आध्यात्मिक गुरु और संत भय्यू जी महाराज (उदय राव देशमुख) ने पारिवारिक तनाव में आकर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उनके पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए इंदौर के सूयोर्दय आश्रम में रखा गया है। बुधवार दोपहर बाद आज उनका अंतिम संस्कार होगा। भय्यूजी को मुखाग्नि उनकी बेटी कुहू देगी।
भय्यूजी के पार्थिव देह को बुधवार सुबह सिल्वर स्प्रिंग इलाके में स्थित आवास से सूयोर्दय आश्रम ले जाया गया, जहां उनके अनुयायियों की भीड़ उमड़ी हुई है। कतारों में खड़े सैकड़ों लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि भय्यूजी के पार्थिव देह को उनकी बेटी कुहू मुखाग्नि देगी। यह फैसला उनके करीबियों ने लिया है। अतिम संस्कार में सीएम शिवराज समेत कई वीआईपी शामिल होंगे।
Indore: Supporters mourn as mortal remains of spiritual leader Bhaiyyuji Maharaj are being taken to his native village. He had allegedly committed suicide after shooting himself at his residence yesterday. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/gEBFOcpgZZ
— ANI (@ANI) June 13, 2018
सुसाइड नोट में बयां की जिंदगी की उलझन
इस बीच भय्यूजी महाराज का सुसाइड नोट भी सामने आया है, जिससे साफ पता चल रहा है कि भय्यूजी महाराज काफी तनाव में थे और शायद इसी वजह से उन्होंने खुदकुशी कर ली। नोट में अंग्रेजी में लिखा गया है, ‘किसी को वहां परिवार की देखभाल के लिए होना चाहिए। मैं जा रहा हूं… काफी तनावग्रस्त, परेशान था।’
सीएम शिवराज ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी, “संत भय्यूजी महाराज को सादर श्रद्धांजलि। देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया। आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।
संत भय्यूजी महाराज को सादर श्रद्धांजलि। देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया। आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 12, 2018
कौन थे भय्यूजी महाराज
उदय सिंह देशमुख उर्फ भय्यूजी महाराज का सभी राजनीतिक दलों में दखल रहा है। उनका कांग्रेस और आरएसएस के लोगों से करीबी रिश्ते हैं। वह समाज के लिए लगातार तरह-तरह के कार्यक्रम चलाते रहे। वेश्याओं के 51 बच्चों को उन्होंने पिता के रूप में अपना नाम दिया था।
पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद पिछले साल 49 वर्ष की उम्र में उन्होंने ग्वालियर की डॉ. आयुषी के साथ दूसरी शादी की थी। हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें ‘राज्यमंत्री’ का दर्जा दिया था, मगर उन्होंने उसे ठुकरा दिया था। भय्यूजी महाराज ने कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से भी उनके अच्छे संबंध थे।