मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी रणनीति संभाल रहे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में चुनावी रोडमेप तैयार हो गया है। भाजपा अपनी विजय संकल्प यात्रा की शुरूआत उज्जैन से करेगी। यात्रा की शुरूआत सितंबर में होगी। तारीखों का एलान बाद में किया जाएगा।
उज्जैन पिछले कई माह से चर्चा के केंद्र में हैं। विश्व प्रसिद्ध महाकाल ज्योर्तिलिंग परिसर में बने महाकाल लोक की मूर्तिया उडने सरकार पर कई तरह के आरोप लग रहे थे। मास्टर प्लान में स्थानीय मंत्री मोहन यादव की जमीन को मेला क्षेत्र से बाहर किए जाने का विरोध भी हो रहा है। नगरीय निकाय के चुनाव में भी पार्टी महापौर का पद बहुत कम अंतर से जीत पाई थी। उज्जैन से यात्रा की शुरूआत की एक वजह अनुसूचित जाति वर्ग का वोटर भी बताई जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले हुए सिंहस्थ में समरस स्नान भी दलितों को लुभाने के लिए उज्जैन में ही हुआ था। पार्टी की योजना प्रदेश में चार स्थानों से विजय संकल्प यात्रा निकालने की है।उज्जैन के अलावा ग्वालियर, चित्रकूट और जबलपुर से भी ये यात्राएं निकाली जाएंगी। इन यात्राओं में से किसी भी एक स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं।
केन्रदीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार आधी रात तक चुनावी रणनीति को लेकर पार्टी की राज्य इकाईके सीनियर लीडर्स के साथ मंथन किया। भोपाल स्थित बीजेपी दफ्तर में हुई इस हाईलेवल मीटिंग में शाह ने प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव की रिपोर्ट के आधार पर सभी 230 विधानसभा सीटों के सियासी समीकरण की जानकारी ली। इस दौरान 11 जुलाई को हुई बैठक में दिए गए टास्क का फीडबैक भी लिया। बैठक में प्रदेश के मालवा-निमाड़, ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, विंध्य, महाकौशल और मध्य क्षेत्र की अलग-अलग नेताओं के साथ समीक्षा की। सूत्रों का कहना है कि शाह ने ग्वालियर-चंबल को लेकर तोमर और सिंधिया के साथ अलग बात की। जबकि मालवा-निमाड़ का फीडबैक कैलाश विजयवर्गीय से लिया।
बीजेपी की आतंरिक सर्वे रिपोर्ट में कई वरिष्ठ नेताओं की स्थिति अच्छी नहीं बताई गई है। बीजेपी उनका चुनाव में टिकट काट सकती है। ाृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा मौजूद रहे।
