1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन की नायिका रहीं रानी लक्ष्मीबाई अचानक कांगे्रस के लिए चुनावी लाभ का मुद्दा बन गईं हैं। प्रियंका गांधी शुक्रवार को ग्वालियर में रानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहंुचीं। आमतौर पर कांगे्रस रानी लक्ष्मीबाई की समाधि से दूर ही रहती थी। कारण सिंधिया राज परिवार रहा है। अब सिंधिया राज परिवार का कोई भी सदस्य कांगे्रस में नहीं है,इस कारण ही शायद कांगे्रस लक्ष्मीबाई की शरण में पहुंची है।
ग्वालियर की जन आको्रश रैली में प्रियंका गांधी ने स्थानीय भाषा में लिखे कुछ शब्द भी पढ़कर सुनाए। प्रियंका गांधी ने कहा – सब भइया-बहनों को हमाई राम-राम ,मोए आज ग्वालियर-चंबल में आकर बड़ी खुशी भई ,मैं पहले भी पीतांबरा दर्शन के लिए आई हती, मोई दादी इंदिरा जी आपके क्षेत्र में आई हतीं, उन्ने मोए रानी लक्ष्मीबाई की कहानी खूब सुनाई हती। मोए बचपन में तुमाए क्षेत्र की वीरता और साहस की कहानी पतो हैं। भाषण के अंत प्रियंका गांधी ने कहा भाजपा जाए बे बारी है,कांगे्रस आए बे बारी है।
पटवारी परीक्षा पर घोटाले पर बोला तो मिली तालियां
भर्ती के लिए तमाम नौजवान पढ़ाई करते हैं, मां-बाप मेहनत की कमाई से उनके लिए पैसे इकट्ठे करते हैं, कोई 10 हजार के ट्यूशन, कोई 20 हजार के ट्यूशन करता है और फिर देखिए पटवारी के इम्तिहान में किस तरह से घोटाला हो गया।
तो इन चीजों का समाधान क्या है। आज शर्म की बात है कि सिर्फ मात्र सरकारी जो नौकरियां हैं, मात्र 21 दी गई हैं पिछले तीन सालों में। 2018 में जब हमारी सरकार बनी थी, तब इन्होंने सरकार गिराई। उससे पहले इनकी सरकार 10 सालों से चल रही थी। उससे ज्यादा आज 18 सालों से इनकी सरकार है और ये परिस्थितियां हैं। तो चुनाव के पहले ये कहने का क्या फायदा है कि हम फलां स्कीम बनाएंगे, हम महिलाओं को कुछ देंगे, हम नौजवानों को रोजगार देंगे, क्या फायदा है, 18 साल से तो आप सरकार में रहे हैं, तब तो आपने कुछ दिया नहीं।
लक्ष्मीबाई राजनीति के केन्द्र में रहीं

प्रियंका गांधी की ग्वालियर यात्रा के दौरान रानी लक्ष्मीबाई पूरी तरह से राजनीति के केंद्र में रहीं। प्रियंका गांधी वाड्रा रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर गईं। भाषण में वे बोली- भर्ती के लिए तमाम नौजवान पढ़ाई करते हैं, मां-बाप मेहनत की कमाई से उनके लिए पैसे इकट्ठे करते हैं, कोई 10 हजार के ट्यूशन, कोई 20 हजार के ट्यूशन करता है और फिर देखिए पटवारी के इम्तिहान में किस तरह से घोटाला हो गया।
तो इन चीजों का समाधान क्या है। उन्होंने कहा कि मात्र 21 सरकारी नौकरियां भाजपा सरकार दे पाई। शर्म की बात है। प्रियंका गांधी ने कहा 2018 में जब हमारी सरकार बनी थी, तब इन्होंने सरकार गिराई। उससे पहले इनकी ही सरकार पंद्रह सालों से चल रही थी। उससे ज्यादा आज 18 सालों से इनकी सरकार है और ये परिस्थितियां हैं। चुनाव से पहले लागू की गईं योजनाओं पर कटाक्ष करते हुए श्रीमती वाड्रा ने कहा कि ाुनाव के पहले ये कहने का क्या फायदा है कि हम फलां स्कीम बनाएंगे, हम महिलाओं को कुछ देंगे, हम नौजवानों को रोजगार देंगे, क्या फायदा है, 18 साल से तो आप सरकार में रहे हैं, तब तो आपने कुछ दिया नहीं।
ग्वालियर का क्षेत्र, रानी लक्ष्मीबाई जी का क्षेत्र है। यहां से तमाम वीर जवान जाकर हमारी सरहद पर खड़े होते हैं। ड़े-बडे़ यहाँ से महापुरुष हुए, अपने क्षेत्र के लिए, अपने देश के लिए, अपनी जनता के लिए जी-जान एक की। ग्वालियर-चंबल में अबकी बारे जे मामा की भ्रष्ट सरकार बदलबे बारी है, बोलो बदलबे बारे है ना? ठीक बोल रही हूं? और बोलूं आपकी भाषा में, एक बार हमए संगे जोर से बोलो, भाजपा जाए बे बारी है, कांग्रेस आए बे बारी है। भाजपा जाए बे बारी है, कांग्रेस आए बे बारी है।
भौकाल राजनीति पर प्रियंका का कटाक्ष
प्रियंका गांधी ने कहा भारतीय राजनीति की नींव स्वतंत्रता के आन्दोलन में डली थी। आन्दोलन को सत्याग्रह का नाम दिया गया था। यह सत्य की लड़ाई थी। हमारी राजनीति की बुनियाद सत्य पर आधारित है। वे बोलीं तब से ही हमारे देश की एक परंपरा रही है कि हम नेताओं में सभ्यता, सरलता, सादगी और सच्चाई ढूंढते हैं। प्रियंका गांधी ने बताया कि जब वे उत्तरप्रदेश गईं तब उनके साथियों ने कहा कि दीदी बड़ी गाड़ी में बैठो। जब उनसे पूछा क्यों तो जवाब मिला भौकाल होना चाहिए, तो आज-कल भौकाल की राजनीति है, शान-शोहरत की राजनीति है और कहीं पर बीच में जो जनता की समस्याएं हैं, जो सत्य है इस देश का, वो डूब रहा है।
मणिपुर पर केंद्र की रैवेये की आलोचना
कांगे्रस महासचिव प्रियंका गांधी ने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा कि 2 महीनों से पूरा प्रदेश जल रहा है, घरों में आग लगाई जा रही है, मार-काट हो रही है। लोग आपस में लड रहे हैं। महिलाओं के साथ भयावह अत्याचार हो रहा है, बच्चों के सर पर छत नहीं रही और हमारे प्रधान मंत्री जी ने 77 दिन तक कोई बयान ही नहीं दिय। मजबूरी में जब महिलाओं का वीडियो वायरल हुआ तो बोलना पड़ा। एक वाक्य बोला और उस वाक्य में भी राजनीति घोल दी, उस वाक्य में भी उन्होंने उन प्रदेशों का नाम ले लिया, जिनमें विपक्ष की सरकार है। तो मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि ये जन आक्रोश लिखा है, ये जन आक्रोश किस बात का? ये जन आक्रोश आपके ही मुद्दों पर है कि नहीं है? और यहां खड़े होकर मैं भी इस 30 मिनट के भाषण में 10 मिनट प्रधान मंत्री जी की आलोचना कर सकती हूं, 10 मिनट के लिए मैं ये कह सकती हूं कि कितनी घोषणाएं, नकली घोषणाएं की, कितने घोटाले किए, कितने नाटक करते हैं शिवराज जी और मैं 10 मिनट के लिए सिंधिया जी के बारे में भी बोल सकती हूं कि किस तरह से अचानक उनकी विचारधारा ही पलट गई।
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लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं पावर गैलरी पत्रिका के मुख्य संपादक है. संपर्क- 9425014193