आज से सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है। सावन माह के पहले दिन उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में परंपरानुसार भस्म आरती की गई। हर साल की तरह इस साल भी महाकाल मंदिर में इसे लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। जिसके चलते महाकाल मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लग चुका हैं और रात 2.30 बजे भगवान महाकाल के पट खोले गए।
इसी के साथ पूजन और अभिषेक का सिलसिला शुरू हुआ। जलभिषेक के बाद दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, फलों के रस और सुगंधित इत्र से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया। जिसके के बाद उनका भांग, चंदन, गुलाल, अबीर और सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया। श्रृंगारित करने का बाद भगवान महाकाल की दिव्य भस्म आरती की गई।
वैसे तो सालभर ही महाकाल दरबार में भक्तों का बसेरा रहता है, लेकिन सावन माह में विशेष रूप से भीड़ एकत्रित होती है। विदेश से भी बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।
व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए सावन महीने के दौैरान गर्भगृह में प्रवेश बंद किया गया है ताकि बाहर से अधिक मात्रा में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। इस साल भी सावन और भादौ महीने में भगवान महाकाल की सवारी नगर भ्रमण पर निकलेंगी। सावन के चलते महाकाल के पुजारी समेत श्रद्धालु ढोल-नगाडों के साथ पूरे माह महाकाल की पूजा अर्चना करेंगे।
