भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक पुलिसकर्मी दंपति की बेटी के साथ राज्य स्थापना दिवस को हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सुधीर लाड़ की रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को तीन थाना प्रभारी और दो उप निरीक्षकों (सब इंस्पेक्टर) को निलंबित कर दिया गया, वहीं एक नगर पुलिस अधीक्षक को पुलिस मुख्यालय में संलग्न किया गया है। सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। वहीं विपक्षी दलों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन कर सरकार को घेरा व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमले बोले।
पुलिस दंपति की 19 साल की बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लेते हुए पुलिस अफसरों के साथ शुक्रवार को बैठक की और लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसरों पर कार्रवाई व एसआईटी से जांच कराने के निर्देश दिए।
पुलिस महानिरीक्षक (कानून व व्यवस्था) मकरंद देउस्कर ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि लापरवाही बरतने पर एमपी नगर थाने के प्रभारी संजय सिंह बैस, हबीबगंज थाने के प्रभारी रविंद्र यादव, जीआरपी हबीबगंज के थाना प्रभारी मोहित सक्सेना, दो उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) टेकराम और उइके को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही एमपी नगर क्षेत्र के नगर पुलिस अधीक्षक कुलवंत सिंह को मुख्यालय में संलग्न कर दिया गया है।
देउस्कर के मुताबिक, इस मामले को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखते हुए इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इसके प्रमुख डीआईजी सुधीर लाड़ होंगे। साथ ही जीआरपी, भोपाल पुलिस, महिला थाना प्रभारी इसमें शामिल रहेंगे।
पुलिस विभाग में, दूसरे शहर में कार्यरत दंपति की बेटी पूजा (काल्पनिक नाम) मंगलवार की देर शाम कोचिंग से अपने कमरे को लौट रही थी, तभी उसे हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास नशे में धुत चार मनचलों ने अपनी हवस का शिकार बनाया था। उसे रिपोर्ट दर्ज कराने में दो दिन लग गए, क्योंकि पुलिस दो थानों के बीच का मामला बताकर टाल-मटोल करती रही। बाद में पुलिस ने मामला दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया।
पुलिस द्वारा चारों आरोपियों को गिरफ्तार करने के दावे पर भी शुक्रवार को सवाल उठाया गया, क्योंकि इस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। बाद में आईजी देउस्कर ने भी माना कि अभी सिर्फ तीन आरोपी ही पकड़े गए हैं। एक आरोपी को लेकर भ्रम की स्थिति है।
इस घटना के विरोध में कांग्रेस नेताओं ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए राजकीय रेलवे पुलिस के हबीबगंज थाने पर प्रदर्शन किया और दरवाजे को भी बाहर से बंद कर दिया। प्रदर्शन में कांग्रेस की कई महिला नेता भी शामिल थीं। सभी कार्यकर्ता सिर पर काली पट्टी बांधे हुए थे।
कांग्रेस नेता विभा पटेल ने राज्य में महिलाओं की असुरक्षा को चिंताजनक बताया और कहा कि क्या ऐसे हालात में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना सफल हो पाएगी?
इस बीच, कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, “महिला सशक्तीकरण में मध्य प्रदेश अमेरिका से भी आगे है, ऐसा हमारे मुख्यमंत्री कहते हैं। झूठ! वो भी इतना शर्मनाक, जिसकी कलई राजधानी में ही खुल गई।”
उन्होंने आगे लिखा, “राजधानी भोपाल में एक पुलिसकर्मी की बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ और वह रिपोर्ट लिखाने के लिए एमपी नगर और हबीबगंज थाने के बीच भटकती रही।”
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव बादल सरोज ने एक बयान जारी कर कहा, “एक तरफ करोड़ों रुपये फूंककर राजसी आयोजन में मुख्यमंत्री और पूरी सरकार तमाशा देखती है, दूसरी तरफ एक पुलिस वाले की बेटी के साथ दो-दो थानों के बीचो-बीच सामूहिक दुष्कर्म हो जाता है और 24 घंटे तक उसकी रिपोर्ट तक नहीं लिखी जाती। इससे अधिक शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।”
इसी तरह आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस घटना के विरोध में ज्योति टॉकीज चौराहे पर प्रदर्शन कर सरकार की जमकर आलोचना की। साथ ही आरोप लगाया कि वर्तमान में राज्य में महिलाएं-युवतियां असुरक्षित हैं।
वहीं बोर्ड ऑफिस चौराहे पर जागरूक लोगों ने प्रदर्शन कर गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा। इस मौके पर मौजूद अक्षय हुंका, वाजिद अली, अरुण श्रीवास्तव और सिद्धार्थ गुप्ता ने सरकार पर तीखे हमले किए।