मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से आह्वान किया है कि जाति पाँति और पार्टी लाइन छोड़कर उसका साथ देना चाहिए जो, आपका काम करे ।
मुख्यमंत्री ने आज खरगोन जिला मुख्यालय पर बिस्टान उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना के लोकार्पण और झिरनिया माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के भूमि पूजन के अवसर पर जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि हिंदू मुसलमान ,जाति पाँति और पार्टी लाइन भूलकर आप लोग कहो कि ‘जो हमारे लिए काम करेगा हम उसके साथ देंगे।’
उन्होंने कहा कि इस चुनाव को ऐसा बना दो कि जनता ही चुनाव लड़े। उन्होंने कहा ‘हम लड़ेंगे और हमारी सरकार बनेगी, नेताओं का चुनाव ही न बचे।’
उन्होंने कहा, ‘हम सब मिलकर नया मध्यप्रदेश बनाएं ,जहां कोई भूखा ना हो कोई दुखी ना हो, और इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए आप सबका साथ चाहिए।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कांग्रेस बीजेपी की बात नहीं कर रहा, मैं आपकी भलाई की बात कर रहा हूं। उन्होंने पूछा कि जो आपका भले भला करे उसे वोट देना चाहिए या उसे, जो आपको लूटे।
उन्होंने कहा, ‘मेरे साथ आकर सारे भेद भूल कर इकट्ठे हो जाएं नया इतिहास लिखने, विकास और भलाई के लिए भाजपा, प्रधानमंत्री और मामा को आशीर्वाद दें। उन्होंने कहा कि भाजपा के अगले कार्यकाल में प्रत्येक घर से एक व्यक्ति को रोजगार दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस कहती है कि मैं घोषणा की मशीन हूं। हां मैं जनता की भलाई की मशीन हूं, कुर्सी पर वजन बढ़ाने के लिए नहीं बैठा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ रोते रहते थे कि मामा खजाना खाली कर गया। उन्होंने कहा कि रोने वाले सीएम से जिंदगी बदलने वाला मुख्यमंत्री अच्छा है। यदि जनता की सेवा की तलब होती है, तो रास्ता निकल जाता है और ईश्वर की कृपा से पैसे की कमी नहीं रहती।
उन्होंने कहा कि खरगोन और बड़वानी जिलों में बाढ़ के चलते हुए नुकसान की पूरी भरपाई करूंगा और आवश्यकता पड़ी तो डूब प्रभावितों को पैकेज भी दूंगा। उन्होंने खरगोन में हॉकी का एस्ट्रो टर्फ भी बनाने की घोषणा की। उन्होंने विभिन्न लोक और शंकराचार्य की मूर्ति स्थापित करने को लेकर कहा कि देवताओं की सेवा और उन स्थानों को बेहतर बनाना भी सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि मैंने धर्म और जाति में भेद न रखते हुए सबको लाडली बहन माना है और राशि प्रदान की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की विभिन्न योजनाओं से उनकी जिंदगी बदल रही है, और उनकी पूछ परख बढ़ रही है।
