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अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में कांगे्रस के नेताओं ने कैसे की कमीशनबाजी ?

अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील में कांगे्रस के बड़े नेताओं की कमीशनबाजी सामने आने लगी है। घोटाले में शामिल आरोपियों के एक हजार पन्रों के बयान में उन कांगे्रस के बड़े चेहरों का भी खुलासा किया गया है,जिन्होंने कमीशन की रकम ली थी।

चॉपर की डील तीन हजार करोड़ रूपए की थी।

घोटाले के मुख्य आरोपी चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव सक्सेना द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के जांच अधिकारियों को दिए बयान में

कांगे्रस के जिन बड़े नामों का खुलासा किया गया है, उनमें मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्रों की कंपनियों के नाम भी हैं।

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में आरोपी रतुल पुरी कमलनाथ के भांजे हैं

ratul puri
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राजीव सक्सेना के बयान में हुए खुलासे के बाद

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2019 में कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग द्वारा छापे की जो कार्यवाही की गई थी उसका संबंध अगस्ता वेस्टलैंड के घोटाले से ही था।

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वल्लभ (मध्यप्रदेश का मंत्रालय) भवन को दलालों का अड्डा बनाने का हमारा आरोप साक्ष्यों पर आधारित है।

ज्ञातव्य है कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य आरोपियों में कमलनाथ के भांजे रतुलपुरी भी हैं। सीबीआई ने बैंक फ्रॉड के कई मामले रतुल पुरी के खिलाफ दर्ज किए हैं।

रतुल पुरी की कंपनी एम.बी पावर (मध्यप्रदेश लिमिटेड) भी है।

इसका पावर प्लांट अनूपपुर में है। एम.बी. संभवत: मोजर बियर का संक्षिप्त नाम है। मोजर बियर कंपनी के मालिक दीपक पुरी हैं। दीपक पुरी,रतुल पुरी के पिता हें।

जून में लॉकडाउन के दौरान भी सीबीआई ने मोजर बियर सोलर लिमिटेड के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े मामले में प्रकरण दर्ज किया था।

मोजर बियर सोलर लिमिटेड राजस्थान में काम करती है।

पावर प्लांट थी बिसाहू लाल सिंह से विवाद की वजह

kamalnath
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मध्यप्रदेश में वरिष्ठ कांगे्रस के विधायक बिसाहूलाल सिंह को

कमलनाथ ने अपनी व्यक्तिगत नाराजगी के चलते ही मंत्री नहीं बनाया था।

पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण और अन्य मामलों में

बिसाहू लाल सिंह ने आंदोलनकारियों को समय-समय पर साथ दिया था।

कमलनाथ इस कारण बिसाहूलाल सिंह से नाराज थे।

इस साल मार्च में बिसाहूलाल सिंह ने कांगे्रस पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

वे भाजपा में शामिल हो गए।

उप चुनाव में अनूपपुर से पुन: विधायक निर्वाचित हुए हैं।

सिंह,शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में खाघ एवं आपूर्ति मंत्री हैं।

बकुल नाथ की कंपनी को मिला कमीशन का पैंसा?

कमलनाथ ने अपने बड़े बेटे नकुल नाथ को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया है।

वे छिंदवाड़ा से सांसद हैं। छोटा बेटा बकुल नाथ कंपनीनियों का काम काज संभालते हैं।

अगस्ता वेस्टजलैंड में मामले प्रवर्तन निदेशालय को

राजीव सक्सेना द्वारा दिए गए बयान में बताया कि इस डील में दो कंपनियां शामिल थीं.

पहली सक्सेना की इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज और दूसरी क्रिश्चियन मिशेल की ग्लोबल सर्विस। मिशेल साल 2018 से ही जेल में है।

सक्सेना ने कहा कि उनकी कंपनी को प्रिस्टीन रिवर इन्वेस्टमेंट से ब्रिज फंडिंग मिलती थी।

यह कंपनी बकुल नाथ की बताई जा रही है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक प्रमुख आरोपी और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट

राजीव सक्सेना ने पूछताछ में कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी,

बेटे बकुल नाथ, सलमान खुर्शीद और अहमद पटेल का नाम लिया है।

जांच एजेंसियां पूरे मामले की जांच कर रही हैं।

जल्द ही इन नेताओं पर शिकंजा कस सकता है।

इंडियन एक्सप्रेस ने जब इन नेताओं से आरोपों पर जवाब मांगा गया

तो उन्होंने ऐसा कोई लिंक होने से इनकार किया है।

विस्तृत के लिए देखें https://powergallery.in/

अहमद पटेल को रोकने की लड़ाई अहमदबाद से दिल्ली तक

अखिल भारतीय कांगे्रस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को राज्यसभा जाने से रोकने की लड़ाई दिलचस्प मोड़ पर है। कांगे्रस के दो बागी विधायकों के वोट निरस्त करने की कांगे्रस की मांग पर चुनाव आयोग फैसला नहीं कर पाया है। दूसरी और भारतीय जनता सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने चुनाव आयोग पहुंचकर कांगे्रस के एक विधायक का वोट निरस्त करने की मांग कर डाली है। चुनाव वीडियो देख रहा है। मतगणना आयोग के फैसले के बाद ही होगी।

 

राघवजी पटेल और भोलाभाई ने भंग की गोपनीयता?

 

कांग्रेस के दो बागी विधायकों -राघवजी पटेल और भोलाभाई पटेल- ने मतदान के बाद अपने मतपत्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्वाचन एजेंट और साथी विधायक को दिखाया, जिसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चुनौती दी है।
मतदान के बाद कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल और अर्जुन मोढवडिया और कांग्रेस तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों ने मतदान का वीडियो देखा। घटना की एक रिपोर्ट दिल्ली में निर्वाचन आयोग को भेज दी गई।

 

क्या पांचवी बार राज्यसभा पहुंच पाएंगे अहमद भाई

गुजरात में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान निर्धारित समय से एक घंटा पूव्र ही समाप्त हो गया। मतदान शुरू होते ही उठापटक और बयानों का जो सिलसिला शुरू हुआ, उसने मुकाबले को बेहद दिलचस्प बनाया। हलचल सिर्फ कांगे्रस में ही नहीं थी। जेडीयू और एनसीपी के विधायकों को लेकर भी कयास लगाए जाते रहे। दिल्ली में जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी पार्टी के वोट भाजपा को जाने का दावा कर रहे थे वहीं छोटू भाई वासवा ने वोट कांगे्रस को देने का दावा किया। गुजरात में तीन सीटों के लिए मतदान हुआ है। अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत तय है। तीसरी सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को एक-एक वोट के लिए संघर्ष करना पड़ा है। मतदान पूरा होने के बाद पटेल ने दुखी मन से कहा, “मैं आशावादी हूं, मुझे पूरा विश्वास है।”
182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में पिछले महीने कांग्रेस के छह सदस्यों के इस्तीफा देने के चलते इस समय 176 सदस्य ही हैं। गुजरात से तीन राज्यसभा सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं।

कांग्रेस से बगाबत कर लड़ रहे है पटेल के खिलाफ चुनाव

भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत को तीसरी सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है। राजपूत ने मतदान के बाद मीडिया के सामने विजयी मुद्रा प्रदर्शित की। अहमद पटेल को 176 सदस्यीय सदन में अपनी सीट जीतने के लिए 45 प्राथमिक मतों की जरूरत है। लेकिन पटेल को सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब पार्टी से अलग हो चुके, लेकिन पटेल को अपने वोट का भरोसा दे चुके शंकर सिंह वाघेला ने पांच अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा के पक्ष में मतदान किया। वाघेला ने दावा किया, “कांग्रेस जिन 44 विधायकों पर भरोसा कर रही है, उनमें से भी चार-पांच विधायक पार्टी के समर्थन में वोट नहीं देंगे। पटेल को वाघेला के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो और जनता दल (युनाइटेड) के एक विधायक का वोट मिलने का भी भरोसा था। लेकिन राकांपा के विधायक कंधाल जडेजा ने भाजपा अध्यक्ष शाह के पैर छूए और भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। मतदान के बाद वह वाघेला के आवास पर आयोजित भोज में शामिल होने चले गए। राकांपा के एक अन्य विधायक जयंत पटेल बोस्की और जद (यू) विधायक छोटूभाई वसावा ने जरूर पटेल के पक्ष में मतदान किया।

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने नोटा हटाने से किया इंकार:गुजरात राज्यसभा में होगा उपयोग

छह विधायकों के पार्टी छोड़े जाने से गुजरात में संकट से घिरी कांगे्रस को सुप्रीम कोर्ट में भी राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में नोटा का उपयोग रोकने से इंकार कर दिया है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव राय और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविल्कर की सदस्यता वाली पीठ ने निर्वाचन आयोग को अधिसूचना की संवैधानिक वैधता की समीक्षा करने के लिए नोटिस जारी किया है।गुजरात विधानसभा में कांग्रेस सचेतक शैलेश मनुभाई परमार ने आठ अगस्त को होने वाले चुनाव में नोटा के इस्तेमाल संबंधी अधिसूचना रद्द करने की मांग के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। पीठ ने कहा, “आप (याचिकाकर्ता) इतनी देर से अदालत क्यों आए। आप उस समय क्यों आए हैं, जब चुनाव करीब है।”

अहमद पटेल हैं कांगे्रस से राज्यसभा उम्मीदवार

कांगे्रस को डर यह है कि व्हीप के उल्लंघन से बचने के लिए कांगे्रस के कतिपय विधायक नोटा का उपयोग कर सकते हैं। गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। दो सीटें भाजपा के खाते में जा रही हैं। विधायकों की संख्या के लिहाज से तीसरी सीट कांगे्रस को मिलना चाहिए। पार्टी के आधा दर्जन विधायकों द्वारा पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के कारण कांगे्रस के उम्मीदवार अहमद पटेल संकट में फंस गए हैं। अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पटेल ने पार्टी के विधायकों को कर्नाटक में रखा हुआ है। विधायकों की मेजबानी कर रहेबिजली मंत्री डी.शिवकुमार के कल आयकर विभाग द्वारा छापामारी की गई थी। इस छापामारी में दस करोड़ रूपए नगद बरामद किए गए थे। छापे की कार्यवाही आज भी जारी है।