स फेस्टिवल ( ज्वार-बाजरा उत्पाद महोत्सव) का आयोजन किया है।

इस पांच दिवसीय महोत्सव में भारत के कई स्टार्ट-अप, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), निर्यातक और बाजरा उद्यमी भाग ले रहे हैं। इस उत्सव का उद्देश्य ज्वार-बाजरा, जिसे भारत ने श्री अन्ना कहा जाता है, उसके गुणों और उपयोगिता के बारे में जागरूकता पैदा करना और इसे भोजन के पसंदीदा पसंदीदा भोजन विकल्प के रूप में प्रस्तुत करना है। आसियान में भारत के राजदूत जयंत खोबरागड़े ने यहां विशेष रूप से आयोजित भारतीय नृत्य और संगीत कार्यक्रम के बीच महोत्सव के उद्घाटन के बाद अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 7 सितंबर को आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया और उसमें अपनाए गए संयुक्त बयानों में से एक खाद्य सुरक्षा पर था, और देखिए, उसके बाद दो महीने में ही हम बाजरा उत्सव मना रहे हैं जिसमें खाद्य सुरक्षा का विषय भी शामिल है । यह दर्शाता है कि हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी कितने प्रभावी ढंग से काम कर रही है।,’

उद्घाटन समारोह में इंडोनेशिया की राष्ट्रीय खाद्य एजेंसी के प्रतिनिधि एरीफ प्रासेत्यो आदि ने कहा कि आसियान-भारत मिलेट्स महोत्सव पोषण और पर्यावरणीय दशाओं से लेकर आर्थिक विकास तक ज्वार-बाजरा श्रेणी के उत्पादों के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर है।

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में अतिरिक्त सचिव डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी ने कहा, “ चूंकि मिलेट्स कोई एक एकल फसल नहीं हैं बल्कि और बहुत ही विविधता वाली विभिन्न फसलों का एक समूह है, जिसमें एक सामान्य विशेषता है कि ये फसले जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने में सहायक, कृषकों के साथ-साथ उपभोक्ताओं के लिए भी स्वस्थ फसल हैं, ज्वार-बाजार श्रेणी की फसलों की खेती दुनिया भर के सभी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में पोषण प्रदान कर सकते हैं।’’

इस कार्यक्रम में ज्वार-बाजार के बाजार में काम कर रहे भारतीय उद्यमियों के अलावा, कई इंडोनेशियाई फर्मों ने भी भाग लिया है। उनके स्टालों पर बाजरा उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव (फसल) श्रीमती शुभा ठाकुर ने कहा, “ज्वार-बाजरा को भोजन की थाली में फिर से जगह दिलाने , हमारे आहार में इसे सबसे आगे रखने के लिए, हमें इसकी ब्रांडिंग करने की जरूरत है। हमें इस तरह इसकी ब्रांडिंग करने की जरूरत है कि यह पकाने में आसान है और खाने में अच्छा है। इसलिए, हम युवाओं की कल्पना में जगह बनाना चाहते हैं और संदेश फैलाना चाहते हैं कि आप बाजरा से बना पास्ता, बाजरे का नूडल, बाजरा केक खा सकते हैं।’

दक्षिण पूर्व एशिया में भारत के ज्वार बाजार महोत्सव का उद्घाटन सत्र दक्षिण जकार्ता में एक प्रमुख शॉपिंग स्थल कोटा कसाब्लांका मॉल में हुआ। महोत्सव में बाजरा-केंद्रित प्रदर्शनी आयोजित की गयी है जिसमें बाजरा-आधारित एफपीओ, स्टार्ट-अप और भारतीय शेफ की भागीदारीहै।

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (आईवाईएम )2023 के अंतर्गत साल भर चलने वाले कार्यक्रमों के अनुरूप, इस उत्सव का उद्देश्य आसियान सदस्य देशों यानी ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम में ज्वार बाजरा और उनसे बने उत्पादों के लिए जागरूकता बढ़ाना और बाजार बनाना है।

यहां ज्यार बाजारा उत्सव में भाग लेने वाले एफपीओ सदस्यों ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि उन्हें ब्याज छूट के माध्यम से भारत सरकार से समर्थन मिला है।

गुजरात स्थित एफपीओ वाम एग्रो के अंकित पटेल ने कहा, “हमें एफपीओ के प्रबंधन के लिए 15 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के अलावा 3% ब्याज छूट मिली। इस साल, हमें 5 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने की उम्मीद है। हम विभिन्न बाजरा उत्पादों का निर्यात शुरू करने की भी योजना बना रहे हैं और सभी संबंधित दस्तावेज पूरे कर लिए हैं।” सिटीब्लॉक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के एक अन्य एफपीओ प्रतिभागी धर्मेंद्र कुमार मौर्य ने कहा कि मूल्यवर्धित बाजरा उत्पादों के उत्पादन से उन्हें अच्छी मासिक आय अर्जित करने में मदद मिली है। मौर्य ने कहा, “हमारे पास एक छोटी इकाई है जिसे हमने 5 लाख रुपये का ऋण लेकर स्थापित किया है। हम अपनी आय से काफी खुश हैं।”

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भारत की इंडोनेशिया को कृषि-निर्यात बढ़ाने की योजना

India plans to increase agricultural exports to Indonesia
India plans to increase agricultural exports to Indonesia

भारत ने इंडोनेशिया से मुख्य रूप से कोयला और पाम तेल के भारी आयात के कारण उसके साथ ऊंचे व्यापार-घाटे को पाटने के लिए आलू, प्याज, सेब और अंगूर और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने और निर्यात सूची में विविधता लाने की योजना बना रहा है। व्यापार घाटा निर्यात की तुलना में आयात के ऊंचा होने की स्थिति है।

यहां भारतीय दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत-आसियान मीडिया आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत आसियान क्षेत्र की यात्रा पर आए भारतीय मीडियाकर्मियों के एक दल से बात करते हुए कहा कि ‘ इंडोनेशिया के साथ व्यापार घाटा इतना बड़ा नहीं है कि इसे संभालना मुश्किल होगा।’’

अधिकारी ने कहा “हम इंडोनेशिया से काफी मात्रा में कोयला और पाम तेल का आयात कर रहे हैं जिससे व्यापार घाटा ऊंचा है। इसे पाटने के लिए हम निर्यात के नए क्षेत्रों के जरिए विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं। हम कृषि उत्पादों के निर्यात में विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं। हम अपनी निर्यात की वस्तुओं में सेब, अंगूर, मिर्च, आलू और प्याज शामिल करना चाहते हैं।’’

अधिकारी ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया ने 2025 तक पारस्परिक व्यापार के स्तर को सालाना 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उसने कहा, “2018 में, हमारे प्रधान मंत्री (नरेंद्र मोदी) यहां आए थे और हमने इंडोनेशिया के साथ उस समय 30 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। हमने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार हुआ है।’

अधिकारी ने कहा, ‘ 2018 में हमारा आपसी व्यापार लगभग 20 अरब अमेरिकी डॉलर का था। हमारे प्रधानमंत्री ने इसे 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा।” उसने बताया कि उस के बाद से अब तक वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह लगभग 40 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और यह प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा रखे गए लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है। हम अपने प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के बहुत करीब हैं।

अधिकारी ने कहा, “ भारत इंडोनेशिया से मुख्यत: भारी मात्रा में कोयला और पाम तेल मंगवाता है। हम इंडोनेशिया को चीनी, चावल, भारी उपकरण, इंजीनियरिंग सामान, प्रौद्योगिकी आदि निर्यात करते हैं। इसलिए, इंडोनेशिया के साथ निर्यात की हमारी सूची पहले से ही काफी बड़ी है। ”

भारतीय मीडिया प्रतिनिधियों यहां आसियान और पूर्वी एशिया (ईआरआईए) के लिए आर्थिक अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष, तेत्सुया वतनबे से भी मुलाकात की। श्री वतनबे ने कहा कि एक नीतिगत अनुसंधान संस्थान के रूप में ईआरआईए भारत सरकार और वहां के नीति निर्माताओं के साथ सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है। उन्होंने कहा, “भारत एक आर्थिक महाशक्ति है और इसने आर्थिक और उसने राजनीतिक रूप से अपना महत्व बढ़ाया है।” उन्होंने बताया कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत, ईआरआईए कई कार्य समूहों का हिस्सा था और विभिन्न मंत्रिस्तरीय बैठकों और शिखर सम्मेलनों में भाग लिया।

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जहां भाजपा को लाभ की थी गुंजाइश, वहां नहीं हो पाया गठबंधन : कमलनाथ

Where BJP had scope for profit, alliance could not be formed: Kamal Nath
Where BJP had scope for profit, alliance could not be formed: Kamal Nath

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर हुई कथित तनातनी के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज कहा कि जहां गठबंधन के परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी को लाभ होने की गुंजाइश थी, वहां ये संभव नहीं हो पाया।

श्री कमलनाथ ने यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कांग्रेस के सपा और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के साथ गठबंधन से जुड़े सवाल पर कहा कि इस बारे में कोशिश की गई थी। सीटों पर भी बात हुई थीं। इसके बाद सवाल आया कि किन सीटों पर गठबंधन हो। जहां कांग्रेस के लोगों ने कहा कि गठबंधन से भाजपा को लाभ होगा, वहां गठबंधन नहीं हो पाया।

वहीं कांग्रेस की ओर से कल चार सीटों पर प्रत्याशी बदलने को लेकर श्री कमलनाथ ने कहा कि जहां उम्मीदवार ने कह दिया कि वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते या कहीं कोर्ट केस निपट गया, तो वहां परिवर्तन किए गए हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस सभी 230 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। वहीं सपा भी 46 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है।

इसके पहले समझा जा रहा था कि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दलों कांग्रेस और सपा का प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भी गठबंधन होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी बीच प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयानों ने भी पिछले दिनों खूब सुर्खियां बटोरीं थीं। श्री कमलनाथ ने गठबंधन से जुड़े सवाल को ‘छोड़ो अखिलेश-वखिलेश’ कह कर टाल दिया था। वहीं श्री यादव ने इस मामले में कांग्रेस पर धोखा देने तक का आरोप लगा दिया था। श्री यादव ने यहां तक कह दिया था कि अगर उन्हें पता होता कि कांग्रेस ये कदम उठाएगी तो वे अपने नेताओं को श्री कमलनाथ और श्री दिग्विजय सिंह के पास बात करने के लिए नहीं भेजते।

भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भेजी

India sent humanitarian aid to the people of Palestine
India sent humanitarian aid to the people of Palestine

भारत ने आज भारतीय वायु सेना के एक विमान से फिलिस्तीन के लोगों के लिए 38.5 टन चिकित्सा एवं राहत सामग्री भेजी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आज यहां बताया कि भारतीय वायु सेना के सी 17 परिवहन विमान से फिलिस्तीन के लोगों के लिए लगभग 6.5 टन चिकित्सा सहायता और 32 टन आपदा राहत सामग्री भेजी गई है। उन्होंने कहा कि यह विमान मिस्र में एल-अरिश हवाई अड्डे पर राहत सामग्री उतारेगा, जहां से यह गाजा पट्टी इलाके में अंतरराष्ट्रीय रेडक्रास के जरिए पहुंचायी जाएगी।

उन्होंने कहा कि भेजी गई राहत सामग्री में आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल उपकरण, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, स्वच्छता सुविधाएं, जल शुद्धिकरण टैबलेट सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।

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15 अक्टूबर को त्रिपुरा राज्य को भारत में शामिल किया गया

Tripura state was incorporated into India on 15 October
Tripura state was incorporated into India on 15 October

भारतीय एवं विश्व इतिहास में 15 अक्टूबर की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:-


1542- मुगल सम्राट अकबर का जन्म।


1686- औरंगजेब ने बीजापुर के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर किए।


1918- शिरडी के साईं बाबा ने शरीर त्यागा।


1686- बीजापुर के साथ मुग़ल शासक औरंगजेब ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।


1815- नेपोलियन बोनापार्ट ने शर्मनाक हार का सामना किया।


1866- कनाडा स्थित फ्रेंच बहुल क्षेत्र क्यूबेक में आग लगने से पूरा शहर तबाह हो गया।


1923- लीवर्ड द्वीप के उत्तर में उष्णकटिबंधीय तूफ़ान आया।


1924- तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति काल्विन कूलीड्ज ने स्टेच्यु ऑफ लिबर्टी को राष्ट्रीय स्मारक करार दिया।


1931- पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म।


1932- टाटा समूह ने पहली एयरलाइन की शुरुआत की।


1949- त्रिपुरा राज्य को भारत में शामिल किया गया।


1951- स्वेज नहर समझौते को मिस्र की संसद ने ठुकराया।


1958- मिस्र के साथ अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया ने राजनीतिक संबंध तोड़े।


1961- कवि, उपन्यासकार, निबन्धकार और कहानीकार सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला का निधन।


1970- मिस्र के राष्ट्रपति के रूप में अनवर सदत ने शपथ ली।


1978- पूर्वी कजाखस्तान क्षेत्र में सोवियत संघ ने सफलतापूर्ण परमाणु परीक्षण किया।


1988- दुनिया की समुद्री यात्रा करने वाली एशिया की प्रथम महिला उज्ज्वला पाटिल ने यह कारनामा आज के दिन ही पूरा किया।


1990- सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


1996- फिजी ने व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि की पुष्टि करने का दावा किया।


1998- भारत की फ़ातिमा बी को ग़रीबी उन्मूलन के लिए संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार से नवाजा गया।


2003- अंतरिक्ष में मानवयुक्त यान भेजने वाला चीन तीसरा देश बना।


2006- उत्तर कोरिया को संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रतिबंधित किया।


2012- ब्रिटिश लेखिका हिलेरी मेंटल को मैन बुकर पुरस्कार से नवाजा गया।


2013- फिलीपीन्स में 7.2 की तीव्रता वाले भूकंप से सैंकड़ो लोगो की जान गई।


2016 – एक सौ निन्यानबे देशों ने हाइड्रोफ्लोरोकार्बन को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के लिए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में संशोधन किया।


2018 – माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक, परोपकारी, सिएटल सीहॉक्स के मालिक पॉल एलन का निधन।

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डिजिटल प्रौद्योगिकी पर भारत और फ्रांस के बीच समझौते को मंजूरी

Agreement between India and France on digital technology approved
Agreement between India and France on digital technology approved

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा फ्रांस के अर्थव्यवस्था, वित्त और औद्योगिक एवं डिजिटल संप्रभुता मंत्रालय के बीच समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इस करार का उद्देश्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों से संबंधित सूचनाओं के सहयोग और आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। करार के तहत देश में डिजिटल प्रौद्योगिकी तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक भागीदार के लक्ष्य का पारस्परिक रूप से समर्थन करेगा।


जिटल प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में जी2जी और बी2बी दोनों द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाया जाएगा। करार में आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने वाले बेहतर सहयोग की परिकल्पना की गई है। इस समझौता ज्ञापन के तहत सहयोग दोनों प्रतिभागियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने की तारीख से शुरू होगा और पांच वर्षों तक चलेगा।


भारत और फ्रांस भारत-यूरोपीय क्षेत्र में लंबे समय से रणनीतिक साझेदार हैं। भारत और फ्रांस एक संपन्न डिजिटल इको सिस्टम को बढ़ावा देने और सहयोग बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो उनके नागरिकों को सशक्त बनाता है और डिजिटल सदी में उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करता है।

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News about joining 'India' is fake, supporters should be alert: Mayawati
News about joining 'India' is fake, supporters should be alert: Mayawati

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने की खबरों को फर्जी करार देते हुये इसे एक एजेंडे के तहत भ्रम फैलाने की साजिश बताया और अपने समर्थकों से सावधान रहने की अपील की।
सुश्री मायावती ने बुधवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया “ सपा नेता रामगोपाल यादव के हवाले से बीएसपी के ’इण्डिया’ गठबंधन में शामिल होने के लिए मुलाकात की न्यूज18 चैनल पर प्रसारित खबर पूरी तरह से गलत, बेबुनियाद व फेक न्यूज। बार-बार ऐसी मनगढ़न्त खबरों से मीडिया अपनी इमेज खराब करने पर क्यों तुला है। कहीं ये सब किसी एजेण्डे के तहत तो नहीं।”


उन्होने कहा “ मीडिया द्वारा ऐसी अनर्गल खबरों का सपा व उनके नेता द्वारा खण्डन नहीं करना क्या यह साबित नहीं करता है कि उस पार्टी की हालत यहाँ उत्तर प्रदेश में काफी बदहाल है और वे भी उस घृणित राजनीति का हिस्सा हैं जो बीएसपी के खिलाफ लगातार सक्रिय है। ऐसी फेक खबरों से पार्टी के लोग सावधान रहें। ”

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मुद्दों से ध्यान हटाने को पत्रकारों पर बनाया जा रहा है निशाना : ‘इंडिया’

Journalists are being targeted for diverting attention from issues: 'India'
Journalists are being targeted for diverting attention from issues: 'India'

विपक्षी दलों के भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपनी विफलताओं तथा असली मुद्दों से ध्यान हटाना चाहती है इसलिए सरकार को लेकर सच बोलने वाले पत्रकारों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।

‘इंडिया’ ने कुछ पत्रकारों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद आज यहां जारी एक बयान में कहा,“ ‘इंडिया’ मीडिया पर भाजपा सरकार के ताजा हमले की कड़ी निंदा करता हैं। हम सभी दल दृढ़ता से मीडिया के साथ संविधान के अनुसार बोलने की आजादी तथा अभिव्यक्ति का समर्थन करते हैं और सच बोलने मीडिया संस्थानों तथा पत्रकारों के साथ खड़े हैं।”

विपक्षी दलों के गठबंधन ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा “ पिछले नौ वर्षों में, भाजपा सरकार ने जांच एजेंसियों के इस्तेमाल के जरिए ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन(बीबीसी), न्यूज़लॉन्ड्री, दैनिक भास्कर, भारत समाचार, द कश्मीर वाला, द वायर आदि की आवाज दबाने का काम किया और फिर हाल ही में इन्हीं जांच एजेंसियों के माघ्यम से न्यूजक्लिक के पत्रकारों पर दमन किया है।

इस क्रम में भाजपा सरकार ने पूंजीपतियों द्वारा मीडिया संगठनों पर कब्ज़ा करके मीडिया को अपने पक्ष में करने के लिए मीडिया को पक्षपातपूर्ण और वैचारिक हितों के लिए अपने मुखपत्र में बदलने की भी कोशिश की है। सरकार और उसकी विचारधारा से जुड़े संगठनों के बारे में सच बोलने वाले स्वतंत्र पत्रकारों के खिलाफ भी बदले की भावना से काम किया जा रहा है।”

गठबंधन ने कहा, “भाजपा सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 जैसी प्रतिगामी नीतियों को भी आगे बढाया है और इस तरह की नीतियां मीडिया को निष्पक्ष रूप से काम करने से रोकती है। इस तरह की कार्रवाई करके सरकार अपनी कमियों और पापों को छिपा रही है तथा वैश्विक स्तर पर भारत के एक परिपक्व लोकतंत्र होने की छवि और प्रतिष्ठा से समझौता किया जा रहा है।”

विपक्षी दलों के गठबंधन ने कहा “भाजपा सरकार की कार्रवाई हमेशा उन मीडिया संगठनों और पत्रकारों के खिलाफ होती हैं जो सत्ता को लेकर सच बोलते हैं। विडंबना यह है कि जब देश में नफरत और विभाजन को भड़काने वाले पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की बात आती है तो भाजपा सरकार निष्क्रिय हो जाती है।”

इंडिया गठबंधन ने कहा, “राष्ट्र हित में, भाजपा सरकार के लिए यह उचित होगा कि वह राष्ट्र और लोगों की चिंता के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे और अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए मीडिया पर हमला करना बंद करे।”

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