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केजरीवाल ने विधायक निधि चार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए की

दिल्ली सरकार ने विधायक को अपने क्षेत्र में काम कराने के लिए कोष निधि में बढ़ोतरी की है। कोष निधि को चार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए करने को मंजूरी दी है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को मंत्रिमंडल के इस फैसले की जानकारी दी। श्री सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

श्री सिसोदिया ने बताया कि विधायक एमएलए लैड फंड को बढ़ाने की काफी समय से मांग कर रहे थे। सिसोदिया ने कहा,कि मंत्रिमंडल ने एमएलए लैड फंड को मौजूदा चार करोड़ रुपए से बढ़ाकर सालाना 10 करोड़ रुपए किए जाने का निर्णय किया है। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय राजधानी में विदेशी भाषा अकादमी के गठन के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है। शहरी विकास और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया है कि मंत्रिमंडल के इस फैसले को इस वर्ष से ही अमल में लाया जायेगा।

वेदप्रकाश को महंगा पड़ा केजरीवाला का साथ छोड़ना:भाजपा उप चुनाव हारी

दिल्ली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर अरविन्द केजरीवाल से शिकस्त मिली है। दिल्ली राज्य की बवाना विधानसभा सीट के लिए हुए उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार वेद प्रकाश चुनाव हार गए हैं। वेद प्रकाश अरविन्द केजरीवाल का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।  वेद प्रकाश को आप के उम्मीदवार रामचंद्र से 24052 वोटों  से हार का मुंह देखना पड़ा। दिल्ली के तीनों निगमों  के अप्रैल में  हुये चुनाव और इससे पहले राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में  आप को मिली करारी हार के बाद बवाना का नतीजा पार्टी के लिये बड़ी राहत देने वाला साबित हो सकता है। पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में  70 में  से 67 सीटें  जीतकर इतिहास रचा था। सरकार बनाने का सपना देख रही भाजपा तीन सीटों  पर सिमट कर रह गयी थी और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।

आप के विधायक थे वेद प्रकाश

      वेदप्रकाश  वर्ष 2015 में  हुये विधानसभा चुनाव में आप के टिकट पर विजयी हुये थे। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पार्टी में  लोकतंत्र नहीं होने का आरोप लगाते हुये अप्रैल में  इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में  शामिल हो  गये थे। भाजपा ने उन्हें  उपचुनाव में  उम्मीदवार बनाया था। वेद प्रकाश के ही इस्तीफे से खाली हुई सीट को रामचंद्र ने वापस केजरीवाल की झोली में डाला है। आप के रामचंद्र को कुल पड़े 131950 वोटों  में  से 45.39 प्रतिशत अर्थात 59886 मत  मिले। वेद प्रकाश 27.16 प्रतिशत अर्थात 35834 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस से तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र  कुमार 24.19 प्रतिशत अर्थात 31919 मतों  के साथ तीसरे स्थान पर रहे। नोटा का इस्तेमाल 1413 अर्थात 1.07 प्रतिशत मतदाताओं ने किया।
आठ उम्मीदवरों की जमानत जब्त
       उपचुनाव में  कुल आठ उम्मीदवार मैदान में  थे। बवाना विधानसभा दिल्ली की 12 सुरक्षित सीटों में  एक है।
        अन्य उम्मीदवारों  में  सत्यपाल सिंह (निर्दलीय) 961, समाजवादी पार्टी के कालू को 834, सुमेश(निर्दलीय) को 746, उमेश कुमार (निर्दलीय) को 185 और राष्ट्रीय जनता कांग्रेस के बनवारी लाल को 132 मत  मिले।
  रामचंद्र 2008 में  बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के टिकट पर बवाना से चुनाव लड़ चुके हैं । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपचुनाव में पार्टी के जीतने पर क्षेत्र के लोगों  को बधाई देते हुये कहा कि यह उनकी पार्टी की स्वच्छ राजनीति और पिछले ढ़ाई वर्षों  के कामों  पर मतदाताओं की मोहर है। उन्होंने बवाना की जनता को दिल से शुक्रिया कहा और बधाई दी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बवाना उपचुनाव में  आप उम्मीदवार की जीत पर श्री केजरीवाल को बधाई दी है।