40 दिन 40 सवाल

40 दिन 40 सवाल पूछने के अभियान में मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने शिवराज सरकार से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ को लेकर सातवां सवाल पूछा है. कमल नाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मोदी सरकार से जानिये मामा सरकार की स्कूली शिक्षा का रोंगटे खड़े कर देने वाला सच।’
बच्चों के भविष्य को पहुँचाई चोट, मामा के मुखौटे में निकले कई खोट। मामा जी, बच्चों से क्यों किया विश्वासघात ? स्कूली शिक्षा को क्यों पहुँचाया गंभीर आघात ?

इसके बाद कमल नाथ ने एक के बाद एक 11 ट्वीट्स के जरिये आंकड़ों के साथ शिक्षा में होने वाली धांधली पर सवाल पूछा।

(1) मध्यप्रदेश के प्राथमिक ,माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक ,कुल 150762 स्कूलों में से 1 लाख़ 6 हज़ार से अधिक,अर्थात 71% स्कूलों मे बिजली पहुँची ही नहीं है ।
(2) मध्यप्रदेश के नौनिहालों की आधुनिक शिक्षा का हाल यह है कि मात्र 15. 7 % स्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन की व्यवस्था है

अर्थात राज्य के 1.22 लाख़ स्कूलों में आज भी कम्प्यूटर शिक्षा नहीं है ।
(3) मध्यप्रदेश के सिर्फ़ 15.6 % माध्यमिक स्कूलों में और मात्र 19% उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में लाइब्रेरी की व्यवस्था है । सरकारी स्कूलों में तो यह नगण्य है ।

(4) केंद्र की डाईस-2017 रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में 19 हज़ार स्कूल एक-एक शिक्षक के भरोसे चलते हैं ।
(5) 14.6 हज़ार स्कूलों में बारिश के दिनों में पहुँच का रास्ता ही नहीं रहता,यानी इन स्कूलों में बच्चे पढ़ने ही नहीं जा पाते।
6)राज्य में 46.6हजार स्कूलों में अब भी नहीं बन पाया बच्चों के लिए खेल मैदान।प्रदेश के 93 हजार से अधिक स्कूलों में आज भी दिव्यांग बच्चों के लिये नहीं बन पाया है रैंप
(7)आज भी मप्र के 4451 स्कूलों में सिर्फ़ एक ही कमरा है। यानी चार से आठ वर्ग के बच्चे एक ही रूम में पढ़ते हैं।

8)कक्षा 1से5 तक की स्कूली शिक्षा के दौरान ही एक साल मे 3.57लाख बच्चों को शिक्षा छोड़ देनी पड़ती है।कक्षा 6से8 तक की स्कूली शिक्षा के दौरान ही 1साल में 3.42लाख बच्चो को शिक्षा छोड़ देनी पड़ती है
(9)कुल मिलाकर कक्षा 1से8 तक 1साल मे 7.17लाख बच्चों को शिक्षा छोड़ देनी पड़ती है

10) कंट्रोलर ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट बताती है कि 2010 से 2016 तक माध्यमिक शिक्षा अर्थात आठवीं तक के 42 लाख़ 46 हज़ार बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया ।
11) सर्व शिक्षा अभियान के तहत 1 से 8 वीं तक मुफ़्त किताबें बाँटे जाने का प्रावधान है ।
कैग ने अपनी 2017 की रिपोर्ट में बताया कि 2010 से 2016 तक 42 लाख़ 88 हज़ार किताबें बाँटी ही नहीं गईं ।
12) कैग की 2017 की रिपोर्ट बताती है कि मध्यप्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में 63 हज़ार 851 शिक्षकों की कमी है।
13)सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक़ सरकार ने स्कूल शिक्षा के लिए आवंटित कुल बजट में से 2011-2016 के बीच 7284.61 करोड़ रुपए (आवंटन का 31 प्रतिशत) जारी ही नहीं किये। सरकार बच्चों के शिक्षा के अधिकार के हनन में सबसे बड़ी अपराधी रही ।

कल्पना कीजिए बग़ैर पुस्तक , बग़ैर शिक्षक ,बग़ैर कंप्यूटर , बग़ैर बिजली लाखों बच्चे अपना भविष्य कैसे सँवार सकते हैं । -उखाड़ फेंकिये ऐसी सरकार – 
सोर्स : HRD की EDI , DISE रिपोर्ट CAG की रिपोर्ट

-40 दिन 40 सवाल-
“मोदी सरकार के मुँह से जानिए,
मामा सरकार की बदहाली का हाल।”

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