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उत्तर प्रदेश में खंभा लगाते वक्त करंट लगने से तीन लोगो की मौत हो गयी

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उत्तर प्रदेश: के बरेली जिले में हुआ भयंकर हादसा हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हुई है| एक गंभीर रुप से झुलस गया है। थाना बारादरी के क्रिस्टल कॉलोनी में केबल लगाते वक्त 4 मजदूर की करंट लगने से मौत हो गयी है| जैसे ही इस घटना की जानकारी हुई पुलिस मौके पर पहुंची। 

जानकारी मिली है, कि यह सभी जिओ लाइन का खंबा लगा रहे थे। इसी दौरान ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से केबल टच हो गया। जिससे मजदूरों को करंट लग गया। इससे वे बुरी तरह से झुलस गए और उनकी मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रुप से झुलस गया। उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों में ससुर, दामाद और भांजा शामिल है। ठेकेदार त्रिपाठी भी ग्रीन पार्क का ऑफिस बंद करके फरार हो गया है। उसका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा है।

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ताबड़तोड़ एनकाउंटर पर योगी सरकार,सीबीआई या एसआईटी जांच की निगरानी करेगी कोर्ट

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और वहाँ के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी है और जबसे उन्होंने सपथ ली है तब से पुलीस प्रसासन ने ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए है. अब सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है. याचिका में कहा गया कि यूपी में मुठभेड़ों के नाम पर की गई हत्याओं की सीबीआई या एसआईटी जांच की निगरानी कोर्ट करेगी

भारत के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई कहते हैं कि यह एक बहुत गंभीर मामला है. जिस पर विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 12 फरवरी को सुनवाई होगी.

गौरतलब है कि ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए जाने के मामले में योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया था. जिसमें सरकार ने एनकाउंटर की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई थी. यूपी पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि उसने राज्य में अब तक की मुठभेड़ों के दौरन 48 अपराधियों का मार गिराया है.

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए योगी सरकार ने बताया कि राज्य में बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में 4 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है. मारे गए बदमाशों में 30 बहुसंख्यक समुदाय के थे. जबकि 18 बदमाश अल्पसंख्यक समुदाय से. सरकार ने कोर्ट को बताया था कि इस दौरान 98,526 अपराधियों ने सरेंडर भी किया है.

जबकि 3,19,141 अपराधी गिरफ्तार किए गए. इन मुठभेड़ों के दौरान 319 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जबकि 409 अपराधी भी जख्मी हुए. दरअसल, यूपी के ताबड़तोड़ एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए PUCL ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. उसी के बाद यूपी सरकार ने देश की सबसे बड़ी अदालत में हलफनामा दाखिल किया था.

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रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी को करोड़ों के फर्जीवाड़े में हाई कोर्ट से मिली ये बड़ी राहत

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लखनऊ : रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी द्वारा पांच विभिन्न बैंकों से तकरीबन तीन हजार करोड़ रुपये का लोन लेकर फर्जीवाड़ा करने पर सीबीआई द्वारा गिरफ्तार होने के बाद उनको उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने आठ सप्ताह की सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है। कोठारी को यह जमानत इलाज कराने के लिए मिली है। अदालत ने कोठारी को जमानत कर छूटने से पहले कोर्ट में अपना पासपोर्ट जमा करने और जमानत अवधि में अपनी गतिविधियों की जानकारी देते रहने के निर्देश दिए हैं।

न्यायमूर्ति अताउर्रहमान मसूदी ने पक्षकारों को सुनने बाद कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों की रिपोर्ट से जाहिर होता है कि वादी गंभीर रूप से बीमार है और उसकी सर्जरी होनी है। आरोपी को इसकी सुविधा दिया जाना उचित है। आरोपी गिरफ्तार होने के बाद से न्यायिक हिरासत में था जिस दौरान उसका स्वास्थ्य लगातार खराब होता चला गया।

कोठारी को सीबीआई ने 23 फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था। इस मामले में उसके बेटे राहुल को पूर्व में जमानत दे दी थी हालांकि विक्रम कोठारी द्वारा पूर्व में दी गई जमानत की अर्जी को अदालत ने ठुकरा दिया था।रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी ग्लोबल इंडिया लिमिटेड के मालिक के खिलाफ पहले बैंक आफ बड़ोदा ने शिकायत की थी। यह सामने आया था कि कंपनी ने पांच बैंकों से तकरीबन तीन हजार करोड़ रुपये का लोन लिया पर उसे चुकाने में आनाकानी करती रही।

इतना ही नहीं लोन लेने के लिए जो उद्देश्य दिखाया गया था उसके बजाए कर्ज की राशि को दूसरे मदों में व्यय किए जाने का भी आरोप था। उसके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया हुआ है।

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