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लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ हुए तो होगी करोड़ो की बचत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराये जाने पर विचार वित्तीय एवं संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल को ध्यान में रख कर किया गया है। प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की शासी परिषद की चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बात अपनी समापन टिप्पणी में कही।

प्रधानमंत्री ने नीति आयोग से कहा तीन माह में करें कार्यवाही

प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग से कहा कि वह तीन महीनों के भीतर सुझाए गए कार्रवाई योग्य बिन्दुओं पर राज्यों के साथ अनुवर्ती कदम उठाए। आयोग द्वारा चिन्हित 115 आकांक्षापूर्ण जिलों की तर्ज पर, राज्य आकांक्षापूर्ण ब्लॉक के रूप में राज्य के कुल ब्लॉक के 20 प्रतिशत को चिन्हित करने के लिए अपने खुद के मानकों को निर्धारित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा जल संरक्षण, कृषि, मनरेगा आदि मसलों पर दिए गए कई अन्य सुझावों की सराहना की।

राज्य मंत्रियों से एक साथ मिल कर काम करने की अपील की

नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश, बिहार, सिक्किम, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से से बात की। उन्होंने बुवाई-पूर्व एवं कटाई-उपरांत, दोनों ही चरणों समेत ‘कृषि एवं मनरेगा‘ के दो विषयों के प्रति एक समन्वित नीतिगत दृष्टिकोण पर अनुशंसाएं करने के लिए एक साथ मिल कर कार्य करने की अपील की।

उन्होंने 15 अगस्त, 2018 तक 115 आकांक्षापूर्ण जिलों के 45,000 अतिरिक्त गांवों तक सात प्रमुख योजनाओं का सार्वभौमिक कवरेज उपलब्ध कराने के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दुहराई है।

देश के विकास को आकार देने के लिए बैठक

नीति आयोग की शासी परिषद की यह बैठक देश के विकास के लिए आवश्यक बैठकों में से एक है। इस बैठक में कई सारे मुद्दों पर चर्चा की गई , जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने, आकांक्षी जिलों का विकास, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय पोषण मिशन, मिशन इंद्रधनुष जैसी प्रमुख योजनाओं की प्रगति और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का जश्न शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। पिछले चार वर्षों के दौरान, 7.70 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। उन्होंने वहां उपस्थित सभी व्यक्तियों से महात्मा गांधी की 150 जयंती, 2 अक्टूबर, 2019 तक 100 प्रतिशत स्वच्छता कवरेज की दिशा में काम करने की अपील की।

अर्थव्यवस्था में बदलाव और निर्यात को बढ़ावा दें

अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व को उम्मीद है कि भारत जल्द ही पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। उन्होंने राज्यों को प्रेरित किया कि वे परिणाम आधारित आवंटनों एवं व्यय सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए वित आयोग को नए-नए विचार दें। मोदी ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि राज्य अब निवेशक सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं।

उन्होंने परामर्श दिया कि राज्यों को निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने राज्यों को ‘व्यवसाय करने की सुगमता‘ को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग को व्यवसाय करने की सुगमता को और बढ़ावा देने के लिए सभी राज्यों के साथ एक बैठक आयोजित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए आज ‘जीने की सुगमता‘ भी आवश्यक है और राज्यों को इस संबंध में अब पहल करनी चाहिए।

कृषि में निवेश को महत्व

कृषि पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में इस क्षेत्र में कॉरपोरेट निवेश बहुत निम्न है। राज्यों को एक नीतियां बनानी चाहिए जो वेयरहाउसिंग, परिवहन, मूल्य संवर्द्धन एवं खाद्य प्रसंस्करण आदि जैसे क्षेत्रों में कॉरपोरेट निवेश को बढ़ावा दे।

किसानों की आय 2022 तक दुगुनी करने का चलेगा कृषि कल्याण अभियान

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के किसानों की आय 2022 तक दुगुनी करने के लक्ष्य को ध्‍यान में रखते हुए इस वर्ष 31 जुलाई तक कृषि कल्याण अभियान चलाया जाएगा। कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत एक जून से कर दी गयी है। इसके तहत किसानों को तकनीक और आय बढ़ाने के बारे में सहायता और सलाह दी जाएगी।

कृषि कल्‍याण अभियान के लिए चुने गए प्रत्येक जिले के 1000 से अधिक आबादी वाले 25 गांवों में चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत किसानों को कृषि आय बढ़ाने और बेहतर पद्धतियों का इस्‍तेमाल करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा। इस दौरान मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्डों का सभी किसानों में वितरण किया जाएगा। प्रत्येक गांव में खुर और मुंह रोग (एफएमडी) से बचाव के लिए सौ प्रतिशत बोवाइन टीकाकरण किया जाएगा। भेड़ और बकरियों में बीमारी से बचाव की जानकारी दी जाएगी।

सभी किसानों के बीच दालों और तिलहन की मिनी किट का वितरण होगा। प्रति परिवार को पांच बागवानी, कृषि वानिकी या बांस के पौधें दिये जाएंगे। इसके अलावा कृत्रिम गर्भाधान के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा सूक्ष्म सिंचाई से जुड़े कार्यक्रमों और बहु-फसली कृषि के तौर-तरीकों का प्रदर्शन होगा। सूक्ष्म सिंचाई और एकीकृत फसल के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। किसानों को नवीनतम तकनीकों से परिचित कराया जाएगा।

इन कार्यक्रमों में महिला प्रतिभागियों और किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है। गांवों का चयन ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया है। प्रत्‍येक जिले के कृषि विज्ञान केन्‍द्र सभी 25-25 गांवों में कार्यक्रमों को लागू करने में सहयोग करेंगे। प्रत्‍येक जिले में एक अधिकारी को कार्यक्रम की निगरानी करने एवं सहयोग करने का जिम्मा दिया गया है।