Homeराजनीतिआपकी बात- कांग्रेस के पास है सरकार में वापसी का प्लान?

आपकी बात- कांग्रेस के पास है सरकार में वापसी का प्लान?

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अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से सरकार में वापसी करने के लिए कांग्रेस के पास क्या कोई ठोस प्लान है? शायद इस सवाल का जवाब कांग्रेस के कई बड़े नेता नहीं दे पाएंगे। भारतीय जनता पार्टी तेजी से अपनी विचारधारा का विस्तार देश में करती जा रही है। वह अपने वोट बैंक को मजबूत करने का कोई मौका नहीं छोड़ती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को केन्द्र में पूरे नौ साल हो गए हैं। नौ साल पर कांग्रेस की ओर से जो सवाल खड़े किए गए उनमें भी दम नहीं दिखा। कांग्रेस इन नौ सालों में केंद्र सरकार या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की विफलताओं को लोगों के मानस में नहीं बैठा पाई है। यद्यपि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी बहुत सारी छुटपुट घटनाएं देखने-सुनने में आती हैं,जो वर्ष 2014 जैसी परिस्थितियों को ओर इशारा करती हैं। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी का मीडिया के सवालों से भागना छोटी घटना नहीं मानी जा सकती है। मनोवैज्ञानिक तौर देखा जाए तो इस तरह की घटनाएं तब होती हैं जब हम अपराध बोध से ग्रस्त हो? मीनाक्षी लेखी का यह अपराध बोध क्या भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी कार्यवाही न होने के कारण है? जिस तरह से उन्हें वायरल वीडियो में दौडता दिखाया गया वह इस बात की ओर ही इशारा करती है। क्या भाजपा के दूसरे नेता भी इसी तरह के अपराध बोध से ग्रस्त होंगे? लखीमपुर में आंदोलनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में क्या कोई ठोस कार्यवाही भाजपा नेतृत्व की ओर से की गई? इस मामले में आरोप केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर लगे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले डॉ.मनमोहन सिंह ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर ही अपने मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी की थी। इस कारण ही कांग्रेस नीत सरकार में भ्रष्टाचार होने की धारणा भी जन मानस में मजबूत हुई थी। भारतीय जनता पार्टी ने इस घटनाक्रम से काफी कुछ सीखा जाना पड़ता है।

देश में कहीं भी जहां भाजपा की सरकार हैं,वहां मंत्री,मुख्यमंत्री अथवा अन्य किसी पदाधिकारी पर लगने वाले आरोप पर कोई कार्यवाही नेतृत्व द्वारा नहीं की जाती। पार्टी इस बात से डरी हुई दिखाई देती है कि यदि कोई कार्यवाही की तो नकारात्मक संदेश जनता के बीच जाएगा। मध्यप्रदेश में हुआ व्यापमं घोटाला इसका बड़ा उदाहरण है। इस मामले में आरोपी बनाए गए लक्ष्मीकांत शर्मा यदि विधायक या मंत्री होते तो शायद उन्हें जेल भी नहीं जाना पड़ता। व्यापमं को आम जनता ने घोटाले के तौर पर देखा था,इस कारण 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान भी उठाना पड़ा। कर्नाटक में भ्रष्टाचार के कई मामले जनता के सामने आए। लेकिन,पार्टी ने कार्यवाही नहीं की। कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया और वह चुनाव जीत गई। मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस इसी फार्मूले पर आगे बढ़ती दिख रही है और भाजपा महाकाल लोक की मूर्तियां हवा उड़ने के बाद भी भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां कि कांग्रेस की सरकार है वहां भाजपा भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने की कोशिश जरूर करेगी। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की समस्या उसके अपने नेता हैं। सचिन पायलट और टीएस सिंहदेव पर अपनी ही सरकारों को अस्थिर करने के आरोप लगते रहे हैं। चुनावी दौर में इन नेताओं की भूमिकाओं को देखना दिलचस्प होगा। लोकसभा का चुनाव इन राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद ही होना है। इस चर्चा में कोई दम दिखाई नहीं दे रहा है कि मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव के साथ ही लोकसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं। इन राज्यों के चुनाव में भाजपा का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। कांग्रेस की रणनीति इन राज्यों में मजबूत प्रदर्शन करने की है। उसका पूरा ध्यान अपने अनुसूचित जाति,जनजाति और मुस्लिम समुदाय के प्रतिबद्ध वोटर को वापस लाने पर लगा हुआ है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली जैसे मुद्दे कर्मचारियों के हितों से जुड़े हुए हैं। सस्ती रसोई गैस और बिजली के जरिए वह हर वर्ग को लुभाना चाहती है। इसके अलावा जातीय जनगणना का मुद्दा भी कांग्रेस की चुनावी रणनीति में शामिल हो गया है। राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा में कहा कि जातीय जनगणना भारत का एक्सरे करने जैसा होगा। इससे देश की आबादी को समझने में मदद मिलेगी और पता चलेगा कि कैसे संसाधनों का बंटवारा किया जा सकता है। बिहार में नीतीश कुमार जातीय जनगणना का फैसला कर चुके हैं। उत्तरप्रदेश में कांग्रेस जातीय जनगणना को लेकर आंदोलन करने का ऐलान भी पहले ही कर चुकी है। राहुल गांधी के बयान के बाद यह साफ हो गया कि कांग्रेस जातीय जनगणना को चुनाव में मुद्दा बना सकती है। शायद इसे ही वह केन्द्र सरकार में अपनी वापसी का प्लान मान रही है।

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