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हाईवे से गुजरने वालों की मानें तो उरई मोड़ के पास करीब 200 मीटर तक हाईवे पर डिवाइडर न होना भी अक्सर हादसों का कारण साबित होता है। अक्सर वाहन इस कारण आमने सामने आ जाते हैं। ऐसे में यदि रफ्तार तेज हुई तो चालक के लिए वाहनों को संभालना मुश्किल हो जाता है। शुक्रवार के हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जिसकी वजह से इतना दर्दनाक हादसा हो गया।
सड़क दुर्घटना में जान गवाने वाले कक्षा 8 के छात्र कोमल निवासी सधारा के पिता रामसुमरन मजदूरी करके अपने पुत्रों को शहर में पढ़ा रहे थे। उनका सपना था कि पढ़कर कोमल कुछ बनकर उनकी गरीबी दूर करेगा। मन में यही सपना लिए वह अपने बेटे विवेक व कोमल को पढ़ा रहे थे। क्या पता था कि उनका यह सपना अधूरा रह जाएगा।जबकि उदल (30) निवासी प्राथ्वीपुर, संजय यादव (30) निवासी बहदरेखी, दीक्षा (16) निवासी ग्राम सधारा, विवेक (17) निवासी सधारा, वीरू (30) निवासी ग्राम आटा, संजना बनो निवासी ग्राम संदी गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें मेडिकल कालेज झांसी रेफर किया गया है। मृतकों के शव पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिए हैं।
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