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उत्तर भारत में कांग्रेस नहीं, ये पार्टी देगी मोदी सरकार को टक्कर,सर्वे

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लखनऊ: लोकसभा चुनाव का बिगुल किसी भी वक्त फूंका जा सकता है और राजनीतिक दलों ने अपने-अपने गठबंधनों का विस्तार और चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. सवाल है कि क्या मोदी सरकार के कामकाज के आधार पर बीजेपी को 2014 जैसा जनादेश मिलेगा या कांग्रेस सरकार के खिलाफ माहौल बनाकर उसका चुनावी फायदा उठाने में सफल होगी, या फिर जनता इन दोनों ही बड़ दलों और उनके गठबंधनों क्रमशः एनडीए और यूपीए को नकारकर तीसरा विकल्प तलाशेगी? इस सवाल का सही जवाब तो मई में ही मिलेगा जब मतदान के बाद ईवीएम मशीनें खुलेंगी और जनादेश बाहर आएगा लेकिन उससे पहले आजतक ने कार्वी इनसाइट्स के जरिए देश का मिजाज जाना और पता लगाया कि देश के अलग-अलग हिस्सों में किस गठबंधन को कितने वोट और कितनी सीटें मिलने का अनुमान है.

सर्वे के नतीजे कई दलों को चौंका सकते हैं. अगर उत्तर भारत की ही बात करें तो यहां एनडीए का दबदबा दिखाई देता है. उत्तर भारत में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को शामिल किया गया है. सर्वे के मुताबिक यहां एनडीए को 40 फीसदी तक वोट मिल सकते हैं जबकि यूपीए इससे तकरीबन आधे यानी महज 23 फीसदी वोट ही हासिल करने में सफल रहेगा. हालांकि सर्वे ये भी बताता है कि इन राज्यों में या देश के इस हिस्से में अन्य पार्टियां एनडीए को तगड़ी चुनौती देंगी. अन्य दलों को यहां 37 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.

सर्वे के वोट शेयर को अगर सीटों में ढाला जाए तो एनडीए को यहां से 66 सीटें मिल सकती हैं. अन्य दलों का भी प्रदर्शन ऐसा ही रहने की उम्मीद है. उनके खाते में इससे महज एक सीट कम यानी 65 सीटें जाने की संभावना है. यूपीए यहां से 20 सीटें जीत सकती है.

यहां एनडीए में जो दल शामिल हैं उनमें भारतीय जनता पार्टी, ऑल इंडिया एन रंगास्वामी कांग्रेस, अपना दल, बोडो पीपुल्स फ्रंट, डीएमडीए, जेडीयू, एलजेपी, नागा पीपुल्स फ्रंट, पीएमके, नेशनल पीपुल्स पार्टी, आरपीआई(ए), शिरोमणि अकाली दल, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, शिवसेना

यूपीए में कांग्रेस के अलावा डीएमके, जेडीएस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, जेएमएम, केरल कांग्रेस (मणि), आईयूएमएल, एनसीपी, आरजेडी, आरएलडी, टीडीपी शामिल हैं.

अन्य दलों में आम आदमी पार्टी, असम गण परिषद, अन्नाद्रमुक, फॉरवर्ड ब्लॉक, तृणमूल कांग्रेस, एआईयूडीएफ, बीजू जनता दल, सीपीआई, सीपीआई-एम, इंडियन नेशनल लोकदल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, केरल कांग्रेस(जोसेफ), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, एनएलपी, आरएसपी, टीआरएस, वायएसआर कांग्रेस, इंडिपेंडेंट्स, एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन शामिल है.

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फर्जी सर्टिफिकेट से 10वीं की परीक्षा पास करने वाले कांग्रेस विधायक के खिलाफ मुकदमा

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आगरा: कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह कक्षा नौ के फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर परीक्षा उत्तीण करने के मामले में फंस गए हैं। उनके खिलाफ आगरा के थाना एमएम गेट में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज बनाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।  मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अरविंद कुमार पांडेय का कहना है कि जांच में गिर्राज सिंह का कक्षा नौ का प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। उसी के आधार पर 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसलिए बोर्ड को गिर्राज सिंह के 10वीं के अंकपत्र को निरस्त किए जाने के लिए लिखा जाएगा।


मामले के अनुसार, विधायक गिर्राज सिंह के कक्षा नौ के प्रमाणपत्र को शिक्षा विभाग ने फर्जी माना था। उन पर फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर डीएवी इंटर कॉलेज, मोती कटरा, आगरा से व्यक्तिगत विद्यार्थी के रूप में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने का आरोप लगा है।

प्रधानाचार्य ने दर्ज कराया मुकदमा

बाड़ी के जिस राजकीय विद्यालय से गिर्राज सिंह ने खुद को वर्ष 1990-91 में कक्षा नौ में उत्तीर्ण दिखाया है, उस विद्यालय के प्रधानाचार्य ने लिखकर दिया था कि संबंधित वर्ष में विद्यालय को माध्यमिक स्तर की मान्यता नहीं थी। बाद में माध्यमिक स्तर की मान्यता मिली।

जांच कराने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक रवींद्र सिंह ने डीएवी इंटर कॉलेज मोती कटरा की प्रधानाचार्या को गिर्राज सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। प्रधानाचार्य ने 15 जनवरी को थाना एमएम गेट और एसएसपी के लिए तहरीर रजिस्ट्री से भेजी थी।

गुरुवार को थाना एमएम गेट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसमें धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज सहित अन्य धाराएं लगाई गई हैं। सीओ कोतवाली अब्दुल कादिर का कहना है कि गिर्राज सिंह के खिलाफ आरोप की जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लखनऊ से मिशन यूपी करेंगे शुरू फरवरी में करेंगे 12 रैलियां

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लखनऊ: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी अकेले 80 सीटों पर लड़ने का एलान करने के बाद फरवरी में राहुल गांधी का मिशन यूपी के लिए निकलेंगे। राहुल अगले महीने उत्तर प्रदेश में 12 रैलियां करेंगे, जिसकी शुरुआत लखनऊ से होगी। इसमें टिकट के दावेदारों और पदाधिकारियों को 10 लाख लोग जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। लखनऊ में दो या तीन फरवरी को रैली का आयोजन होगा। रविवार को कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने रैलियों की तैयारियों के लिए जरूरी निर्देश दिए। साथ ही अवध के विभिन्न जिलों से आए कार्यकर्ताओं से बातचीत भी की।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर दिन भर बैठकों का दौर चला। इनमें जिलेवार कार्यकर्ताओं से वरिष्ठ नेताओं ने मुलाकात की। गुलाम नबी आजाद ने बताया कि पश्चिमी यूपी, अवध, पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड में फरवरी में पार्टी की 12 बड़ी रैलियां होंगी।

इन रैलियों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद रहेंगे और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जिताने की अपील करेंगे। यानी, करीब हर दूसरे दिन एक रैली होगी। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह जागने का वक्त है। अगर कार्यकर्ता अभी से जुट गए तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत हासिल करने में कोई मुश्किल नहीं आएगी।पार्टी सूत्रों के मुताबिक, फरवरी के पहले सप्ताह में लखनऊ में राहुल गांधी की जनसभा होगी। संभावित तिथि दो या तीन फरवरी बताई गई है। जहां तक है, यह जनसभा रमाबाई मैदान में की जाएगी।

इसमें लोगों को लाने के लिए जिलेवार बसों के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। दावेदारों से कहा गया है कि वे जितने लोग लाएंगे, उसी से उनकी दावेदारी की मजबूती तय होगी। प्रत्येक बस पार्टी हाईकमान के राडार पर रहेगी।

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कांग्रेस से गठबंधन न करने पर तेजस्वी यादव बोले- BJP को हराने के लिए SP-BSP ही काफी

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लखनऊ: लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं का मिलना-जुलना लगातार जारी है. महागठबंधन की एकता को बढ़ाने के लिए पिछले कुछ दिनों में कई तरह के समीकरण सामने आए हैं. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की. तेजस्वी यादव लखनऊ आए हुए हैं और बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती से मिलने के बाद उन्होंने अखिलेश से मुलाकात की है.

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि देश में अघोषित इमरजेंसी का माहौल है, आज देश में नौजवान बेरोजगार है. तेजस्वी ने कहा कि लालू जी ने जो कल्पना की थी, वह अब जाकर साकार हुई है, हमने अखिलेश और मायावती जी को बधाई दी है. जो अंग्रेजों के गुलाम रहे वो आज देश की सत्ता पर काबिज हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि संघ के एजेंडे पर आज संविधान से छेड़छाड़ हो रही है. उन्होंने कहा कि यूपी-बिहार से बीजेपी का सफाया तय है.

तेजस्वी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 80, बिहार की 40 और झारखंड की करीब 14 सीटें अगर बीजेपी को मात देती हैं तो वह ऑटोमेटिक ही 100 सीटों से कम पर पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि BJP के लोगों ने बड़े-बड़े सपने दिखाने के काम किए, बिहार के चुनाव में बोली लगाई गई. लेकिन जो स्पेशल पैकेज का ऐलान किया गया, उसका कुछ नहीं हुआ.

तेजस्वी ने कहा कि मायावती और अखिलेश यादव ने जो कदम उठाया है, उससे देश नागपुरिया कानून से बच जाएगा. उन्होंने कहा कि CBI-ED अब बीजेपी के पार्टनर हैं, लालू जी भी इसी वजह से जेल में हैं. कांग्रेस के गठबंधन में शामिल ना होने पर उन्होंने कहा कि सबका मकसद बीजेपी को हराना है, लेकिन बीजेपी को हराने के लिए सपा-बसपा ही काफी हैं.

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तेजस्वी यादव ने गठबंधन करने के लिए जो बधाई दी है, उसके लिए धन्यवाद है. आज देश में किसान, नौजवान, व्यापारी सभी दुखी हैं. उन्होंने कहा कि आज यूपी में जो गठबंधन हुआ है, उससे पूरे देश में खुशी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बीजेपी का संदेश देते हैं, वो कहते हैं कि ठोक दो, मुख्यमंत्री सांप-छछूंदर की भाषा का उपयोग करते हैं. अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ को भी जवाब दिया, उन्होंने कहा कि हमारी सरकार थोड़ी जा रही है कि हम नाक रगड़ें, जिनकी सरकार जा रही है वो लोग नाक रगड़ें.

आम चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश और बिहार को महत्वपूर्ण राज्यों में गिना जाता है, ऐसे में दोनों प्रदेशों के मुख्य विपक्षी नेताओं का मिलना एक नए समीकरण को हवा दे सकता है. तेजस्वी यादव ने रविवार को लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास पर उनसे मुलाकात की. ये मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली. बताया जा रहा है कि सपा-बसपा के इस गठबंधन में राजद भी शामिल हो सकती है और बसपा को बिहार में 1-2 सीटें दी जा सकती हैं.

गौरतलब है कि अखिलेश यादव और मायावती ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को दरकिनार कर गठबंधन का ऐलान कर दिया है, जबकि बिहार में तेजस्वी यादव कांग्रेस को साथ लेकर महागठबंधन की अगुवाई कर रहे हैं. हालांकि, दोनों राज्यों में इनका लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को हराना ही है.

मायावती से मुलाकात करने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि हम सबसे छोटे हैं इसलिए सभी का आशीर्वाद लेने आए हैं. तेजस्वी ने कहा कि लालू यादव जी की भी यही सोच थी कि उत्तर प्रदेश में भी महागठबंधन हो, जो अब हो रहा है.

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SP-BSP गठबंधन के बाद अब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस बोली-80 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

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लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के गठबंधन में जगह न मिल पाने के बाद बौखलाई कांग्रेस ने रविवार को अपने दम पर लोकसभा में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने कहा कि वह सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और चुनाव में आश्चर्यजनक प्रदर्शन करेगी। इस बीच, ऐसी भी खबरें हैं कि कांग्रेस राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव के संपर्क में है। हालांकि कहा जा रहा है कि यहां भी सीटों को लेकर पेच फंसा है। बता दें कि शनिवार को एसपी और बीएसपी ने मिलकर राज्य में 38-38 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इस गठबंधन में कांग्रेस को कोई जगह नहीं दी गई है हालांकि अमेठी और रायबरेली सीट पर गठबंधन कांग्रेस के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी।

कांग्रेस पार्टी के महासचिव और यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने यहां एक पार्टी की आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में सभी 80 सीटों पर पूरी ताकत के साथ लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। आजाद ने यह भी कहा है कि देश में होने वाले चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होना है, जिसके लिए पार्टी ने अपनी तैयारियां करनी शुरू कर दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य कांग्रेस चीफ राज बब्बर भी मौजूद थे।

इससे पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस यूपी में एसपी-बीएसपी के साथ होने वाले गठबंधन में हिस्सेदार बन सकती है। ऐसा कहा जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी को महागठबंधन में हिस्सेदारी दी जा सकती है, लेकिन शनिवार को एसपी-बीएसपी द्वारा गठबंधन का ऐलान किए जाने के बाद इन संभावनाओं पर विराम लग गया। अब कांग्रेस ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है।

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