मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. सभी दल इसको अंतिम रूप देने के लिए नगर मोहल्ले में चुनाव प्रसार करते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में हम आपको मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के बारे में बताएंगे जहां दो विधानसभा सीटों पर अबकी बार किसका बेड़ा पार होता दिखाई दे रहा ? साथ ही इसी साल नए अस्तित्व में आई सपाक्स पार्टी कितना छाप छोड़ पायेगी?
उमरिया जिले के बारे में
जनसंख्या 2011 जनगणना के हिसाब से | 64,3579 |
पुरुष | 34,560 |
महिला | 30,605 |
साक्षरता दर | 67. 37 |
नदियां | सोन, जोलिया |
उमरिया जिलें में दो विधानसभा सीट
उमरिया जिले में दो विधानसभा सीट है. बांधवगढ़ और मानपुर। दोनों सीट पर भाजपा के विधायक हैं. बांधवगढ़ से शिवनारायण सिंह (सांसद ज्ञान सिंह का बेटा ) तो मानपुर से मीना सिंह विधायक के रूप में कार्यरत हैं. साथ ही दूसरी और तीसरी बड़ी पार्टी के रूप में कांग्रेस और बसपा मौजूद है. वहीं इस बार सपाक्स चौथी पार्टी के रूप में उभरी है।
बांधवगढ़ विधानसभा
बांधवगढ़ विधानसभा सीट पर अब तक दो बार 2008 और 2013 में चुनाव हुए हैं. वहीं एक बार 2017 में उपचुनाव हुए थे. दोनों बार के चुनाव में भाजपा के ज्ञान सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज कराई थी. 2017 में हुए उप चुनाव में ज्ञान सिंह के बेटे शिवनारायण सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री सिंह को 25,476 मतों से शिकस्त देकर भाजपा के लिए जीत की हैट्रिक जमाई.
बांधवगढ़ के कॅामन मुद्दे
कहने को तो पिछले 3 बार से बांधवगढ़ में भाजपा की सरकार है लेकिन अभी भी कई सारे मुद्दों से बांधवगढ़ संघर्ष करता हुआ नजर आता है. बांधवगढ़ में सबसे बड़ी समस्या है रोजगार क्योंकि यहां भले ही कोयला की खदाने है लेकिन स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पता. दूसरी पानी की समस्या से बांधवगढ़ के कई गांव प्रभावित हैं.
मानपुर विधानसभा
पिछले दो बार से मानपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक मौजूद हैं. 2013 में हुए चुनाव में भाजपा की मीना सिंह ने 2,16,002 में से 70,024 वोट यानी 43.71 प्रतिशत वोटों से जीत दर्ज कराई थी. वहीं निर्दलीय उम्मीदवार गायत्री सिंह 26,396 वोट लेकर रनरअप रही थीं. जबकि कांग्रेस की शकुंतला प्रधान 25,778 वोट मतलब 16.09 मत प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रही थीं.
मानपुर के कॅामन मुद्दे
उमरिया के इस जिलें में सबसे बड़ी समस्या है शिक्षा और स्वास्थ. चुनाव नजदीक आते ही नेतागढ़ कुपोषण और बेरोजगारी जैसी समस्या हटाने की बात करते हैं लेकिन चुनाव परिणाम के बाद ये मुद्दे किसी कोने में पड़ी हुई रहती हैं.
सपाक्स में कितना दम
कहा जा रहा है कि इस बार उमरिया जिले के दोनों विधानसभा सीटों पर सपाक्स अपना छाप छोड़ेगी. राजनीतिक सूत्रों की माने तो उमरिया जिले के दोनों विधानसभा सीटों पर अबकी बार जनता का मूड बदलता हुआ दिखाई रहा है और यही वजह है कि इस बार सपाक्स के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीदें हैं. हालांकि सपाक्स के लिए भी उम्मीदवार चुनना टेढ़ी खीर माना जा रहा है. क्योंकि जहां एक तरफ बांधवगढ़ गोंड आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है तो वहीं मानपुर में ब्राह्मण,ठाकुर और बनिया की वोट संख्या ज्यादा है ऐसे में सपाक्स किसको टिकट देगी या किसको नहीं ये उनके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
