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विधानसभा चुनाव 2018: मध्यप्रदेश का चुनावी समीकरण,इन सीटों पर आ सकती है कांग्रेस

मध्य प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग के द्वारा इस संबंध में आज अहम घोषणा की जा सकती है। EC शनिवार शाम तक मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में चुनाव होने तय हैं, जबकि तेलंगाना में चुनाव कराए जाने की संभावना है।

मध्य प्रदेश का चुनावी समीकरण

वर्तमान में बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें है। इनमें से 230 सीटों पर ही चुनाव होते हैं और बाकी के एक सदस्य को नॉमिनेट किया जाता है।मध्य प्रदेश में बीजेपी के पास 166 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस के पास 57 सीटें हैं और बीएसपी के पास 4 सीटें हैं। यहां की मुख्य लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। वहीं बसपा का भी राज्य में अच्छा दबदबा है। इन तीनों मुख्य पार्टियों के अलावा इस बार के विधानसभा चुनाव में कई पार्टियां उतरने वाली हैं जिसमें सपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जयस जैसी पार्टियां शामिल है। वहीं इस बार एससी\एसटी एक्ट और प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ सपाक्स की ‘अनारक्षित समाज पार्टी’ ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

राजस्थान का चुनावी समीकरण

राजस्थान में कुल 200 सीटें हैं। जिसमें सरकार 161 सीट पर काबिज है। इस में 160 सीट भाजपा के ही पास है और एक एनपीपी के पास है। विपक्ष के पास कुल 36 सीट हैं जिसमें कांग्रेस 25, बीएसपी 2 एनयूजेडपी 2 और निर्दलीय 7 सीट हैं। जबकि तीन सीट अभी खाली है। इस विस चुनाव में भी सीधे तौर पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। जबकि इन दोनों के अलावा कई क्षेत्रीय पार्टियां भी अपनी किस्मत आजमाने जा रही है।

छत्तीसगढ़ का चुनावी समीकरण

छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और एक नॉमिनेटेड सीट है। पिछले चुनाव यानि की 2013 के विस चुनाव परिणाम के मुताबिक बीजेपी के पास 49 सीट, कांग्रेस को 39, बीएसपी को 1 और अन्य को एक सीट मिली थी। यहां भी मुख्य रूप से लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच की है। इन दोनों के अलावा कांग्रेस नेता और पूर्व में सीएम रह चुके अजीत जोगी ने जनता कांग्रेस-जोगी के नाम से पार्टी बनाई है और वे बीएसपी के साथ गठबंधन में चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।

मिजोरम का चुनावी समीकरण

पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में कुल 40 विधानसभा सीटें हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी। कुल 40 में से 34 सीटों पर जीत कर यहां कांग्रेस की सरकार बनी थी। बाकी के सीटों में एमएनएफ को 5 और और एमपीसी को 1 सीट मिली थी। इस बार यहां जीत हासिल करने के लिए बीजेपी भी जोर लगा रही है।

तेलंगाना की चुनावी समीकरण

तेलंगाना में कुल 119 विधानसभा सीटें हैं। यहां पिछली बार 2014 में लोकसभा चुनाव के साथ ही यहां चुनाव कराए गए थे। उस दौरान केसीआर की पार्टी टीआरएस को 90 सीटें मिली थी। इसके अलावा कांग्रेस को 13, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 7, बीजेपी को 5 और सीपीआईएम को 1 सीट मिली थी। इस बार भी इन्हीं पार्टियों के बीच मुकाबला है।

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के शहंशाह बने रहेंगे अमित शाह

भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बड़ा फैसला लिया है। पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह का कार्यकाल जनवरी 2019 में समाप्त होने वाला है इसलिए पार्टी ने निर्णय लिया है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में ही होंगे। चुनाव को देखते हुए पार्टी ने संगठन चुनाव को एक साल के लिए टालने का निर्णय लिया है। आम चुनाव बीतने के बाद ही संगठन के लिए चुनाव होगा।

आपको बता दे कि भाजपा ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सभी को साथ लेते हुए 2014 से अधिक बहुमत से सरकार बनाना सुनिश्चित करने के लिये काम करने का संकल्प लिया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में पार्टी ने एक महत्वपूर्ण बैठक में यह संकल्प लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों एवं राज्य इकाई के अध्यक्षों की बैठक में ‘‘अजेय भाजपा’’ के नारे को अंगीकार किया गया है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिये पूरा जोर लगाने का संकल्प लिया गया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा के लिये भाजपा ने विशेष जोर लगाने की प्रतिबद्धता जतायी है। उन्होंने बताया, ‘‘भाजपा को पूरा भरोसा है कि वह 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 के लोकसभा चुनाव से अधिक बहुमत से जीत दर्ज करेगी।’’

राहुल गांधी मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी की श्रद्धांजलि सभा को करेंगे सम्बोधित

मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों पर हुई गोलीबारी की घटना की पहली बरसी पर बुधवार को होने वाली श्रद्धांजलि सभा को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे। यह सभा पिपलियामंडी में होगी। बता दें कि मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं।

उधर, 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां अभी से ऐक्शन मोड में हैं। ऐसे में राहुल गांधी की इस रैली को सूबे में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत के साथ ही 2019 में कांग्रेस की तरफ किसानों को आकर्षित करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष के दौरे को ध्यान में रखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। जगह-जगह बैरिकेट्स लगाए गए हैं और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। साथ ही वहां आने वालों पर खास नजर रखी जा रही है।

चुनाव वाले तीन राज्यों में कांग्रेस का हाथ थामेगा बसपा-सपा का साथ

मध्यप्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले ही भाजपा का मुकाबला करेगी या फिर बसपा और सपा को भी अपने साथ लेगी? भाजपा विरोधी दलों के साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस अपनी एकला चलों की नीति में बदलाव की इच्छुक दिखाई दे रही है। इस साल देश के जिन तीन राज्य मध्यप्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढु में चुनाव हैं वहां बसपा का वोट बैंक भी है। सपा और बसपा राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में कांग्रेस से ज्यादा असर रखती हैं। तीनों राज्यों में गठबंधन के लिए संवाद का सिलसिला चल रहा है। मामला सीटों के बंटवारे पर अटका हुआ है।


बसपा-सपा के संपर्क में सिंधिया,कमलनाथ
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन की दिशा में काम कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए बसपा प्रमुख मायावती और वरिष्ठ बसपा नेता सतीश मिश्रा से भी बात की है। छत्तीसगढ़ में भी भाजपा के विरोधी मतों को अपने खाते में बटोरने के लिए ऐसे ही गठबंधन का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के साथ चर्चा के लिए वरिष्ठ पार्टी नेताओं की समितियां बनाने का काम कर रही है तथा आने वाले दिनों में इस प्रक्रिया में तेजी लायी जायेगी।

बिहार चुनाव के बाद आया कांग्रेस के रुख में बदलाव
कांग्रेस के रूख में बदलाव का एक बड़ा कारण 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल-जनता दल महागठबंधन, उत्तर प्रदेश में गाेरखपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी-बसपा के साथ गठबंधन तथा कैराना लोकसभा एवं नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में संयुक्त विपक्षी मोर्चे की सफलता है।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सभी राज्यों के लिए एक समान रणनीति नहीं हो सकती। बहरहाल पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी मतों को अपनी ओर मिलाने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस करीब 400 लोकसभा सीटों पर क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन की संभावना पर नजर रखे हुए है। इसके अलावा वह इसी साल के अंत में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन के लिए विचार कर रही है। इन दोनों राज्यों में वर्तमान में भाजपा की ही सरकारें हैं।