सोनिया गांधी के उत्तराधिकारी को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई। कांगे्रस के भीतर पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग भी दबे स्वरों में सुनाई देने लगी है। राहुल गांधी की अध्यक्ष पद पर वापसी होगी या फिर प्रियंका गांधी कांगे्रस का नेतृत्व करेंगी? कांगे्रस का पूर्णकालिक अध्यक्ष कौन होगा,यह गांधी परिवार को ही तय करना है। कांगे्रस के नेताओं को पार्टी का भविष्य गांधी परिवार में ही दिखाई दे रहा है।

उत्तराधिकारी तय होने तक सोनिया गांधी ही पद पर बनी रहेंगीं
लोकसभा चुनाव में कांगे्रस पार्टी को मिली करारी शिकास्त के बाद राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनाई गईं थीं। अंतरिम अध्यक्ष के तौर सोनिया गांधी का कार्यकाल सोमवार दस अगस्त को पूरा हो गया है। पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह सही है कि सोनिया गांधी को पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाले एक साल पूरा हो रहा है। पर इसका मतलब यह नहीं है पद खाली हो जाता है।
राहुल गांधी के विकल्प पर पार्टी को विचार करना चाहिए?

राहुल गांधी का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल 2022 तक का था। उनके नेतृत्व में पार्टी का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में सबसे खराब रहा था। राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी के नेतृत्व में वर्ष 1985 में कांगे्रस पार्टी को एतिहासिक सफलता मिली थी। राहुल गांधी के नेतृत्व में मिली हार के बाद कांगे्रस पार्टी की जमीनी पकड़ भी कमजोर होती जा रही है। नेतृत्व का जबरदस्त संकट है। ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे क्षत्रप पार्टी छोड़ चुके हैं। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी के पास साहस, क्षमता और योग्यता है। अगर वह इस जिम्मेदारी को नहीं उठाना चाहते हैं, तो पार्टी को नया अध्यक्ष चुनने की दिशा में आगे बढना चाहिए।
प्रियंका ने राम मंदिर पर बयान देकर कांगे्रस को आलोचना से बचाया
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू किया जा चुका है। 5 अगस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कर दिया है। इससे वोटर के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विश्वसनीयता बढ़ी है। राम मंदिर शिलान्यास के समय को लेकर जब दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेता सवाल खड़े कर रहे थे,तब प्रियंका गांधी ने मंदिर के पक्ष में बयान जारी किया। इस बयान से कांगे्रस काफी हद तक आलोचना से बच गई। प्रियंका गांधी पार्टी की महासचिव हैं। पार्टी में ऐसे कई नेता हैं जो प्रियंका गांधी उनकी दादी इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं। राहुल गांधी अध्यक्ष पद नहीं संभालते तो प्रियंका को बेहतर विकल्प माना जा रहा है।
