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चौथा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन हुआ संपन्न,कई समझौता ज्ञापन हुए मंजूर

काठमांडू में शुक्रवार को चौथा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन 18 बिंदुओं के काठमांडू घोषणापत्र के जारी होने के बाद समाप्त हो गया है। घोषणापत्र में जो भी विवरण दिया गया उसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में आये एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। शिखर सम्मेलन के समापन पर नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.ओली ने कहा, “यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह शिखर सम्मेलन बिम्सटेक को एक गतिशील, प्रभावी और परिणाम-उन्मुख संगठन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

बिम्सटेक के सदस्य देशों ने बिम्सटेक ग्रिड इंटरकनेक्शन की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसमें बंगाल के खाड़ी के तटवर्ती व आसपास के सात देश शामिल हैं। इनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका व थाईलैंड शामिल हैं। बिम्सटेक 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणापत्र के जरिए अस्तित्व में आया था। यह संगठन दुनिया के 1.6 अरब लोगों यानी करीब 22 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।

भारत और भूटान के बीच ‘सामान्य संबंध’ के पक्ष में है चीन

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बीजिंग,  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक की डोकलाम मुद्दे पर भारत का समर्थन करने के लिए सराहना करने के एक दिन बाद चीन ने गुरुवार को कहा कि वह भारत और भूटान के बीच ‘सामान्य संबंध’ के पक्ष में है।

चीन ने यह भी कहा कि वह भारत और भूटान के साथ दोस्ताना संबंध बनाना चाहता है। भूटान के साथ चीन का कूटनीतिक संबंध नहीं है।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयींग ने कहा, “भारत और भूटान, दोनों चीन के महत्वपूर्ण निकट पड़ोसी हैं। हम दोनों देशों के साथ अच्छे पड़ोसी और दोस्ताना संबंध विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

उन्होंने कहा, “साथ ही, हम भारत व भूटान के बीच सामान्य संबंध विकसित होते देखना चाहेंगे।

भूटान के राजा और उनकी पत्नी चार दिवसीय सद्भावना दौरे पर भारत की यात्रा पर हैं।

शाही जोड़े ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति ने डोकलाम विवाद सुलझाने में भूटान नरेश की निजी संलिप्तता, मार्गदर्शन और समर्थन के लिए सराहना की थी।

उन्होंने कहा था कि डोकलाम विवाद सुलझाने के लिए जिस तरह भारत और भूटान एक साथ खड़े हो गए, वह हमारी दोस्ती को दिखाता है।

हुआ ने कहा, “हम विश्वास करते हैं कि चीन और भारत ने शायद इस मुद्दे को कूटनीतिक तरीके से सुलझाया है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत ऐतिहासिक समझौतों का पालन करेगा और सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए चीन के साथ काम करेगा।”

भारत और चीन की सेनाएं भूटान के डोकलाम क्षेत्र में दो महीने तक आमने-सामने रहीं थीं जिसपर बीजिंग और थिंपू दावा करते हैं। तीनों देशों की सीमाएं एक-दूसरे के साथ डोकलाम में मिलती हैं।

यह विवाद भारतीय सेना द्वारा जून में यहां चीनी सैनिकों को सड़क बनाने से रोकने के बाद पैदा हुआ था।

विवाद के समय, चीन ने भारत पर भूटान पर ‘नियंत्रण’ स्थापित करने और इसकी घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।

डोकलाम विवाद बाद भूटान नरेश 4 दिवसीय भारत दौरे पर

नई दिल्ली,  भूटान के डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाओं के बीच विवाद खत्म होने के बाद भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक मंगलवार को भारत के चार दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी जेत्सुन पेमा वांगचुक और राजकुमार जिग्मे नामग्याल वांगचुक भी हैं।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हवाईअड्डे पर शाही जोड़े की अगवानी की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, “बहुमूल्य दोस्त का विशेष आतिथ्य-सत्कार। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भूटान नरेश, उनकी पत्नी और राजकुमार का स्वागत किया।”

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भूटान नरेश बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। मोदी शाही परिवार के सम्मान में रात्रिभोज आयोजित करेंगे।

उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अन्य मंत्री भी भूटान नरेश से मुलाकात करेंगे।

बयान के मुताबिक, “भारत और भूटान के बीच अद्भुत दोस्ती है, जो दोनों के बीच गहरी समझ और आपसी विश्वास से झलकती है।”

बयान के मुताबिक, भूटान नरेश के इस दौरे से द्विपक्षीय सहयोग के पूरे सार की समीक्षा करने का मौका मिलेगा। इसमें 2018 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरा होने के मौके पर जश्न की तैयारियां भी शामिल हैं।

भारत और चीन की सेनाओं के बीच भूटान के डोकलाम में लगभग ढाई महीनों तक विवाद रहा। यह विवाद जून में उस समय शुरू हुआ था, जब चीन की सेना ने भूटान क्षेत्र में सड़क निर्माण करना शुरू कर दिया था। यह विवाद अगस्त में समाप्त हुआ।

इस पूरे मुद्दे पर भारत और भूटान का कहना था कि चीन ने भारत-भूटान-चीन अतंर्राष्ट्रीय तिराहे पर यथास्थिति का उल्लंघन किया है, जबकि चीन का दावा है कि यह उसका क्षेत्र है।

भारत, भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है। 2016 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार 8,723 करोड़ रुपये रहा, जबकि कुल आयात 5,528.5 करोड़ रुपये और कुल निर्यात 3,205.2 करोड़ रुपये रहा।

डोकलाम में यथास्थिति बरकरार : भारत

नई दिल्ली,  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को भूटान के डोकलाम क्षेत्र में चीनी सैनिकों की तैनाती संबंधी मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया और कहा कि वहां यथास्थिति बनी हुई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा, “मुझे लगता है, हमें स्थिति की समझ की सही जानकारी होनी चाहिए और इसे बढ़ा चढ़ा कर पेश नहीं करना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “मैं यह कहना चाहता हूं कि विवादित क्षेत्र में कोई नई बात नहीं हुई है और 28 अगस्त के बाद इसके आस-पास कुछ नहीं हुआ है। इस क्षेत्र में यथास्थिति बनी हुई है।”

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन की सेना डोकलाम में दो महीने तक एक-दूसरे के आमने-सामने आ गई थी और 28 अगस्त को दोनों देशों की ओर से इस विवादित क्षेत्र से अपनी सेनाओं को हटाने के फैसले के बाद यह विवाद थमा था।