होशंगाबाद का मामला, सामान्य प्रशासन विभाग पहुंचा पत्र
मध्यप्रदेश में सुर्खियों में रहा रेत उत्खनन का मामला एक बार फिर गरम है। इस बार ये राजनीतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक गलियारों में चर्चाओं में है। आरोप हैं कि एसडीएम को कलेक्टर ने रात में तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा। बाद में एसडीएम का प्रभार डिप्टी कलेक्टर को सौंप दिया गया। होशंगाबाद का ये मामला एसडीएम के सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे पत्र से सामने आया। एसडीएम रवीश कुमार लिखते हैं कि वह बीजेपी विधायक के भतीजे वैभव शर्मा के रेत स्टॉक पर कार्रवाई करने गए थे। वहां प्रतिबंध के बावजूद गोदाम में 50 डंपर खड़े थे। उन्होंने कार्रवाई के लिए खनिज अधिकारी अर्चना ताम्रकार और नायब तहसीलदार ललित सोनी को बुलाया। ताम्रकार नहीं पहुंची और सोनी ने बताया कि उन्हें कलेक्टर ने बुलाया है। इस बीच रवीश को वापस आने को कहा गया। आरोप है कि आधी रात में इस मामले सहित आफिसर क्लब की एक फाइल को लेकर उनका कलेक्टर शीलेंद्र सिंह से विवाद हो गया। रवीश का आरोप है कि कलेक्टर ने उन्हें तीन घंटे बंधक बनाए रखा और सिपाहियों से गाड़ी की चाबी छीनने की कोशिश की गई। इस मामले पर शीलेंद्र सिंह का कहना है कि रेत पर कार्रवाई से रोकने के आरोप गलत हैं। एसडीएम को आफिशियल काम से बुलाया था। उनके खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं, इसलिए हटा दिया।
