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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूनान में सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यूनान की सरकार ने शुक्रवार को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया।
श्री मोदी को उनकी एक-दिवसीय यूनान यात्रा के दौरान राष्ट्रपति कैटरीना सकेलारोपोलू ने यूनान की सरकार और जनता की ओर से ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ दी आर्डर ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह सम्मान भारत के प्रति यूनान के लोगों के सम्मान को दर्शाता है।
श्री मोदी ने सुश्री सकेलारोपोलू के साथ फोटो को टैग करते हुए सोशल साइट्स

एक्स (टविटर) पर लिखा , “ यह सम्मान भारत के प्रति यूनान की जनता के सम्मान को दर्शाता है। ”
प्रधानमंत्री ने बाद में यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मिचोताकिस के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अपने वक्तव्य में भी इस सम्मान के लिए यूनान की सरकार और यहां की जनता के प्रति आभार जताया और कहा कि उन्होंने यह सम्मान भारत की 140 करोड़ जनता के सम्मान के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने इस यात्रा में भारत और यूनान ने अपने सम्बन्धों को रणनीतिक भागीदारी के स्तर पर ले जाने की घोषणा की है।


इससे पहले, श्री मोदी का सुबह ही दक्षिण अफ्रीका में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेकर वहां एथेंस पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। श्री मोदी चार दशक में यूनान की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।
श्री मोदी को प्रधानमंत्री बनने के बाद, इससे पहले, फ्रांस, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात सहित 14 देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है।


प्रधानमंत्री की इस यात्रा से पहले विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा था कि भारत भूमध्य सागर के पूर्वी हिस्से से जुड़े यूनान को यूरोपीय संघ का एक महत्वपूर्ण सदस्य और एशिया, उत्तर पश्चिम अफ्रीका तथा पश्चिम यूरोप क्षेत्र के प्रवेश द्वार के रूप में देखता है।

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स्वच्छ भारत मिशन पर संवाद एवं अनुभव केंद्र के रूप में कार्य करेगा स्वच्छता केंद्र

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन पर एक संवाद एवं अनुभव केंद्र का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार 10 अप्रैल 2017 को की थी। इस अवसर पर श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति मंत्री और श्री रतन लाल कटारिया, जल शक्ति राज्यमंत्री भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का दौरा

राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) के पास डिजिटल और आउटडोर प्रतिष्ठानों का एक संतुलित मिश्रण है. 2014 में 50 करोड़ से ज्यादा लोगों के खुले में शौच करने से लेकर 2019 में खुले में शौच से मुक्त भारत के परिवर्तनों पर नज़र डालता है। प्रधानमंत्री ने आरएसके के तीन अलग-अलग खंडों का दौरा किया। उन्होंने सबसे पहले हॉल 1 में एक अद्वितीय 360° ऑडियो विजुअल इमर्सिव शो का अनुभव प्राप्त किया. जो स्वच्छ भारत यात्रा के लिए अवलोकन प्रदान करता है। इसके बाद वे हॉल 2 में गए. जिसमें संवादात्मक एलईडी पैनल, होलोग्राम बॉक्स, संवादात्मक खेलों और स्वच्छ भारत अभियान पर बहुत कुछ शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री ने आरएसके से सटे हुए लॉन में प्रतिष्ठानों को भी देखा. जो तीन प्रदर्शनियों का प्रदर्शन करते हैं. जो स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) का पर्याय हैं – महात्मा गांधी लोगों को स्वच्छता की प्रतिज्ञा दिलाते हुए, ग्रामीण झारखंड की रानी मिस्त्री और स्वच्छाग्रही बच्चे जो खुद को वानर सेना कहते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की स्कूली छात्रों से बातचीत

प्रधानमंत्री ने आरएसके स्मारिका केंद्र का संक्षिप्त दौरा किया। इसके पश्चात, उन्होंने दिल्ली के 36 स्कूली छात्रों के साथ बातचीत की. जिसमें सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का पालन किया गया। प्रधानमंत्री के साथ बच्चों ने स्वच्छता के अपने ऊपर पड़ने वाले छापों को साझा किया। उनमें से एक छात्र ने प्रधानमंत्री से यह भी पूछा कि आरएसके में उनका पसंदीदा भाग क्या है, जिसका प्रधानमंत्री ने उत्तर दिया कि उन्हें एसबीएम, महात्मा गांधी की प्रेरणा के लिए समर्पित भाग को देखकर सबसे ज्यादा आनंद प्राप्त हुआ।

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राहुल गाँधी ने कहा-प्रधानमंत्री की रक्षा के लिए राफेल का मुद्दा उठा रहे है

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद द्वारा राफेल मामले में किये ताज़ा खुलासे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने आज फिर आक्रामक तेवर दिखाते हुए कहा कि वे देश के पीएम की रक्षा के लिए यह मामला उठा रहे है। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति यह बयान इस बात की और इशारा करता है कि डील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मित्र अनिल अंबानी को मदद करने के लिए की थी। उल्लेखनीय है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने कहा था कि अनिल अंबानी की कंपनी का नाम पीएम की और से ही दिया गया था। ओलांद ने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की बात मानने के अलावा कोई बिकल्प नहीं था।

ओलांद के इस बयान पर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले तेज़ कर दिए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बाद वे ये मुद्दा देश के प्रधानमंत्री की रक्षा के लिए उठा रहे है। राहुल गाँधी ने कहा कि डील सीधे पीएम मोदी ने की है और उन्हें इस बारें में अपना स्पष्टीकरण देश के सामने रखना चाहिए। राहुल गाँधी ने तीखे शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि देश के चौकीदार ने पैसे देश के जवान के जेब से निकालकर अपने उद्योगपति मित्र को तौफे के तौर पर दे दिए।

लाइव अपडेट्स

– 30 हज़ार करोड़ का ठेका अंबानी को मोदी जी ने दिया है : राहुल गाँधी

– पीएम मोदी ओलांद के जबाब पर सफाई दें : राहुल गाँधी

– राहुल गाँधी ने कहा कि किसको बचाने के लिए सरकार झूठ बोल रही है।

– देश के मन में बैठा है कि चौकीदार चोर है:राहुल गाँधी

वरुण धवन और अनुष्का शर्मा को बने कौशल भारत अभियान के ब्रांड एम्‍बेसडर

हिंदी फिल्मों के जाने माने सितारे वरुण धवन और अनुष्का शर्मा को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले कौशल भारत अभियान को प्रोत्साहन और समर्थन देने के लिये ब्रांड एम्‍बेसडर बनाया गया है। दोनों ही अभिनेता अपनी फिल्म ‘सुई-धागा-मेड इन इंडिया’ के जरिये पूरे विश्व में भारत का सम्मान बढ़ा रहे हैं भारत के उद्यमियों और कुशल कामगारों, विशेषकर के घरेलू हथकरघा कारीगरों, दस्तकारों और बुनकरों को प्रोत्‍साहित करने का काम कर रहे हैं। यह फिल्म जमीनी स्तर पर भारत के प्रतिभाशाली कारीगरों और कुशल कामगारों की छुपी हुई क्षमताओं और उनके समक्ष चुनौतियों एवं विषयों पर प्रकाश डालती है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “वरुण धवन एवं अनुष्का शर्मा अपनी इस अनोखी फिल्म ‘सुई-धागा-मेड इन इंडिया’ के जरिये भारत के हथकरघा कारीगरों एवं दस्तकार समुदाय की अद्भुत कुशलता और प्रतिभा को सामने ला रहे हैं। यह ह्रदय को छू लेने वाला प्रयास है कि उनके जैसे अभिनेता एक ऐसी फिल्म में काम कर रहे हैं जो कि एक अहम सामाजिक संदेश देती है। भारत विश्व के सबसे युवा देशों में एक है और यह हमारे लिये गर्व का विषय है कि हमारे देश में ऐसे समर्पित और जूझने वाले कुशल युवा हैं जिनके पास उद्यमिता का भी कौशल है और जो अपने काम के जरिये देश का सम्मान बढ़ा रहे हैं।”

वरुण धवन ने कहा, “हमारे हथकरघा कारीगरों, दस्तकारों और ऐसे अन्य कामगारों को संगठित और प्रशिक्षित कर और उन्हें वित्तीय सहायता और समर्थन उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री मोदी ने एक अद्भुत परिकल्पना एवं सच्ची दूरदर्शिता का परिचय दिया है। हम इस अभियान को समर्थन देने में गर्व अनुभव करते हैं और हम अपनी फिल्म सुई धागा के बेहद करीब महसूस करते हैं जो कि आत्म निर्भरता और उद्यमिता का उल्लास मनाती है।”

इस अवसर पर अनुष्का शर्मा ने कहा, “कुशल भारत अभियान सरकार के देश के प्रतिभाशाली कामगारों को समाहित करने और समर्थन देने के संकल्प को दर्शाता है। सुई धागा के निर्माण के समय हमें ऐसे कई प्रतिभाशाली और कुशल कामगारों की कहानी जानने का अवसर मिला जिन्हें अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर नहीं मिलता है।”

मदमस्त व्यवस्था और प्रशासन का राजनीतिकरण

लाल किले से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने व्यवस्था में आए बदलाव को लेकर जब हाथी का जिक्र किया तो एक साथ कई मुहावरे और कहावतें जहन में आ गईं। हाथी जब मदमस्त होता है तो वह कितनी तबाही मचा सकता है यह कल्पना करना भी मुश्किल भरा है। दिखाने और करने के विरोधाभासी कामों को बताने के लिए हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और की कहावत का सहारा लिया जाता है।  सफ़ेद हाथी एक मुहावरा है। जिसका प्रयोग एक ऐसी बहुमूल्य वस्तु के लिए किया जाता है जिसका मालिक न तो उससे छुटकारा पा सकता है और जिसकी लागत (विशेष रूप से रखरखाव की लागत) का अनुपात उसकी उपयोगिता या उसके मूल्य से अधिक होता है। सही मायने में यदि सफेद हाथी के मुहावरे को साकार रुप में देखना है तो देश की नौकरशाही को देख कर सफेद हाथी के रखरखाव पर होने वाले खर्चे का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। देश की नौकरशाही अब जनता के प्रति इतनी जवाबदेह नहीं रही जितनी की आजादी के बाद 50 सालों तक देखी जाती रही। अब नौकरशाही मदमस्त हाथी की तरह भी दिखाई देती है। कई राज्यों में नौकरशाही का सकारात्मक चेहरा भी समय-समय पर सामने आता है। ऐसी नौकरशाही जो राजनीतिक दबाव में प्रशासनिक निर्णय नहीं लेती है। उन्हें जनता की अदालत में ले जाती है। देश में अधिकारों का यदि किसी ने सबसे ज्यादा दुरूपयोग किया है तो उसमें नौकरशाही पहले नंबर पर देखी जाती है। देश के किसी भी चुने हुए प्रतिनिधि मैं इतना साहस नहीं होता कि वह गलत आदेश अथवा किसी भाई भतीजे को गलत तरीके से लाभान्वित करा सके। नौकरशाही के सहयोग के बिना कोई भी कार्य किया जाना इस देश की संवैधानिक व्यवस्था में संभव नहीं है। देश प्रदेश में पिछले कुछ माह से भ्रष्टाचार के जिन मामलों की गूंज हो रही है उन्हें यदि बारीकी से देखा और समझा जाए तो यह तथ्य स्वत: सामने आ जाएगा कि घोटालों को दबाने में रूचि नेताओं की ज्यादा होती है या अधिकारियों की? मध्य प्रदेश में पिछले एक दशक में कई बड़े घोटाले उजागर हुए लेकिन उन घोटालों से सरकार ने कोई सबक सीखा हो और व्यवस्था में कसावट लाते हुए बड़े परिवर्तन किए हो ऐसा दिखाई नहीं देता है? मध्यप्रदेश में इस दशक का सबसे चर्चित घोटाला व्यापमं परीक्षा का घोटाला था। इस घोटाले के कारण सरकार को खासकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कई तरह के आरोप और तनाव का सामना करना पड़ा। घोटाला 5 साल पहले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उजागर हुआ था। चुनाव पर घोटाले का राजनीतिक असर ना पड़े, इसके लिए बड़ी चतुराई से मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित कर पर्दा डाल दिया गया था। मामले में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी हुइंर् और लोग जेल गए। सिस्टम में बैठे लोग इस तरह का घोटाला भी कर सकते हैं यह लोगों की कल्पना से परे था। राज्य की पुलिस द्वारा लंबी जांच पड़ताल की बाद में मामला आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई में व्यापमं का अध्याय लगभग समाप्त हो गया है। अधिकांश मामलों में सीबीआई अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। निचली अदालत मामलों में सुनवाई कर निर्णय भी कर रही है। लोगों के सामने यह सवाल अनुत्तरित ही है कि घोटाले की कड़ी जिन नेताओं और अफसरों से जुड़ी हुई थी आखिर उनके मामले सीबीआई जांच में सामने क्यों नहीं आए ? सीबीआई के बारे में सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि यह पिंजरे में बंद तोते की तरह है। रिमोट कंट्रोल सीधे प्रधानमंत्री के पास होता है व्यापमं के मामले में 2014 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह सरकार ने इस कारण दिलचस्पी नहीं ली क्योंकि वह राज्य और संघ के झगड़े में नहीं पड़ना चाहते थे। राज्य सरकार भी मामले की जांच सीबीआई से नहीं कराना चाहती थी। जब मामला सीबीआई को गया तब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आ चुकी थी। लिहाजा जांच की दिशा वही रही जो तोते को क्लीन चिट का पाठ रटाने वाले चाहते थे। हाल ही में यह तथ्य उजागर हुआ कि ग्वालियर में मेडिकल की परीक्षा से जुड़े व्यापमं घोटाले के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलाए जा चुके हैं। लेकिन किसी के लिए भी यह सूचना गंभीर और चौकाने वाली नहीं है। जाहिर है कि व्यापम घोटाले को लोगों ने भुला दिया है? व्यापम की तरह मध्यप्रदेश में ऐसे अनेक घोटाले हुए हैं जिनकी जांच पांच-पांच साल के बाद भी खत्म नहीं हुई है। इनमें छात्रवृत्ति घोटाला भी एक है। गैर सरकारी संगठनों दिए जाने वाले अनुदान में होने वाले पक्षपात को कभी भी घोटालों के रूप में नहीं देखा गया। हाल ही में भोपाल में एक गैर सरकारी संगठन के संचालक द्वारा मूक बधिर लड़कियों का शोषण किए जाने का मामला उजागर हुआ है ।यह मामला इस बात की ओर स्पष्ट इशारा करता है कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी भूमिका को सिर्फ कमीशन लेने तक सीमित कर रखा है। यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें किसी गैर सरकारी संगठन के संचालक ने लड़कियों का शोषण किया हो। लगभग 2 साल पहले इसी तरह का मामला शिवपुरी में भी उजागर हुआ था। क्योंकि मामला राजधानी भोपाल का नहीं था इस कारण सरकार ने भी उतनी सक्रियता नहीं दिखाई जितनी अब दिखा रही है। शिवपुरी की घटना से यदि सबक ले लिया होता तो भोपाल में यह शर्मनाक चेहरा सामने नहीं आता। दरअसल गैर सरकारी संगठनों के जनक ही नौकरशाह हैं। नौकरशाहों ने ही गैर सरकारी संगठनों को बेहतर सेवाएं देने के लिए अनुदान आधारित व्यवस्था की शुरुआत की। देश प्रदेश में ऐसे अनेक नौकरशाह हैं जिनके गैर सरकारी संगठन सरकार से अनुदान पा रहे हैं। आचरण नियमों के अनुसार नौकरशाह ऐसे किसी गैर सरकारी संगठन से नहीं जुड़ सकते हैं जिन्हें सरकार से सीधे कोई लाभ प्राप्त होता है। इस प्रावधान के बाद भी कई नौकरशाहों की पत्नियां अथवा पति गैर सरकारी संगठन संचालित कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वन में इनकी मदद भी विभिन्न स्तरों पर ली जाती है। सरकार ने कभी भी गैर सरकारी संगठनों को दिए जाने वाले अनुदान की नीति की समीक्षा नहीं की है
 देश में जनता घोटाले सुनने और उनको दफ़न होता देखने की शादी हो चुकी है। 80 के दशक में उजागर हुए बोफोर्स घोटाले की गूंज कई साल सुनाई देती रही। सत्ता परिवर्तन के साथ इस घोटाले की जांच का काम कभी तेज और कभी धीमा हो जाता था। इन दिनों राफेल घोटाला चर्चा में है। राफेल घोटाले का जिक्र यहां मध्य प्रदेश के संदर्भ में किया जा रहा है। 2014 में इंदौर में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पहली बार रक्षा क्षेत्र के उत्पादनों के लिए एसईजेड बनाने का निर्णय लिया गया था। देश के जाने माने उद्योगपति अनिल अंबानी रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए उतावले थे। सरकार ने उनके लिए 200 एकड़ जमीन आरक्षित कर दी। यह कहा गया कि फ्रांस की कंपनी से अनिल अंबानी ग्रुप का समझौता हो चुका है। भारत में ही सेना के लिए रक्षा सामग्री का उत्पादन करेंगे। सरकार ने उनका लगभग 3 साल इंतजार किया लेकिन, एक पैसे का निवेश भी अनिल अंबानी ग्रुप द्वारा नहीं किया गया। मजबूरी में सरकार को जमीन का उपयोग अन्य कार्य के लिए करने का फैसला लेना पड़ा। अनिल अंबानी को जमीन देने के लिए सरकार ने कई तरह की नीति और नियमों में परिवर्तन भी किया। सरकार में पिछले कुछ सालों से यह देखने में आया है कि यदि किसी व्यक्ति विशेष को कोई लाभ देना हो तो नियमों में संशोधन उसके अनुरूप कर दिया जाएं। नौकरशाह इस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जबकि, उन्हें यह पता होता है कि इस निर्णय से राज्य को अथवा उसके लोगों को वास्तविक रूप में लाभ मिलेगा या नहीं? नौकरशाहों का यह रवैया जनता पर आर्थिक दबाव बढ़ाता है और वे सफेद हाथी की तरह दिखाई देते हैं। जनता के टैक्स से मिलने वाले वेतन का हक भी वे अदा नहीं करते हैं। घोटाले नौकरशाहों की आदत बनता जा रहा है और घोटाले की नियति ही दफना होना है।
दिनेश गुप्ता

इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने ऊर्जा मंत्री को किया निलंबित

इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने भारी बिजली कटौती एवं खराब सेवा को लेकर लगातार हो रहे विरोध के कारण रविवार को ऊर्जा मंत्री को निलंबित कर दिया। श्री अबादी ने बिजली सेवा के गिरते स्तर के मामले ऊर्जा मंत्री कासीम अल फहदावी की भूमिका की आंतरिक सरकारी जांच के आदेश दिये हैं।

दक्षिण इराक के शिया मुस्लिम बाहुल्य इलाके में गर्मी के दौरान बिजली कटौती, नौकरी की कमी, उचित सरकारी सुविधाओं का आभाव और व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ लोग लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। श्री अबादी ने पांच स्थानीय चुनाव अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया, उनपर 12 मई को हुए संसदीय चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप था। शिया समुदाय के शीर्ष धार्मिक नेता अयातुल्ला अली अल सिस्तानी के द्वारा लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का सरकार से अनुरोध के बाद श्री अबादी ने यह कदम उठाया।

मॉनसून सत्र के पहले दिन मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष लाया अविश्‍वास प्रस्‍ताव

मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी जब संसद पहुंचे तो उनका स्वागत फूल देकर किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश है कि इस बार संसद अच्छे तरीके से चले और उम्मीद है कि सभी राजनीतिक पार्टियां और विपक्ष हमारा सहयोग भी करेंगी। उन्होंने कहा कि संसद की छवि अच्छी बनाए जाने की जरूरत है। इस मानसून सत्र में देश के कई मसलों पर चर्चा जरूरी है। जितनी अधिक चर्चा होगी उतना अधिक सदन को फायदा मिलेगा, देश को फायदा मिलेगा। उन्होंने सभी पार्टियों के नेता से गुजारिश की कि उनकी मदद और सहयोग की अपेक्षा करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बात करने को तैयार है।

कांग्रेस ने रखा आविश्‍वास प्रस्‍ताव
संसद में मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में कहा कि जिस सरकार के राज में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, जिनके शासन में महिलाओं के साथ हर रोज दुष्‍कर्म किया जा रहा है… हम आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखते हैं…।’

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ दिए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। लोकसभा अध्यक्ष ने 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन की गिनती की और आगे चर्चा के लिए वक्त तय करने का एलान करने की बात कही। कांग्रेस और टीडीपी सांसदों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। पिछले सत्र में भी विपक्षी दलों ने कई बार मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन सदन में एकबार भी ये प्रस्ताव सदन में रखा नहीं गया।

विपक्षी दल पहले भी कर चुके हैं अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने की वजह से टीडीपी पहले ही बीजेपी से नाराज है। टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने बजट सत्र में कई बार यह प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी। साथ ही कांग्रेस, टीआरएस, एनसीपी समेत कई अन्य दल भी बीते सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश कर चुके हैं।

टीडीपी की बढ़ती नाराजगी
टीडीपी ने बजट सत्र के दौरान कई बार आंध्र प्रदेश का विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। इसी के चलते बजट सत्र के दौरान कई बार संसद की कार्रवाई हंगामे की भेट चढ़ी थी। इसबार फिर टीडीपी अपनी मांगे उठा सकती है। इस बारे में जब टीडीपी के राज्यसभा नेता वाई एस चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारी मांगे अभी पूरी नहीं हुई है ऐसे में शांत बैठने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने साफ कहा कि इस बार भी वो संसद में अपनी मांगे उठाने वाले है।

अनुराग ठाकुर को बनाया गया लोकसभा में भाजपा का मुख्य सचेतक

भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश से सांसद अनुराग ठाकुर को लोकसभा में पार्टी का नया मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भाजपा संसदीय दल की कार्य समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। कुमार ने कहा कि श्री राकेश सिंह ने अनुरोध किया था कि चूंकि उन्हें पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई का अध्यक्ष चुना गया है और राज्य में चुनाव होने वाले हैं इसलिए उन्हें दायित्व से मुक्त किया जाये।

श्री अनंत कुमार ने कहा कि कार्यसमिति की बैठक में श्री सिंह के कार्यकाल और उनके प्रदर्शन की सराहना की गयी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर युवा नेता और भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को नया मुख्य सचेतक बनाया गया है। श्री ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से तीन बार के सांसद है। वह अनुभवी एवं जुझारू नेता हैं।

प्रधानमंत्री ने मिदनापुर में किसानों को किया सम्बोधित,कहा-2022 तक हो जाएगी आय दोगुनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर है। मोदी जी पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में एक किसान रैली को संबोधित कर रहे हैं। इस ‘किसान कल्याण रैली’ के दौरान वह हाल ही में खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने के केंद्र के फैसले पर भी बोले और विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की 29 जून को पुरुलिया जिले में हुई जनसभा के महज 15 दिन बाद ही मिदनापुर में प्रधानमंत्री की यह रैली हो रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘मिदनापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली यह बताती है कि लोकसभा चुनावों के लिए बंगाल हमारे सर्वोच्च प्राथमिकता वाले राज्यों में से एक है। हम न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदीजी को सम्मानित करना चाहते हैं।’ गौरतलब है कि भगवा पार्टी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में अपनी स्थिति मजबूत की है और राज्य में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी है।

मिदनापुर में मोदी का संवाद

पीएम मोदी ने कहा कि देश बदलाव के दौर से गुजर रहा है। न्यू इंडिया का संकल्प सवा सौ करोड़ भारतीय मिलकर साकार कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार अंतिम आदमी तक सोचती है। अब तक की सरकारों ने किसानों के बारे में नहीं सोचा। हमारी सरकार ने किसानों के बारे में सोचा। उन्होंने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। किसानों की उपेक्षा से देश आगे नहीं बढ़ सकता। मोदी जी ने कहा कि मुझे मिदनापुर आकर बहुत खुशी हुई है। अपने संवाद को आगे बढ़ाते हुए मोदी ने कहा कि MSP बढ़ाने से किसानों को काफी फायदा होगा।

किसानों के लिए हमने इतना बड़ा फैसला किया है कि आज तृणमूल को भी इस सभा में हमारा स्वागत करने के लिए झंडे लगाने पड़े और उनको अपनी तस्वीर लगानी पडी ये भाजपा की नहीं हमारे किसानों की विजय है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे फैसले से किसानों को ताकत मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा, बीजेपी का संकल्प किसानों को लाभ पहुंचाना है। मिदनापुर ने इतिहास बनाया है और बनते देखा है। मोदी ने रैली में ममता बनर्जी के पोस्टर लगाने पर कहा कि , मैं ममता दीदी का आभार व्यक्त करता हूं, स्वागत में ढेर सारे पोस्टर लगाए गए हैं।

किसानों को धान का सर्वनिम्न सहायक मूल्य में वृद्धि करवाने के लिए, माननीय प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद ज्ञापन करने हेतु अनगिनत लोगों की भीड़ मेदिनीपुर में ‘किसान कल्याण समावेश’ समारोह में उमड़ पड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मिदनापुर यात्रा के बारे में सोमवार सुबह ट्वीट करके जानकारी दी।

मोदी ने साधा विपक्ष पर निशाना,कहा-क्या सिर्फ मुस्लिम पुरुषों की पार्टी है कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी जमगढ़, वाराणसी और मिर्जापुर में कई प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। इसी क्रम में पीएम मोदी शनिवार को सबसे पहले आजमगढ़ पहुंचे जहां मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की जमकर सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार ने विकास का उत्तम वातावरण बनाने का काम किया है। अपराध और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाकर योगी जी ने प्रदेश में निवेश लाने और उद्यमियों के लिए व्यापार को सुलभ बनाने का काम किया है। नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित किया और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। अपने भाषण में पीएम ने कहा जो लोग कभी एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते थे वो अब एक साथ हो गए हैं। जितने भी लोग जमानत पर हैं, जितने भी परिवार वाले लोग हैं वो जनता के विकास को रोकना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में तीन तलाक के मुद्दे को लेकर भी विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा ‘तीन तलाक के रवैये ने विपक्षियों की पोल खोलकर रख दी है। मोदी ने कहा कि मैं ये पूछना चाहता हूं क्या कांग्रेस पार्टी सिर्फ मुस्लिम आदमियों के लिए हैं या मुस्लिम महिलाओं के लिए भी है। ये लोग संसद में कानून दबाकर बैठ जाते हैं।

पीएम मोदी ने कहा एक तरफ जहां केंद्र सरकार महिलाओं के जीवन को आसान बनाने का प्रयास कर रही है, वहीं कुछ राजनीतिक दल महिलाओं और विशेषकर मुस्लिम बहनों-बेटियों के जीवन को और संकट में डालने का काम कर रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार साल 2017 से ही मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए आवाज उठा रही है। केंद्र सरकार द्वारा तुरंत तीन तलाक को भी खत्म किया जा चुका है और अब सरकार निकाह हलाला के खिलाफ भी आवाज उठा रही है।