ट्रंप भी तैयार और चुनाव आयोग भी तैयार
ईव्हीएम मशीन की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों के बीच शुक्रवार को देश का चुनाव आयोग अपनी मशीनें कुछ शर्तों के साथ प्रयोग के लिए राजनीतिक दलों को देने पर सहमत हो सकता है।चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों के बीच सुबह से चल रही सर्वदलीय बैठक में इस बात के संकेत दिए गए हैं। दूसरी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी आज उस आदेश हस्ताक्षर कर दिए जो कि चुनाव की विश्वसनीयता से जुड़ा हुआ है।
ट्रंप ने किया आयोग का गठन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव प्रणाली में कथित मतदाता धोखाधडी की समीक्षा करने के लिए एक आयोग गठित किया है। उपराष्ट्रपति माइक पेंस का नाम आयोग के अध्यक्ष पद और कंसास के राज्य सचिव क्रिस कोबाच का नाम उपाध्यक्ष पद के लिए नामित किया गया है।
शासकीय आदेश के तहत ‘कमीशन आॅन इलेक्शन इंटेग्रिटी’ संघीय चुनावों में उपयोग हुए मतदान प्रणाली की कमजोरियों का अध्ययन करेगी। यह अध्ययन अनुचित मतदान, फर्जी मतदाता पंजीकरण, मतदान में गडबडी का पता लगाएगा । यह आयोग मतदान अनियमितताओं पर भी अध्ययन करेगा । आयोग साल के अंत तक अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक कर सकता है।
ईव्हीएम पर सर्वदलीय बैठक
इधर, नई दिल्ली में चुनाव आयोग ईवीएम से छेडछाड करने की प्रस्तावित चुनौती पर सभी पार्टियों से चर्चा कर रहा है। इस बैठक में राष्ट्रीय स्तर की सभी सात राजनीतिक पार्टियां और 48 क्षेत्रीय मान्यताप्राप्त राजनीतिक पार्टियों में से 35 शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के समक्ष इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा संबंधी विशेषताओं का प्रस्तुतिकरण किया। इसमें दावा किया गया कि मशीन से छेड़छाड़ संभव नहीं है। विपक्षी पार्टियों ने ईवीएम से छेडछाड करने की आशंका व्यक्त की थी।
यूपी की मशीनों की मांग
बैठक में कुछ राजनीतिक पार्टियों ने आयोग से उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस्तेमाल की गयी ईवीएम मशीनें उपलब्ध कराने की मांग की है। करीब 16 राजनीतिक दलों ने हाल में ही कहा था कि आयोग को पेपर बैलेट प्रणाली से चुनाव कराने चाहिये। इन राजनीतिक दलों का दावा था कि लोगों का इन मशीनों पर भरोसा नहीं है। तीन दिन पूर्व आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में ईवीएम मशीन से छेडछाड का प्रदर्शन किया था। पार्टी ने इसका प्रदर्शन करने के लिये ईवीएम जैसी मशीन का प्रयोग किया था। हालांकि निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी के दावों से यह कहते हुये इंकार किया था कि यह मशीन ईवीएम की तरह दिखती है, लेकिन यह भारतीय निर्वाचन आयोग की ईवीएम नहीं है।
बैठक में कुछ राजनीतिक पार्टियों ने आयोग से उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस्तेमाल की गयी ईवीएम मशीनें उपलब्ध कराने की मांग की है। करीब 16 राजनीतिक दलों ने हाल में ही कहा था कि आयोग को पेपर बैलेट प्रणाली से चुनाव कराने चाहिये। इन राजनीतिक दलों का दावा था कि लोगों का इन मशीनों पर भरोसा नही है।
