उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मातृभाषा की उपेक्षा किये जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। श्री नायडू ने आर के पुरम में आंध्रप्रदेश एजुकेशन सोसाइटी के स्थापना दिवस समारोह पर नए भवन का शिलान्यास किया और साथ ही यह सलाह भी दी कि सभी राज्यों से स्कूलों में अपनी भाषा को अनिवार्य विषय होना चाहिए। इस मौके पर दक्षिण दिल्ली के महापौर नरेंद्र चावला भी मौजूद थे। नायडू ने कहा कि हर भाषा में संस्कृति ,मूल्य ,नैतिकता और परम्परा छिपी होती हैं। कोई चाहे तो कितनी भी भाषा सीख सकता है पर मातृभाषा की उपेक्षा नही होनी चाहिए। अन्य भारतीय भाषाओं को सीखने से देश की एकता एवं अखंडता मज़बूत होती है। लेकिन सभी राज्यों को चाहिए कि वे अपनी भाषा की पढ़ाई को स्कूलों में अनिवार्य करें।
इस अवसर पर वेंकैया नायडू ने दुर्गा भाई देशमुख को याद करते हुए कहा कि वह न केवल स्वतंत्रता सेनानी बल्कि समाज सेविका, शिक्षा शास्त्री और अधिवक्ता भी थी तथा दुर्गा भाई देशमुख ने समाज के विकास के लिए काफी कुछ किया। वह सबके लिए प्रेरणा स्रोत थीं और उनकी जन्मशती को आंध्र प्रदेश एजुकेशन सोसाइटी के स्थापना दिवस के रूप में मनाना उपयुक्त होगा। वेंकैया नायडू ने कहा कि दुर्गाभाई देशमुख संविधान सभा की अध्यक्ष तथा योजना आयोग की सदस्य थी और उन्होंने कई स्कूल कालेज ,अस्पताल, नर्सिंग होम्स खोलने में महत्चपूर्ण भूमिका निभायी थी। उन्होंने दिल्ली नेत्रहीन संघ में भी बड़ा योगदान दिया।