देश की सबसे बड़ी और पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का साथ जनाधार वाले नेता तेजी से छोड़ रहे हैं। कांग्रेस छोड़ने वाले अधिकांश नेताओं की शिकायत यह रही है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी दोनों ही पार्टी के नेताओं की शिकायतें और सुझाव सुनने के लिए तैयार नहीं है। कर्नाटक से लेकर उत्तराखंड तक जितने भी नेताओं ने कांगे्रस छोड़ी लगभग की शिकायत यह थी कि पार्टी में उनकी अवाज नक्कार खाने में तूती बनकर रह गई है।
कांग्रेस छोड़ने की घोषणा
दिल्ली महिला कांग्रेस की नेता बरखा सिंह का दर्द भी यही था। उनका आरोप है कि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय मकान द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की जानकारी देने उन्होंने राहुल गांधी से समय मांगा तो उन्हें माकन से ही बात करने का निर्देश दिया गया। बरखा सिंह ने गुरूवार कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी। शुक्रवार को अजय माकन उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। उन्होंने यह कहते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा कि फैसला उनका मानसिक दिवालियापन साबित करता है और वह इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाएंगी। बरखा सिंह ने कहा कि कांग्रेस गांधी परिवार की संपत्ति नहीं है।
छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित
कांग्रेस ने आज बरखा शुक्ला सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। बरखा सिंह ने एक दिन पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन पर निशाना साधने के साथ ही पार्टी की स्थानीय महिला इकाई के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस की दिल्ली इकाई की अनुशासनात्मक समिति ने दिल्ली नगरनिगम चुनाव के मद्देनजर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण बरखा सिंह को पार्टी से निष्कासित किया है। पार्टी 2015 के विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद नगर निगम चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है। चार सदस्यीय अनुशासनात्मक समिति में दिल्ली के पूर्व मंत्री नरेंद्र नाथ, पूर्व महिला कांग्रेस प्रमुख आभा चौधरी और पार्टी नेता महमूद जिया तथा सुरेंद्र कुमार शामिल हैं।
सिंह ने इससे पहले राहुल पर पहले आरोप लगाया था कि वह पार्टी नेताओं से नहीं मिलते और वह संगठन के भीतर मुद्दों को सुलझाने में अनिच्छुक हैं। उन्होंने माकन के खिलाफ दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए थे।
