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पश्चिम बंगाल में अब योगी आदित्यनाथ को हेलिकॉप्टर उतारने की इजाजत नहीं

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कोलकाताः पश्चिम बंगाल में रविवार को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की होने वाली रैली रद्द हो गई है। कारण, पश्चिम बंगाल सरकार ने इस रैली के लिए इजाजत नहीं दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, बिना किसी नोटिस के रैली की इजाजत खारिज कर दी गई है। वहीं भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने ममता सरकार के इस फैसले के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा प्रदेश में 100 से ज्यादा रैली करने वाली है इसी कड़ी में रविवार को योगी बांकुरा और पुरुलिया में दो रैली करने वाले थे। इसके अतिरिक्त 5 फरवरी को उनका रायगंज और दिनाजपुर जिले के बालूरघाट में रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम भी है।

 

मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने बताया कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का भाजपा का बढ़ता असर है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हेलीकॉप्टर लैंडिंग की इजाजत नहीं दी। पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता मुकुल रॉय ने बंगाल सरकार के इस फैसला को पूरी तरह से अलोकतांत्रिक बताया है।

गौरतलब है कि इससे पहले झारग्राम में भाजपा अध्यक्ष के हेलिकॉप्टर को उतारने की इजाजत नहीं दी गई थी।यह दूसरी बार है। इससे पहले मालदा में भी ऐसा ही हुआ था।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी का मानना है कि सभी राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रम आयोजित करने का संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है। त्रिपाठी की यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा भाजपा को राज्य में रथ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दिए जाने के संदर्भ में आयी है।

पश्चिम बंगाल में कभी भी राष्ट्रपति शासन लगाने का विचार मन में आने के संबंध में सवाल करने पर त्रिपाठी ने स्पष्ट कहा कि वह अपने पास उपलब्ध तथ्यों के आधार पर अपने विचार तय करते हैं। उन्होंने कहा कि वैसे भी वह विचार समुचित प्राधिकार को बताया जाना है। यह गोपनीय होगा।

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योगी के कुम्भ स्नान पर शशि थरूर का तंज, कहा- ‘संगम में सभी नंगे हैं’

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उत्तर प्रदेश: इन दिनों प्रयागराज कुंभ की रौनक है। मंगलवार को यहां योगी कैबिनेट की बैठक हुई। योगी सरकार में यह पहला मौका है जब लखनऊ के बाहर प्रयागराज में कैबिनेट की बैठक हुई है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी डुबकी लगाई। उनके साथ कैबिनेट के कई साथी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने मुख्यमंत्री की इसी फोटो को ट्वीट करते हुए उन्हें निशाने पर लिया है।

उन्होंने लिखा कि गंगा भी स्वच्छ रखनी है और पाप भी यहीं धोने हैं, इस संगम में सब नंगे हैं, जय गंगा मैया की।  थरूर का ट्वीट ऐसे वक्त पर आया है जब कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा संगम में डुबकी लगाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपने चुनावी अभियान की आधिकारिक शुरुआत करेंगी।

उनके इस ट्वीट के बाद राजनीतिक रस्साकशी शुरू हो सकती है। ट्वीटर पर लोग थरूर को आड़े हाथों ले रहे हैं और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के गंगा स्नान की तस्वीर पोस्ट कर रहे हैं। फिलहाल थरूर के ट्वीट पर भाजपा की प्रतिक्रया नहीं आई है। बता दें कि योगी आदित्यनाथ से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी संगम में जाकर डुबकी लगाईं थी।

सपा के मुखिया ने गंगा की कसम कहते हुए कहा था कि अगर वह सत्ता में आए तो जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक कर देंगे।

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योगी कैबिनेट के अहम फैसले, मेरठ से प्रयागराज तक 600 किमी लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण को मिली मंजूरी

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प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के कुंभ में कैबिनेट बैठक की बैठक कर पहले ही इतिहास रच दिया है। बैठक के पहले योगी आदित्यनाथ ने अपनें मंत्रियों के साथ अक्षयवट में दर्शन भी किया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी ने मीडिया को कैबिनेट के निर्णयों से अवगत कराते हुए कहा कि यूपी के पश्चिमी भाग से प्रयागराज को जोड़ने के लिए मेरठ से प्रयागराज तक 600 किमी लंबा एक्सप्रेसवे बनेगा। यह दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। जिसके निर्माण में तकरीबन 36 हजार करोड़ की लागत आएगी। जो 6556 हेक्टेयर जमीन पर 4 लेन का एक्सप्रेसवे होगा। जिसे भविष्य में 6 लेन तक में विस्तारित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि भारद्वाज आश्रम का सुंदरीकरण भारद्वाज पार्क की तरह ही किया जाएगा। श्रृंगवेरपुर तीर्थस्थल को विकसित किया जाएगा। और निषादराज की मूर्ति लगाने के साथ ही सुंदरीकरण का कार्य किया जाएगा। वहीं, प्रयागराज और चित्रकूट की बीच पहाड़ी पर महर्षि  बाल्मीकि की मूर्ति और एक शोध संस्थान खोले जाने की भी योजना है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 3791 कुष्ठ रोगियों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

इसके साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है। यह 296 किमी लंबा एक्सप्रेसवे 8864 करोड़ की लागत से बनेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए मंडी समिति का जनतंत्रीकरण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अब एसजीपीजीआई के चिकित्सकों को एम्स के चिकित्सको के समान सुविधा दी जाएगी। योगी कैबिनेट ने उड़ी फ़िल्म को स्टेट जीएसटी से मुक्त कर दिया है। जार्ज फर्नांडीज की मौत पर कैबिनेट ने दुख व्यक्त किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की गई।

 

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राजधानी से बाहर बैठक कर योगी कैबिनेट ने रचा इतिहास, उत्तराखंड के गठन के बाद से यह पहला मौका

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प्रयागराजः  आज लखनऊ से बाहर बैठक कर योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल ने इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड के गठन के बाद से यह पहला मौका है, जब उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल की बैठक राजधानी से बाहर हुई है।

योगी आदित्यनाथ ने इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के इतिहास में राजनीति का नया वाक्या जोड़ दिया है।इस बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा के साथ दो दर्जन से अधिक कैबिनेट मंत्री व स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री उपस्थित थे।यह बैठक कुंभनगर की टेंट सिटी में संपन्न हुई। कुंभ मेले में विश्व हिंदू परिषद की 31 जनवरी और 1 फरवरी को धर्म संसद होनी है। यहां से विहिप राम मंदिर निर्माण को लेकर अगली रणनीति तैयार करेगी।

बैठक से पहले योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के साथ बांध पर लेटे भगवान हनुमान जी का दर्शन किया। इसके बाद सभी लोग अक्षय वट का दर्शन करने के लिए निकल गए। योगी आदित्यनाथ ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा के साथ बांध के पास लेटे हनुमानजी का मंत्रोच्चार के बीच अभिषेक व आरती की। प्रयागराज कुंभ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रीगण के साथ अक्षयवट व सरस्वती कूप के किये दर्शन।

आपको बता दें कि मंत्री बमरौली एयरपोर्ट पर स्टेट प्लेन से पहुंचे। वहां से कार के जरिए संगम के लिए रवाना हो गए। सीएम योगी आदित्यनाथ मंत्रियों के साथ हनुमान जी व अक्षय वट के दर्शन पूजन करने भी जाएंगे।कुंभ में मंत्रिमंडल की बैठक कर इतिहास रचने जा रही प्रदेश सरकार कई अहम प्रस्ताव पारित करेगी।

आठ हेलीकॉप्टर समेत दो स्टेट प्लेन भी आए हैं।मंत्रिपरिषद की बैठक में कई बड़े में धर्म-अध्यात्म से जुड़े प्रस्ताव ही पारित होंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाने नोज जाएंगे। विश्वशांति के लिए त्रिवेणी पूजा व आरती भी करेंगे। फिर नाथ संप्रदाय के शिविर में कैबिनेट जाएगी, जहां भोज में वे शामिल होंगे। वहां से मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य बमरौली एयरपोर्ट जाएंगे। 4:30 बजे सीएम गणतंत्र दिवस समारोह बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम के लिए रिजर्व पुलिस लाइन लखनऊ के लिए रवाना होगे।

 

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मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 18 केस वापस लेगी योगी आदित्यनाथ सरकार

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जिला प्रशासन को 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित 131 मामलों में से 18 के लिए आवेदन वापस लेने का निर्देश दिया है। यह 9 महीने बाद आया है जब राज्य सरकार ने इस मामले में केसों को वापस लेने के बारे में जिला प्रशासन से राय मांगी थी।

समाचार एजेंसी PTI को सूत्रों ने बताया कि राज्य के विशेष कानून सचिव जेजे सिंह ने मुजफ्फरनगर के जिला मजिस्ट्रेट राजीव शर्मा को 18 मामलों को वापस लेने का आदेश दिया है।इस पर बात करते हुए जिला प्रशासन के वकील राजीव शर्मा ने कहा कि उन्हें मुजफ्फरनगर दंगों के 18 मामलों में नाम वापसी का आवेदन मिला है और यह जल्द ही रिकॉर्ड की जांच के लिए अदालत को भेजा जाएगा।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘तीन दिन पहले मुझे राज्य के कानून विभाग से मुजफ्फरनगर दंगों के 18 मामलों में नाम वापसी का आवेदन मिला। अभिलेखों की जांच के बाद इसे जल्द ही अदालत में भेजा जाएगा। ये मामले दंगा, आर्म्स एक्ट और डकैती के आरोपों के तहत दर्ज किए गए थे। कोई भी जनप्रतिनिधि उनमें से किसी में भी आरोपी नहीं है।’

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) अमित सिंह ने और जानकारी देते हुए कहा कि आवेदनों को संबंधित न्यायालयों में सरकारी काउंसल के माध्यम से स्थानांतरित किया जाएगा। सिंह ने कहा, ‘ये 18 मामले उन लोगों में से हैं, जिन पर सरकार ने केस वापसी पर राय सहित विवरण मांगा था।’2013 में मुजफ्फरनगर और आस-पास के इलाकों में हिंसा और झड़पें हुई थीं, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 60 लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य लोग विस्थापित हो गए थे। इन केसों में विधायक संगीत सोम और उमेश मलिक, सांसद संजीव बाल्यान और भारतेंद्र सिंह सहित कई बीजेपी नेता भी नामजद है।

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योगी आदित्यनाथ बोले- अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद का हम 24 घंटे में कर सकते हैं समाधान

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 घंटे के भीतर अयोध्या विवाद का निपटारा करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर मसले पर लोगों का धैर्य समाप्त हो रहा है और सर्वोच्च न्यायालय इस विवाद पर जल्द आदेश देने में असमर्थ है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘इसे हमारे हवाले कर देना चाहिए और 24 घंटे के भीतर इसका समाधान हो जाएगा।’ मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले आगामी आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में ज्यादा सीटें जीतने का भी दावा किया है।

मुख्यमंत्री से समाचार चैनल इंडिया टीवी ने जब पूछा कि क्या वह आयोध्या मसले का समाधान बातचीत से करेंगे या डंडे से तो उन्होंने मुस्कराते हुए जवाब दिया- ‘पहले अदालत को मसले को हमारे हवाले करने दीजिए।’ आदित्यनाथ ने कहा, ‘मैं अब भी अदालत से विवाद का निपटारा जल्द करने की अपील करूंगा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 30 सितंबर 2010 को भूमि बंटवारे के मसले पर आदेश नहीं दिया, बल्कि यह भी स्वीकार किया कि बाबरी ढांचा हिंदू मंदिर या स्मारक को नष्ट करके खड़ा किया गया था |

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने उच्च न्यायालय के आदेश पर खुदाई की और अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया कि बाबरी के ढांचे का निर्माण हिंदू मंदिर या स्मारक को नष्ट करके किया गया था। उन्होंने कहा, टटाइटल का विवाद अनावश्यक रूप से जोड़कर अयोध्या विवाद को लंबा खींचा जा रहा है। हम सर्वोच्च न्यायालय से लाखों लोगों की संतुष्टि के लिए जल्द से जल्द न्याय देने की अपील करते हैं, ताकि यह जनास्था का प्रतीक बन सके। अनावश्यक विलंब होने से संस्थानों से लोगों का भरोसा उठ जाएगा।’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जहां तक लोगों के धैर्य और भरोसे की बात है तो अनावश्यक विलंब से संकट पैदा हो रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि अदालत को अपना फैसला शीघ्र देना चाहिए। अगर वह ऐसा करने में असमर्थ हैं तो वह मसला हमें सौंप दें। हम राम जन्मभूमि विवाद का समाधान 24 घंटे के भीतर कर देंगे। हम 25 घंटे नहीं लेंगे।उन्होंने कहा कि सवाल चुनावों में फायदे या नुकसान का नहीं है, लेकिन यह देशवासियों की आस्था का सवाल है। आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस इस समस्या की जड़ में है और वह इसका समाधान होने नहीं देना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘अगर अयोध्या विवाद का निपटारा हो जाए और तीन तलाक पर प्रतिबंध लागू हो जाए तो देश में तुष्टीकरण की राजनीति हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी।’

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सीएम योगी व केंद्रीय मंत्री पुरी ने एक्वा लाइन मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

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नोएडाः आखिर मेट्रो की बहुप्रतीक्षित एक्वा लाइन का आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन हो गया।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने नोएडा सेक्टर-137 मेट्रो स्टेशन से नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की एक्वा लाइन मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दोनों ने संयुक्त रूप से नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री, ग्रेटर नोएडा के ग्रेनो डिपो स्टेशन पर नोएडा की छह परियोजनाओं का लोकार्पण और तीन का शिलान्यास भी करेंगे। मेट्रो के उद्घाटन के बाद योगी सेक्टर-137 मेट्रो स्टेशन से 20 मिनट के मेट्रो का सफर तय करने के बाद ग्रेनो डिपो मेट्रो स्टेशन पहुंचेंगे। यहां वह नोएडा की छह परियोजनाओं यमुना पर नया पुल, सेक्टर-33 शिल्पहाट, सेक्टर-108 ट्रैफिक पार्क, सेक्टर-94 कमांड कंट्रोल सेंटर, शाहदरा ड्रेन पर पुलों का चौड़ीकरण और सेक्टर-62 के मातृ एवं बाल सदन का लोकार्पण भी करेंगे।

अधिकारियों के अनुसार यहां 11 ट्रेनें चीन से आई हैं। इस कॉरिडोर पर 21 स्टेशन हैं। 18 स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा एक्वा लाइन के यात्रियों के लिए स्मार्ट कार्ड की भी व्यवस्था की गई है। इस कार्ड का उपयोग दूसरे अन्य कार्यों के लिए भी किया जा रहा है।

आपको बता दें कि इस लाइन का बजट बढ़ सकता था। लेकिन आबादी कम होने और इंजीनियरों के मेट्रो पिलर की ऊंचाई कम रखी जाने की वजह से इस लाइन का खर्च कम आया है। सफीपुर गांव के पास मेट्रो ट्रैक की ऊंचाई करीब-करीब जमीन के बराबर है। गांव के समीप से चार  केवी की हाइटेंशन लाइन क्रास कर रही है। इंजीनियरों ने अपने कौशल से यहां ट्रैक की ऊंचाई कम की। इससे एनएमआरसी को 120 करोड़ रुपये की बचत हुई।

इस लाइन पर प्रिंटेड टिकटें मिलेंगी। यहां टोकन की व्यवस्था नहीं होगी। इसका पहला ट्रायल डिपो स्टेशन से नॉलेज पार्क तक बीते वर्ष अक्तूबर-नवंबर में किया गया था। इस कॉरिडोर के सभी स्टेशनों में प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर, जल संचय की सुविधा और सोलर पैनल होंगे। इस कॉरिडोर को डीएमआरसी के ब्लू लाइन के सिटी सेंटर से सेक्टर-62 कॉरिडोर से वॉक वे जोड़ा जाएगा।

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योगी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ा बजट लायेंगे , नई योजनाओं की होगी बौछार

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लखनऊ: लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ इस बार बजट कुछ ख़ास पेस करेंगे .उत्तर प्रदेश  का 2019-20 का बजट पौने पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक और पांच लाख करोड़ रुपये से कुछ कम होगा। यह प्रदेश का सबसे बड़ा बजट होगा। इसमें बड़ी संख्या में नई योजनाओं की बौछार होगी। योगी सरकार ने 2017-18 का बजट 4.28 लाख करोड़ रुपये का पेश किया था। सामान्य परिस्थितियों में लाए गए इस बजट में वित्त वर्ष 2016-17 की तुलना में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। जानकार बताते हैं कि राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए आगामी तीन वित्तीय वर्ष के लिए जो पूर्वानुमान पेश किया था, उस हिसाब से 2019-20 का बजट 4.73 लाख करोड़ रुपये का होना चाहिए।

लेकिन आगमी बजट, लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। इसमें भारी भरकम बजट लेने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कारीडोर जैसी इन्फ्रास्ट्रकचर से जुड़ी परियोजनाओं के साथ ऊर्जा, मेट्रो, आवास, स्वच्छ भारत मिशन और आयुष्मान भारत जैसी चालू प्राथमिकता वाली परियोजनाओं व योजनाओं के लिए बजट व्यवस्था तो करनी ही है, युवाओं, गरीबों, किसानों और महिलाओं के लिए भी नई आकर्षक योजनाएं लाने की तैयारी है।

पांच लाख करोड़ पार कर सकता है बजट का आकार

बजट के जानकार चुनाव से नए बजट के आकार में 14 से 15 फीसदी तक की वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं। ऐसा हुआ तो बजट का आकार 4.73 लाख करोड़ के पूर्वानुमान से कहीं अधिक 4.90 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।

विश्लेषकों की मानें तो 2019-20 का बजट 5 लाख करोड़ की सीमा भले न पकड़ पाए, लेकिन चालू वित्तीय वर्ष में ही यह इस सीमा को पार कर जाएगा। बजट के बाद जब भी अनुपूरक की जरूरत होगी, पुनरीक्षित बजट का आकार पांच लाख करोड़ पार कर सकता है।

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योगी सरकार ने किया नई स्कीम का ऐलान, निराश्रितों को मिलेगी 500 रुपये प्रति माह पेंशन

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लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सभी निराश्रित लोगों को 500 रुपये प्रति माह पेंशन  देने का ऐलान किया है। पहले यह पेंशन 400 रुपये मिलती थी। अब प्रदेश सरकार ने इसमें 100 रुपये बढ़ाने का फैसला किया है।  निराश्रित व वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन के तहत यह पेंशन दी जाएगी।

समय समय पर अदालत भी यह कहती आई है कि निराश्रितों को आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

सीएम योगी ने कहा कि यूपी सरकार इसके लिए बड़े पैमाने पर कैम्पेन करने जा रही है। जिसके तहत 30 जनवरी तक राज्य में कैंप लगेंगे।

गौरतलब है कि पेंशन पर फैसले से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आर्थिक रूप से निर्बल सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को मंजूरी प्रदान कर दी है। यूपी में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने की यह व्यवस्था 14 जनवरी से लागू हो गई है।

 

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योगी सरकार का फिर एक अहम फैसला, UP में फिर माफ हो सकता है किसानों का कर्ज

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लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक बड़ा फैसला ले सकती है. सूत्रों के मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से किसानों का कर्ज माफ करने की तैयारी में हैं. उत्तर प्रदेश सरकार जिला स्तर पर इसके लिए सर्वे कर रही है. इस सर्वे का मकसद उन किसानों की पहचान करना है जो पिछली बार कर्ज माफी का लाभ नहीं उठा पाए थे. बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था. चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ भी किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक तब कई किसानों को आंशिक कर्जमाफी ही मिल पाई थी. कई किसान तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से कर्जमाफी का लाभ भी नहीं उठा पाए थे. योगी सरकार इस सर्वे के द्वारा ऐसे किसानों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. अगर योगी सरकार इस कदम को अमली जामा पहनाती है तो लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को लुभाने की कोशिश में इसे बड़ी कवायद के तौर पर देखा जाएगा.

बता दें कि 2017 में सरकार बनते ही योगी कैबिनेट ने सीमांत किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ करने का फैसला लिया था. राज्य सरकार ने इसके लिए 32 हजार करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी. किसानों की कर्ज माफी एक बार फिर से चर्चा में तब आई जब पिछले साल दिसबंर में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी. कांग्रेस ने इन तीनों राज्यों में चुनाव के दौरान किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था. वादे के मुताबिक तीनों राज्यों की कांग्रेस सरकारों ने सरकार बनाते ही पहले काम के रूप में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे कांग्रेस की प्रो-फार्मर छवि के रूप में पेश किया.

किसानों की कर्ज माफी के बाद राहुल ने कहा कि उन्होंने जो कहा है वो कर दिखाया है. राहुल ने कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए. राहुल ने यह कह बीजेपी पर दबाव बढ़ा दिया कि अगर मोदी कर्ज माफ नहीं करते हैं तो वह 2019 में सत्ता में आने के बाद किसानों को कर्ज माफी की सौगात देंगे. राहुल ने कहा था, “मोदी जब तक देश के किसानों का कर्ज माफ नहीं करेंगे, तब तक हम उन पर इतना दबाव डालेंगे कि उन्हें सोने नहीं देंगे और कर्ज माफ करवाकर रहेंगे.”

मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार के बाद बैकफुट पर आई बीजेपी नेतृत्व ने कई मौकों पर कर्ज माफी के प्रस्ताव पर विचार मंथन किया था. हाल ही में झारखंड की बीजेपी सरकार ने किसानों को राहत देते हुए उनके खाते में सीधे 5 हजार रुपये ट्रांसफर करने का ऐलान किया है.

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