छह विधायकों के पार्टी छोड़े जाने से गुजरात में संकट से घिरी कांगे्रस को सुप्रीम कोर्ट में भी राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में नोटा का उपयोग रोकने से इंकार कर दिया है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव राय और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविल्कर की सदस्यता वाली पीठ ने निर्वाचन आयोग को अधिसूचना की संवैधानिक वैधता की समीक्षा करने के लिए नोटिस जारी किया है।गुजरात विधानसभा में कांग्रेस सचेतक शैलेश मनुभाई परमार ने आठ अगस्त को होने वाले चुनाव में नोटा के इस्तेमाल संबंधी अधिसूचना रद्द करने की मांग के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। पीठ ने कहा, “आप (याचिकाकर्ता) इतनी देर से अदालत क्यों आए। आप उस समय क्यों आए हैं, जब चुनाव करीब है।”
अहमद पटेल हैं कांगे्रस से राज्यसभा उम्मीदवार
कांगे्रस को डर यह है कि व्हीप के उल्लंघन से बचने के लिए कांगे्रस के कतिपय विधायक नोटा का उपयोग कर सकते हैं। गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। दो सीटें भाजपा के खाते में जा रही हैं। विधायकों की संख्या के लिहाज से तीसरी सीट कांगे्रस को मिलना चाहिए। पार्टी के आधा दर्जन विधायकों द्वारा पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के कारण कांगे्रस के उम्मीदवार अहमद पटेल संकट में फंस गए हैं। अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पटेल ने पार्टी के विधायकों को कर्नाटक में रखा हुआ है। विधायकों की मेजबानी कर रहेबिजली मंत्री डी.शिवकुमार के कल आयकर विभाग द्वारा छापामारी की गई थी। इस छापामारी में दस करोड़ रूपए नगद बरामद किए गए थे। छापे की कार्यवाही आज भी जारी है।