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सीबीएफसी के प्रमाणपत्र के बाद पद्मावती के प्रदर्शन पर फैसला : खट्टर

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चंडीगढ़, 22 नवंबर (आईएएनएस)| हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को कहा कि राज्य में फिल्म ‘पद्मावती’ के प्रदर्शन की इजाजत देने का फैसला केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के फैसले के बाद लिया जाएगा। खट्टर ने मीडिया से कहा कि किसी को भी किसी विशेष समुदाय के लोगों की भावनाओं को आहत करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

राज्य में भाजपा के मुख्य मीडिया समन्वयक सूरजपाल सिंह अम्मू की फिल्म ‘पद्मावती’ के बारे में की गई टिप्पणी पर उनका ध्यान दिलाए जाने पर खट्टर ने कहा, “यह अम्मू के निजी विचार हैं और राज्य सरकार का इससे कुछ लेनादेना नहीं है।”

उन्होंने कहा कि पार्टी ने अम्मू को एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।

उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि उनके खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है और कानून अपना काम करेगा।”

अम्मू पर गुरुग्राम के सेक्टर 29 पुलिस थाने में मंगलवार को फिल्म की प्रमुख अभिनेत्री दीपिका पादुकोण व निर्देशक-निर्माता संजय लीला भंसाली के एक प्रशंसक ने भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज कराया है।

गुरुग्राम के चक्करपुर गांव के निवासी पवन कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि अम्मू के बयान से उनकी भावनाएं बुरी तरह से आहत हुई हैं। अम्मू ने पादुकोण व भंसाली का सिर काट कर लाने पर 10 करोड़ रुपये इनाम देने की घोषणा की थी।

अम्मू ने मंगलवार को हरियाणा पुलिस को खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती थी। उन्होंने कहा था कि वह अपने बयान पर दृढ़ हैं, चाहे वह भाजपा में रहें या न रहें।

उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी के पदाधिकारी के तौर पर नहीं, बल्कि एक राजपूत के तौर पर बयान दिया है।

अम्मू ने दीपिका व भंसाली का सिर काट के लाने पर इनाम की रकम दोगुनी करनी की बात भी कही थी। इसके अलावा उन्होंने फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी का किरदार निभा रहे रणवीर सिंह का पैर तोड़ने की बात कही थी।

खट्टर-केजरीवाल मिले, 2018 में धुएं से लड़ने पर सहमत

New Delhi: Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar addresses a press conference after meeting BJP President Amit Shah at Haryana Bhawan in New Delhi on Aug 30, 2017. (Photo: IANS)

चंडीगढ़,  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से यहां करीब 90 मिनट तक मुलाकात की और अगले वर्ष राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में धुएं को रोकने के लिए उपयुक्त कदम उठाने पर सहमत हुए। संयुक्त बयान में कहा गया, “हम खुश है कि चंडीगढ़ में हुई हमारी बैठक उपयोगी रही। हमारे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फैले धुएं पर हम गहरी और साझा चिंता व्यक्त करते हैं। हम 2018 की सर्दियों में धुएं को पुन: उत्पन्न होने से रोकने के लिए कई उपायों पर कार्रवाई करने के लिए सहमत हुए हैं।”

बयान में कहा गया, “बातचीत के दौरान हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि धुएं के कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों पर ठोस और त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।”

बयान में आगे कहा गया, “हमने फसल के अवशेषों और वाहनों के प्रदूषण के मुद्दों पर चर्चा की। हम आने वाले दिनों, सप्ताहों और महीनों में संयुक्त रूप से पहचाने गए कार्य बिंदुओं के अनुसरण के लिए निरंतर प्रयास करने का संकल्प करते हैं। हम भविष्य में वायु और जल प्रदूषण के अन्य स्रोतों पर चार्चा करने के लिए तत्पर हैं।”

खट्टर के साथ हु़ई बैेठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, “हम हवा की दिशा को काबू में नहीं कर सकते। हम सभी को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने का प्रयास करना होगा।”

केजरीवाल ने दिल्ली में धुएं और वायु प्रदूषण के लिए पहले पंजाब और हरियाणा के किसानों पर आरोप लगाया था। उन्होंने इस बार किसी पर आरोप नहीं लगाया।

खट्टर ने कहा, “हमने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपयों पर चर्चा की हैं।”

दोनों मुख्यमंत्रियों ने मीडिया के सवालों के जवाब नहीं दिए।

चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर पहुंचते ही केजरीवाल को शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा।

हरियाणा में विपक्षी नेताओं ने केजरीवाल से मुलाकात की सहमति देने के लिए खट्टर की आलोचना की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री वायु प्रदूषण के लिए केवल हरियाणा और पंजाब के किसानों के पराली जलाने को जिम्मेदार मानते हुए मुद्दे को तूल दे रहे हैं।

केजरीवाल दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन और पर्यावरण विभाग के सचिव केशव चंद्र के साथ चंडीगढ़ पहुंचे।

उन्होंने पहले हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा और एनसीआर में धुएं की समस्या का समाधान खोजने के लिए एक संयुक्त बैठक करने का अनुरोध किया।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मुलाकात के अनुरोध को खारिज कर दिया और उन्हें एक गंभीर मुद्दे का राजनीतिकरण करने से बचने की सलाह दी।