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बीवीआर सुब्रमण्यम बने जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव,भारत भूषण व्यास की लेंगे जगह

जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटने और राज्यपाल शासन लगने के बाद एक बड़ी और बड़ी खबर सामने आई है। जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव भारत भूषण व्यास को तुरंत हटाया दिया गया है।गृह विभाग के एसीएस बीवीआर सुब्रमण्यम को जम्मू और कश्मीर भेजा गया है। वह मुख्य सचिव भारत भूषण व्यास की जगह लेंगे। देर रात केन्द्र सरकार ने ये फैसला लिया है। इसके बाद आदेश जारी कर दिया गया है।

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बीवीआर सुब्रमण्यम को चीफ सेक्रेटरी जम्मू और कश्मीर की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। आईएएस बीवीआर सुब्रमण्यम को तत्काल प्रभाव से जम्मू कश्मीर में जॉइनिंग का आदेश दिया गया है। सुब्रमण्यम 1987 बैच के आईएएस हैं।

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सुब्रमण्यम मनमोहन सिंह के कार्यकाल में केंद्र में जॉइंट सेक्रटरी रह चुके हैं। मनमोहन सरकार के अलावा वे एक साल मोदी सरकार में भी जॉइन्ट सेक्रेटरी रहे हैं। आईएएस सुब्रमण्यम पिछले 3 साल से आपने होम कैडर छत्तीसगढ़ में होम सेक्रटरी के तौर पर सेवा दे रहे थे।

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू, 40 सालों में आठवीं बार

जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद राज्यपाल शासन लगा दिया गया है। पिछले 40 सालों में आठवीं बार राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया है। वर्तमान राज्यपाल एन एन वोहरा के कार्यकाल में यह चौथा मौका है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया है। पूर्व नौकरशाह वोहरा 25 जून 2008 को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने थे।

गृह मंत्रालय को मंगलवार शाम को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल का शासन लागू करने की रिपोर्ट मिली गयी थी। गृहमंत्रालय के अनुसार गृहमंत्री राजनाथ सिहं ने अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट काे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद सौंपी दी थी।

भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन सरकार से अलग हाेने और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद राज्यपाल एन एन वाेहारा ने राष्ट्रपति से राज्य में राज्यपाल का शासन लगाने की मंगलवार शाम सिफारिश की थी। भाजपा ने 19 जून को पीपुल्स डेमोक्रेटक पार्टी के साथ गठबंधन समाप्त करने की घोषणा की थी जिसके तुरंत बाद सुश्री मुफ्ती ने पद से इस्तीफा दे दिया था। श्री वोहरा ने सुश्री मुफ्ती का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था, लेकिन उनसे कोई वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा है।

राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि श्री वोहरा ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श करने के बाद 19 जून की शाम राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। जिसमें जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत राज्यपाल का शासन लगाने की सिफारिश की गयी थी।