मैक्रों,फ्रांस के राष्ट्रपति हैं। गुरूवार को भोपाल की सड़कों पर हजारों मुस्लिम मैक्रों के खिलाफ सड़कों पर नारेबाजी करते दिखाई दिए।
इस तरह के प्रदर्शन की कोई सूचना प्रशासन के पास नहीं थी।
शुक्रवार को पुलिस ने इस मामले में कांगे्रस के विधायक आरिफ मसूद सहित
दो हजार से अधिक लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
शुक्रवार को इसी तरह का एक घटनाक्रम बोर्ड ऑफिस चौराहे पर देखने को मिला।
बोर्ड आफिस के पास जमावड़ लव जिहाद के खिलाफ था।
मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शन से पहले किसी का भी ध्यान फ्रांस की घटना की ओर नहीं था।
फ्रांस की घटना का कोई असर मध्यप्रदेश में दिखाई देगा,इसकी उम्मीद भी नहीं थी।
इसी तरह हरियाण के वल्लभगढ़ में हुए निकिता हत्याकांड के लव जिहाद एंगल पर भोपाल में होने वाली प्रतिक्रिया का अनुमान प्रशासन नहीं लगा सका।
फ्रांस ने मुस्लिम आतंकवाद के खिलाफ सख्त टिप्पणी
फ्रांस में राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ मुस्लिम देशों में कई प्रदर्शन हो रहे हैं।
मैक्रों ने मुस्लिम आतंकवाद के खिलाफ सख्त टिप्पणी की हैं।
मुस्लिम देशों की नाराजगी की वजह पैगंबर का कार्टून छापने वाली पत्रिका शार्ली एब्दो ( charlie hebdo) के कदम को मैक्रों द्वारा जायज ठहराना भी है।

मैक्रों साहसी और बोल्ड राष्ट्रपति माने जाते हैं। कुशल प्रशासक हैं।
फ्रांस की अर्थव्ववस्था को वापस पटरी पर लाने का श्रेय मैक्रो के खाते में है। अच्छो अर्थशास्त्री हैं। उनका पूरा नाम इमानुएल मैक्रों (France President Emmanuel Macron) है।
मैक्रों की इस्लाम के खिलाफ टिप्पणियों से कई मुस्लिम बाहुल्य देश नाराज हैं।
उन्होंने पैग़ंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून दिखाने के फ़ैसले का बचाव भी किया। इससे चरमपंथियों को अपने गुस्से का इजहार करने का मौका मिल गया।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने मैक्रों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
वहीं अरब देशों ने मैक्रों की खुलकर निंदा की है। पाकिस्तान और ईरान की संसद ने तो प्रस्ताव पारित कर फ्रांसीसी राष्ट्रपति की आलोचना की।
दूसरी ओर फ्रांस के ज्यादातर लोग अब अपने राष्ट्रपति का समर्थन कर रहे हैं।
फ्रांस की आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ
पिछले दिनों फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाने के एक फ्रांसिसी शिक्षक के फ़ैसले का समर्थन किया था।
सैमुएल पैटी नाम के इस शिक्षक की हत्या कर दी गई थी।
इसके बाद फ्रांस में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। तब मैक्रों ने इसे ‘इस्लामिक आतंकवादी’ हमला कहा था।
ये भी कहा था कि इस्लाम संकट में है। मैक्रों ने इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों पर कार्रवाई का भी ऐलान किया था।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में वह फ्रांस के साथ है।
आरिफ मसूद की अपील पर विरोध के लिए जमा हुआ मुस्लिम समाज

फ्रांस राष्ट्रपति के खिलाफ भोपाल की सड़कों पर अचानक मुस्लिम समुदाय के लोग कैसे जमा हो गए।
बताया जाता है कि भोपाल मध्य के कांगे्रस विधायक आरिफ मसूद के आव्हान पर
मुस्लिम समुदाय के लोग इकबाल मैदान पर एकत्रित हुए थे।
मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर विधानसभा उप चुनाव की पक्रिया चल रही है।
यह उप चुनाव राज्य की
शिवराज सिंह चौहान की सरकार के भविष्य के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कमलनाथ इन चुनावों के जरिए सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं।
सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा निकिता हत्याकांड लव जिहाद है
कांगे्रस का भविष्य मुस्लिम और अनुसूचित जाति वर्ग के वोटरों पर बहुत निर्भर कर रहा है।
माना यह जा रहा है कि फ्रांस के बहाने भोपाल में जमावड़ा
मुस्लिम वोटों के धुर्वीकरण के लिए हो सकता है।
दूसरी और हिन्दू संगठन लव जिहाद के खिलाफ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस प्रदर्शन का आधार हरियाण की निकिता हत्याकांड है।
भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने निकिता हत्याकांड को लव जिहाद का मामला बाताया है।
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