मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच कथित गुटबाजी की खबरों के दौरान आज उस समय रोचक स्थिति पैदा हो गई, जब श्री कमलनाथ ने एक मंच से कहा कि उन्होंने श्री सिंह को बहुत पहले उनके लिए (श्री कमलनाथ के लिए) ‘गाली खाने’ की ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ दी थी और ये आज तक ‘वैलिड’ है।
दोनों नेता विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का वचन पत्र जारी किए जाने के समारोह के दौरान मंच साझा कर रहे थे। इस दौरान श्री कमलनाथ ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि अभी उनके पास श्री सिंह के ‘कपड़े फाड़ने’ से जुड़ी बात सामने आई है। इसी क्रम में उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए हल्के फुल्के लहजे में कहा कि अगर श्री सिंह आपकी बात ना मानें तो आप भी इनके कपड़े फाड़ें।
इसी बीच मंच पर उपस्थित श्री सिंह श्री कमलनाथ को बीच में टोक कर बोले कि फॉर्म ए और फॉर्म बी पर पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) के दस्तखत होते हैं, तो कपड़े किनके फटने चाहिए। उनकी बात पर वहां मौजूद कांग्रेस के सभी नेताओं ने ठहाके लगाए।
इसके फौरन बाद श्री कमलनाथ ने कहा कि उनका और दिग्विजय सिंह का संबंध बहुत पुराना है और हंसी मजाक के साथ प्यार का भी है। इसी दौरान श्री सिंह मंच पर किसी अन्य से बात करने लगे, जिस पर श्री कमलनाथ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ‘दिग्विजय सुनते रहो’।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए श्री कमलनाथ ने मजाकिया लहजे में कहा कि बहुत पहले मैंने इन्हें (श्री दिग्विजय सिंह को) ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ दी थी कि कमलनाथ के लिए पूरी गाली खाइए और ये ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ आज के दिन भी वैलिड है।
इस पर श्री सिंह ने हंसते हुए उन्हें एक बार फिर टोका और पूछा कि गलती कौन कर रहा है, ये तो पता होना चाहिए। उनकी बात पूरी होते ही श्री कमलनाथ ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि गलती हो या ना हो, गाली तो खानी है। इन्होंने (श्री सिंह ने) मेरे लिए (श्री कमलनाथ स्वयं के लिए) बहुत कड़वे घूंट पिए हैं, आगे भी पीने पड़ेंगे।
दरअसल कल देर शाम सोशल मीडिया पर श्री कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें वे कथित तौर पर असंतुष्टों के बीच कहते हुए सुनाई दे रहे थे कि वे जाकर श्री दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र जयवर्धन सिंह के ‘कपड़े फाड़ें।’
बताया जा रहा है कि इस वीडियाे में श्री कमलनाथ भाजपा से कांग्रेस में आए शिवपुरी के नेता वीरेंद्र रघुवंशी और उनके समर्थकों से ये बात कर रहे हैं। श्री रघुवंशी भाजपा छोड़ कर आने के बाद शिवपुरी से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनके स्थान पर पिछोर से विधायक रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता के पी सिंह को टिकट दे दिया गया। बताया जा रहा है कि श्री कमलनाथ इसके लिए श्री सिंह को जिम्मेदार मानते हुए श्री रघुवंशी को ये परामर्श दे रहे हैं।
इसके बाद आज सुबह श्री सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बिना किसी का नाम लिए पोस्ट किया, ‘जब परिवार बड़ा होता है तो सामूहिक सुख और सामूहिक द्वंद्व दोनों होते हैं। समझदारी यही कहती है कि बड़े लोग धैर्यपूर्वक समाधान निकालें। ईश्वर भी उन्हीं का साथ देते हैं जो मन और मेहनत का मेल रखते हैं।’
दोनों नेताओं के बीच के इस घटनाक्रम के बाद से भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने दाेनों के बीच गुटबाजी की अटकलों को और हवा देनी शुरु कर दी थी

लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं पावर गैलरी पत्रिका के मुख्य संपादक है. संपर्क- 9425014193