भारी बारिश के चलते गांधी सागर बांध लबालब है। ओवरफ्लो पानी मंदसौर के दर्जनों गांवों में तबाही मचा रहा है। लोग बचते-बचते अब घरों की छतों पर अटके हैं। प्रशासन राहत कार्य में सक्रिय है। इधर राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो गयी हैं। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पीड़ितों से मदद की और प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सुबह मंदसौर के मल्हारगढ़ पहुंच गए। उन्होंने धुँधड़का, अफजलपुर, पाडलिया मारू पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने राहत में लापरवाही के आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना साधा। वह मंगलवार को सरस्वती नगर, सम्राट मार्केट, धानमंडी, अलावदाखेड़ी, बादरी, अरनिया निजामुद्दीन और आक्या फतू जाएंगे। हालांकि उनके दौरे को मंत्री पीसी शर्मा ने नौटंकी करार दिया है। उनका आरोप है कि दिल्ली जाकर शिवराज सिंह ने एमपी को दिया जाने वाला पैसा रुकवाया। केन्द्र सरकार ने 310 करोड़ की राहत राशि कम दी है।

सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया
इस बीच बड़वानी में सरदार सरोवर के बैक वाटर से प्रभावित गांव के लोगों को जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। मौके पर नियुक्त नियुक्त नोडल अधिकारी लोगों की काउंसलिंक कर उन्हें अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं।

200 गांवों में कमर तक पानी घुस गया
मंदसौर में बारिश ने 75 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस मानसून में अब तक 77.5 इंच बारिश हो चुकी है। यहां 1944 में सबसे अधिक 62 इंच पानी बरसा था। शुक्रवार शाम से रविवार सुबह तक 9 इंच बारिश हुई, जिससे 200 गांवों में कमर तक पानी घुस गया। जिला प्रशासन ने 117 गांवों को खाली करा लिया है। अब तक 20 हजार लोगों को 55 राहत कैंपों में पहुंचाया जा चुका है। शनिवार देर रात ढाई बजे गांधी सागर डैम का पानी मंदसौर और नीमच के 63 गांवों में पानी घुस गया। जब लोग घरों में सोए हुए थे, तब बाढ़ से दहशत फैल गई। गांवों को नावों के जरिए खाली कराया गया, जो रविवार सुबह 9 बजे तक जारी रहा। गांधी सागर बांध के कारण मप्र-राजस्थान में बनी परिस्थितियों की रविवार को केंद्र सरकार ने समीक्षा की। गांधी सागर में बारिश का 16 लाख क्यूसेक पानी आ रहा है, जबकि 6.65 लाख क्यूसेक छोड़ा जा रहा है। इससे बांध ओवरफ्लो है।

6.65 लाख पानी छोड़ा जा रहा है
गांधीसागर के एसडीओ के अनुसार बांध जलस्तर शनिवार को 1318 फीट पर था। बांध से 6.65 लाख पानी छोड़ा जा रहा है। इससे जलस्तर कम तो हुआ था, लेकिन शनिवार शाम हुई तेज बारिश से रविवार को 2 फीट बढ़ गया। इधर मंदसौर-नीमच में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। नीमच का रामपुरा जलमग्न हो गया। यहां लाल बाग, बस स्टैंड सहित अन्य क्षेत्र 12 से 14 फीट पानी में डूब गए। प्रशासन ने रात में ही 35 से अधिक नावों के सहारे करीब 2500 लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
