मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की भारी नुक्सान होता दिख रहा है. इन तीनों हिंदी भाषी राज्यों में सवर्णों के अन्दर भाजपा को लेकर भारी आक्रोश है. एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संसद के रास्ते बदलना बीजेपी को काफी भारी पड़ता दिख रहा है.
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सवर्णों ने अपने घर के बाहर ‘एससी-एसटी एक्ट’ और आरक्षण के विरोध में पोस्टर लगाए गये है. इन पोस्टर में लिखा है की ‘में सामान्य वर्ग से आता हूँ, कोई भी राजनैतिक दल वोट मांगकर शर्मिंदा न करे. वोट फॉर नोटा’. स्थानीय लोगों ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा की ‘एससी-एसटी वर्ग को मिलने वाला आरक्षण, सामान्य वर्ग को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. इसे रद्द करना चाहिए.
मध्यप्रदेश में भाजपा सवर्णों के बलबूते पिछले 3 बार से सरकार बनाते आ रही है. प्रदेश के सवर्ण काफी समय से भाजपा को वोट देते आए है. ऐसे में सवर्ण की नाराजगी का सबसे ज्यादा नुक्सान भाजपा को ही होगा. आगामी विधानसभा चुनाव में सवर्ण वोट अगर भाजपा के पाले से खिसकता है तो इसका फायदा कांग्रेस और सपाक्स जैसे दलों को हो सकता है.
